MCD Mayor Election ‘आप’ को अब सुप्रीम कोर्ट का सहारा

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locationभारत
userचेतना मंच
calendar06 Feb 2023 08:38 PM
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MCD Mayor Election : नई दिल्ली। दिल्ली नगर निगम सदन की कार्यवाही के महापौर का चुनाव किए बिना तीसरी बार स्थगित होने के बाद आम आदमी पार्टी (AAP) की नेता आतिशी ने सोमवार को कहा कि पार्टी सुप्रीम कोर्ट का रुख करेगी ताकि ‘अदालत की निगरानी में’ महापौर पद के लिए चुनाव हो सके।

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दिल्ली नगर निगम सदन में पीठासीन अधिकारी के महापौर, उप महापौर और स्थायी समिति के सदस्यों के चुनाव के लिए मनोनीत सदस्यों को मतदान करने की अनुमति देने पर हुए हंगामे के बाद सोमवार को एक बार फिर महापौर का चुनाव नहीं हो पाया और कार्यवाही अगली तारीख तक के लिए स्थगित कर दी गई।

दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) सदन की कार्यवाही सोमवार को आधे घंटे की देरी के बाद पूर्वाह्न करीब साढ़े 11 बजे शुरू हुई। इसके तुरंत बाद ही शर्मा ने घोषणा की कि महापौर, उप महापौर और स्थायी समिति के सदस्यों के चुनाव एक-साथ होंगे।

इस घोषणा के बाद ‘आप’ के पार्षदों ने विरोध करना शुरू कर दिया। पार्टी के नेता मुकेश गोयल ने कहा कि ‘एल्डरमैन’ वोट नहीं दे सकते।

सदन से बाहर आने के बाद ‘आप’ की नेता आतिशी ने कहा कि हम उच्चतम न्यायालय का रुख करेंगे और आज ही याचिका दायर करेंगे ताकि अदालत की निगरानी में महापौर पद के लिए चुनाव हो सके।

दिल्ली नगर निगम अधिनियम 1957 के तहत महापौर और उप महापौर का चुनाव नगर निकाय सदन की पहली बैठक में ही हो जाना चाहिए। हालांकि नगर निकाय चुनाव हुए दो महीने का समय बीत चुका है पर अब तक शहर को नया महापौर नहीं मिला है।

इससे पहले एमसीडी सदन की बैठक छह जनवरी और 24 जनवरी को दो बार बुलाई गई थी, लेकिन भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और आम आदमी पार्टी (आप) के पार्षदों के हंगामे की वजह से पीठासीन अधिकारी ने महापौर का चुनाव कराए बिना कार्यवाही स्थगित कर दी।

एमसीडी चुनाव में ‘आप’ 134 पार्षदों के साथ सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी थी, जबकि भाजपा को 104 सीटों पर जीत मिली थी। कांग्रेस ने नौ सीटें जीती थीं।

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JAIPUR SAMACHAR: अनोखा आंदोलन:काले कपड़े पहन कर दिन भर भागते रहे विधायक

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JAIPUR SAMACHAR
locationभारत
userचेतना मंच
calendar30 Nov 2025 11:50 AM
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JAIPUR SAMACHAR: जयपुर। राजस्थान के बहरोड से बलजीत यादव अकेले ऐसे निर्दलीय विधायक हैं​ जिनके आंदोलन करने का तरीका बिल्कुल ही अलग हटकर है। इस कारण वह काफी चर्चा में भी रहते हैं। बलजीत ने बेरोजगार युवाओं और किसान-मजदूरों की विभिन्न मांगों को लेकर सोमवार को सेंट्रल पार्क में सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक काले कपड़े पहनकर दौड़ लगायी। उनके साथ दौड़ने वाले लोग काफी संख्या में थे।

JAIPUR SAMACHAR

विधायक यादव ने इस अनूठे विरोध प्रदर्शन के तहत सोमवार सुबह सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक बिना रुके दौड़ने की घोषणा की थी। उन्होंने रविवार को ट्वीट किया था, छह फरवरी को जयपुर के सेंट्रल पार्क में राजस्थान के बेरोजगार युवाओं एवं किसान मजदूरों की विभिन्न मांगो को लेकर सूर्योदय से सूर्यास्त तक काले कपड़े पहन कर बिना रुके दौड़ लगाऊंगा। विधायक ने सुबह लगभग सात बजे यह दौड़ शुरू की। उन्होंने युवाओं में बढ़ती बेरोजगारी को लेकर केंद्र तथा राज्य सरकार पर निशाना साधा और कहा कि सरकारें इसको लेकर गंभीर नहीं है। उन्होंने राजस्थान की नौकरियों में ‘‘बाहरी अभ्यर्थियों’’ के आने पर भी आपत्ति जताई। विधायक के साथ कई लोग भी दौड़ लगाते नजर आए। पिछले साल 25 मार्च को भी यादव ने बेरोजगारी और भर्ती परीक्षाओं में अनियमितता जैसे मुद्दों को लेकर इसी सेंट्रल पार्क में दिन भर दौड़ लगाई थी।

NATIONAL POLITICS: गरीबों पर गुपचुप प्रहार है मोदी सरकार का बजट:सोनिया

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NATIONAL POLITICS: गरीबों पर गुपचुप प्रहार है मोदी सरकार का बजट:सोनिया

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locationभारत
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calendar01 Dec 2025 02:08 PM
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NATIONAL POLITICS: नई दिल्ली। कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा, मोदी सरकार ने वित्त वर्ष 2023-24 के बजट के माध्यम से गरीबों पर ‘गुपचुप प्रहार’ किया है और समान विचारधारा वाले लोगों को एक साथ आकर सरकार के ‘नुकसान पहुंचाने वाले कदमों’ का विरोध करना चाहिए तथा वह बदलाव लाना चाहिए जो जनता देखना चाहती है।

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उन्होंने एक अंग्रेजी दैनिक में लिखे लेख में अडाणी समूह से जुड़े प्रकरण का भी परोक्ष रूप से हवाला दिया और आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनके मंत्री ‘विश्व गुरू’ और ‘अमृतकाल’ की डींगे हांक रहे हैं जबकि उनके ‘चहेते और कृपापात्र व्यवसायी’ को लेकर ‘वित्तीय धांधली’ का मामला सामने आ गया है। सोनिया गांधी ने यह दावा भी किया, प्रधानमंत्री की नीति गरीबों और मध्यम वर्ग के लोगों की कीमत पर अपने कुछ अमीर मित्रों को फायदा पहुंचाने की है, चाहे वो नोटबंदी हो, गलत ढंग से बनी एवं छोटे कारोबारों को नुकसान पहुंचाने वाली जीएसटी हो, तीन कृषि कानूनों को लाने का विफल प्रयास हो या फिर कृषि क्षेत्र की उपेक्षा हो। उन्होंने आरोप लगाया कि ‘विध्वंसक’ निजीकरण के कारण बहुमूल्य राष्ट्रीय संपत्तियां बहुत ही सस्ती कीमत पर निजी हाथों में सौंप दी गईं जो बेरोजगारी का एक कारण बना है। कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख ने यह दावा भी किया कि मौजूदा सरकार ने संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के समय के लोगों को अधिकार देने और दूरगामी असर वाले कानूनों पर भी कुठाराघात किया है। उन्होंने कहा, यह समान विचार वाले भारतीयों का कर्तव्य है कि वो साथ आएं, इस सरकार के नुकसान पहुंचाने वाले कदमों का विरोध करें और एक ऐसे बदलाव की बुनियाद रखें जिसका लोग इंतजार कर रहे हैं। सोनिया गांधी ने आरोप लगाया कि यह बजट गरीबों पर ‘गुपचुप प्रहार’ है। उन्होंने दावा किया कि प्रधानमंत्री को अधिकारों के संदर्भ में की जाने वाली सभी तरह की बातें नापंसद हैं।

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