धांधली पर लगाम! रेलवे टिकट बुकिंग के नियमों में बड़ा बदलाव

धांधली पर लगाम! रेलवे टिकट बुकिंग के नियमों में बड़ा बदलाव
locationभारत
userचेतना मंच
calendar16 Sep 2025 09:06 AM
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भारतीय रेलवे ने टिकट बुकिंग सिस्टम में बड़े बदलाव का ऐलान किया है। 1 अक्टूबर 2025 से, अब सामान्य रिजर्वेशन टिकट की बुकिंग पर भी वही नियम लागू होंगे जो अभी तक तत्काल टिकट बुकिंग पर लागू थे। इस फैसले का मकसद टिकटों की कालाबाजारी और एजेंटों की धांधली पर लगाम लगाना है। रेलवे ने स्पष्ट किया है कि यह बदलाव सिर्फ ऑनलाइन टिकट बुकिंग (IRCTC वेबसाइट और मोबाइल ऐप) पर लागू होगा। इससे वास्तविक यात्रियों को फायदा पहुंचेगा और फर्जी या बेईमान एजेंटों के जरिए की जा रही टिकट बुकिंग पर अंकुश लगेगा। Indian Railways New Rules

क्या बदलेगा 1 अक्टूबर से?

रिजर्वेशन विंडो खुलने के पहले 15 मिनट तक सिर्फ वही यात्री टिकट बुक कर सकेंगे जिनका आधार वेरिफिकेशन पहले से पूरा है। यह नियम अब तक केवल तत्काल टिकटों पर लागू था, लेकिन अब सामान्य आरक्षण टिकटों पर भी इसे लागू किया जा रहा है। बुकिंग सिर्फ IRCTC की वेबसाइट और ऐप के जरिए होने पर इस नियम का पालन आवश्यक होगा। आधिकारिक टिकट एजेंटों पर पहले दिन के रिजर्वेशन की शुरुआत के 10 मिनट तक बुकिंग पर रोक पहले की तरह लागू रहेगी। पीआरएस काउंटरों (रेलवे रिजर्वेशन खिड़की) से टिकट बुकिंग की प्रक्रिया में कोई बदलाव नहीं होगा।

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फायदा क्या होगा?

रेलवे के मुताबिक, इस बदलाव से टिकट बुकिंग प्रक्रिया ज्यादा पारदर्शी और सुरक्षित बनेगी। आम यात्रियों को टिकट पाने में बेहतर मौका मिलेगा। ऑनलाइन टिकटिंग सिस्टम में भरोसा और मजबूती आएगी। फ्रॉड बुकिंग और दलालों की गतिविधियों पर कड़ा नियंत्रण होगा। रेलवे की ओर से IRCTC और सेंटर फॉर रेलवे इंफॉर्मेशन सिस्टम (CRIS) को इस बदलाव को तकनीकी रूप से लागू करने के निर्देश दिए जा चुके हैं। इसके साथ ही सभी जोनल रेलवे को गाइडलाइन जारी कर दी गई है ताकि नियमों का सही तरीके से पालन सुनिश्चित हो सके। अगर आप अक्टूबर के बाद यात्रा करने की योजना बना रहे हैं तो अभी से अपना आधार वेरिफिकेशन IRCTC प्रोफाइल में करवा लें, ताकि टिकट बुकिंग में कोई परेशानी न हो। Indian Railways New Rules
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देहरादून के सहस्त्रधारा में बादल फटने से तबाही, कई लोग लापता

देहरादून के सहस्त्रधारा में बादल फटने से तबाही, कई लोग लापता
locationभारत
userचेतना मंच
calendar30 Nov 2025 03:24 AM
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उत्तराखंड की राजधानी देहरादून के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल सहस्त्रधारा में बुधवार देर रात बादल फटने की घटना ने भारी तबाही मचाई। भारी बारिश के चलते सहस्त्रधारा क्षेत्र में अचानक जलप्रलय जैसी स्थिति बन गई जिससे कई दुकानें तेज बहाव में बह गईं और लाखों रुपये का नुकसान हुआ। दो लोग लापता हैं जिनकी तलाश युद्धस्तर पर जारी है। Dehradun News  जैसे ही घटना की जानकारी मिली जिलाधिकारी सविन बंसल ने स्वयं मोर्चा संभालते हुए संबंधित विभागों के साथ तत्काल समन्वय स्थापित किया। SDRF, NDRF और लोक निर्माण विभाग की टीमें रात में ही जेसीबी और अन्य उपकरणों के साथ मौके पर पहुंच गईं और राहत-बचाव कार्य शुरू कर दिया।

सुरक्षित निकाले गए स्थानीय लोग

तेज बहाव को देखते हुए जिला प्रशासन ने रात में ही आसपास के लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया। प्रशासन की त्वरित कार्रवाई की वजह से एक बड़ी अनहोनी टल गई। एसडीएम कुमकुम जोशी रात में ही घटनास्थल पर पहुंचीं और राहत कार्य की निगरानी की। जिलाधिकारी ने भारी बारिश को देखते हुए देहरादून जिले में कक्षा 1 से 12 तक के सभी स्कूलों में अवकाश घोषित कर दिया है। IT पार्क क्षेत्र में पानी के तेज बहाव से कई गाड़ियां सड़क पर बह गईं जैसे खिलौने पानी में बह जाते हैं। वहीं, टपकेश्वर महादेव मंदिर में भी 1-2 फीट मलबा जमा हो गया है, जिससे मंदिर परिसर को काफी नुकसान पहुंचा है।

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चंद्रभागा नदी उफान पर

बादल फटने की घटना के बाद ऋषिकेश की चंद्रभागा नदी भी उफान पर आ गई है। नदी का जलस्तर इतना बढ़ गया कि उसका पानी हाईवे तक पहुंच गया। SDRF टीम ने नदी में फंसे तीन लोगों को सकुशल रेस्क्यू किया। देहरादून-हरिद्वार नेशनल हाईवे पर फन वैली और उत्तराखंड डेंटल कॉलेज के पास एक पुल को भी नुकसान पहुंचा है। सहस्त्रधारा क्षेत्र में कई दुकानें पूरी तरह बह गईं हैं, जिससे लाखों रुपये का नुकसान हुआ है।जिला प्रशासन ने राहत और बचाव कार्य को तेजी से आगे बढ़ाने के निर्देश दिए हैं और हालात पर लगातार नजर रखी जा रही है। लापता लोगों की तलाश जारी है, और प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे अनावश्यक रूप से नदी और नालों के पास न जाएं। Dehradun News 
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नवरात्रि की बड़ी जानकारी : 9 दिन की नहीं 10 दिन की है नवरात्रि

नवरात्रि की बड़ी जानकारी : 9 दिन की नहीं 10 दिन की है नवरात्रि
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userचेतना मंच
calendar15 Sep 2025 06:16 PM
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नवरात्रि-2025 का शुभ आगमन होने वाला है। शायद आपको पता ना हो नवरात्रि-2025 के अवसर पर एक बड़ा संयोग होने जा रहा है। नवरात्रि-2025 पर सबसे बड़ा अपडेट यह है कि वर्ष-2025 की  नवरात्रि 9 दिन की नहीं बल्कि 10 दिन की होने वाली है। धार्मिक जानकारी रखने वाले महापुरूषों का कहना है कि यह बहुत ही दुर्लभ संयोग है कि नवरात्रि 9 दिन की ना होकर पूरे 10 दिन की होने वाली है।    Navratri-2025

बेहद खास है वर्ष-2025 की नवरात्रि, होगा बड़ा कल्याण

नवरात्रि का पर्व आमतौर पर 9 दिन का विशेष पर्व होता है। वर्ष-2025 की नवरात्रि पर्व 9 दिन के स्थान पर 10 दिन तक चलेगा। नवरात्रि-2025 की शुरूआत 22 सितंबर 2025 को कलश स्थापना के साथ होगी। शारदीय नवरात्रि के रूप में प्रसिद्ध नवरात्रि का पर्व 2 अक्टूबर 2025 तक चलेगा। इस प्रकार नवरात्रि-2025 का पर्व पूरे 10 दिन तक आयोजित होगा। नवरात्रि के 9 दिन के स्थान पर 10 दिन तक चलने का संयोग ग्रह नक्षत्रों की विशेष चाल के कारण बना हुआ बताया जा रहा है। नवरात्रि-2025 की प्रमुख तिथियों की बात करें तो नवरात्रि पर्व -2025 के दौरान 22 सितंबर को कलश स्थापना और मां शैलपुत्री की पूजा के साथ नवरात्रि की शुरुआत होगी। 28 सितंबर को बेल पूजा, 29 सितंबर को प्रतिमा स्थापना और कालरात्रि दर्शन, 30 सितंबर को महाष्टमी व्रत, जागरण और महागौरी दर्शन होंगे। 1 अक्टूबर को नवमी व्रत, हवन, कन्या पूजन और सिद्धिदात्री दर्शन होंगे। 2 अक्टूबर को विजयादशमी, नीलकंठ दर्शन और सर्वदिशा यात्रा के साथ उत्सव का समापन होगा। 3 अक्टूबर को प्रतिमा विसर्जन होगा।

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नवरात्रि-2025 में हाथी पर सवारहोकर आएंगी माता रानी

नवरात्रि के पर्व पर हर बार माता रानी अलग-अलग सवारी पर सवार होकर आती हैं। धर्माचारों के अनुसार वर्ष-2025 की शारदीय नवरात्रि में माता रानी मां दुर्गा का आगमन हाथी पर हो रहा है। पंचांग में इसे वर्षा, अन्न-धन और समृद्धि का संकेत माना जाता है। वहीं गमन डोली पर होगा, जो रोग, कष्ट और विपत्ति की ओर इशारा करता है। इसका अर्थ यह नहीं कि कष्ट ही होगा, बल्कि ये संकेत देते हैं कि आने वाले समय में साधना, संयम और श्रद्धा से बाधाओं को दूर किया जा सकता है। मां दुर्गा के नौ स्वरूप- शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कूष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदात्री की पूजा से ज्योतिषीय रूप से नौ ग्रह मजबूत होते हैं। शैलपुत्री से चंद्रमा का संतुलन, ब्रह्मचारिणी से मंगल की शांति, चंद्रघंटा से बुध की स्पष्टता, कूष्मांडा से सूर्य की तेजस्विता, स्कंदमाता से गुरु का आशीष, कात्यायनी से शुक्र का सौंदर्य, कालरात्रि से शनि की कठिनाइयों का निवारण, महागौरी से राहु-केतु का संतुलन और सिद्धिदात्री से सभी ग्रहों का शुभफल मिलता है।  Navratri-2025