Noida : नोएडा । इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज(Institute of Management Studies) (आईएमएस) नोएडा में प्रबंधन के छात्रों के लिए दीक्षांत समारोह का आयोजन किया हुआ। संस्थान द्वारा आयोजित कार्यक्रम के दौरान बतौर अतिथि हैवेल्स प्राइवेट लिमिटेड के पूर्व प्रेसिडेंट अनिल भसीन, केन लाइफ स्टाइल्स प्रा. लिमिटेड के एवीपी ध्रुव कुमार गुप्ता, इंस्टीट्यूट ऑफ कॉस्ट एकाउंटिंग ऑफ इंडिया के एमडी एसके गुप्ता ने शिरकत की। वहीं कार्यक्रम के दौरान आईएमएस की निदेशिका डॉ. कुलनीत सूरी के साथ-साथ संस्थान के शिक्षक एवं छात्र मौजूद रहे। डॉ. कुलनीत सूरी ने कहा कि संस्थान किसी भी छात्र के जीवन में फाउडिंग स्टोन का काम करता है। कार्यक्रम के दौरान दीक्षांत समारोह के मुख्य अतिथि अनिल भसीन ने छात्रों को साहस रखने और बिना किसी भय के आगे बढ़ते रहने की सलाह दी।
कार्यक्रम के अंत में डॉ. एसके गुप्ता ने छात्रों से कॉरपोरेट जगत के लिए तैयार रखने एवं प्रौद्योगिकी के महत्व की विवेचना की।
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भारत
चेतना मंच
02 Dec 2025 04:39 AM
Noida : नोएडा । इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज(Institute of Management Studies) (आईएमएस) नोएडा में प्रबंधन के छात्रों के लिए दीक्षांत समारोह का आयोजन किया हुआ। संस्थान द्वारा आयोजित कार्यक्रम के दौरान बतौर अतिथि हैवेल्स प्राइवेट लिमिटेड के पूर्व प्रेसिडेंट अनिल भसीन, केन लाइफ स्टाइल्स प्रा. लिमिटेड के एवीपी ध्रुव कुमार गुप्ता, इंस्टीट्यूट ऑफ कॉस्ट एकाउंटिंग ऑफ इंडिया के एमडी एसके गुप्ता ने शिरकत की। वहीं कार्यक्रम के दौरान आईएमएस की निदेशिका डॉ. कुलनीत सूरी के साथ-साथ संस्थान के शिक्षक एवं छात्र मौजूद रहे। डॉ. कुलनीत सूरी ने कहा कि संस्थान किसी भी छात्र के जीवन में फाउडिंग स्टोन का काम करता है। कार्यक्रम के दौरान दीक्षांत समारोह के मुख्य अतिथि अनिल भसीन ने छात्रों को साहस रखने और बिना किसी भय के आगे बढ़ते रहने की सलाह दी।
कार्यक्रम के अंत में डॉ. एसके गुप्ता ने छात्रों से कॉरपोरेट जगत के लिए तैयार रखने एवं प्रौद्योगिकी के महत्व की विवेचना की।
Noida News : डाउन सिंड्रोंम से प्रभावित लोगों के लिए विकलांग शब्द गलत: वानचिग
भारत
चेतना मंच
31 Mar 2022 05:49 PM
Noida : नोएडा । एमिटी इंस्टीटयूट ऑफ रिहेबिलिटेशन साइंसेस (Amity Institute of Rehabilitation Sciences) द्वारा एशिया फैसफिक डाउन सिंड्रोम फेडेरेशन (Asia Pacific Down Syndrome Federation) के सहयोग से 'डाउन सिंड्रोम वाले व्यक्तियों के स्वतंत्र जीवन के लिए शिक्षा और सहायता सेवाओं के सर्वोत्तम अभ्यास' पर दो दिवसीय अंर्तराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया।
सम्मेलन के समापन समारोह में डाउन सिंड्रोम एसोसिएशन ऑफ मंगोलिया के चेयरमैन गैनजोरिग वानचिग, एमिटी लॉ स्कूल नोएडा के चेयरमैन डा डी के बंद्योपाध्याय, एमिटी फांउडेशन फॉर डेवलपमेंट डिस्एबिलिटीस के प्रमुख डा एस के श्रीवास्तव और एमिटी इंस्टीटयूट ऑफ रिहेबिलिटेशन साइंसेस की निदेशक डा जंयती पुजारी ने अपने विचार रखे। समापन समारोह में डाउन सिंड्रोम एसोसिएशन ऑफ मंगोलिया के चेयरमैन गैनजोरिग वानचिग ने संबोधित करते हुए कहा कि डाउन सिंड्रोंम वाले व्यक्तियों के लिए हमें विकलांग शब्द की बजाय अलग क्षमता के व्यक्ति शब्द का प्रयोग करना चाहिए। प्रकृति ने हर मनुष्य का निर्माण विशेष क्षमता के साथ किया है जो उन्हे अन्य लोगों से अनूठा बनाती है इसलिए एक दूसरे को भिन्नताओं के साथ अपनाए। बदलते समाजिक परिवर्तन में डाउन सिंड्रोम वाले व्यक्तियों का समावेश आवश्यक है।
एमिटी लॉ स्कूल नोएडा (Amity Law School Noida) के चेयरमैन डा डी के बंद्योपाध्याय (Chairman Dr DK Bandyopadhyay) ने कहा कि एमिटी सदैव शिक्षण गुणवत्ता, शोध को प्रोत्साहित करने के साथ हर वर्ग के प्रति अपनी समाजिक जिम्मेदारी का निर्वहन करता है। एमिटी इंस्टीटयूट ऑफ रिहेबिलिटेशन साइंसेस के अंर्तगत हम विशेष बच्चों के लिए शिक्षकों को प्रशिक्षित करते है। छात्रों को हम प्रबंधक की बजाय नेतृत्व करने के लिए प्रोत्साहित करते है।
एमिटी फांउडेशन फॉर डेवलपमेंट डिस्एबिलिटीस के प्रमुख डा एस के श्रीवास्तव (Dr SK Srivastava, Head, Amity Foundation for Development Disabilities) ने कहा कि इस प्रकार के सम्मेलन हमारे ज्ञान का विकास करते है और हम अपने विचारों से इसमें सहयोग भी करते है। हमें डाउन सिंड्रोम वाले व्यक्तियों के शिक्षा के अधिकार, स्वतंत्र जीवन का समर्थन करना चाहिए।
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31 Mar 2022 05:49 PM
Noida : नोएडा । एमिटी इंस्टीटयूट ऑफ रिहेबिलिटेशन साइंसेस (Amity Institute of Rehabilitation Sciences) द्वारा एशिया फैसफिक डाउन सिंड्रोम फेडेरेशन (Asia Pacific Down Syndrome Federation) के सहयोग से 'डाउन सिंड्रोम वाले व्यक्तियों के स्वतंत्र जीवन के लिए शिक्षा और सहायता सेवाओं के सर्वोत्तम अभ्यास' पर दो दिवसीय अंर्तराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया।
सम्मेलन के समापन समारोह में डाउन सिंड्रोम एसोसिएशन ऑफ मंगोलिया के चेयरमैन गैनजोरिग वानचिग, एमिटी लॉ स्कूल नोएडा के चेयरमैन डा डी के बंद्योपाध्याय, एमिटी फांउडेशन फॉर डेवलपमेंट डिस्एबिलिटीस के प्रमुख डा एस के श्रीवास्तव और एमिटी इंस्टीटयूट ऑफ रिहेबिलिटेशन साइंसेस की निदेशक डा जंयती पुजारी ने अपने विचार रखे। समापन समारोह में डाउन सिंड्रोम एसोसिएशन ऑफ मंगोलिया के चेयरमैन गैनजोरिग वानचिग ने संबोधित करते हुए कहा कि डाउन सिंड्रोंम वाले व्यक्तियों के लिए हमें विकलांग शब्द की बजाय अलग क्षमता के व्यक्ति शब्द का प्रयोग करना चाहिए। प्रकृति ने हर मनुष्य का निर्माण विशेष क्षमता के साथ किया है जो उन्हे अन्य लोगों से अनूठा बनाती है इसलिए एक दूसरे को भिन्नताओं के साथ अपनाए। बदलते समाजिक परिवर्तन में डाउन सिंड्रोम वाले व्यक्तियों का समावेश आवश्यक है।
एमिटी लॉ स्कूल नोएडा (Amity Law School Noida) के चेयरमैन डा डी के बंद्योपाध्याय (Chairman Dr DK Bandyopadhyay) ने कहा कि एमिटी सदैव शिक्षण गुणवत्ता, शोध को प्रोत्साहित करने के साथ हर वर्ग के प्रति अपनी समाजिक जिम्मेदारी का निर्वहन करता है। एमिटी इंस्टीटयूट ऑफ रिहेबिलिटेशन साइंसेस के अंर्तगत हम विशेष बच्चों के लिए शिक्षकों को प्रशिक्षित करते है। छात्रों को हम प्रबंधक की बजाय नेतृत्व करने के लिए प्रोत्साहित करते है।
एमिटी फांउडेशन फॉर डेवलपमेंट डिस्एबिलिटीस के प्रमुख डा एस के श्रीवास्तव (Dr SK Srivastava, Head, Amity Foundation for Development Disabilities) ने कहा कि इस प्रकार के सम्मेलन हमारे ज्ञान का विकास करते है और हम अपने विचारों से इसमें सहयोग भी करते है। हमें डाउन सिंड्रोम वाले व्यक्तियों के शिक्षा के अधिकार, स्वतंत्र जीवन का समर्थन करना चाहिए।
Noida News: देश को पोषण सुरक्षा की आवश्यकता: डा. श्रीदेवी
भारत
चेतना मंच
30 Mar 2022 06:18 PM
Noida: नोएडा । एमिटी इंस्टीटयूट ऑफ फूड टेक्नोलॉजी (Amity institute of food technology) द्वारा ''खाद्य स्थिरता: भविष्य के लिए चुनौतियां और अवसर" ("Food Sustainability: Challenges and Opportunities for the Future") विषय पर पांचवे अंर्तराष्ट्रीय सम्मेलन एमिफोस्ट 2022 का आयोजन किया गया। इस त्रिदिवसीय सम्मेलन का शुभारंभ मैसूर के सीएसआईआर केन्द्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी अनुसंधान संस्थान की निदेशक डा श्रीदेवी अन्नपूर्णा सिंह, इटली के टयूरिन विश्वविद्यालय के ड्रग साइंस एंड टेक्नोलॉजी विभाग के प्रो गियानकार्लो कारवोटो, एमिटी शिक्षण समूह के संस्थापक अध्यक्ष डा. अशोक कुमार चौहान, एमिटी विश्वविद्यालय उत्तरप्रदेश की वाइस चांसलर डा बलविंदर शुक्ला, एमिटी साइंस टेक्नोलॉजी एंड इनोवेशन फांउडेशन के अध्यक्ष डा डब्लू सेल्वामूर्ती, एमिटी फूड एंड एग्रीकल्चर फांउडेशन की महानिदेशक डा नूतन कौशिक और एमिटी इंस्टीटयूट ऑफ फूड टेक्नोलॉजी के निदेशक डा वी के मोदी ने किया।
मैसूर के सीएसआईआर केन्द्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी अनुसंधान संस्थान की निदेशक डा श्रीदेवी अन्नपूर्णा सिंह ने संबोधित करते हुए कहा कि विश्व की बढ़ रही जनसंख्या के अनुसार हमें भविष्य में लोगों को भोज्य और पोषण युक्त भोजन की उपलब्धता के लिए तैयार रहना होगा। स्थिर खाद्य प्रणाली के अंर्तगत आर्थिक समाजिक और पर्यावरणीय स्तर पर खाद्य सुरक्षा और पोषण दोनो का समावेश होता है जिसमें आने वाले भविष्य के साथ समझौता ना करना पड़ें। स्वास्थ्यवर्धक गुणवत्ता पूर्ण जीवन के संतुलित और विवेकपूर्ण आहार को विकसित करना होगा। आज हमें पोषण सुरक्षा की भी आवश्यकता है क्योकी किसी भी एक स़्त्रोत से सभी प्रकार के पोषण संभव नही है और पोषण तत्वों की कमी से स्वास्थय कमजोर होगा।
एमिटी शिक्षण समूह के संस्थापक अध्यक्ष व प्रसिद्घ शिक्षाविद् डा. अशोक कुमार चौहान ने संबोधित करते हुए कहा कि सभी को खाद्य सुरक्षा के दायरे में लाने के लिए और उनके पूर्ण विकास के लिए पोषण युक्त भोजन उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी हम सभी की है और अकादमिक, वैज्ञानिक, उद्योगों, सभी को मिलकर साझा प्रयास करना होगा। डा चौहान ने कहा कि खाद्य स्थिरता की चुनौतियों का निवारण शोध और नवाचार के माध्यम से ही संभव है और इसके लिए छात्रों को आगे आकर समस्या के निवारणों को खोजना होगा।
एमिटी विश्वविद्यालय उत्तर प्रदेश की वाइस चांसलर डा बलविंदर शुक्ला ने कहा कि खाद्य स्थिरता की चुनौतियों से निपटने के लिए हमें गुणवत्ता के साथ उत्पादकता को बढ़ाना होगा और खाद्य का बर्बाद होने से बचाना होगा। इस अवसर एमिटी फूड एंड एग्रीकल्चर फांउडेशन की महानिदेशक डा नूतन कौशिक और एमिटी इंस्टीटयूट ऑफ फूड टेक्नोलॉजी के निदेशक डा वी के मोदी ने अपने विचार व्यक्त किये।
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चेतना मंच
30 Mar 2022 06:18 PM
Noida: नोएडा । एमिटी इंस्टीटयूट ऑफ फूड टेक्नोलॉजी (Amity institute of food technology) द्वारा ''खाद्य स्थिरता: भविष्य के लिए चुनौतियां और अवसर" ("Food Sustainability: Challenges and Opportunities for the Future") विषय पर पांचवे अंर्तराष्ट्रीय सम्मेलन एमिफोस्ट 2022 का आयोजन किया गया। इस त्रिदिवसीय सम्मेलन का शुभारंभ मैसूर के सीएसआईआर केन्द्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी अनुसंधान संस्थान की निदेशक डा श्रीदेवी अन्नपूर्णा सिंह, इटली के टयूरिन विश्वविद्यालय के ड्रग साइंस एंड टेक्नोलॉजी विभाग के प्रो गियानकार्लो कारवोटो, एमिटी शिक्षण समूह के संस्थापक अध्यक्ष डा. अशोक कुमार चौहान, एमिटी विश्वविद्यालय उत्तरप्रदेश की वाइस चांसलर डा बलविंदर शुक्ला, एमिटी साइंस टेक्नोलॉजी एंड इनोवेशन फांउडेशन के अध्यक्ष डा डब्लू सेल्वामूर्ती, एमिटी फूड एंड एग्रीकल्चर फांउडेशन की महानिदेशक डा नूतन कौशिक और एमिटी इंस्टीटयूट ऑफ फूड टेक्नोलॉजी के निदेशक डा वी के मोदी ने किया।
मैसूर के सीएसआईआर केन्द्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी अनुसंधान संस्थान की निदेशक डा श्रीदेवी अन्नपूर्णा सिंह ने संबोधित करते हुए कहा कि विश्व की बढ़ रही जनसंख्या के अनुसार हमें भविष्य में लोगों को भोज्य और पोषण युक्त भोजन की उपलब्धता के लिए तैयार रहना होगा। स्थिर खाद्य प्रणाली के अंर्तगत आर्थिक समाजिक और पर्यावरणीय स्तर पर खाद्य सुरक्षा और पोषण दोनो का समावेश होता है जिसमें आने वाले भविष्य के साथ समझौता ना करना पड़ें। स्वास्थ्यवर्धक गुणवत्ता पूर्ण जीवन के संतुलित और विवेकपूर्ण आहार को विकसित करना होगा। आज हमें पोषण सुरक्षा की भी आवश्यकता है क्योकी किसी भी एक स़्त्रोत से सभी प्रकार के पोषण संभव नही है और पोषण तत्वों की कमी से स्वास्थय कमजोर होगा।
एमिटी शिक्षण समूह के संस्थापक अध्यक्ष व प्रसिद्घ शिक्षाविद् डा. अशोक कुमार चौहान ने संबोधित करते हुए कहा कि सभी को खाद्य सुरक्षा के दायरे में लाने के लिए और उनके पूर्ण विकास के लिए पोषण युक्त भोजन उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी हम सभी की है और अकादमिक, वैज्ञानिक, उद्योगों, सभी को मिलकर साझा प्रयास करना होगा। डा चौहान ने कहा कि खाद्य स्थिरता की चुनौतियों का निवारण शोध और नवाचार के माध्यम से ही संभव है और इसके लिए छात्रों को आगे आकर समस्या के निवारणों को खोजना होगा।
एमिटी विश्वविद्यालय उत्तर प्रदेश की वाइस चांसलर डा बलविंदर शुक्ला ने कहा कि खाद्य स्थिरता की चुनौतियों से निपटने के लिए हमें गुणवत्ता के साथ उत्पादकता को बढ़ाना होगा और खाद्य का बर्बाद होने से बचाना होगा। इस अवसर एमिटी फूड एंड एग्रीकल्चर फांउडेशन की महानिदेशक डा नूतन कौशिक और एमिटी इंस्टीटयूट ऑफ फूड टेक्नोलॉजी के निदेशक डा वी के मोदी ने अपने विचार व्यक्त किये।