योगी सरकार का बड़ा मास्टरप्लान, सभी 75 जिलों में दौड़ेगा विकास का पहिया
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संकेत दे दिया है कि खेल अब सिर्फ लखनऊ, नोएडा, वाराणसी या मेरठ तक सीमित नहीं रहेंगे, बल्कि गांव–गांव और ब्लॉक–ब्लॉक तक पहुंचेंगे। सरकार के मुताबिक उत्तर प्रदेश के हर जिले में एक अत्याधुनिक स्टेडियम तैयार किया जाएगा।

UP News : उत्तर प्रदेश में खेलों को लेकर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बड़ा मिशन मोड अभियान शुरू कर दिया है। उत्तर प्रदेश सरकार ने साफ संदेश दिया है कि अब उत्तर प्रदेश सिर्फ आबादी के आधार पर नहीं, बल्कि खेल प्रदर्शन के आधार पर भी देश के अग्रणी राज्यों में गिना जाएगा। इसी सोच के साथ उत्तर प्रदेश के सभी 75 जिलों में जिला स्तरीय स्टेडियम और हर ब्लॉक में मिनी स्टेडियम विकसित करने की दिशा में काम तेजी से आगे बढ़ रहा है। कई जिलों में तो निर्माण और स्वीकृति की प्रक्रिया धरातल पर उतर चुकी है।
यूपी के हर कोने तक खेल सुविधाएं पहुंचाने की तैयारी
कभी उत्तर प्रदेश में खेल सुविधाएं कुछ चुनिंदा बड़े शहरों तक सिमटी रहती थीं, लेकिन अब तस्वीर तेजी से बदल रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संकेत दे दिया है कि खेल अब सिर्फ लखनऊ, नोएडा, वाराणसी या मेरठ तक सीमित नहीं रहेंगे, बल्कि गांव–गांव और ब्लॉक–ब्लॉक तक पहुंचेंगे। सरकार के मुताबिक उत्तर प्रदेश के हर जिले में एक अत्याधुनिक स्टेडियम तैयार किया जाएगा। प्रदेश के हर ब्लॉक में एक मिनी स्टेडियम का निर्माण कराया जाएगा। 18 ज़िलों के सरकारी कॉलेजों में मिनी स्टेडियम के लिए लगभग 5–5 करोड़ रुपये की स्वीकृति पहले ही दी जा चुकी है। गोरखपुर, महाराजगंज और पूर्वांचल के कई अन्य जिलों में भी खेल संरचना विकसित करने के प्रस्तावों पर तेजी से काम चल रहा है, ताकि उत्तर प्रदेश का कोई भी प्रतिभाशाली खिलाड़ी केवल सुविधाओं की कमी की वजह से पीछे न रह जाए।
वीर बहादुर सिंह स्पोर्ट्स कॉलेज से पूरे उत्तर प्रदेश के लिए संदेश
गोरखपुर स्थित वीर बहादुर सिंह स्पोर्ट्स कॉलेज में 69वीं राष्ट्रीय स्कूली खेल प्रतियोगिता 2025 (ग्रीको–रोमन कुश्ती) के समापन कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खिलाड़ियों और कोचों को संबोधित करते हुए यह बड़ा विजन सामने रखा। अंडर-17 और अंडर-19 वर्ग के पदक विजेताओं का सम्मान तो हुआ, लेकिन असली चर्चा मुख्यमंत्री की उस सोच की रही, जिसमें उन्होंने स्पष्ट किया कि उत्तर प्रदेश अब देश के खेल नक्शे पर ‘नए पावर सेंटर’ के रूप में उभरने जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत आज वैश्विक स्तर पर खेल शक्ति के रूप में स्थापित हो रहा है और उत्तर प्रदेश इस यात्रा में पीछे रहने को तैयार नहीं है। उन्होंने दो टूक कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार खेलों के मामले में किसी भी स्तर पर समझौता नहीं करेगी और खिलाड़ियों को सर्वोत्तम सुविधाएं देने के लिए संरचनात्मक बदलाव किए जा रहे हैं।
शिक्षा के साथ खेल को बराबर दर्जा
उत्तर प्रदेश सरकार ने पहली बार संस्थागत स्तर पर खेलों के लिए अलग और ठोस बजट देने की पहल की है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी के अनुसार उत्तर प्रदेश के प्रत्येक कॉलेज को खेल सामग्री और गतिविधियों के लिए 25,000 रुपये तक का अनुदान दिया जा रहा है।बेसिक और माध्यमिक शिक्षा के स्कूलों को 5,000 रुपये तक की सहायता दी जा रही है। जूनियर हाई स्कूलों के लिए 10,000 रुपये तक की राशि खेल सामग्री खरीदने, कोचिंग बढ़ाने और स्थानीय प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करने के लिए स्वीकृत की गई है। यह पहली बार है जब उत्तर प्रदेश में इतने व्यापक स्तर पर स्कूलों और कॉलेजों को सीधे खेल बजट से जोड़ा गया है। उत्तर प्रदेश सरकार का इरादा साफ है – “खेल को क्लासरूम के बाहर की गतिविधि नहीं, बल्कि शिक्षा के बराबर महत्व दिया जाएगा। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मेरठ में बन रही स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी को उत्तर भारत के लिए “स्पोर्ट्स हब” बताते हुए कहा कि यह सिर्फ उत्तर प्रदेश ही नहीं, बल्कि पूरे उत्तर भारत के खिलाड़ियों के लिए केंद्र बिंदु साबित होगी। इस विश्वविद्यालय का नाम हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद के नाम पर रखा जा रहा है। यहां खेल विज्ञान, खेल चिकित्सा, फिटनेस, कोचिंग, हाई परफॉर्मेंस ट्रेनिंग और रिसर्च पर विशेष फोकस रहेगा। सरकार का मानना है कि जब उत्तर प्रदेश के युवा खिलाड़ियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर की ट्रेनिंग, टेक्नोलॉजी और रिसर्च की सुविधाएं एक ही कैंपस में मिलेंगी, तो राज्य के मेडल टैली में स्वाभाविक उछाल दिखेगा।
2030 कॉमनवेल्थ गेम्स यूपी के युवा खिलाड़ियों के लिए बड़ा लक्ष्य
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने उत्तर प्रदेश के युवा खिलाड़ियों के सामने एक स्पष्ट लक्ष्य रखा – 2030 कॉमनवेल्थ गेम्स। उन्होंने कहा कि आज जो अंडर-17 और अंडर-19 श्रेणी के खिलाड़ी राष्ट्रीय स्तर पर पदक जीत रहे हैं, वही 2030 कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत की रीढ़ बन सकते हैं। मुख्यमंत्री ने खिलाड़ियों से कहा -अहमदाबाद में होने वाले 2030 कॉमनवेल्थ गेम्स को अपना लक्ष्य मानकर अभी से तैयारी शुरू कर दीजिए “आपको वहां तिरंगा लहराना है, यह संकल्प अभी अपने मन में पक्का कर लें। उन्होंने यह भी संदेश दिया कि जो खिलाड़ी इस बार पदक से चूक गए हैं, उनके लिए यह हार यात्रा का अंत नहीं, बल्कि अगली तैयारी की शुरुआत है।
उत्तर प्रदेश के युवाओं से ‘स्वस्थ और सशक्त भारत’ की उम्मीद
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘आत्मनिर्भर और विकसित भारत’ के विजन का जिक्र करते हुए कहा कि इसकी असली ताकत युवा पीढ़ी है और उत्तर प्रदेश की युवा आबादी इस मिशन की सबसे बड़ी पूंजी है। उन्होंने कहा –“स्वस्थ युवा ही सशक्त उत्तर प्रदेश और सशक्त भारत की नींव हैं। इसकी शुरुआत खेलों से होती है, इसलिए यूपी के हर संस्थान में खेलों को शिक्षा के समान दर्जा दिया जाना जरूरी है।
खेलों में पंजाब–हरियाणा–महाराष्ट्र को टक्कर देने की तैयारी
सरकारी अधिकारियों का मानना है कि जिस पैमाने और फोकस के साथ उत्तर प्रदेश में खेल ढांचा खड़ा किया जा रहा है, आने वाले वर्षों में प्रदेश खेल प्रदर्शन के मामले में पंजाब, हरियाणा और महाराष्ट्र जैसे पारंपरिक मजबूत राज्यों को कड़ी चुनौती दे सकता है। जिला–स्तरीय स्टेडियम,ब्लॉक–स्तरीय मिनी स्टेडियम,स्कूल–कॉलेज स्तर पर सीधे खेल बजट,मेरठ में अंतरराष्ट्रीय स्तर की स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी इन सब पहलुओं को मिलाकर देखा जाए तो तस्वीर साफ दिखाई देती है कि उत्तर प्रदेश अब सिर्फ “सबसे बड़ा राज्य” नहीं, बल्कि “खेलों में सबसे आगे बढ़ने को तैयार राज्य” की पहचान गढ़ रहा है। UP News
UP News : उत्तर प्रदेश में खेलों को लेकर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बड़ा मिशन मोड अभियान शुरू कर दिया है। उत्तर प्रदेश सरकार ने साफ संदेश दिया है कि अब उत्तर प्रदेश सिर्फ आबादी के आधार पर नहीं, बल्कि खेल प्रदर्शन के आधार पर भी देश के अग्रणी राज्यों में गिना जाएगा। इसी सोच के साथ उत्तर प्रदेश के सभी 75 जिलों में जिला स्तरीय स्टेडियम और हर ब्लॉक में मिनी स्टेडियम विकसित करने की दिशा में काम तेजी से आगे बढ़ रहा है। कई जिलों में तो निर्माण और स्वीकृति की प्रक्रिया धरातल पर उतर चुकी है।
यूपी के हर कोने तक खेल सुविधाएं पहुंचाने की तैयारी
कभी उत्तर प्रदेश में खेल सुविधाएं कुछ चुनिंदा बड़े शहरों तक सिमटी रहती थीं, लेकिन अब तस्वीर तेजी से बदल रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संकेत दे दिया है कि खेल अब सिर्फ लखनऊ, नोएडा, वाराणसी या मेरठ तक सीमित नहीं रहेंगे, बल्कि गांव–गांव और ब्लॉक–ब्लॉक तक पहुंचेंगे। सरकार के मुताबिक उत्तर प्रदेश के हर जिले में एक अत्याधुनिक स्टेडियम तैयार किया जाएगा। प्रदेश के हर ब्लॉक में एक मिनी स्टेडियम का निर्माण कराया जाएगा। 18 ज़िलों के सरकारी कॉलेजों में मिनी स्टेडियम के लिए लगभग 5–5 करोड़ रुपये की स्वीकृति पहले ही दी जा चुकी है। गोरखपुर, महाराजगंज और पूर्वांचल के कई अन्य जिलों में भी खेल संरचना विकसित करने के प्रस्तावों पर तेजी से काम चल रहा है, ताकि उत्तर प्रदेश का कोई भी प्रतिभाशाली खिलाड़ी केवल सुविधाओं की कमी की वजह से पीछे न रह जाए।
वीर बहादुर सिंह स्पोर्ट्स कॉलेज से पूरे उत्तर प्रदेश के लिए संदेश
गोरखपुर स्थित वीर बहादुर सिंह स्पोर्ट्स कॉलेज में 69वीं राष्ट्रीय स्कूली खेल प्रतियोगिता 2025 (ग्रीको–रोमन कुश्ती) के समापन कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खिलाड़ियों और कोचों को संबोधित करते हुए यह बड़ा विजन सामने रखा। अंडर-17 और अंडर-19 वर्ग के पदक विजेताओं का सम्मान तो हुआ, लेकिन असली चर्चा मुख्यमंत्री की उस सोच की रही, जिसमें उन्होंने स्पष्ट किया कि उत्तर प्रदेश अब देश के खेल नक्शे पर ‘नए पावर सेंटर’ के रूप में उभरने जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत आज वैश्विक स्तर पर खेल शक्ति के रूप में स्थापित हो रहा है और उत्तर प्रदेश इस यात्रा में पीछे रहने को तैयार नहीं है। उन्होंने दो टूक कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार खेलों के मामले में किसी भी स्तर पर समझौता नहीं करेगी और खिलाड़ियों को सर्वोत्तम सुविधाएं देने के लिए संरचनात्मक बदलाव किए जा रहे हैं।
शिक्षा के साथ खेल को बराबर दर्जा
उत्तर प्रदेश सरकार ने पहली बार संस्थागत स्तर पर खेलों के लिए अलग और ठोस बजट देने की पहल की है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी के अनुसार उत्तर प्रदेश के प्रत्येक कॉलेज को खेल सामग्री और गतिविधियों के लिए 25,000 रुपये तक का अनुदान दिया जा रहा है।बेसिक और माध्यमिक शिक्षा के स्कूलों को 5,000 रुपये तक की सहायता दी जा रही है। जूनियर हाई स्कूलों के लिए 10,000 रुपये तक की राशि खेल सामग्री खरीदने, कोचिंग बढ़ाने और स्थानीय प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करने के लिए स्वीकृत की गई है। यह पहली बार है जब उत्तर प्रदेश में इतने व्यापक स्तर पर स्कूलों और कॉलेजों को सीधे खेल बजट से जोड़ा गया है। उत्तर प्रदेश सरकार का इरादा साफ है – “खेल को क्लासरूम के बाहर की गतिविधि नहीं, बल्कि शिक्षा के बराबर महत्व दिया जाएगा। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मेरठ में बन रही स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी को उत्तर भारत के लिए “स्पोर्ट्स हब” बताते हुए कहा कि यह सिर्फ उत्तर प्रदेश ही नहीं, बल्कि पूरे उत्तर भारत के खिलाड़ियों के लिए केंद्र बिंदु साबित होगी। इस विश्वविद्यालय का नाम हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद के नाम पर रखा जा रहा है। यहां खेल विज्ञान, खेल चिकित्सा, फिटनेस, कोचिंग, हाई परफॉर्मेंस ट्रेनिंग और रिसर्च पर विशेष फोकस रहेगा। सरकार का मानना है कि जब उत्तर प्रदेश के युवा खिलाड़ियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर की ट्रेनिंग, टेक्नोलॉजी और रिसर्च की सुविधाएं एक ही कैंपस में मिलेंगी, तो राज्य के मेडल टैली में स्वाभाविक उछाल दिखेगा।
2030 कॉमनवेल्थ गेम्स यूपी के युवा खिलाड़ियों के लिए बड़ा लक्ष्य
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने उत्तर प्रदेश के युवा खिलाड़ियों के सामने एक स्पष्ट लक्ष्य रखा – 2030 कॉमनवेल्थ गेम्स। उन्होंने कहा कि आज जो अंडर-17 और अंडर-19 श्रेणी के खिलाड़ी राष्ट्रीय स्तर पर पदक जीत रहे हैं, वही 2030 कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत की रीढ़ बन सकते हैं। मुख्यमंत्री ने खिलाड़ियों से कहा -अहमदाबाद में होने वाले 2030 कॉमनवेल्थ गेम्स को अपना लक्ष्य मानकर अभी से तैयारी शुरू कर दीजिए “आपको वहां तिरंगा लहराना है, यह संकल्प अभी अपने मन में पक्का कर लें। उन्होंने यह भी संदेश दिया कि जो खिलाड़ी इस बार पदक से चूक गए हैं, उनके लिए यह हार यात्रा का अंत नहीं, बल्कि अगली तैयारी की शुरुआत है।
उत्तर प्रदेश के युवाओं से ‘स्वस्थ और सशक्त भारत’ की उम्मीद
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘आत्मनिर्भर और विकसित भारत’ के विजन का जिक्र करते हुए कहा कि इसकी असली ताकत युवा पीढ़ी है और उत्तर प्रदेश की युवा आबादी इस मिशन की सबसे बड़ी पूंजी है। उन्होंने कहा –“स्वस्थ युवा ही सशक्त उत्तर प्रदेश और सशक्त भारत की नींव हैं। इसकी शुरुआत खेलों से होती है, इसलिए यूपी के हर संस्थान में खेलों को शिक्षा के समान दर्जा दिया जाना जरूरी है।
खेलों में पंजाब–हरियाणा–महाराष्ट्र को टक्कर देने की तैयारी
सरकारी अधिकारियों का मानना है कि जिस पैमाने और फोकस के साथ उत्तर प्रदेश में खेल ढांचा खड़ा किया जा रहा है, आने वाले वर्षों में प्रदेश खेल प्रदर्शन के मामले में पंजाब, हरियाणा और महाराष्ट्र जैसे पारंपरिक मजबूत राज्यों को कड़ी चुनौती दे सकता है। जिला–स्तरीय स्टेडियम,ब्लॉक–स्तरीय मिनी स्टेडियम,स्कूल–कॉलेज स्तर पर सीधे खेल बजट,मेरठ में अंतरराष्ट्रीय स्तर की स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी इन सब पहलुओं को मिलाकर देखा जाए तो तस्वीर साफ दिखाई देती है कि उत्तर प्रदेश अब सिर्फ “सबसे बड़ा राज्य” नहीं, बल्कि “खेलों में सबसे आगे बढ़ने को तैयार राज्य” की पहचान गढ़ रहा है। UP News







