Parliament News : कांग्रेस सांसदों का निलंबन रद्द होने के बाद लोकसभा में मूल्य वृद्धि पर चर्चा शुरू
Om Birla
भारत
चेतना मंच
27 Nov 2025 11:37 PM
New Delhi : नई दिल्ली। कांग्रेस सांसदों का निलबंन रद्द होने के बाद लोकसभा में गतिरोध खत्म हो गया है। इसके साथी संसद में मूल्य वृद्धि पर चर्चा शुरू हो गई। केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी (Union Minister Prahlad Joshi) ने कांग्रेस के सांसदों का निलंबन समाप्त करने के लिए प्रस्ताव पेश किया, जिसे सदन ने स्वीकार कर लिया।
कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी (Congress leader Adhir Ranjan Chowdhury) ने कहा कि जनता हमें यहां पर जिम्मेदारी निभाने के लिए भेजती है। मैं यह कहना चाहता हूं कि पहले अपने गिरेबान में झांककर देखा जाए। क्योंकि एक-दूसरे पर इल्जाम लगाना बहुत आसान होता है। हम शुरू से कह रहे हैं कि हमारे निलंबित सांसदों का निलंबन रद्द किया जाए। उन्होंने कहा कि सरकार के रवैये के चलते कभी-कभी हमें प्रदर्शन करना पड़ता है। ऐसे में मैं चाहता हूं कि सभी मुद्दों के समाधान निकालने के लिए एक रूल्स कमेटी बुलाई जाए। इसमें सभी सत्ता पक्ष और विपक्ष मिलकर एक सहमति बनाकर कुछ उपाय निकालें। हम आपको (लोकसभा अध्यक्ष) दुख देने का कोई इरादा नहीं रखते हैं। अगर आपको चोट पहुंची है तो हम अपने सभी सांसदों से बात करेंगे। अधीर रंजन ने कहा कि सदन के भीतर महामहिम को नाम से कोई केंद्रीय मंत्री पुकारे, यह भी ठीक नहीं है। ऐसे में मैं निलंबित सांसदों को फिर से बहाल करने की मांग करता हूं।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला(Lok Sabha Speaker Om Birla) ने कहा कि सदन आप सभी लोगों का है। इसकी जितनी मर्यादा और प्रतिष्ठा बनाएंगे वो आपकी बनेगी। इसमें सार्वजनिक तौर पर एक सर्वसम्मति बननी चाहिए कि इसमें प्लेकार्ड लेकर नहीं लाना चाहिए। उन्होंने कहा कि मैं सदन के सभी दलों से अनुरोध करूंगा कि प्ले कार्ड सदन के अंदर न लाएं। अगर कोई भी सांसद सदन में प्ले कार्ड लेकर आते हैं तो मैं निश्चित रूप से कार्रवाई करूंगा। मैं उन्हें आखिरी मौका दे रहा हूं।
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27 Nov 2025 11:37 PM
New Delhi : नई दिल्ली। कांग्रेस सांसदों का निलबंन रद्द होने के बाद लोकसभा में गतिरोध खत्म हो गया है। इसके साथी संसद में मूल्य वृद्धि पर चर्चा शुरू हो गई। केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी (Union Minister Prahlad Joshi) ने कांग्रेस के सांसदों का निलंबन समाप्त करने के लिए प्रस्ताव पेश किया, जिसे सदन ने स्वीकार कर लिया।
कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी (Congress leader Adhir Ranjan Chowdhury) ने कहा कि जनता हमें यहां पर जिम्मेदारी निभाने के लिए भेजती है। मैं यह कहना चाहता हूं कि पहले अपने गिरेबान में झांककर देखा जाए। क्योंकि एक-दूसरे पर इल्जाम लगाना बहुत आसान होता है। हम शुरू से कह रहे हैं कि हमारे निलंबित सांसदों का निलंबन रद्द किया जाए। उन्होंने कहा कि सरकार के रवैये के चलते कभी-कभी हमें प्रदर्शन करना पड़ता है। ऐसे में मैं चाहता हूं कि सभी मुद्दों के समाधान निकालने के लिए एक रूल्स कमेटी बुलाई जाए। इसमें सभी सत्ता पक्ष और विपक्ष मिलकर एक सहमति बनाकर कुछ उपाय निकालें। हम आपको (लोकसभा अध्यक्ष) दुख देने का कोई इरादा नहीं रखते हैं। अगर आपको चोट पहुंची है तो हम अपने सभी सांसदों से बात करेंगे। अधीर रंजन ने कहा कि सदन के भीतर महामहिम को नाम से कोई केंद्रीय मंत्री पुकारे, यह भी ठीक नहीं है। ऐसे में मैं निलंबित सांसदों को फिर से बहाल करने की मांग करता हूं।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला(Lok Sabha Speaker Om Birla) ने कहा कि सदन आप सभी लोगों का है। इसकी जितनी मर्यादा और प्रतिष्ठा बनाएंगे वो आपकी बनेगी। इसमें सार्वजनिक तौर पर एक सर्वसम्मति बननी चाहिए कि इसमें प्लेकार्ड लेकर नहीं लाना चाहिए। उन्होंने कहा कि मैं सदन के सभी दलों से अनुरोध करूंगा कि प्ले कार्ड सदन के अंदर न लाएं। अगर कोई भी सांसद सदन में प्ले कार्ड लेकर आते हैं तो मैं निश्चित रूप से कार्रवाई करूंगा। मैं उन्हें आखिरी मौका दे रहा हूं।
अब छोटे बच्चों को भी समझ में आने लगे हैं महंगाई के मायने
PM Modi Jammu-Kashmir Visit
भारत
चेतना मंच
01 Aug 2022 07:55 PM
देश में बेतहाशा महंगाई से सिर्फ घर चलाने वाले ही परेशान नहीं हैं। छोटे बच्चों को भी अब महंगाई के मायने समझ में आने लगे हैं। छोटे छोटे बच्चों को भी पता चल गया कि बेतहाशा महंगाई के कारण उसे पेंसिल मिलने में भी दिक्कतें होने लगी हैं। पेंसिल और रबड़ खरीदने के लिए कहने पर मां डांटती है। ऐसा ही एक वाकया कन्नौज जिले में सामने आया है। एक पांच साल की बच्ची ने पीएम मोदी को खत लिखकर अपनी करुण दास्तान सुनाई है।
पांच साल की बच्ची ने पीएम मोदी को जो खत लिखा है, उसका मजमून इस प्रकार है- मोदीजी! आपने बहुत महंगाई कर दी है। पेंसिल रबड़ तक महंगी कर दी है। मेरी मैगी के दाम भी बढ़ा दिए हैं। पेंसिल मांगने पर मेरी मां मारती है। मैं क्या करूं? बच्चे मेरी पेंसिल चोरी कर लेते हैं। कुछ इस तरह की बात लिखकर पांच साल की छात्रा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खत लिखा है।
उत्तर प्रदेश के कन्नौज जिले में छिबरामऊ नगर के मोहल्ला बिरतिया निवासी विशाल दुबे एडवोकेट की पुत्री कृति दुबे (5) ने साधारण डाक से पत्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखकर महंगाई का रोना रोया है। कृति दुबे सुप्रभाष अकादमी में कक्षा एक की छात्रा है। बच्ची ने बड़ी ही मासूमियत से पत्र में अपनी परेशानी लिखकर महंगाई बढ़ाने पर प्रधानमंत्री मोदी से शिकायत की है।
यह पत्र चर्चा का विषय बना हुआ है। कृति की मां आरती का कहना है कि बेटी ने अपनी स्वेच्छा से प्रधानमंत्री को संबोधित करते हुए पत्र लिखा है। अपने पापा पर दबाव बनाकर पत्र को डाक के माध्यम से प्रधानमंत्री मोदी को भेजा है। बता दें कि छात्रा कृति दुबे के द्वारा लिखा गया ये पत्र सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है।
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चेतना मंच
01 Aug 2022 07:55 PM
देश में बेतहाशा महंगाई से सिर्फ घर चलाने वाले ही परेशान नहीं हैं। छोटे बच्चों को भी अब महंगाई के मायने समझ में आने लगे हैं। छोटे छोटे बच्चों को भी पता चल गया कि बेतहाशा महंगाई के कारण उसे पेंसिल मिलने में भी दिक्कतें होने लगी हैं। पेंसिल और रबड़ खरीदने के लिए कहने पर मां डांटती है। ऐसा ही एक वाकया कन्नौज जिले में सामने आया है। एक पांच साल की बच्ची ने पीएम मोदी को खत लिखकर अपनी करुण दास्तान सुनाई है।
पांच साल की बच्ची ने पीएम मोदी को जो खत लिखा है, उसका मजमून इस प्रकार है- मोदीजी! आपने बहुत महंगाई कर दी है। पेंसिल रबड़ तक महंगी कर दी है। मेरी मैगी के दाम भी बढ़ा दिए हैं। पेंसिल मांगने पर मेरी मां मारती है। मैं क्या करूं? बच्चे मेरी पेंसिल चोरी कर लेते हैं। कुछ इस तरह की बात लिखकर पांच साल की छात्रा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खत लिखा है।
उत्तर प्रदेश के कन्नौज जिले में छिबरामऊ नगर के मोहल्ला बिरतिया निवासी विशाल दुबे एडवोकेट की पुत्री कृति दुबे (5) ने साधारण डाक से पत्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखकर महंगाई का रोना रोया है। कृति दुबे सुप्रभाष अकादमी में कक्षा एक की छात्रा है। बच्ची ने बड़ी ही मासूमियत से पत्र में अपनी परेशानी लिखकर महंगाई बढ़ाने पर प्रधानमंत्री मोदी से शिकायत की है।
यह पत्र चर्चा का विषय बना हुआ है। कृति की मां आरती का कहना है कि बेटी ने अपनी स्वेच्छा से प्रधानमंत्री को संबोधित करते हुए पत्र लिखा है। अपने पापा पर दबाव बनाकर पत्र को डाक के माध्यम से प्रधानमंत्री मोदी को भेजा है। बता दें कि छात्रा कृति दुबे के द्वारा लिखा गया ये पत्र सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है।
Political News : अनेक निहितार्थ है ‘सेना’ नेता की गिरफ्तारी के, बागियों को संदेश
भारत
चेतना मंच
02 Dec 2025 02:08 AM
आरपी रघुवंशी
Political News : कहते हैं सियासत में जो दिखता है, वह होता नहीं है। और, जो होता है, वह दिखता नहीं है। महाराष्ट्र की मौजूदा राजनीति भी कुछ ऐसे ही रास्ते पर चल रही है। शिवसेना(Shiv Sena) के मुख्य प्रवक्ता और दिग्गज नेता संजय राउत (Sanjay Raut) की गिरफ्तारी के भी कई सियासी मायने निकाले जा रहे हैं। चर्चा है कि राउत की गिरफ्तारी शिंदे गुट के उन बागी विधायकों पर दबाव बनाने के लिए की गई है, जो मंत्री पद के आकांक्षी हैं।
संजय की गिरफ्तारी के पीछे ईडी (ED)जो कहानी बता रहा है, हो सकता है उसमें सच्चाई हो। लेकिन, इससे इतर भी एक कहानी है। उसे समझने के लिए कुछ पहले जाना होगा। महाराष्ट्र की राजनीति के जानकारों का कहना है कि शिवसेना में बगावत के पीछे संजय राउत एक बड़ा कारण रहे हैं। पार्टी नेताओं और विधायकों के साथ उनका बर्ताव अच्छा नहीं था। वह खुद को शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे से कम नहीं समझते थे। धीरे-धीरे यह चिंगारी दहक उठी और नतीजा पार्टी में टूट के रूप में सबके सामने आया।
जानकार बताते हैं कि भाजपा की ओर से शिवसेना के बागी विधायकों को ‘पूरा सम्मान’ देने का भरोसा दिया गया था। लालच में आकर विधायकों ने पाला बदल लिया। अब हर बागी विधायक मंत्री बनने का ख्वाहिशमंद हैं, लेकिन यह संभव नहीं हो पा रहा है। विधायकों के दबाव के कारण ही सरकार गठन के एक माह बाद भी मंत्रिमंडल का गठन नहीं हो पाया है। इस मसले को हल करने के लिए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस एक माह में चार बार दिल्ली दरबार में दस्तक दे चुके हैं। लेकिन, अब तक कोई ठोस हल नहीं निकल पाया है।
भाजपा के शीर्ष नेताओं को पता है कि अगर शिवसेना से रूठकर आए बागी विधायकों को दिए वादे को पूरा नहीं किया गया तो वे ‘घर वापसी’ कर सकते हैं। अगर ऐसा हुआ तो सरकार गिरने का खतरा पैदा हो जाएगा। इसलिए भाजपा और शिंदे की ओर से बहुत संभलकर कदम बढ़ाए जा रहे हैं। अभी कुछ दिन पहले ही संजय राउत ने दावा किया था कि महाराष्ट्र में एक बार फिर सत्ता परिवर्तन होगा। जानकार बताते हैं कि शिंदे गुट के 40 विधायकों में कई ऐसे हैं, जो दागी हैं। ऐसे में संजय राउत की गिरफ्तारी से महत्वाकांक्षा पाले विधायकों को कड़ा संदेश देने की कोशिश की गई है।
संजय राउत की गिरफ्तारी को बागी विधायकों पर दबाव बनाने की कवायद के रूप में देखा जा रहा है। पहला यह कि वे अपने लिए मंत्री पद की जिद छोड़ दें। दूसरा, असंतुष्ट होकर ‘घर वापसी’ की कोशिश करने पर उनका भी हश्र संजय राउत जैसा हो सकता है। जानकारों का कहना है कि संजय राउत की गिरफ्तारी से भाजपा यदि बागियों को संदेश देने में सफल हुई तो उम्मीद है कि महाराष्ट्र में मंत्रिमंडल के गठन का रास्ता अतिशीघ्र साफ हो जाएगा। बाकी तो पाठक जानते ही हैं कि राजनीति में कभी भी कुछ भी हो सकता है।
भारत
चेतना मंच
02 Dec 2025 02:08 AM
आरपी रघुवंशी
Political News : कहते हैं सियासत में जो दिखता है, वह होता नहीं है। और, जो होता है, वह दिखता नहीं है। महाराष्ट्र की मौजूदा राजनीति भी कुछ ऐसे ही रास्ते पर चल रही है। शिवसेना(Shiv Sena) के मुख्य प्रवक्ता और दिग्गज नेता संजय राउत (Sanjay Raut) की गिरफ्तारी के भी कई सियासी मायने निकाले जा रहे हैं। चर्चा है कि राउत की गिरफ्तारी शिंदे गुट के उन बागी विधायकों पर दबाव बनाने के लिए की गई है, जो मंत्री पद के आकांक्षी हैं।
संजय की गिरफ्तारी के पीछे ईडी (ED)जो कहानी बता रहा है, हो सकता है उसमें सच्चाई हो। लेकिन, इससे इतर भी एक कहानी है। उसे समझने के लिए कुछ पहले जाना होगा। महाराष्ट्र की राजनीति के जानकारों का कहना है कि शिवसेना में बगावत के पीछे संजय राउत एक बड़ा कारण रहे हैं। पार्टी नेताओं और विधायकों के साथ उनका बर्ताव अच्छा नहीं था। वह खुद को शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे से कम नहीं समझते थे। धीरे-धीरे यह चिंगारी दहक उठी और नतीजा पार्टी में टूट के रूप में सबके सामने आया।
जानकार बताते हैं कि भाजपा की ओर से शिवसेना के बागी विधायकों को ‘पूरा सम्मान’ देने का भरोसा दिया गया था। लालच में आकर विधायकों ने पाला बदल लिया। अब हर बागी विधायक मंत्री बनने का ख्वाहिशमंद हैं, लेकिन यह संभव नहीं हो पा रहा है। विधायकों के दबाव के कारण ही सरकार गठन के एक माह बाद भी मंत्रिमंडल का गठन नहीं हो पाया है। इस मसले को हल करने के लिए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस एक माह में चार बार दिल्ली दरबार में दस्तक दे चुके हैं। लेकिन, अब तक कोई ठोस हल नहीं निकल पाया है।
भाजपा के शीर्ष नेताओं को पता है कि अगर शिवसेना से रूठकर आए बागी विधायकों को दिए वादे को पूरा नहीं किया गया तो वे ‘घर वापसी’ कर सकते हैं। अगर ऐसा हुआ तो सरकार गिरने का खतरा पैदा हो जाएगा। इसलिए भाजपा और शिंदे की ओर से बहुत संभलकर कदम बढ़ाए जा रहे हैं। अभी कुछ दिन पहले ही संजय राउत ने दावा किया था कि महाराष्ट्र में एक बार फिर सत्ता परिवर्तन होगा। जानकार बताते हैं कि शिंदे गुट के 40 विधायकों में कई ऐसे हैं, जो दागी हैं। ऐसे में संजय राउत की गिरफ्तारी से महत्वाकांक्षा पाले विधायकों को कड़ा संदेश देने की कोशिश की गई है।
संजय राउत की गिरफ्तारी को बागी विधायकों पर दबाव बनाने की कवायद के रूप में देखा जा रहा है। पहला यह कि वे अपने लिए मंत्री पद की जिद छोड़ दें। दूसरा, असंतुष्ट होकर ‘घर वापसी’ की कोशिश करने पर उनका भी हश्र संजय राउत जैसा हो सकता है। जानकारों का कहना है कि संजय राउत की गिरफ्तारी से भाजपा यदि बागियों को संदेश देने में सफल हुई तो उम्मीद है कि महाराष्ट्र में मंत्रिमंडल के गठन का रास्ता अतिशीघ्र साफ हो जाएगा। बाकी तो पाठक जानते ही हैं कि राजनीति में कभी भी कुछ भी हो सकता है।