Hindi Kavita – यह क्यों ?

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Hindi Kavita - अटका बादल
मन कहीं नहीं भटका है, ऊपर एक बादल अटका है।
जो तुझ को छू कर आया है, मेरे मन के आँगन में बरसा है।
तेरे मन को छू कर आया है, मेरे तन के आँगन में चमका है।
चाँद कहीं नहीं भटका है, दिल के आसमाँ में लटका है।
- अनीता कपूर
———————————————— यदि आपको भी कहानी, कविता, गीत व गजल लिखने का शौक है तो उठाइए कलम और अपने नाम व पासपोर्ट साइज फोटो के साथ भेज दीजिए। चेतना मंच की इस ईमेल आईडी पर- chetnamanch.pr@gmail.com हम आपकी रचना को सहर्ष प्रकाशित करेंगे।Hindi Kavita - अटका बादल
मन कहीं नहीं भटका है, ऊपर एक बादल अटका है।
जो तुझ को छू कर आया है, मेरे मन के आँगन में बरसा है।
तेरे मन को छू कर आया है, मेरे तन के आँगन में चमका है।
चाँद कहीं नहीं भटका है, दिल के आसमाँ में लटका है।
- अनीता कपूर
———————————————— यदि आपको भी कहानी, कविता, गीत व गजल लिखने का शौक है तो उठाइए कलम और अपने नाम व पासपोर्ट साइज फोटो के साथ भेज दीजिए। चेतना मंच की इस ईमेल आईडी पर- chetnamanch.pr@gmail.com हम आपकी रचना को सहर्ष प्रकाशित करेंगे।