भारत के ओड़िशा में इस समय Hockey India की धूम देखने को मिल रही है लेकिन शायद आप यहां के एक गाँव में रहने वाले हॉकी खिलाड़ियों और उनके जज्बे से वाकिफ नहीं होंगे। ये हैं सोनामारा में रहने वाले आदिवासी परिवार जिनके बच्चे धूल से भरे हुए मैदान में भी ऐसे जोश के साथ खेलते हैं जैसे वे अपने देश के लिए किसी बड़े मंच पर खेल रहे हों। वैसे इस गाँव की प्रतिभा कोई नयी नहीं है बल्कि यहां से Hockey India के कई चुने हुए सितारे निकले हैं जैसे कि दिलीप टिर्की, अमित रोहिदास, दिप्सन टिर्की और महिला टीम की पूर्व कप्तान सुभद्रा प्रधान आदि। किन्तु इसके बाद भी गाँव के युवा कौशल पर इतना अधिक ध्यान नहीं दिया गया। पर अब सरकार के द्वारा गाँव के मैदान में एस्ट्रो टर्फ बिछने जा रही है जिसे आप एक कृत्रिम पिच भी कह सकते हैं।
इस नये निर्णय से ख़ुश हैं सोनामारा के पूर्व खिलाड़ी
दिलीप टिर्की जो कि इसी गाँव से निकल कर एक प्रसिद्ध हॉकी खिलाड़ी (Hockey India) बने हैं उन्होंने कहा कि जब वे छोटे थे तब उनके यहां कोई खेलने का मैदान नहीं हुआ करता था तो उन्हें जहाँ जगह मिलती वे वहीं खेलना और सीखना शुरू कर देते थे। लेकिन अब जब उन्हें पता चला है कि उनके गाँव में एस्ट्रो टर्फ बिछने जा रही है तब वे अपने गांव के बच्चों के लिए काफ़ी ख़ुश हैं और उम्मीद करते हैं और बेहतर प्रतिभाएँ (Hockey India) निकल कर देश को गर्व महसूस कराएंगी।
ओड़िशा सरकार ने ली जिम्मेदारी
अगर आप अंतराष्ट्रीय मैच की बात करें तो वहाँ पर लगने वाली पिच की कीमत करोड़ों में होती है लेकिन यहां पर ओड़िशा सरकार के द्वारा फिलहाल रेत से भरी हुई पिच लगवाने का काम शुरू किया जा चुका है। ओड़िशा के सुन्दरगढ़ जिले में लगभग 17 ब्लॉक्स में ऐसी पिच बिछायी जाएंगी।