Saturday, 4 May 2024

Special Story : कुत्ते क्यों हो रहे खूंखार, सारे इलाज बेकार, डरा रहे आंकड़े

Special Story : आजकल इंसान के सबसे अधिक वफादार कहे जाने वाले जानवर कुत्ता अचानक से हमलावर हो गया है।…

Special Story : कुत्ते क्यों हो रहे खूंखार, सारे इलाज बेकार, डरा रहे आंकड़े

Special Story : आजकल इंसान के सबसे अधिक वफादार कहे जाने वाले जानवर कुत्ता अचानक से हमलावर हो गया है। पिछले कुछ माह से देश के कई शहरों से कुत्तों के हमला करने की खबर सुर्खियों में आई, जिसमें कुत्तों के हमलों से मासूम बच्चों और बुजुर्गों की मौत तक हो गई। गर्मियों में इसकी संख्या अधिक हो जाती है। आखिर कुत्ते अचानक क्यों इंसानों पर हमलावर हो रहे हैं।

Special Story :

 

डराते हैं आंकड़े
यदि सिर्फ कानपुर शहर की ही बात की जाए तो वहां के सिर्फ दो सरकारी अस्पतालों में कुत्ते काटने के मामले एक महीने में करीब एक हजार के आसपास पहुंच गए हैं। वहीं कानपुर नगर निगम के अनुसार कानपुर शहर में तकरीबन 19 हजार कुत्ते हैं। यह महज आंकड़ा है जबकि इससे कहीं अधिक कुत्ते शहर में हो सकते हैं जो कि आए दिन किसी ने किसी को काट कर चोटिल किए रहते हैं। इसमें कई लोगों की मौत भी हो गई है। इसी तरह नोएडा, लखनउ, इटावा, बांदा, दिल्ली आदि शहरों में भी कुत्तों के काटने के एक हजार से अधिक मामले एक माह में सामने आए हैं। कुत्तों को काबू करने के प्रयास किये जा रहे हैं, लेकिन वे नाकामयाब ही साबित हो रहे हैं।

गर्मी न निकलना भी है कारण
आवारा कुत्तों के हमलावर होने और खूंखार होने के पीछे कारण को जानने के लिए कानपुर चिड़ियाघर के उपनिदेशक और पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ अनुराग बताते हैं कि गर्मियों में कुत्ते ज्यादा आक्रामक हो जाते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि कुत्तों में पसीना शरीर से बाहर निकलने की ग्रंथियां नहीं होती है। ऐसे में जीभ निकालकर वह पैटिग करते हैं हांफ कर और लार के द्वारा अपनी गर्मी को निकालते हैं। लेकिन जब गर्मी ज्यादा हो जाती है, तो कुत्तों के शरीर का तापमान बढ़ जाता है। ऐसे में यह आवारा कुत्ते बेहद खूंखार हो जाते हैं। एक कारण कुत्तों की सरकारी स्तर पर हो रही नसबंदी भी है। नसबंदी करके कुत्तों को नगर निगम द्वारा छोड़ दिया जाता है। इसके बाद शरीर में बदलाव को वह सहन नहीं कर पाते हैं।

खाली पेट भी हो रहे खूंखार
लखनउ के पशुचिकित्सक डा. वीरेंद्र रस्तोगी कहते हैं कि आमतौर पर शहरी इलाकों में आवारा कुत्तों में आक्रमकता का एक कारण भूख और प्यास भी है। दरअसल, उन्हें सड़कर पर भरपेट खाना-पानी नहीं मिल पाता है। इस वजह से ऐसे में सुबह या शाम को जब वह भूखे होते हैं, तो किसी के हाथ में कोई सामान देखते ही उस तरफ भागने लगते हैं। ऐसे में जब सामने वाला डराता है, तो कुत्ते हमलावर हो जाते हैं। वे अपनी शिकार वाली मनोवृति में चले जाते हैं। ऐसे में वह कुछ भी खाने को मजबूर हो जाते हैं। शायद भरपेट खाना न मिल पाना भी एक कारण है उनके हमलावर होने का।
पशु चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि कुत्ते जंगली प्रवृत्ति के होते हैं। जंगली कुत्तों और शहर के आवारा कुत्तों में फर्क नहीं होता है। कुत्ते खूंखार प्रवृत्ति के होते हैं, लेकिन जो शहर में कुत्ते इंसानों के बीच रहते हैं अगर उन्हें खाना पानी नहीं मिलता तो वह जंगली कुत्तों की तरह ही खूंखार हो जाते हैं। कुत्ते झुंड में रहना पसंद करते हैं। झुंड में ही वह हमला भी बोलते हैं।

हमले के लिए चुनते सॉफ्ट टारगेट
डॉ अनुराग ने बताया कि कुत्तों में जब प्रजनन काल का मौसम होता है, तो उनमें हार्मोनल बदलाव आ रहे होते हैं। इन दिनों कुत्ते दोगुना तक ज्यादा आक्रामक हो जाते हैं। इसलिए उनसे जरा सी भी छेड़खानी करने पर वह तुरंत ही हमलावर हो जाते हैं। आवारा कुत्ते हमेशा सॉफ्ट टारगेट को चुनकर ही हमला बोलते हैं। वे पहले भौंक कर डराते हैं, जब उनको लगता है कि सामने वाला उनसे कमजोर है और जिनका वह आसानी से शिकार कर सकें, ऐसे लोगों पर हमला बोलते हैं। इसलिए मासूम बच्चों और बुजुर्गों को ही अधिकतर कुत्ते शिकार बनाते हैं।
लोगों को चाहिए कि कुत्तों से ज्यादा छेड़छाड़ न करें। खास करके बदलते मौसम में और उनके प्रजनन काल में बच्चों को उनसे दूर रखें। अपने बच्चों को समझाएं की कुत्तों से किसी भी तरह से छेड़खानी न करें।

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कुत्ते के हमले से कैसे करें बचाव
डॉ अनुराग सलाह देते हैं कि जब भी आवारा कुत्ते हमला बोलें तो लोगों को इस बात का ख्याल रखना चाहिए कि यदि आप दोपहिया वाहन या पैदल हैं और ऐसे में अगर कुत्ता भौंके या आपकी तरफ आक्रामक हो तो रूकना नहीं चाहिए। अगर पैदल या बाइक से हैं तो बराबर चलते रहना चाहिए। दरअसल, कुत्तों का लोवर जबड़ा जो काटने के लिए काम आता है, वह तभी काम करता है जब कोई चीज स्थिर हो या रुकी हुई हो। इसलिए रुकना नहीं चाहिए। कुत्ता तभी काटेगा जब कोई स्थिर स्थिति में चीज मिलेगी। रनिंग स्थिति में कुत्ते के मुंह का लोवर जबड़ा काम नहीं करता है।

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पिछले 6 माह में कुत्ते काटने की प्रमुख घटनाएं

1.अक्टूबर 2022 में 8 महीने के बच्चे को आवारा कुत्तों ने नोएडा में नोच कर मार डाला।
2.दिसंबर 2022 में बांदा में 2 साल के बच्चे को मुंह में कुत्तों ने नोच लिया जिससे उसकी जान चली गई।
3.फरवरी 2023 हैदराबाद में 4 साल के मासूम बच्चे को तीन आवारा कुत्तों ने मिलकर नोच डाला जिससे उसकी मौत हो गई।
4.मार्च 2023 दिल्ली में आवारा कुत्तों ने दो बच्चों पर हमला बोल दिया जिसमें दोनों की मौत हो गई।
5.फरवरी में अलीगढ़ में बुजुर्ग डॉक्टर पर मॉर्निंग वॉक करते समय आवारा कुत्तों ने हमला बोल दिया और गिराकर नोच डाला।
6.अप्रैल में कन्नौज में भी आवारा कुत्तों ने अकेला पाकर बच्चों को नोच कर मार डाला।
7.जनवरी में दिल्ली में बुलडॉग ने बच्चे को काटा, गंभीर अवस्था अस्पताल में भर्ती।

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