G20 Summit 2023 : भारत को रेल के माध्यम से पश्चिम एशिया से जोड़ने की तैयारी, चीन को लगेगी मिर्ची

G20 Bhaarat
G20 Summit 2023
locationभारत
userचेतना मंच
calendar02 Dec 2025 04:32 AM
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G20 Summit 2023 : अब भारत जल्द ही रेल के माध्यम से पश्चित एशिया से जुड़ने वाला है। भारत की अर्थव्यवस्था को देखते हुए यूएई और यूरोप ने इसपर सहमति दे भी दी है। पश्चिम एशिया के साथ भारत का रेल के माध्यम से जुड़ाव होने पर खाड़ी देशों और दक्षिण पूर्व के बीच कारोबार बढ़ेगा और मुनाफा भी होगा।

सूत्रों के अनुसार अमेरिका, सऊदी अरब सहित अन्य देश भारत को रेल मार्ग से पश्चिम एशिया के देशों के साथ जोड़ने के बारे में चर्चा कर रहे हैं। इस मामले के जानकार अमेरिकी अधिकारी ने बताया कि इस क्रम में भारत के बंदरगाह से पश्चिम एशिया के देशों को जोड़ा जा सकता है। इससे खाड़ी देशों और दक्षिण पूर्व के बीच कारोबार बढ़ेगा।

G20 Summit 2023 News in Hindi

इस संबंध में महीनों से चल रही है बातचीत

G20 Summit 2023 : इस बातचीत में संयुक्त अरब अमीरात और यूरोप को भी शामिल किया गया है। इस मामले के जानकार सूत्र ने बताया कि इस हफ्ते G20 के नेताओं की बैठक के बाद इस रेल लाइन के बारे में स्पष्ट परिणाम निकलने की उम्मीद है। इस मामले के जानकार लोगों के अनुसार यह बातचीत महीनों से जारी है।

बता दें कि अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन अपनी भारत यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगे। संभावना यह भी है कि वे इस रेल मार्ग के बारे में सऊदी के शासक मोहम्मद बिन सलमान से भी बातचीत करें।

चीन के वन बेल्ट वन रोड को टक्कर

G20 Summit 2023 : रेल से संबंधित यह योजना महत्वपूर्ण समय पर आगे बढ़ रही है और इस योजना में कई देशों के बंदरगाह जोड़े जा सकते हैं। यह चीन के वन बेल्ट वन रोड परियोजना के जवाब में तैयार की जा रही है। इस क्रम में बाइडन G20 के विकासशील देशों के लिए अमेरिका को वैकल्पिक साझेदार व निवेशक के तौर पर पेश कर रहे हैं।

इस बीच यह भी जानकारी मिली है कि बाइडन प्रशासन मध्य पूर्व में व्यापक राजनयिक सौदा करना चाहता है। इस क्रम में सऊदी अरब को इस्राइल को मान्यता देनी होगी। बहु राष्ट्रों के बीच आधारभूत ढांचे के बारे में पहली जानकारी एक्सियोस ने दी थी।

अधिकारियों के अनुसार इस योजना के फलीभूत होने से राजनयिक प्रभावों से इतर भी प्रभाव आएंगे। इससे शिपिंग का समय घटेगा, लागत भी घटेगी। डीजल का उपयोग होने से कारोबार त्वरित व सस्ता होगा।

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Aditya L1 News : पृथ्वी की कक्षा से संबंधित तीसरी प्रक्रिया सफल, 2 सितंबर को आदित्य एल1 हुआ था लॉन्च

Aditya l1 1
Aditya L1
locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 01:20 AM
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Aditya L1 News : भारत के पहले सूर्य मिशन के तहत सूरज के बाहरी वातावरण के अध्ययन के लिए भेजे गए आदित्य एल1 (Aditya L1) यान की पृथ्वी की कक्षा से संबंधित तीसरी प्रक्रिया रविवार तड़के सफलतापूर्वक पूरी कर ली गई। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने यह जानकारी दी।

इसरो ने बताया कि अंतरिक्ष एजेंसी के बेंगलुरु स्थित 'टेलीमेट्री, ट्रैकिंग एंड कमांड नेटवर्क' (आईएसटीआरएसी) ने इस अभियान को सफलतापूर्वक अंजाम दिया।

इसरो ने सोशल मीडिया पर लिखा कि पृथ्वी की कक्षा से संबंधित तीसरी प्रक्रिया (ईबीएन-3) आईएसटीआरएसी, बेंगलुरु से सफलतापूर्वक पूरी की गई। मॉरीशस, बेंगलुरु, एसडीएससी (सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र)-शार और पोर्ट ब्लेयर में आईएसटीआरएसी/इसरो के केंद्रों ने इस अभियान के दौरान उपग्रह की निगरानी की।

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पृथ्वी की कक्षा से संबंधित चौथी प्रक्रिया 15 सितंबर को

Aditya L1 News : अंतरिक्ष एजेंसी ने बताया कि प्राप्त की गई नयी कक्षा 296 किलोमीटर x 71,767 किलोमीटर है। उसने कहा कि 'आदित्य एल1' की पृथ्वी की कक्षा से संबंधित चौथी प्रक्रिया 15 सितंबर 2023 को भारतीय समयानुसार देर रात लगभग दो बजे निर्धारित है।

बता दें कि 'आदित्य एल1' भारत की पहली अंतरिक्ष आधारित वेधशाला है, जो पृथ्वी से लगभग 15 लाख किलोमीटर दूर स्थित पहले सूर्य-पृथ्वी लैग्रेंजियन बिंदु (एल1) में रहकर सूरज के बाहरी वातावरण का अध्ययन करेगी। इसरो के ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी-सी57) ने 2 सितंबर को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (एसडीएससी) के दूसरे लॉन्च पैड से 'आदित्य एल1' का सफल प्रक्षेपण किया था।

'आदित्य एल1' की कक्षा संबंधी पहली और दूसरी प्रक्रिया को क्रमशः तीन सितंबर और पांच सितंबर को सफलतापूर्वक अंजाम दिया गया था। 'आदित्य एल1' को लैग्रेंज बिंदु एल1 की तरफ स्थानांतरण कक्षा में प्रवेश करने से पहले कक्षा संबंधी एक और प्रक्रिया से गुजरना होगा।

इच्छित कक्षा तक पहुंचने में लगेंगे 127 दिन

Aditya L1 News : इन प्रक्रियाओं को पृथ्वी के चारों ओर 'आदित्य एल1' की 16-दिवसीय यात्रा के दौरान अंजाम दिए जाने की जरूरत है, जब यान एल1 तक अपनी आगे की यात्रा के लिए आवश्यक वेग प्राप्त करेगा। इसरो ने प्रक्षेपण के तुरंत बाद कहा था कि 'आदित्य एल1' के लगभग 127 दिनों के बाद एल1 बिंदु पर इच्छित कक्षा में पहुंचने की संभावना है।

अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा कि एल1 बिंदु के चारों ओर प्रभामंडल कक्षा में स्थापित यान को बिना किसी रुकावट या ग्रहण के सूर्य पर लगातार नजर रखने का लाभ मिलता है। इससे वास्तविक समय में सौर गतिविधियों और अंतरिक्ष के मौसम पर उनके प्रभाव का आकलन करना संभव हो पाता है।

सात वैज्ञानिक उपकरण लेकर गया है आदित्य एल1

Aditya L1 News : 'आदित्य एल1' इसरो और भारतीय ताराभौतिकी संस्थान, बेंगलुरु तथा' इंटर-यूनिवर्सिटी सेंटर फॉर एस्ट्रोनॉमी एंड एस्ट्रोफिजिक्स, पुणे' सहित अन्य राष्ट्रीय अनुसंधान प्रयोगशालाओं द्वारा स्वदेशी रूप से विकसित सात वैज्ञानिक उपकरण लेकर गया है। ये उपकरण विद्युत-चुंबकीय कण और चुंबकीय क्षेत्र डिटेक्टर का इस्तेमाल कर प्रकाशमंडल, क्रोमोस्फीयर और सूर्य की सबसे बाहरी परतों-कोरोना-का अध्ययन करेंगे।

'आदित्य एल1' के चार उपकरण विशेष सुविधाजनक बिंदु एल1 का उपयोग करते हुए सीधे सूर्य पर नजर रखेंगे, जबकि बाकी तीन उपकरण एल1 पर कणों और क्षेत्रों का 'इन-सीटू' (यथा-स्थान) अध्ययन करेंगे, जिससे अंतरग्रहीय माध्यम में सौर गतिशीलता के प्रभाव पर महत्वपूर्ण डेटा हासिल होने की उम्मीद है।

आदित्य एल1 से कई महत्वपूर्ण डेटा मिलनी की संभावना

Aditya L1 News : 'आदित्य एल1' के उपकरणों से सूर्य के परिमंडल की गर्मी और सौर हवा, सूर्य पर आने वाले भूकंप या 'कोरोनल मास इजेक्शन' (सीएमई), पृथ्वी के करीब अंतरिक्ष मौसम, अंतरिक्ष मौसम की गतिशीलता और कणों एवं क्षेत्रों के प्रसार आदि को समझने के लिए सबसे महत्वपूर्ण डेटा मिलने की संभावना है।

वैज्ञानिकों के अनुसार, पृथ्वी और सूर्य के बीच पांच 'लैग्रेंजियन' बिंदु (या पार्किंग क्षेत्र) हैं, जहां पहुंचने पर कोई वस्तु वहीं रुक जाती है। लैग्रेंजियन बिंदुओं का नाम इतालवी-फ्रांसीसी गणितज्ञ जोसेफ-लुई लैग्रेंज के नाम पर रखा गया है।

अंतरिक्ष यान इन बिंदुओं का इस्तेमाल अंतरिक्ष में कम ईंधन खपत के साथ लंबे समय तक रहने के लिए कर सकते हैं। लैग्रेंजियन बिंदु पर सूर्य और पृथ्वी के बीच गुरुत्वाकर्षण बल संतुलित होता है, जिससे किसी उपग्रह को इस बिंदु पर रोकने में आसानी होती है।

G20 Summit 2023 : यूक्रेन पर आम सहमति बनाने के लिए 200 घंटे लगातार हुई बातचीत, की गईं 300 द्विपक्षीय बैठकें

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G20 Summit 2023 : यूक्रेन पर आम सहमति बनाने के लिए 200 घंटे लगातार हुई बातचीत, की गईं 300 द्विपक्षीय बैठकें

Amitabh kant
G20 Summit 2023
locationभारत
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calendar01 Dec 2025 01:21 AM
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G20 Summit 2023 : भारत के G20 शेरपा अमिताभ कांत ने रविवार को कहा कि यहां 'लीडर्स समिट' (Leaders Summit) में अपनाए गए 'G20 घोषणापत्र' (G20 Declaration) पर आम सहमति बनाने के लिए भारतीय राजनयिकों के एक दल ने 200 घंटे से भी अधिक समय तक लगातार बातचीत की।

संयुक्त सचिव ई गंभीर और के नागराज नायडू समेत राजनयिकों के एक दल ने 300 द्विपक्षीय बैठकें कीं और 'G20 लीडर्स समिट' के पहले दिन ही सर्वसम्मति बनाने के लिए विवादास्पद यूक्रेन संघर्ष पर अपने समकक्षों को 15 मसौदे वितरित किए।

अमिताभ कांत ने कहा कि पूरे G20 शिखर सम्मेलन का सबसे जटिल हिस्सा भूराजनीतिक पैराग्राफ (रूस-यूक्रेन) पर आम सहमति बनाना था। यह 200 घंटे से अधिक समय तक लगातार बातचीत, 300 द्विपक्षीय बैठकों, 15 मसौदों के साथ किया गया। उन्होंने कहा कि इस प्रयास में नायडू और गंभीर ने उनका काफी सहयोग किया।

G20 Summit 2023 News in Hindi

उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं की रही अग्रणी भूमिका

G20 Summit 2023 : उन्होंने बताया कि भारत इस विवादित मुद्दे पर G20 देशों के बीच अभूतपूर्व आम सहमति बनाने में कामयाब रहा और ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका और इंडोनेशिया जैसी उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं ने इसमें अग्रणी भूमिका निभाई।

'G20 लीडर्स डिक्लेरेशन' में यूक्रेन पर रूस के आक्रमण का उल्लेख करने से बचा गया। इसके बजाय सभी देशों से एक-दूसरे की क्षेत्रीय अखंडता एवं संप्रभुत्ता के सिद्धांतों का सम्मान करने का आह्वान किया गया।

घोषणापत्र में कहा गया है कि हम सभी देशों से क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता, अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून एवं शांति तथा स्थिरता की रक्षा करने वाली बहुपक्षीय प्रणाली सहित अंतरराष्ट्रीय कानून के सिद्धांतों को बनाए रखने का आह्वान करते हैं।

G20 Summit 2023 : जी20 के घोषणा पत्र पर यूक्रेन ने की सबकी बोलती बंद

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