इस्कॉन ने भाजपा सांसद मेनका गांधी को भेजा 100 करोड़ का मानहानि का नोटिस




Suicide City Kota / राजस्थान के कोटा को इंजीनियरिंग और मेडिकल की कोचिंग का गढ़ माना जाता है। यहाँ हर साल हज़ारों बच्चे इंजीनियरिंग और मेडिकल की प्रवेश परीक्षा की कोचिंग के लिए आते रहे हैं। इस साल जिन 27 छात्रों ने कोटा में आत्महत्या की, उनमें से आधे से ज़्यादा छात्र नाबालिग थे। 12 छात्र ऐसे थे, जिन्होंने कोटा पहुँचने के छह महीने के भीतर ही आत्महत्या कर ली।
आत्महत्या करने वाले ज़्यादातर लडक़े थे और ये छात्र मेडिकल की प्रवेश परीक्षा की तैयारी कर रहे थे। ये छात्र उत्तर भारत ख़ासकर उत्तर प्रदेश और बिहार के रहने वाले थे। इस साल अब तक 27 छात्रों ने आत्महत्या की है। साल 2015 के बाद से ये पहली बार है, जब छात्रों ने इतनी संख्या में आत्महत्या की है। साल 2015 से सरकार ने आत्महत्या के इस आंकड़े को जुटाना पहली बार शुरू किया था। राजस्थान सरकार ने कोचिंग संस्थाओं के दो महीने तक टेस्ट लिए जाने पर रोक लगाई है।
आत्महत्या करने वाला सबसे कम उम्र का छात्र बुलंदशहर से था, उम्र 15 साल। एक महीने पहले ही छात्र कोटा आया था। आत्महत्या करने वाला सबसे बड़ा छात्र प्रयागराज से था, उसकी उम्र 22 साल थी। आठ छात्र यूपी से थे और आठ छात्र बिहार से थे। चार छात्र राजस्थान से थे और एक मध्य प्रदेश से था।
आत्महत्या करने वाला एक छात्र महाराष्ट्र से भी था। 27 में से 17 छात्र नीट की तैयारी कर रहे थे और छह छात्र जेईई की। 17 साल के एक छात्र ने कोटा पहुंचने के एक महीने के भीतर ही आत्महत्या कर ली थी। 15 छात्र गरीब या निम्न मध्यम वर्गीय परिवार से थे। आत्महत्या करने वाले छात्रों में किसी के पिता नाई, किसी के पिता गाड़ी साफ़ करने वाले और कुछ के पिता छोटे किसान थे।
Suicide City Kota / राजस्थान के कोटा को इंजीनियरिंग और मेडिकल की कोचिंग का गढ़ माना जाता है। यहाँ हर साल हज़ारों बच्चे इंजीनियरिंग और मेडिकल की प्रवेश परीक्षा की कोचिंग के लिए आते रहे हैं। इस साल जिन 27 छात्रों ने कोटा में आत्महत्या की, उनमें से आधे से ज़्यादा छात्र नाबालिग थे। 12 छात्र ऐसे थे, जिन्होंने कोटा पहुँचने के छह महीने के भीतर ही आत्महत्या कर ली।
आत्महत्या करने वाले ज़्यादातर लडक़े थे और ये छात्र मेडिकल की प्रवेश परीक्षा की तैयारी कर रहे थे। ये छात्र उत्तर भारत ख़ासकर उत्तर प्रदेश और बिहार के रहने वाले थे। इस साल अब तक 27 छात्रों ने आत्महत्या की है। साल 2015 के बाद से ये पहली बार है, जब छात्रों ने इतनी संख्या में आत्महत्या की है। साल 2015 से सरकार ने आत्महत्या के इस आंकड़े को जुटाना पहली बार शुरू किया था। राजस्थान सरकार ने कोचिंग संस्थाओं के दो महीने तक टेस्ट लिए जाने पर रोक लगाई है।
आत्महत्या करने वाला सबसे कम उम्र का छात्र बुलंदशहर से था, उम्र 15 साल। एक महीने पहले ही छात्र कोटा आया था। आत्महत्या करने वाला सबसे बड़ा छात्र प्रयागराज से था, उसकी उम्र 22 साल थी। आठ छात्र यूपी से थे और आठ छात्र बिहार से थे। चार छात्र राजस्थान से थे और एक मध्य प्रदेश से था।
आत्महत्या करने वाला एक छात्र महाराष्ट्र से भी था। 27 में से 17 छात्र नीट की तैयारी कर रहे थे और छह छात्र जेईई की। 17 साल के एक छात्र ने कोटा पहुंचने के एक महीने के भीतर ही आत्महत्या कर ली थी। 15 छात्र गरीब या निम्न मध्यम वर्गीय परिवार से थे। आत्महत्या करने वाले छात्रों में किसी के पिता नाई, किसी के पिता गाड़ी साफ़ करने वाले और कुछ के पिता छोटे किसान थे।

Ganesh Visarjan 2023: मुंबई की सडक़ों पर बृहस्पतिवार को अदभुत नजारा देखने को मिला। गणेश चतुर्थी के मौके पर गणपति के विसर्जन के दौरान बड़े-बड़े जुलूस निकाले गये। इस दौरान भगवान गणेश के भक्त अबीर और गुलाल उड़ाते नजर आए।
समाचार एजेंसी ANI द्वारा जारी की गई वीडियो में साफ-साफ देख सकते हैं कि भगवान गणपति को विसर्जन के दौरान भक्तों में कितने गजब का उल्लास है।
https://twitter.com/ManchChetna/status/1707308794819297785?t=SoDSrSbvnLvxC7EU-Nahdw&s=08आपको बता दें कि महाराष्ट्र प्रदेश में गणेश चतुर्थी का त्यौहार बेहद हर्षोल्लास से मनाया जाता है। लगातार 11 दिन तक घरों व मंदिरों में भगवान गणपति की पूजा की जाती है। अनेक स्थानों पर उनकी मूर्तियां बैठाई जाती है। इस दौरान तरह-तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। पूरे 11 दिन ऐसा लगता है कि मानो पूरा महाराष्ट्र व मुंबई भगवान गणेश के रंग में रंग गया हो। पूरे 11 दिन बाद गणेश चतुर्थी के दिन भगवान गणपति की मूर्तियों को सागर में विसर्जित किया जाता है। बृहस्पतिवार यानि 28 सितंबर (आज) गणेश चतुर्थी के मौके पर अदभुत नजारे देखने को मिले हैं।
मुंबई के लालबाग में स्थित गणपति के प्रसिद्ध मंदिर का भगवान गणेश के भक्तों के लिए विशेष महत्व है। इस मंदिर में हर साल गणपति पूजा के लिए भगवान गणेश की मूर्ति बैठाई जाती है। इस मंदिर की गणेश पूजा पूरे विश्व में प्रसिद्ध है। इस पूजा का पूरा प्रबंध लालबागचा सार्वजनिक गणेश मंडल नाम की समिति द्वारा किया जता है। इस समिति को हर साल करोड़ों रूपये का चढ़ावा मिलता है। गणेश चतुर्थी के मौके पर बृहस्पतिवार को लालबागचा राजा भगवान गणेश की भव्य विसर्जन यात्रा निकाली गई।
इस दौरान गणपति के भक्त एक दूसरे पर गुलाल उड़ाते व जश्न मनाते नजर आए। जिस-जिस रास्ते से विसर्जन यात्रा गुजरी वहां-वहां इतनी भीड़ थी कि भक्तों को ठीक से पैर रखने का स्थान भी नहीं मिल रहा था। अधिकतर भक्त भगवान गणेश की मूर्ति छूकर उनसे आशीर्वाद लेने का प्रयास कर रहे थे। यात्रा के अंत में भगवान गणपति की प्रतिमा को गोरेगांव स्थित चौपाटी पर अरब सागर में विसर्जित कर दिया जाएगा। यह समाचार लिखे जाने तक भगवान गणेश की विसर्जन यात्रा चल रही थी। इस समाचार को अपडेट किया जा रहा है।
Ganesh Visarjan 2023: मुंबई की सडक़ों पर बृहस्पतिवार को अदभुत नजारा देखने को मिला। गणेश चतुर्थी के मौके पर गणपति के विसर्जन के दौरान बड़े-बड़े जुलूस निकाले गये। इस दौरान भगवान गणेश के भक्त अबीर और गुलाल उड़ाते नजर आए।
समाचार एजेंसी ANI द्वारा जारी की गई वीडियो में साफ-साफ देख सकते हैं कि भगवान गणपति को विसर्जन के दौरान भक्तों में कितने गजब का उल्लास है।
https://twitter.com/ManchChetna/status/1707308794819297785?t=SoDSrSbvnLvxC7EU-Nahdw&s=08आपको बता दें कि महाराष्ट्र प्रदेश में गणेश चतुर्थी का त्यौहार बेहद हर्षोल्लास से मनाया जाता है। लगातार 11 दिन तक घरों व मंदिरों में भगवान गणपति की पूजा की जाती है। अनेक स्थानों पर उनकी मूर्तियां बैठाई जाती है। इस दौरान तरह-तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। पूरे 11 दिन ऐसा लगता है कि मानो पूरा महाराष्ट्र व मुंबई भगवान गणेश के रंग में रंग गया हो। पूरे 11 दिन बाद गणेश चतुर्थी के दिन भगवान गणपति की मूर्तियों को सागर में विसर्जित किया जाता है। बृहस्पतिवार यानि 28 सितंबर (आज) गणेश चतुर्थी के मौके पर अदभुत नजारे देखने को मिले हैं।
मुंबई के लालबाग में स्थित गणपति के प्रसिद्ध मंदिर का भगवान गणेश के भक्तों के लिए विशेष महत्व है। इस मंदिर में हर साल गणपति पूजा के लिए भगवान गणेश की मूर्ति बैठाई जाती है। इस मंदिर की गणेश पूजा पूरे विश्व में प्रसिद्ध है। इस पूजा का पूरा प्रबंध लालबागचा सार्वजनिक गणेश मंडल नाम की समिति द्वारा किया जता है। इस समिति को हर साल करोड़ों रूपये का चढ़ावा मिलता है। गणेश चतुर्थी के मौके पर बृहस्पतिवार को लालबागचा राजा भगवान गणेश की भव्य विसर्जन यात्रा निकाली गई।
इस दौरान गणपति के भक्त एक दूसरे पर गुलाल उड़ाते व जश्न मनाते नजर आए। जिस-जिस रास्ते से विसर्जन यात्रा गुजरी वहां-वहां इतनी भीड़ थी कि भक्तों को ठीक से पैर रखने का स्थान भी नहीं मिल रहा था। अधिकतर भक्त भगवान गणेश की मूर्ति छूकर उनसे आशीर्वाद लेने का प्रयास कर रहे थे। यात्रा के अंत में भगवान गणपति की प्रतिमा को गोरेगांव स्थित चौपाटी पर अरब सागर में विसर्जित कर दिया जाएगा। यह समाचार लिखे जाने तक भगवान गणेश की विसर्जन यात्रा चल रही थी। इस समाचार को अपडेट किया जा रहा है।