Political : राजे, मेघवाल ने मेरी सरकार को षड्यंत्र से बचाया : गहलोत

Ashok 1
Raje, Meghwal saved my government from conspiracy: Gehlot
locationभारत
userचेतना मंच
calendar29 Nov 2025 05:17 PM
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धौलपुर (राजस्थान)। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि 2020 में उनकी सरकार राजनीतिक संकट से बच गई, क्योंकि पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष और विधायक कैलाश मेघवाल ने पैसों के बल पर उनकी सरकार को गिराने के षड्यंत्र का समर्थन नहीं किया।

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शाह, प्रधान और शेखावत ने रचा था षडयंत्र

अशोक गहलोत ने केन्द्रीय मंत्रियों अमित शाह, धर्मेन्द्र प्रधान और गजेन्द्र सिंह शेखावत पर अपनी सरकार को गिराये जाने का षड्यंत्र रचने का भी आरोप लगाया, जिसे खारिज करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने कहा कि गहलोत इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव में हार की आशंका से झूठ बोल रहे हैं। राजे ने कहा कि गृह मंत्री अमित शाह की ईमानदारी और सत्य निष्ठा सर्वविदित है।

बगावत के बाद चली गई थी पायलट की कुर्सी

गहलोत ने 2020 में कांग्रेस से बगावत करने वाले विधायकों पर भी निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से लिए गए पैसे वापस करने चाहिए, ताकि वे बिना किसी दबाव के अपना काम कर सकें। गौरतलब है कि तत्कालीन उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट और 18 अन्य कांग्रेस विधायकों ने जुलाई 2020 में गहलोत के नेतृत्व के खिलाफ बगावत कर दी थी। पार्टी आलाकमान के हस्तक्षेप के बाद महीनेभर चला संकट समाप्त हुआ था। इसके बाद पायलट को उपमुख्यमंत्री और राज्य कांग्रेस अध्यक्ष के पद से हटा दिया गया था।

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शेखावत की भी सरकार गिराने की रची गई थी साजिश

धौलपुर में वसुंधरा राजे के गृह क्षेत्र में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए गहलोत ने कहा कि उन्होंने राजस्थान में भैंरो सिंह शेखावत के नेतृत्व वाली भाजपा नीत सरकार को गिराने का समर्थन नहीं किया था, जिस समय वह प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष थे। उन्होंने कहा कि यह अनुचित था और ऐसा ही कैलाश मेघवाल ने तथा वसुंधरा राजे सिंधिया ने किया। गहलोत ने कहा कि दोनों भाजपा नेताओं ने कहा कि हमारे यहां कभी चुनी हुई सरकारों को पैसे के बल पर गिराने की परंपरा नहीं रही है। गहलोत ने दावा किया कि जब भैंरो सिंह शेखावत मुख्यमंत्री थे और इलाज कराने अमेरिका गये थे, उस समय भी खरीद-फरोख्त करके उनकी सरकार को गिराने की साजिश रची जा रही थी। उस समय वह प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष थे और उन्होंने इस साजिश में साथ नहीं दिया था। उन्होंने कहा कि वो ही बात कैलाश मेघवाल और वसुंधरा राजे सिंधिया ने कही कि हमारे यहां कभी परंपरा नहीं रही है, पैसे के बल पर इस प्रकार चुनी हुई सरकारों को गिराने की।

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दूध और नींबू का रस कभी नहीं मिल सकता

गहलोत ने कहा कि भाजपा विधायक शोभारानी ने भी वसुंधरा राजे और कैलाश मेघवाल की बात सुनी और कहा कि उन्हें भी ऐसे लोगों का साथ नहीं देना चाहिए। इसलिये हमारी सरकार बची है। जिंदगी में यह घटना मैं कभी भूल नहीं सकता, जो मेरे साथ बीती थी। गौरतलब है कि गहलोत और राजे पर अक्सर उनके विरोधी एक-दूसरे के प्रति नरम रुख रखने का आरोप लगाते हैं। हालांकि, कुछ दिन पहले राजे ने गहलोत के साथ मिलीभगत के आरोपों को झूठ बताते हुए खारिज कर दिया था और कहा था कि ‘दूध और नींबू’ का रस कभी नहीं मिल सकता।

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बहुत खतरनाक खेल खेलते हैं अमित शाह

गहलोत ने दावा किया कि जो संकट हमारे ऊपर आया था, केन्द्रीय मंत्री अमित शाह, धर्मेन्द्र प्रधान, गजेन्द्र शेखावत इन सबने मिलकर षड्यंत्र किया था। उन्होंने राजस्थान में पैसे बांटे थे। वे पैसे वापस नहीं ले रहे हैं। मुझे चिंता लगी हुई है। पैसा क्यों नहीं ले रहे हैं। वापस क्यों नहीं मांग रहे हैं इनसे (विधायको से) पैसा। मैंने हमारे विधायकों से कह दिया है कि जिससे पैसा लिया है, वो लौटा दो। मान लो 10 करोड़ रुपये लिया है। 20 करोड़ रुपये लिया है, जो भी लिया है। मानो उसमें से आपने कुछ खर्च कर दिया हो, वो खर्च किया हुआ हिस्सा मैं दे दूंगा। कांग्रेस से दिलवा दूंगा। गहलोत ने कहा कि उनका पैसा मत रखो। उनका पैसा रखोगे तो हमेशा अमित शाह आप पर दबाव बनाकर रखेंगे। वह गृह मंत्री हैं। वह डराएंगे, धमकाएंगे, जैसे वह गुजरात में डराते, धमकाते हैं। उन्होंने महाराष्ट्र में धमकी देकर शिवसेना के दो टुकडे़ करा दिये। 25 विधायकों को ले गये। बहुत खतरनाक खेल खेलते हैं अमित शाह। उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने मुझे तीन बार मुख्यमंत्री बनाया तो मेरा कर्तव्य बनता है कि मैं पुरानी बात भूलकर सबको साथ लेकर चलूं और पार्टी को विधानसभा चुनाव में वापस जिताकर लाऊं।

हार के डर से झूठ बोल रहे गहलोत

दूसरी ओर, वसुन्धरा राजे ने गहलोत के दावे को खारिज करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव में हार से भयभीत होकर झूठ बोल रहे हैं। राजे ने कहा कि रिश्वत लेना और देना दोनों अपराध हैं। यदि उनके विधायकों ने पैसा लिया है तो गहलोत प्राथमिकी दर्ज करवाएं। उन्होंने कहा कि सच तो यह है कि अपनी ही पार्टी में हो रही बग़ावत और रसातल में जाते जनाधार के कारण बौखलाहट में गहलोत ने ऐसे अमर्यादित और असत्य आरोप लगाए हैं। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि विधायकों की ख़रीद-फरोख़्त में स्वयं गहलोत को महारत हासिल है, जिन्होंने 2008 और 2018 में अल्पमत में होने के बावजूद सरकार बनाई। हम भी सरकार बना सकते थे, लेकिन यह भाजपा के सिद्धांतों के ख़िलाफ़ था। राजे ने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा मेरी तारीफ करना मेरे ख़िलाफ उनका एक बड़ा षड्यंत्र है। मेरा जितना अपमान गहलोत ने किया, कोई कर ही नहीं सकता। वह 2023 के चुनाव में होने वाली ऐतिहासिक हार से बचने के लिए ऐसी मनगढ़ंत कहानियां गढ़ रहें हैं, जो दुर्भाग्यपूर्ण है। उनकी ये चाल कामयाब होने वाली नहीं है। देश विदेशकी खबरों से अपडेट रहने लिएचेतना मंचके साथ जुड़े रहें। देशदुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें।
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Special Story : कुत्ते क्यों हो रहे खूंखार, सारे इलाज बेकार, डरा रहे आंकड़े

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Special Story: Why are dogs becoming ferocious, all treatments are useless, figures are frightening
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userचेतना मंच
calendar08 May 2023 04:09 PM
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Special Story : आजकल इंसान के सबसे अधिक वफादार कहे जाने वाले जानवर कुत्ता अचानक से हमलावर हो गया है। पिछले कुछ माह से देश के कई शहरों से कुत्तों के हमला करने की खबर सुर्खियों में आई, जिसमें कुत्तों के हमलों से मासूम बच्चों और बुजुर्गों की मौत तक हो गई। गर्मियों में इसकी संख्या अधिक हो जाती है। आखिर कुत्ते अचानक क्यों इंसानों पर हमलावर हो रहे हैं।

Special Story :

  डराते हैं आंकड़े यदि सिर्फ कानपुर शहर की ही बात की जाए तो वहां के सिर्फ दो सरकारी अस्पतालों में कुत्ते काटने के मामले एक महीने में करीब एक हजार के आसपास पहुंच गए हैं। वहीं कानपुर नगर निगम के अनुसार कानपुर शहर में तकरीबन 19 हजार कुत्ते हैं। यह महज आंकड़ा है जबकि इससे कहीं अधिक कुत्ते शहर में हो सकते हैं जो कि आए दिन किसी ने किसी को काट कर चोटिल किए रहते हैं। इसमें कई लोगों की मौत भी हो गई है। इसी तरह नोएडा, लखनउ, इटावा, बांदा, दिल्ली आदि शहरों में भी कुत्तों के काटने के एक हजार से अधिक मामले एक माह में सामने आए हैं। कुत्तों को काबू करने के प्रयास किये जा रहे हैं, लेकिन वे नाकामयाब ही साबित हो रहे हैं। गर्मी न निकलना भी है कारण आवारा कुत्तों के हमलावर होने और खूंखार होने के पीछे कारण को जानने के लिए कानपुर चिड़ियाघर के उपनिदेशक और पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ अनुराग बताते हैं कि गर्मियों में कुत्ते ज्यादा आक्रामक हो जाते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि कुत्तों में पसीना शरीर से बाहर निकलने की ग्रंथियां नहीं होती है। ऐसे में जीभ निकालकर वह पैटिग करते हैं हांफ कर और लार के द्वारा अपनी गर्मी को निकालते हैं। लेकिन जब गर्मी ज्यादा हो जाती है, तो कुत्तों के शरीर का तापमान बढ़ जाता है। ऐसे में यह आवारा कुत्ते बेहद खूंखार हो जाते हैं। एक कारण कुत्तों की सरकारी स्तर पर हो रही नसबंदी भी है। नसबंदी करके कुत्तों को नगर निगम द्वारा छोड़ दिया जाता है। इसके बाद शरीर में बदलाव को वह सहन नहीं कर पाते हैं। खाली पेट भी हो रहे खूंखार लखनउ के पशुचिकित्सक डा. वीरेंद्र रस्तोगी कहते हैं कि आमतौर पर शहरी इलाकों में आवारा कुत्तों में आक्रमकता का एक कारण भूख और प्यास भी है। दरअसल, उन्हें सड़कर पर भरपेट खाना-पानी नहीं मिल पाता है। इस वजह से ऐसे में सुबह या शाम को जब वह भूखे होते हैं, तो किसी के हाथ में कोई सामान देखते ही उस तरफ भागने लगते हैं। ऐसे में जब सामने वाला डराता है, तो कुत्ते हमलावर हो जाते हैं। वे अपनी शिकार वाली मनोवृति में चले जाते हैं। ऐसे में वह कुछ भी खाने को मजबूर हो जाते हैं। शायद भरपेट खाना न मिल पाना भी एक कारण है उनके हमलावर होने का। पशु चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि कुत्ते जंगली प्रवृत्ति के होते हैं। जंगली कुत्तों और शहर के आवारा कुत्तों में फर्क नहीं होता है। कुत्ते खूंखार प्रवृत्ति के होते हैं, लेकिन जो शहर में कुत्ते इंसानों के बीच रहते हैं अगर उन्हें खाना पानी नहीं मिलता तो वह जंगली कुत्तों की तरह ही खूंखार हो जाते हैं। कुत्ते झुंड में रहना पसंद करते हैं। झुंड में ही वह हमला भी बोलते हैं। हमले के लिए चुनते सॉफ्ट टारगेट डॉ अनुराग ने बताया कि कुत्तों में जब प्रजनन काल का मौसम होता है, तो उनमें हार्मोनल बदलाव आ रहे होते हैं। इन दिनों कुत्ते दोगुना तक ज्यादा आक्रामक हो जाते हैं। इसलिए उनसे जरा सी भी छेड़खानी करने पर वह तुरंत ही हमलावर हो जाते हैं। आवारा कुत्ते हमेशा सॉफ्ट टारगेट को चुनकर ही हमला बोलते हैं। वे पहले भौंक कर डराते हैं, जब उनको लगता है कि सामने वाला उनसे कमजोर है और जिनका वह आसानी से शिकार कर सकें, ऐसे लोगों पर हमला बोलते हैं। इसलिए मासूम बच्चों और बुजुर्गों को ही अधिकतर कुत्ते शिकार बनाते हैं। लोगों को चाहिए कि कुत्तों से ज्यादा छेड़छाड़ न करें। खास करके बदलते मौसम में और उनके प्रजनन काल में बच्चों को उनसे दूर रखें। अपने बच्चों को समझाएं की कुत्तों से किसी भी तरह से छेड़खानी न करें। [caption id="attachment_87547" align="aligncenter" width="602"]Special Story: Why are dogs becoming ferocious, all treatments are useless, figures are frightening Special Story: Why are dogs becoming ferocious, all treatments are useless, figures are frightening[/caption] कुत्ते के हमले से कैसे करें बचाव डॉ अनुराग सलाह देते हैं कि जब भी आवारा कुत्ते हमला बोलें तो लोगों को इस बात का ख्याल रखना चाहिए कि यदि आप दोपहिया वाहन या पैदल हैं और ऐसे में अगर कुत्ता भौंके या आपकी तरफ आक्रामक हो तो रूकना नहीं चाहिए। अगर पैदल या बाइक से हैं तो बराबर चलते रहना चाहिए। दरअसल, कुत्तों का लोवर जबड़ा जो काटने के लिए काम आता है, वह तभी काम करता है जब कोई चीज स्थिर हो या रुकी हुई हो। इसलिए रुकना नहीं चाहिए। कुत्ता तभी काटेगा जब कोई स्थिर स्थिति में चीज मिलेगी। रनिंग स्थिति में कुत्ते के मुंह का लोवर जबड़ा काम नहीं करता है। [caption id="attachment_87548" align="aligncenter" width="750"]Special Story: Why are dogs becoming ferocious, all treatments are useless, figures are frightening Special Story: Why are dogs becoming ferocious, all treatments are useless, figures are frightening[/caption] पिछले 6 माह में कुत्ते काटने की प्रमुख घटनाएं 1.अक्टूबर 2022 में 8 महीने के बच्चे को आवारा कुत्तों ने नोएडा में नोच कर मार डाला। 2.दिसंबर 2022 में बांदा में 2 साल के बच्चे को मुंह में कुत्तों ने नोच लिया जिससे उसकी जान चली गई। 3.फरवरी 2023 हैदराबाद में 4 साल के मासूम बच्चे को तीन आवारा कुत्तों ने मिलकर नोच डाला जिससे उसकी मौत हो गई। 4.मार्च 2023 दिल्ली में आवारा कुत्तों ने दो बच्चों पर हमला बोल दिया जिसमें दोनों की मौत हो गई। 5.फरवरी में अलीगढ़ में बुजुर्ग डॉक्टर पर मॉर्निंग वॉक करते समय आवारा कुत्तों ने हमला बोल दिया और गिराकर नोच डाला। 6.अप्रैल में कन्नौज में भी आवारा कुत्तों ने अकेला पाकर बच्चों को नोच कर मार डाला। 7.जनवरी में दिल्ली में बुलडॉग ने बच्चे को काटा, गंभीर अवस्था अस्पताल में भर्ती।

Special Story : न धर्म, न जाति, न सरकारी कानून ,तमिलनाडु के इस शहर में है बस सुकून

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Tillu Tajpuria murder case : तमिलनाडु विशेष पुलिस के सात कर्मी निलंबित

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Tillu Tajpuria murder case
locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 10:00 PM
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Tillu Tajpuria murder case : नई दिल्ली। गैंगस्टर टिल्लू ताजपुरिया की हत्या के वक्त तिहाड़ जेल में ड्यूटी पर तैनात तमिलनाडु विशेष पुलिस (टीएनएसपी) के सात कर्मियों को निलंबित कर दिया गया है और उन्हें घटना के वक्त कथित मूक दर्शक बने रहने के लिए वापस तमिलनाडु भेजा जाएगा। जेल अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

Tillu Tajpuria murder case

यह कदम तब उठाया गया है जब दिल्ली कारागार के महानिदेशक संजय बेनीवाल ने तमिलनाडु पुलिस को पत्र लिखकर उनसे अपने कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा था। जेल के एक अधिकारी ने बताया कि टीएनएसपी के अधिकारियों के साथ उनके कर्मियों की कथित लापरवाही के संबंध में एक बैठक भी की गयी जिसमें उन्होंने अपने कर्मियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई करने का आश्वासन दिया।

एक जेल अधिकारी ने कहा कि तमिलनाडु पुलिस ने अपने सात कर्मियों को निलंबित कर दिया है और उन्हें वापस बुलाया है। तमिलनाडु विशेष पुलिस जेल परिसर में सुरक्षा उपलब्ध कराती है।

गौरतलब है कि ताजपुरिया की कथित तौर पर प्रतिद्वंद्वी गोगी गिरोह के चार सदस्यों- दीपक उर्फ तीतर, योगेश उर्फ टुंडा, राजेश और रियाज खान ने मंगलवार की सुबह हत्या कर दी थी।

सोशल मीडिया पर तिहाड़ जेल का एक सीसीटीवी वीडियो सामने आया, जिसमें कथित तौर पर दिखाया गया है कि गैंगस्टर टिल्लू ताजपुरिया पर सुरक्षाकर्मियों के सामने उस वक्त भी हमला किया गया था, जब वे उसे चार कैदियों द्वारा चाकू मारने के बाद ले जा रहे थे।

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