Education News : एनसीईआरटी के ट्रांसजेंडर संबंधी नये मसौदे में ‘लिंग निरपेक्षता’ पर जोर

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In the new draft of NCERT on transgender, emphasis on 'gender neutrality'
locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 01:35 PM
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नई दिल्ली। राष्ट्रीय शिक्षा अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) ने ट्रांसजेंडरों को लेकर स्कूली प्रक्रियाओं में उपयोग पर ताजा दिशानिर्देश तैयार किए हैं। इसमें लिंग निरपेक्षता पर खास जोर दिया गया है। साथ ही जाति व्यवस्था आदि के उल्लेख से बचने का सुझाव देते हुए कहा गया है कि संबोधन या नाम पुकराने में अभद्र भाषा पूरी तरह से अस्वीकार्य है।

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एनसीईआरटी के दिशानिर्देश में सुझाव दिया गया है कि स्कूलों में लड़के, लड़कियों जैसे संबोधन की बजाए ‘छात्र’, ‘बच्चों’ जैसी लिंग समावेशी भाषा का उपयोग किया जाना चाहिए। एनसीईआरटी के जेंडर स्ट्डीज विभाग द्वारा गठित 16 सदस्यीय समिति ने 'स्कूली प्रक्रियाओं में ट्रांसजेंडर की चिंता का संयोजन' शीर्षक से तैयार मसौदा दिशानिर्देश में यह बात कही है। इसमें लिंग निरपेक्ष पोशाक व्यवस्था लागू करने का भी सुझाव दिया है। मसौदा दिशानिर्देश के अनुसार, विभिन्न अकादमिक, गैर अकादमिक और अन्य पदों पर लैंगिक भेदभाव के बिना ट्रांसजेंडर (तृतीय प्रकृति) शिक्षकों एवं अन्य कर्मियों की नियुक्ति की जानी चाहिए। इसमें कहा गया है कि सभी आवेदन पत्रों एवं सभी तरह के पाठ्यक्रमों के प्रमाणपत्रों में ‘ट्रांसजेंडर’ श्रेणी को शामिल किया जाए, उनके लिए छात्रवृत्ति का प्रावधान करने के साथ ही ट्रांसजेंडर छात्रों की स्वास्थ्य देखरेख पर विशेष ध्यान दिया जाए।

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इसमें साथ ही कहा गया है कि ट्रांसजेंडर श्रेणी के छात्रों की मदद के लिए प्रशिक्षित काउंसलर तैनात किए जाएं, क्योंकि ऐसे छात्र एकाकीपन, परेशान किये जाने की घटनाओं का सामना करते हैं। दिशानिर्देश में यह सुनिश्चित करने को कहा गया है कि छात्रों को स्थानीय/राष्ट्रीय आपात हेल्पलाइन नंबर की जानकारी हो। देशदुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें। News uploaded from Noida
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NATIONAL POLITICAL : आरएसएस का मीडिया, नौकरशाही व न्यायपालिका पर भी दबाव:राहुल

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locationभारत
userचेतना मंच
calendar30 Nov 2025 06:11 AM
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NATIONAL POLITICAL : होशियारपुर (पंजाब)। भाजपा, आरएसएस का देश के मीडिया, नौकरशाही, निर्वाचन आयोग और न्यायपालिका पर भी दबाव है। देश की सभी शिक्षण संस्थाओं पर भी इनका नियंत्रण है। यह आरोप कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने लगाए।

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गांधी ने पंजाब की आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार पर भी तंज कसते हुए कहा कि पंजाब का शासन पंजाब से ही चलाया जाना चाहिए, दिल्ली से नहीं। राहुल गांधी ने पत्रकारों से कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा देश की संस्थाओं को नियंत्रित किया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया, आज आरएसएस और भाजपा द्वारा सभी संस्थाओं को नियंत्रित किया जा रहा है। सभी संस्थाओं पर दबाव हैं। प्रेस दबाव में है, नौकरशाही दबाव में है, निर्वाचन आयोग दबाव में है, वे न्यायपालिक पर भी दबाव डालते हैं। गांधी ने कहा, लड़ाई एक राजनीतिक दल की दूसरे राजनीतिक दल से नहीं है। अब यह लड़ाई देश की संस्थाओं (जिन पर उन्होंने कब्जा कर लिया है) और विपक्ष के बीच है। उन्होंने दावा किया कि देश में अब सामान्य लोकतांत्रिक प्रक्रियांए गायब हैं। भगवंत मान पर किए गए एक सवाल के जवाब में राहुल गांधी ने कहा कि उन्होंने पंजाब के मुख्यमंत्री से कहा था कि पंजाब केवल पंजाब से ही चलाया (शासन किया) जा सकता है। गांधी ने कहा, यह ऐतिहासिक तथ्य है। अगर इसे दिल्ली से चलाया जाएगा तो पंजाब के लोग इसे स्वीकार नहीं करेंगे। कांग्रेस की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ अभी पंजाब से गुजर रही है। राहुल गांधी ने सोमवार को मान से कहा था कि उन्हें किसी के हाथ की कठपुतली नहीं बनना चाहिए और स्वतंत्र रूप से राज्य चलाना चाहिए। मान ने इस टिप्पणी पर पलटवार करते हुए कहा कि उन्हें जनता ने मुख्यमंत्री बनाया है और याद दिलाया कि कैसे कांग्रेस ने अमरिंदर सिंह को पद से हटाकर उनका ‘‘अपमान’’ किया था।

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Hockey India : बांस के डंडो से सीखा हॉकी का ककहरा, अब खेलेंगे एस्ट्रो टर्फ पर

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userचेतना मंच
calendar29 Nov 2025 08:04 PM
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भारत के ओड़िशा में इस समय Hockey India की धूम देखने को मिल रही है लेकिन शायद आप यहां के एक गाँव में रहने वाले हॉकी खिलाड़ियों और उनके जज्बे से वाकिफ नहीं होंगे। ये हैं सोनामारा में रहने वाले आदिवासी परिवार जिनके बच्चे धूल से भरे हुए मैदान में भी ऐसे जोश के साथ खेलते हैं जैसे वे अपने देश के लिए किसी बड़े मंच पर खेल रहे हों। वैसे इस गाँव की प्रतिभा कोई नयी नहीं है बल्कि यहां से Hockey India के कई चुने हुए सितारे निकले हैं जैसे कि दिलीप टिर्की, अमित रोहिदास, दिप्सन टिर्की और महिला टीम की पूर्व कप्तान सुभद्रा प्रधान आदि। किन्तु इसके बाद भी गाँव के युवा कौशल पर इतना अधिक ध्यान नहीं दिया गया। पर अब सरकार के द्वारा गाँव के मैदान में एस्ट्रो टर्फ बिछने जा रही है जिसे आप एक कृत्रिम पिच भी कह सकते हैं।

इस नये निर्णय से ख़ुश हैं सोनामारा के पूर्व खिलाड़ी

दिलीप टिर्की जो कि इसी गाँव से निकल कर एक प्रसिद्ध हॉकी खिलाड़ी (Hockey India) बने हैं उन्होंने कहा कि जब वे छोटे थे तब उनके यहां कोई खेलने का मैदान नहीं हुआ करता था तो उन्हें जहाँ जगह मिलती वे वहीं खेलना और सीखना शुरू कर देते थे। लेकिन अब जब उन्हें पता चला है कि उनके गाँव में एस्ट्रो टर्फ बिछने जा रही है तब वे अपने गांव के बच्चों के लिए काफ़ी ख़ुश हैं और उम्मीद करते हैं और बेहतर प्रतिभाएँ (Hockey India) निकल कर देश को गर्व महसूस कराएंगी।

ओड़िशा सरकार ने ली जिम्मेदारी

अगर आप अंतराष्ट्रीय मैच की बात करें तो वहाँ पर लगने वाली पिच की कीमत करोड़ों में होती है लेकिन यहां पर ओड़िशा सरकार के द्वारा फिलहाल रेत से भरी हुई पिच लगवाने का काम शुरू किया जा चुका है। ओड़िशा के सुन्दरगढ़ जिले में लगभग 17 ब्लॉक्स में ऐसी पिच बिछायी जाएंगी।

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