पीएम मोदी का गुजरात दौरा : सुदर्शन सेतु समेत कई परियोजनाओं का उद्घाटन

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locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 11:09 AM
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PM Narendra Modi Gujarat Visit : लोकसभा चुनाव से पहले पीएम मोदी शनिवार यानी 24 फरवरी से गुजरात के दो दिवसीय दौरे पर हैं। प्रधानमंत्री करोड़ों रुपये की लागत की परियोजनाओं की आधारशिला रखेंगे। शनिवार रात को पीएम मोदी ने जामनगर शहर में हवाई अड्डे से सर्किट हाउस तक रोड शो किया। रविवार (25 फरवरी) को पीएम मोदी सौराष्ट्र क्षेत्र के देवभूमि द्वारका और राजकोट जिलों में होने वाले दो कार्यक्रमों में शामिल होंगे। जहां देवभूमि द्वारका में पीएम मोदी अरब सागर पर बने देश के सबसे लंबे केबल आधारित पुल 'सुदर्शन सेतु' को राष्ट्र को समर्पित करेंगे.

द्वारका में पीएम मोदी का कार्यक्रम

प्रधानमंत्री मोदी द्वारका में आयोजित एक सार्वजनिक समारोह में लगभग 980 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित ओखा मुख्य भूमि और बेयत द्वारका द्वीप को जोड़ने वाले सुदर्शन सेतु को राष्ट्र को समर्पित करेंगे। यह लगभग 2.32 किलोमीटर का देश का सबसे लंबा केबल पुल बना है।

कैसा है सुदर्शन सेतु?

सुदर्शन सेतु एक अद्वितीय डिजाइन को प्रदर्शित करता है, जिसमें दोनों तरफ श्रीमद्भगवद गीता के श्लोकों और भगवान कृष्ण की छवियों से सजा एक पैदलपथ है। इसमें पैदलपथ के ऊपरी हिस्से पर सौर पैनल भी स्थापित किए गए हैं, जिससे एक मेगावाट बिजली का उत्पादन किया जा सकता है। यह सेतु परिवहन को सुगम करेगा और द्वारका एवं बेयत-द्वारका मार्ग के बीच सफर  करने वाले भक्तों को टाइम की बचत होगी। आपको बता दें कि सेतु के निर्माण से पहले तीर्थयात्रियों को बेयत द्वारका तक पहुंचने के लिए नौका परिवहन पर निर्भर रहना पड़ता था। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। इस सेतु की मदद से पर्यटक भी मजबूत होगा और भक्तों को आसानी होगी। PM Narendra Modi Gujarat Visit

पाइपलाइन परियोजना समेत ये प्रोजेक्ट समर्पित करेंगे पीएम मोदी

पीएम मोदी वाडिनार में पाइपलाइन परियोजना समर्पित करेंगे जिसमें वर्तमान अपतटीय लाइनों को बदलना, वर्तमान पाइपलाइन एंड मैनिफोल्ड (पीएलईएम) को छोड़ना और पूरे सिस्टम (पाइपलाइन, पीएलईएम और इंटरकनेक्टिंग लूप लाइन) को निकटवर्ती नए स्थान पर स्थानांतरित करना शामिल है। वह राजकोट-ओखा, राजकोट-जेतलसर-सोमनाथ और जेतलसर-वांसजालिया रेल विद्युतीकरण परियोजनाएं राष्ट्र को समर्पित करेंगे। इसके आलावा पीएम मोदी राष्ट्रीय राजमार्ग-927D के धोराजी-जामकंडोर्ना-कलावड खंड के चौड़ीकरण की आधारशिला रखेंगे। इनमें जामनगर में क्षेत्रीय विज्ञान केंद्र, सिक्का थर्मल पावर स्टेशन, जामनगर में फ्लू गैस डिसल्फराइजेशन (एफजीडी)  प्रणाली की स्थापना शामिल है।

राजकोट में पीए मोदी का कार्यक्रम

पीएम मोदी राजकोट में आयोजित सार्वजनिक समारोह में 48,100 करोड़ रुपये से अधिक राशि की बहु विकास परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे, उन्हें राष्ट्र को समर्पित करेंगे और आधारशिला रखेंगे, जिसमें स्वास्थ्य, सड़क, रेल, ऊर्जा, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस, पर्यटन जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्र शामिल हैं।

पंजाब सरकार ने हरियाणा से मांगे आंदोलन में घायल किसान,कहा हम करेंगे मुफ्त इलाज

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पंजाब सरकार ने हरियाणा से मांगे आंदोलन में घायल किसान,कहा हम करेंगे मुफ्त इलाज

Farmer Protest 1
Farmer Protest
locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 02:21 PM
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Farmer Protest : पिछले कई दिनों से किसानों की ओर से अपनी मांगों को लेकर आंदोलन किया जा रहा है। जिसमें किसानों ने कई बार दिल्ली में दाखिल होने की कोशिश की, जिन्हें रोकने के लिए दिल्ली के सभी बॉर्डरों पर भारी पुलिसबल को तैनात किया गया है। हाल के दिनों में किसानों और पुलिसकर्मियों के बीच झड़प भी देखने को मिली जिसमें कई किसान घायल भी हो गई। वहीं अब पंजाब के मुख्य सचिव अनुराग वर्मा ने शनिवार (24 फरवरी) को हरियाणा के अपने समकक्ष को पत्र लिखकर उन सभी किसानों के फ्री इलाज की बात कही है।

घायल किसानों को हमें सौंपा जाए - अनुराग वर्मा

अपने पत्र में उन्होंने 'दिल्ली चलो' मार्च के दौरान झड़प में घायल और पीजीआई-रोहतक में भर्ती किसान को पंजाब के अधिकारियों को सौंपने का अनुरोध किया है। पत्र लिखते हुए वर्मा ने कहा कि हरियाणा में इलाज करा रहे पंजाब के किसी अन्य किसान को भी राज्य के अधिकारियों को सौंप दिया जाना चाहिए। दरअसल 'दिल्ली चलो' मार्च का नेतृत्व कर रहे किसान नेताओं ने आरोप लगाया था कि 21 फरवरी को हरियाणा के सुरक्षाकर्मियों ने कुछ किसानों को पीटा और अपने साथ ले गए। आपको बता दें पंजाब-हरियाणा सीमा पर दो विरोध प्रदर्शन स्थलों में से एक खनौरी में हुई झड़प में एक प्रदर्शनकारी की मौत हो गई थी और लगभग 12 पुलिस कर्मी घायल हो गए। हरियाणा के मुख्य सचिव संजीव कौशल को लिखे अपने पत्र में वर्मा ने कहा कि पंजाब के रहने वाले प्रीतपाल सिंह को राज्य के अधिकारियों को सौंपा जाना चाहिए। [caption id="attachment_145060" align="aligncenter" width="525"]Farmer Protest Farmer Protest[/caption]

फ्री इलाज की कही बात

किसान आंदोलन में घायल किसानों को लेकर वर्मा ने पत्र में लिखा कि हमें पता चला है कि किसान आंदोलन के दौरान घायल हुए पंजाब के प्रीतपाल सिंह का पीजीआई रोहतक में इलाज किया जा रहा है। साथ ही उन्होंने कहा कि आपसे अनुरोध है कि प्रीतपाल सिंह को पंजाब के अधिकारियों को सौंप दिया जाए, ताकि पंजाब सरकार पंजाब में उनका मुफ्त इलाज करा सके। इसके अलावा, अगर पंजाब का कोई अन्य आंदोलनकारी किसान हरियाणा में इलाज करा रहा है, तो उसे भी हमें सौंप दिया जाना चाहिए।

भारत की एक जाति 450 साल से निभा रही है पूर्वजों का वचन, महाराणा प्रताप के हैं वंशज

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भारत की एक जाति 450 साल से निभा रही है पूर्वजों का वचन, महाराणा प्रताप के हैं वंशज

महाराणा प्रताप के वंशज 1
महाराणा प्रताप के वंशज
locationभारत
userचेतना मंच
calendar24 Feb 2024 09:25 PM
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Gadia Lohar : भारत एक महान देश है। अलग-अलग धर्म, जाति तथा अनेक संस्कृति भारत को दुनिया के तमाम देशों से अलग करते हैं। भारत में जाति व्यवस्था का एक लंबा इतिहास है। पूरे भारत देश में 36 जाति मुख्य जाति मानी जाती हैं। इन्हीं 36 जातियों (बिरादरी) में एक ऐसी अद्भुत जाति भी है जो पिछले 450 साल से लगातार अपने पूर्वजों को दिया गया वचन (प्रतिज्ञा) निभा रही है। भारत की इस जाति के पूर्वजों में भारत के प्रसिद्ध योद्धा महाराणा प्रताप का नाम भी शामिल है।

भारत की जाति की महान प्रतिज्ञा

आपको बता दें कि आज से 450 पहले वर्ष 1576 में प्रसिद्ध वीर योद्धा महाराणा प्रताप अकबर से युद्ध हार गए थे। इस हार के बाद महाराणा प्रताप जंगलों में छुपकर रहने को विवश हो गए थे। उसी समय भारत की एक खास जाति के नागरिकों ने महाराणा प्रताप को एक वचन देकर प्रतिज्ञा की थी कि जब तक महाराणा प्रताप अपने राज्य चित्तौडग़ढ़ पर पुन: जीत हासिल नहीं कर लेते हैं तब तक उनकी जाति के लोग वापस अपनी मातृभूमि पर नहीं लौटेंगे। इतना ही नहीं इस जाति ने यह वचन भी महाराणा प्रताप को दिया था कि वे महाराणा प्रताप की विजय तक कहीं भी एक स्थान पर नहीं बसेंगे। हम यहां भारत की उस अद्भुत जाति के विषय में आपको बता रहे हैं।

कौन सी जाति है जो निभा रही है वचन

आपको बता देते हैं कि भारत की इस अद्भुत जाति का नाम  गाड़िया लोहार (Gadia Lohar) है। कहीं-कहीं आपको सडक़ किनारे कुछ लोग लोहे के बर्तन और घरेलू इस्तेमाल वाले औजार बेचते हुए दिखते होंगे। ये लोग पूरे परिवार के साथ सडक़ किनारे अस्थायी तौर पर बस जाते हैं. फिर कुछ समय बाद उस जगह को छोडक़र दूसरी जगह चले जाते हैं। ज्यादातर लोगों को लगता है कि ये बंजारे हैं. लेकिन, हम आपको बता दें कि ये बंजारे नहीं है। दरअसल, ये खानाबदोश और मुश्किल हालात में फटेहाल जीवन जी रहे लोग आम नहीं, बेहद खास हैं। ये सडक़ किनारे रहने वाले लोग गाड़िया लुहार हैं। गाड़िया लोहार समुदाय को गाडुलिया लोहार या सिर्फ लोहार भी कहा जाता है। गाड़िया लोहार राजस्थान और उत्तर प्रदेश का खानाबदोश समुदाय है. ये मध्य प्रदेश के मालवा क्षेत्र में भी पाए जाते हैं. ये लोहे के बर्तन और घरों में इस्तेमाल होने वाले औजार बनाकर गुजर-बसर करते हैं. इसके अलावा ये समुदाय कृषि और बागवानी में इस्तेमाल होने वाले छोटे औजार भी बनाते हैं। Gadia Lohar

गाड़िया लोहार कैसे पड़ा इस जाति का नाम ?

इस समुदाय के लोग अपने परिवारों के साथ बैलगाड़ी पर एक जगह से दूसरी जगह तक जाते हैं. इसे हिंदी में गाड़ी कहा जाता है. इसलिए इनका नाम ‘गाड़िया लोहार’ पड़ा। वह लिखते हैं कि गाडिय़ा लोहार समुदाय के पूर्वज मेवाड़ की सेना में लोहार थे. वे मेवाड़ के महाराणा प्रताप के वंशज होने का दावा भी करते हैं। जब मेवाड़ पर मुगलों ने कब्जा कर लिया, तो महाराणा प्रताप जंगल की ओर चले गए. जंगल में उनकी मुलाकात गाड़िया लोहार जाति के नागरिकों से हुई। ‘गाड़िया लोहार’ समुदाय के पूर्वजों ने परिवार के साथ जंगल में भटक रहे महाराणा प्रताप को कसम दी थी कि जब तक वह चित्तौडग़ढ़ पर वापस जीत हासिल नहीं कर लेते, तब तक वे कभी भी अपनी मातृभूमि नहीं लौटेंगे और ना ही कभी कहीं बसेंगे। उन्होंने प्रतिज्ञा दी कि महाराणा प्रताप के चित्तौडग़ढ़ लौटने तक उनके परिवार कभी भी एक छत के नीचे नहीं रहेंगे। दुर्भाग्य से महाराणा प्रताप कभी चित्तौड़ नहीं जीत पाए. इसलिए लोहार समुदाय आज भी महाराणा को वर्ष-1576 में दी गई अपनी प्रतिज्ञा पर कायम हैं। इसीलिए वे ना तो किसी एक जगह बसते हैं और ना ही घर बनाते हैं. उनकी पूरी जिंदगी एक बैलगाड़ी में ही सिमटी रहती है। घुमंतू जनजाति Gadia Lohar अपने अनोखे और कठोर परिश्रम से दुनिया भर में जाने जाते हैं. इस जनजाति के लोग पूरी जिंदगी इधर-उधर घूमकर सडक़ के किनारे निकाल देते हैं. आज भी ये लोग सडक़ किनारे कच्चे घर बनाकर अपना पूरा जीवन बिता देते हैं. महाराणा प्रताप के लिए हथियार बनाने वाले गाड़िया लोहार अब दो वक्त की रोटी के लिए पूरे-पूरे दिन लोहे के औजार बनाते हैं। समुदाय के लोगों की सजी-धजी गाड़िया  इनकी पहचान बनी हुई हैं. हालांकि, अब ऐसी सजी-धजी गाड़िया इनके सडक़ किनारे कच्चे घरों में ही दिखती हैं. पहले वे इन गाड़ियों से ही व्यापार करने जाते थे. समय के साथ लोहे के औजारों का इस्तेमाल कम होने के कारण अब लोग रिक्शा गाड़ी का इस्तेमाल करने लगे हैं।Gadia Lohar गाड़िया लोहार समुदाय के पूर्वज महाराणा प्रताप की सेना में शामिल थे. वे उनकी सेना के लिए घातक हथियार बनाते थे। इस समुदाय ने महाराणा प्रताप के किला छोडऩे के बाद ही चित्तौडग़ढ़ छोड़ दिया था। तब से देश के अलग-अलग हिस्सों में भटक रहे इस समुदाय को कोई सरकार सुविधा नहीं मिल पाती है. यही नहीं, जरूरी कागजात नहीं होने के कारण उनके बच्चों को स्कूलों में दाखिला भी नहीं मिल पाता है. हालांकि, अब समुदाय के कुछ लोगों ने अपने बच्चों की पढ़ाई-लिखाई पर भी ध्यान देना शुरू कर दिया है। देश में आधुनिक मशीनें आने के बाद से लोग उनके औजारों को कम ही खरीदते हैं. ऐसे में कबीले के सदस्यों को दो वक्त की रोटी के लिए लोहा-प्लास्टिक बीनकर और मेहनत मजदूरी तक करनी पड़ रही है। तो जाना आपने भारत की इस अद्भुत जाति के विषय में। यदि आपको यह जानकारी पसंद आई हो तो आप अपने मित्रों तथा परिचितों को भी पढ़वा सकते हैं।

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