सांप ने काट लिया था, डाक्‍टरों ने बचा ली बच्‍चे की जान

फोटो 11 2
Snake bite victims News
locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 02:01 PM
bookmark
Snake bite victims News : दुनिया के विभिन्न हिस्सों में, विशेषकर भारत में, स्नेकबाइट एक आम लेकिन खतरनाक घटना है लेकिन अक्सर ये चिंताजनक रूप ले लेते हैं। बरसात के मौसम में स्नेकबाइट से सम्बंधित दुनिया भर में सबसे अधिक मामले,लगभग 90 प्रतिशत भारत में देखे जाते हैं। फेलिक्स हॉस्पिटल के डॉ सलिल मलिक (हेड ऑफ़ इमरजेंसी मेडिसिन) एवं डॉ श्वेता गर्ग (हेड ऑफ़ इंटेंसिव केयर यूनिट) बताते हैं कि एक ऐसा देश जहां सांप के काटने से हर साल लगभग 60,000 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ती है, इसमें समय पर और प्रभावी उपचार महत्वपूर्ण है। यह केस स्टडी, फ़ेलिक्स अस्पताल के इमरजेंसी विभाग के प्रमुख डॉ. सलिल मलिक के नेतृत्व में एक 8 वर्षीय बच्चे को स्नेकबाइट के चंगुल से बचाने के लिए जीवन-रक्षक प्रयासों पर ध्यान केंद्रित करता है। जैसा कि फ़ेलिक्स अस्पताल के डॉक्टरों ने बताया कि स्नेकबाइट को मोटे तौर पर दो प्रकारों में वर्गीकृत किया जा सकता है: न्यूरोटॉक्सिक और ब्लड रिलेटेड। न्यूरोटॉक्सिक स्नेकबाइट- मुख्य रूप से नर्व तंत्र  को प्रभावित करता है, जबकि ब्लड-रिलेटेड स्नेकबाइट रक्त जटिलताओं से सम्बंधित होता है।

स्नेकबाइट की स्थिति में ज़हर को शरीर में फैलने से रोकने के लिए क्या करें

क्या करें:

  1. पीड़ित को स्थिर करें।
  2. प्रभावित अंग या शरीर के हिस्से को यथासंभव स्थिर रखें।
  3. कसाव से बचने के लिए काटने वाली जगह के पास से तंग कपड़े या गहने हटा दें।
  4. तत्काल चिकित्सा सहायता लें।
  5. सांप को पहचानने की कोशिश करें, लेकिन इस प्रक्रिया में और अधिक चोट लगने का जोखिम न उठाएं।

क्या न करें:

  1. घाव को मत काटो।
  2. जहर को चूसने की कोशिश न करें।
  3. काटने वाली जगह पर सीधे बर्फ या ठंडा पैक लगाने से बचें।
  4. शराब या किसी अन्य पदार्थ का सेवन करने से बचें यह हृदय गति और सर्कुलेशन को बढ़ा सकता है
  5. Tourniquet का प्रयोग न करें।

Snake bite victims News in hindi 

मरीज़ की स्थिति

8 वर्षीय बच्चे में स्नेकबाइट के तुरंत बाद चिंताजनक लक्षण दिखाई देने लगे थे, जैसे -उल्टी, धुंधली दृष्टि और मांसपेशियों में कमजोरी आदि। थोड़ा सा भी समय न गंवाते हुए परिवार द्वारा बच्चे को फ़ेलिक्स अस्पताल लाया गया, जहां सारे डॉक्टर मरीज़ की हालत देखकर अलर्ट हो गए और सही समय पर उपचार देने की तैयारी में लग गए। अस्पताल पहुंचने पर, यह स्पष्ट था कि मरीज की हालत गंभीर थी। इमरजेंसी टीम द्वारा मरीज़ का तुरंत मूल्यांकन किया गया, और पाया गया कि वह ठंडा, चिपचिपा, एवं नॉन-रेस्पॉन्सिव था और उसके मुंह से झाग भी निकल रहा था। रेस्पिरेटरी फेलियर को पहचानते हुए डॉक्टरों ने तेजी से जीवन-रक्षक उपाय शुरू किए गए तथा ज़हर के प्रभाव को कम करने के लिए मरीज़ को बड़ी मात्रा में  स्नेक एंटीवेनम दिया गया। स्नेक एंटीवेनम एक अनमोल संसाधन है और अस्पतालों में कम  इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन फेलिक्स अस्पताल स्नेक एंटीवेनम का एक सुव्यवस्थित स्टॉक (भंडार ) अपने पास रखता है ताकि गंभीर उपचार के समय इसकी अनुपलब्धता के कारण किसी की जान न  चली जाए। साथ ही यह सुनिश्चित करने के लिए कि मरीज़ को आवश्यक उचित ऑक्सीजन मिलता रहे इसके लिए उसे वेंटिलेटर पर रखा गया।

आईसीयू टीम के साथ बड़ी चुनौती

डॉ. प्रभात ने मरीज के माता-पिता से इस स्थिति के बारे में विस्तृत जानकारी ली और देखा कि मरीज के दाहिने हाथ पर सांप के काटने का निशान है। वह क्षेत्र बिल्कुल नीला पड़ चुका था, साथ ही सूजन और डिस्कोलोरेशन का संकेत दे रहा था। प्राथमिक उपचार का प्रमुख उद्देश्य सांप के ज़हर के प्रभाव को बेअसर करना, रक्तस्राव विकार, कोगुलोपैथी, जो विकसित हो गया था, का प्रबंधन करना था। दुर्भाग्य से, अस्पताल में भर्ती होने के दूसरे दिन मरीज की हालत और भी खराब हो गई। आईसीयू टीम की डॉ. श्वेता के सामने एक बड़ी चुनौती थी। समय के साथ, मरीज़ की स्थिति में धीरे-धीरे सुधार हुआ। यह केस स्टडी  चिकित्सा के समर्पण और विशेषज्ञता तथा ऐसे देश जहाँ स्नेक बाइट के मामले अधिक पाए जाते हैं वहां पर लोगों की जान बचाने में सहायक एंटीवेनम दवा के महत्त्व पर प्रकाश डालता है। चिकित्सा कर्मचारियों के बीच सहयोग, स्नेक बाइट से सम्बंधित मामलों के लिए तैयारी, और फेलिक्स अस्पताल जैसे अस्पतालों में आवश्यक संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है ताकि ज़हरीले साँपों के काटने से भी मरीजों को ठीक होने का मौका मिले और भविष्य में वे विषैले स्नेक बाइट की घातक पकड़ से मुक्त हो सकें।

लोनी की ऋषि मार्केट कॉलोनी में पटाखा फैक्ट्री में भीषण धमाके से छत उड़ी

ग्रेटर नोएडा– नोएडा की खबरों से अपडेट रहने के लिए चेतना मंच से जुड़े रहें। देश-दुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमें  फेसबुकपर लाइक करें या  ट्विटरपर फॉलो करें।
अगली खबर पढ़ें

सांप और नेवले की अनोखी दास्तान, सर्वश्रेष्ठ आर्किटेक्ट है नेवला

Snake and mongoose 1
Snake and Mongoose
locationभारत
userचेतना मंच
calendar03 Nov 2023 08:17 PM
bookmark

Snake and Mongoose : आज हम आपको एक अनोखी जानकारी दे रहे हैं। यह जानकारी वैज्ञानिक तथ्यों तथा पौराणिक दस्तावेजों से जुटाई गई है। आपने अक्सर सुना होगा कि प्रकृति के दो जीव सांप और नेवला जन्मजात एक दूसरे के दुश्मन है। सांप और नेवले की दुश्मनी के कारणों से लेकर नेवले के आर्किटेक्ट बनने का पूरा किस्सा ध्यान से पढ़ेगें तो आप आश्चर्यचकित रह जाएंगे।

Snake and Mongoose

सांपों पर इसलिए भारी पड़ता है नेवला

हमे अक्सर देखने को मिलता है कि किस तरह से एक सांप नेवले पर हमला करता है। सांप और नेवले की लड़ाई में लगता है कि दोनों एक दूसरे की जान ले लेगें। अक्सर यह देखा जाता है कि सांप में पाए जाने वाले जहर का नेवले पर कोई भी असर नहीं होता। इसके अलावा नेवला इतना फुर्तीला होता है कि वह सांप से बचने के लिए कई पैंतरे भी बदल लेता है। असल में नेवले के शरीर में एसिट्लोक्लिन रिफ्लेक्स होता है, ऐसे में वो सांप के जहर में मौजूद न्यूरोटॉक्सिन से बच जाता है। नेवले के डीएनए में मौजूद अल्फा और बीटा ब्लॉकर्स उसे जहर के प्रभाव से बचा लेते हैं। इसलिए वह अपने जबड़ों का इस्तेमाल करते हुए सांपों को मारता है। यानि नेवले के शरीर में प्राकृतिक वह तत्व मौजूद है। जिसके कारण सांप का खतरनाक से खतरनाक जहर भी नेवले के ऊपर कोई असर नहीं करता है।

सांप और नेवले में क्यों है दुश्मनी ?

बताया जाता है कि सांप और नेवले में प्राकृतिक तौर पर ही दुश्मनी है। सांप नेवले को इसलिए मारना चाहता है, ताकि वह खुद जिंदा रह सके। और नेवला सांपों को इसलिए मारता है कि सांप नेवले के छोटे बच्चों को अपना निवाला बना लेते है। जबकि नेवला कई छोटे जानवरों को अपना शिकार नहीं बनाता है। नेवले को इसांन भी पसंद करते हैं। जबकि दुनिया के सभी इंसान सांप को अपना दुश्मन मानते है। नेवला जब भी सांप को मारकर खाता है तो उसका किसी का कोई दुख नहीं होता।

सांप-नेवले की लड़ाई में कौन जीतेगा ?

कई बार तो किंग कोबरा जैसा जहरीला सांप भी नेवले को काट देता है लेकिन उसकी मौत नहीं होती। ऐसा इसलिए क्योंकि वो सांप के जहर के प्रति इम्यून रहता है। सांपों के दिमाग में कास न्यूरोट्रांसमिटर होता है जिसे एसिटायलकॉलिन कहते हैं। ये एसिटयलकॉलिन, खून में जहर से मिल जाता है और उसे न्यूट्रलाइज कर देता है। इस तरह जो जहर होता है वो नेवले के नर्वस सिस्टम तक नहीं पहुंच पाता। सभी जानकारों का दावा है कि नेवले और सांप की लड़ाई में हमेशा नेवले की ही जीत होगी।

नेवले के बिल में नहीं घुस सकते सांप

कई वन्य जीव विशेषज्ञों का कहना है कि कोई भी सांप कभी भी नेवले के बिल में प्रवेश नहीं कर सकता है। उनका कहना है कि नेवले अपने बिलों को विशेष प्रकार से बनाते है। जिसके कारण सांप नेवले के बिल में नहीं घुस पाते है। आपको यह जानकर बेहद जानकारी होगी कि नेवले को दुनिया का सर्वश्रेष्ठ आर्किटेक्ट भी माना गया है। नेवला दुनिया का अकेला ऐसा प्राणी है जो ऐसा घर (बिल) बनाना जानता है। जिस घर में दूसरा हर जीव प्रवेश कर सकता है किंतु सांप हर संभव करके भी नेवले के बिल में प्रवेश नहीं कर सकता है। नेवला अपने बिल का डिजाइन इस प्रकार से बनाता है कि उसके बिल में सांप प्रवेश कर ही नहीं सकता।

Big Breaking : बिग बॉस विजेता यूट्यूबर एल्विश यादव निकला शातिर अपराधी, चलाता है गैंग

देश विदेश की खबरों से अपडेट रहने लिए चेतना मंच के साथ जुड़े रहें। देश-दुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमें  फेसबुकपर लाइक करें या  ट्विटरपर फॉलो करें।
अगली खबर पढ़ें

MP Election 2023: चुनाव से पहले आबकारी टीम की बड़ी कार्रवाई, 634 लीटर अवैध शराब, 6055 किलोग्राम लहन जब्त

Mp election 3
PHOTO: ANI
locationभारत
userचेतना मंच
calendar03 Nov 2023 06:07 PM
bookmark
MP Election 2023: मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव (Madhya Pradesh Assembly Election 2023) को कुछ ही समय बचे हैं। ऐसे में आबकारी विभाग काफी सक्रिय हो गया है। भोपाल में जिला आबकारी टीम ने गुरुवार बड़ी कार्रवाई की। एक अधिकारी ने कहा, 'आगामी राज्य विधानसभा चुनावों को देखते हुए टीम ने शहर के विभिन्न स्थानों से 634 लीटर अवैध शराब और 6055 किलोग्राम लाहन बरामद किया है।'

5 जगहों पर हुई छापेमारी

लहन का उत्पादन पानी, गुड़, सूखे मेवों और अन्य सामग्रियों के मिश्रण को किण्वित (जैव-रासायनिक क्रिया) करके किया जाता है। एक बार जब यह किण्वित हो जाता है, तो इसमें अल्कोहल और कई अन्य उपोत्पाद शामिल होते हैं। गुरुवार को सहायक आबकारी आयुक्त भोपाल दीपम रायचूरा और आबकारी नियंत्रक राजेंद्र जैन के मार्गदर्शन में शहर के मुगलिया कोट, सुखी सेवनिया, बालमपुर घाटी, प्रेमपुरा और अमोनी भदभदा क्षेत्र में छापेमारी की गई।

19 के खिलाफ मामला दर्ज

जिला आबकारी टीम ने नालों के किनारे, जमीन के अंदर दबे ड्रमों, झाड़ियों और पेड़ों पर लटकी कुप्पियों/ड्रमों से 634 लीटर हाथ भट्टी शराब और 6055 किलोग्राम लहन बरामद किया है। आबकारी टीम ने 19 के खिलाफ मामला दर्ज किया है। भोपाल के आबकारी नियंत्रक राजेंद्र जैन ने एएनआई को बताया, "इस मामले में मध्य प्रदेश उत्पाद अधिनियम की संबंधित धारा के तहत तीन नामित और 16 ज्ञात व्यक्ति शामिल हैं।"

मध्य प्रदेश में 17 नवंबर को डाले जाएंगे वोट

टीम ने तीन महिलाओं को भी गिरफ्तार किया जिनकी पहचान ज्योति बाई, राजू बाई और बानी के रूप में हुई है। भोपाल के आबकारी नियंत्रक के मुताबिक, महिलाओं से पूछताछ की जा रही है और मामले की आगे की जांच की जा रही है। अधिकारी ने आगे बताया कि आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए शहर में अवैध शराब के खिलाफ ऐसी बड़ी कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी। मध्य प्रदेश उन पांच राज्यों में से एक है जहां 17 नवंबर को एक चरण में मतदान होना है और वोटों की गिनती 3 दिसंबर को होगी। मतदाता 230 विधानसभा क्षेत्रों से विधायक चुनेंगे। ग्रेटर नोएडा– नोएडा की खबरों से अपडेट रहने के लिए चेतना मंच से जुड़े रहें। देशदुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें।

नोएडा के किसानों के साथ फिर छलावा, थमा दी मीठी गोली