उत्तर प्रदेश में बदले गए 42 जिला जज, गौतमबुद्ध नगर के जिला जज बने मलखान सिंह, देखिए पूरी लिस्ट

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UP News
locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 02:45 AM
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UP News : उत्तर प्रदेश में तबादलों का दौर जारी है। जहां उत्तर प्रदेश सरकार बड़े पैमाने पर आईएएस तथा आईपीएस अधिकारियों के तबादले कर रही है वहीं इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भी बड़े पैमाने पर जजों के तबादले किए हैं। उत्तर प्रदेश के हाईकोर्ट का नाम इलाहाबाद हाईकोर्ट है। उत्तर प्रदेश के हाईकोर्ट ने प्रदेश के 42 जिलों के जिला जज एकसाथ बदल दिए हैं। नोएडा (गौतमबुद्ध नगर) गाजियाबाद, संभल, वाराणसी, प्रयागराज, मथुरा, कौशांबी समेत कई जिलों के जिला जज बदल दिए गए हैं। हम आपको यहां विस्तार से बता रहे हैं कि उत्तर प्रदेश के किस जिले में किस जज को बनाया गया है नया जिला जज। UP News

मलखान सिंह बने गौतमबुद्ध नगर के जिला जज

उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर जिले में मलखान सिंह को नया जिला जज बनाया गया है। अभी तक मलखान सिंह हापुड़ में जिला जज के पद पर तैनात थे। इसी प्रकार फरुर्खाबाद जिले के जिला जज विनय कुमार को हाथरस भेजा गया है। जबकि श्रावस्ती के जिला जज राममिलन सिंह को देवरिया का जिला जज बनाया गया है। इसी तरह शामली के जिला जज विकास कुमार को मथुरा, महोबा के जिला जज जय प्रकाश यादव को कौशांबी, मथुरा के जिला जज आशीष गर्ग को गाजियाबाद, प्रयागराज के जिला जज संतोष राय को मुजफ्फरनगर और अलीगढ़ के जिला जज संजीव कुमार को प्रयागराज में जिला जज बनाया गया है। जजों के तबादलों के क्रम में कौशांबी के जिला जज अनुपम कुमार को अलीगढ़, महाराजगंज के जिला जज नीरज कुमार को फरुर्खाबाद, इटावा के जिला जज चवन प्रकाश को कानपुर नगर, आगरा के जिला जज विवेक संगल को बदायूं और कानपुर नगर के जिला जज प्रदीप कुमार सिंह को हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच भेजा गया है। साथ ही गोरखपुर के जिला जज तेज प्रताप तिवारी को रामाबाई नगर (कानपुर देहात), भदोही के जिला जज दुर्गा नारायण सिंह को संभल, रामाबाई नगर (कानपुर नगर) के जिला जज जयप्रकाश तिवारी को वाराणसी, वाराणसी के जिला जज संजीव पांडेय को मेरठ, औरैया के जिला जज संजय कुमार को बिजनौर, संभल के जिला जज कमलेश कुच्छल को झांसी, झांसी के जिला जज पदम नारायण मिश्र को मुरादाबाद भेजा गया है। इसी तरह मुरादाबाद के जिला जज भानु देव शर्मा को रामपुर, रामपुर के जिला जज सत्य प्रकाश त्रिपाठी को प्रतापगढ़, बहराइच के जिला जज उत्कर्ष चतुर्वेदी को बलरामपुर, मेरठ के जिला जज रजत सिंह जैन को इटावा, हाथरस के जिला जज सत्येंद्र कुमार को बहराइच, देवरिया के जिला जज देवेंद्र सिंह को बांदा, प्रतापगढ़ के जिला जज अब्दुल शाहिद को पीलीभीत, बागपत के जिला जज संजय कुमार मलिक को आगरा, बदायूं के जिला जज मनोज कुमार को बागपत, मुजफ्फरनगर के जिला जज डॉ. अजय कुमार को हापुड़ का जिला जज बनाया गया है। इसी तरह अमरोहा के जिला जज जफीर अहमद को गोंडा, बांदा के जिला जज डॉक्टर बब्बू सारंग को फिरोजाबाद और बलरामपुर के जिला जज अनिल कुमार झा को गोरखपुर का जिला जज बनाया गया है। UP News

नोएडा के पीठासीन अधिकारी बने औरैया के जिला जज

इसके अलावा नोएडा के पीठासीन अधिकारी मयंक चौहान को औरैया का जिला जज बनाया गया है। हापुड़ पारिवारिक कोर्ट के जज डॉक्टर विदुषी सिंह को महोबा का जिला जज बनाया गया है। इसी तरह प्रतिमा श्रीवास्तव को बाराबंकी का जिला जज नियुक्त किया गया है। साथ ही अजय कुमार सिंह को महाराजगंज का जिला जज नियुक्त किया गया है। लखनऊ बेंच के वरिष्ठ रजिस्ट्रार विवेक को अमरोहा जिला का जिला जज बनाया गया है। इसी तरह रमेश चंद्र को वाणिज्य कर न्यायाधिकरण लखनऊ के पद पर भेजा गया है। अखिलेश दुबे को भदोही का जिला जज बनाया गया है। चंदौली के पारिवारिक न्यायालय के जज राकेश धर दुबे को श्रावस्ती का जिला जज नियुक्त किया गया है। साथ ही मुरादाबाद के वाणिज्यिक न्यायालय के जज इंद्रप्रीत सिंह जोश को शामली का जिला जज बनाया गया है। UP News देखें पूरी लिस्ट :

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उत्तर प्रदेश में तीन बैंकों का हुआ मर्जर, उत्तर प्रदेश ग्रामीण बैंक रहेगा नाम

BNak news
UP News
locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 May 2025 05:35 PM
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UP News : उत्तर प्रदेश में बैंकिंग सेक्टर को लेकर बड़ी खबर आर्ई है। उत्तर प्रदेश के बैंकिंग सेक्टर पर खबर यह है कि उत्तर प्रदेश के तीन बड़े ग्रामीण बैंक बृहस्पतिवार से एक बैंक में मर्ज हो गए। पूरे उत्तर प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों को बैंकिंग सेवा प्रदान कर रहे तीन बैंकों का विलय करके उत्तर प्रदेश ग्रामीण बैंक (Grameen Bank) के संचालन का फैसला किया गया है। इस फैसले को उत्तर प्रदेश की बैंकिंग व्यवस्था में अब तक का सबसे बड़ा कदम माना जा रहा है। उत्तर प्रदेश के तीनों बैंकों का मर्जर 01 मई 2025 (आज) से प्रभावी रूप से लागू हो गया है।

उत्तर प्रदेश के तीन ग्रामीण बैंक (Grameen Bank) बन गए इतिहास

आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश में तीन ग्रामीण बैंक (Grameen Bank)  बैंकिंग सेवाएं प्रदान करते रहे हैं। इन तीन ग्रामीण बैंकों के नाम प्रथमा यूपी ग्रामीण बैंक, बड़ौदा यूपी बैंक तथा आर्यावर्त ग्रामीण बैंक है। 1 मई 2025 से उत्तर प्रदेश के ये तीनों ग्रामीण बैंक (Grameen Bank)  इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गए। उत्तर प्रदेश के इन तीनों ग्रामीण बैंकों को मिलाकर एक नया बैंक बना दिया गया है। उत्तर प्रदेश में बनाए गए नए बैंक का नाम उत्तर प्रदेश ग्रामीण बैंक रखा गया है। अब उत्तर प्रदेश में ग्रामीण बैंकिंग व्यवस्था का भार उत्तर प्रदेश ग्रामीण बैंक के पास आ गया है।

उत्तर प्रदेश ग्रामीण बैंक (Grameen Bank) के प्रबंधक ने दी जानकारी

उत्तर प्रदेश के तीन ग्रामीण बैंकों को मिलाकर उत्तर प्रदेश ग्रामीण बैंक बनाया गया है। उत्तर प्रदेश ग्रामीण बैंक की ग्रेटर नोएडा में स्थित विलासपुर शाखा के बैंक प्रबंधक बृजपाल सिंह ने चेतना मंच को बताया कि आज 1 मई 2025 ग्रामीण क्षेत्र के बैंकों के लिए एक अहम दिवस है। राष्ट्रीय बैंकों की तर्ज पर आज हमारे राज्य उत्तर प्रदेश के तीन बड़े ग्रामीण बैंक प्रथमा यूपी ग्रामीण बैंक, बड़ौदा यूपी बैंक व आर्यावर्त ग्रामीण बैंक का विलय किया जा रहा है ।इस विलय के बाद यह तीनों बैंक मिलकर उत्तर प्रदेश ग्रामीण बैंक के नाम से जाने जाएंगे।

UP News :

उत्तर प्रदेश ग्रामीण बैंक अपने आप में एक महत्वपूर्ण संस्था होगी ।यह देश का सबसे बड़ा ग्रामीण बैंक बन जाएगा जिसकी शाखाएं पूरे राज्य के ग्रामीण क्षेत्र, शहरी क्षेत्र व अर्ध शहरी क्षेत्र में उपलब्ध होगी। नया बैंक राज्य में ग्रामीण क्षेत्र के संपूर्ण विकास के लिए समर्पित होगा व आपकी हर क्षेत्र की आर्थिक आवश्यकता को पूर्ण करने में सक्षम होगा। जिसका मुख्यालय लखनऊ में स्थित होगा तथा पूरे राज्य भर में इसके क्षेत्रीय कार्यालय स्थापित होंगे।  UP News :

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अक्षय तृतीया का अद्भुत क्षण! पहली बार राम मंदिर पहुंचे हनुमानगढ़ी के महंत, टूटी 121 साल की ये परंपरा

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locationभारत
userचेतना मंच
calendar29 Nov 2025 05:21 PM
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अयोध्या। अक्षय तृतीया के पावन अवसर पर अयोध्या में एक ऐतिहासिक क्षण सामने आया, जब हनुमानगढ़ी के गद्दीनशीन महंत प्रेमदास पहली बार श्रीराम जन्मभूमि मंदिर पहुंचे और रामलला के दर्शन किए। इस घटना ने 121 वर्षों से चली आ रही परंपरा को विराम दिया और संत समाज के इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ा।

संतों की सहमति से टूटी सदियों से चली आ रही परंपरा

हनुमानगढ़ी की परंपरा के अनुसार, वहां का गद्दीनशीन महंत अपने जीवनभर मंदिर परिसर की 52 बीघे की सीमा से बाहर नहीं निकलता। यह परंपरा 1904 से चली आ रही थी। राम मंदिर निर्माण के बाद भी महंत प्रेमदास केवल इस मर्यादा के चलते दर्शन से वंचित थे। लेकिन हाल ही में निर्वाणी अखाड़ा के पंचों की बैठक में सर्वसम्मति से इस परंपरा को विशेष अवसर पर बदलने की सहमति दी गई।

शोभायात्रा से मंदिर तक भावनाओं का प्रवाह

बुधवार सुबह 6 बजे महंत प्रेमदास की भव्य शोभायात्रा हनुमानगढ़ी से गाजे-बाजे के साथ निकली। यात्रा सरयू तट तक गई जहां मां सरयू की पूजा और साधुओं का स्नान हुआ। फिर शोभायात्रा राम मंदिर की ओर बढ़ी। इस दौरान हजारों श्रद्धालु और नागा संन्यासी साथ थे।

रामलला के दर्शन और भाव विभोर महंत

राम मंदिर में प्रवेश कर महंत प्रेमदास रामलला के दर्शन करते ही भाव-विभोर हो गए। वहां मौजूद संतों के साथ उन्होंने रामरक्षा स्तोत्र का पाठ किया और रामलला को 56 भोग अर्पित किए गए। राम मंदिर के गर्भगृह की परिक्रमा की शुरुआत भी इसी मौके पर हुई, जिसे संतों के लिए पहली बार खोला गया।

6 किलोमीटर की यात्रा, 7 घंटे का आयोजन

हालांकि हनुमानगढ़ी से राम मंदिर की दूरी केवल 1 किलोमीटर है, लेकिन शोभायात्रा सरयू तट होते हुए कुल लगभग 6 किलोमीटर तक चली और दोपहर 1 बजे समापन हुआ। इस दौरान पूरे नगर में उत्सव जैसा माहौल रहा।

न्यायालय भी करता रहा है परंपरा का सम्मान

गद्दीनशीन महंत के 52 बीघे की सीमा न लांघने की परंपरा का पालन सिविल न्यायालय भी करता रहा है। किसी कानूनी मामले में महंत की बजाय अखाड़े के प्रतिनिधि कोर्ट में उपस्थित होते हैं, और आवश्यकता होने पर कोर्ट स्वयं हनुमानगढ़ी जाकर बयान दर्ज करता है। UP News : योगी सरकार ने दिया प्रदेश के किसानों को बड़ा तोहफा