The Kerala Story: द केरल स्टोरी, फिल्म अपनी रिलीज से पहले ही विवादों में घिर चुकी थी। रिलीज से ठीक 1 महीना पहले इस मूवी के ट्रेलर में ये बताया गया की ये फिल्म केरल की 32000 हिंदू महिलाओं की सच्ची कहानी से इंस्पायरर है जिनकी लव जिहाद के जरिए धर्म परिवर्तन के बाद आईएसआईएस के लोगों से शादी करवा दी गई थी और इन महिलाओं को रेप ,सेक्सुअल वायलेंस और सेक्स slavery का शिकार होना पड़ा था। बताया गया कि इन महिलाओं को सीरिया पहुंचाया गया जहां उनके साथ तरह तरह के अत्याचार हुए। ट्रेलर को देखकर जहां एक तरफ यह फिल्म चर्चा की का विषय बन गई वहीं दूसरी तरफ 32000 महिलाओं के लव जिहाद द्वारा शोषण का यह आंकड़ा भी सुर्खियों में आ गया । खास तौर पर केरल की सरकार ने इस फिल्म के विषय वस्तु को लेकर काफी नाराजगी और गुस्सा जताया।
The Kerala Story: कहाँ से आया 32000 का आंकड़ा ?
सवाल पूछा गया कि आखिर किस आधार पर 32 हजार का आंकड़ा बताया गया है क्योंकि भारत सरकार का ऐसा कोई भी आधिकारिक आंकड़ा नहीं है। आखिर किस रिपोर्ट या किस आधिकारिक आंकड़े के आधार पर 32000 महिलाओं के साथ लव जिहाद होने के बात फिल्म में कही गई है। जब विवाद ने ज्यादा तूल पकड़ा तो मुस्लिम यूथ लीगल कम्युनिटी की तरफ से यह खुला चैलेंज दिया गया कि फिल्म बनाने वाले यह साबित करें कि इतनी बड़ी संख्या में कब यह महिलाएं आईएसआईएस का हिस्सा बन गई ,अगर कोई यह साबित कर देता है तो उन्हें एक करोड़ का इनाम दिया जाएगा । उसके बाद यह विवाद और बड़ा होता गया । विवाद के बाद फिल्म मेकर ने इस आंकड़े को हटा लिया और कहा कि यह फिल्म केवल तीन महिलाओं की सच्ची कहानी पर आधारित है ।
कोर्ट के सवाल पूछने पर निर्माता ने हटाया आंकड़ा
यानी कि मूवी बनाने से पहले बेसिक रिसर्च भी नहीं की गई थी। इतना बड़ा आंकड़ा बिना किसी सुबूत के ट्रेलर में दिखा दिया गया। बिना यह सोचे समझे कि ये कितना संवेदनशील मसला हो सकता है। साथ ही यह एक राज्य की छवि को भी नुकसान पहुंचा सकता है । फिल्म का ट्रेलर आने के बाद केरला के सीएम पिनाराइ विजयन ने भी कहा था कि इस फिल्म के जरिए आर एस एस अपना प्रोपेगेंडा चलाने की कोशिश कर रही है। साथ ही केरल जैसे एक सेकुलर राज्य को बदनाम किया जा रहा है। फिल्म के निर्देशक सुदीप्तो सेन से जब कोर्ट ने 32000 महिलाओं के आईएस में शामिल होने की बात के सबूत मांगे गए तब उन्होंने इस आंकड़े को तुरंत सोशल मीडिया और ट्रेलर से हटा लिया
केरल को बदनाम करने की कोशिश :पिनाराइ विजयन
इसके बाद फिल्मेकर्स ने कहा कि यह केवल 3 महिलाओं की कहानी है। इस फिल्म का नाम द केरल स्टोरी रखे जाने के बाद केरल के लोग इस तरह की चर्चा कर रहे हैं कि कुछ लोगों के अपराधों की वजह से पूरे प्रदेश का नाम बदनाम नहीं किया जाना चाहिए। फिल्म के नाम से ऐसा लगता है कि पूरे केरल में लव जेहाद चल रहा है जबकि ऐसे 4-5 मामले ही सामने आए हैं। आपको बता दें कि फिल्म में दिखाया गया है कि कैसे हिंदू लड़कियों को बहला-फुसलाकर पहले धर्म परिवर्तन के जरिए मुसलमान बनाया गया फिर उन्हें खास योजना के तहत सीरिया पहुंचा दिया गया, जहां आईएसआईएस के जरिए इन महिलाओं पर जुल्म अत्याचार और यौन शोषण किया गया।
क्या ये फिल्म किसी ख़ास एजेंडा के तहत बनाई गई और प्रोमोट की जा रही है
इसमें कोई दो राय नहीं कि फिल्म राजनीतिक प्रोपेगेंडा के लिए भी इस्तेमाल की जा रही है। जिस तरह से कर्नाटक में चुनाव प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने खुद इस फिल्म का जिक्र करते हुए कहा है कि, किस तरह केरल जैसे अच्छी राज्य में आतंकवादी इन तरीकों का इस्तेमाल कर अपनी पहुंच बना रहे हैं। यानी कि फिल्मी अब राजनीतिक एजेंडा या फिर राजनीतिक हितों को साधने के लिए इस्तेमाल की जाने लगी है। इससे पहले कश्मीर फाइल्स को लेकर भी इसी तरह का माहौल बनाने की कोशिश की गई थी।
2024 चुनाव से पहले और फिल्मे भी आ सकती हैं ?
सवाल ये भी है की आखिर सेंसर बोर्ड ने ऐसा झूठा आकड़ा पेश करने वाली मूवी को पास कैसे कर दिया। सवाल ये भी है की क्या ये फिल्म किसी ख़ास एजेंडा के तहत बनाई गई और प्रोमोट की जा रही है। कोई बड़ी बात नहीं कि 2024 से पहले इस तरह की कुछ और फिल्में हमें देखने को मिले जिनका वोट बैंक और राजनीति के हित साधने के लिए इस्तेमाल किया जाए । केरल स्टोरी की बात करें तो जिस तरह से पहले फिल्म निर्माताओं ने अपने फिल्म के ट्रेलर में 32000 का कल्पनिक आंकड़ा पेश किया था उसे लेकर विवाद होने के बाद अब निर्माताओं ने खुद ही उस आंकड़े को 3 महिलाओं की कहानी तक सीमित कर दिया है। साथ ही हाईकोर्ट में निर्माताओं द्वारा कहा गया है कि यह फिल्म सच्ची घटना की नाटकीय प्रस्तुति है यानी इस फिल्म में काल्पनिक घटनाओं और कहानी का भी सहारा लिया गया है यानी कि क्रिएटिव लिबर्टी के नाम पर facts को बढ़ा चढ़ा कर भी दिखाया जा सकता है।
The Kerala Story: केरल के लोग फिल्म में केरल की नकारात्मक छवि दिखाए जाने की वजह से काफी गुस्से में है केरल के कई सिनेमाघर मालिकों ने इस फिल्म को रिलीज करने से इंकार कर दिया है। पहले यह फिल्म केरल में 50 सिनेमा घरों में दिखाई जानी थी लेकिन शुक्रवार को यह फिल्म केवल 17 सिनेमाघरों में ही प्रदर्शित की गई। केरल में कुछ सिनेमा घरों के आगे मुस्लिम यूथ ऑर्गेनाइजेशन द्वारा फिल्म के खिलाफ विरोध प्रदर्शन भी किया गया । केरल में रहने वाले लोगों को ये लगता है कि इस फिल्म के जरिए केरल की छवि को नुकसान पहुंच सकता है । अगर हम केरल की बात करें तो वह देश में सबसे शिक्षित राज्यो में गिना जाता है ,वहाँ की मेडिकल सेवाएँ काफी अच्छी हैं । केरल में सबसे ज्यादा विदेशी tourist आते हैं और यहां का लॉ एंड ऑर्डर उत्तर भारत के किसी भी राज्य के लॉ एंड ऑर्डर से बेहतर माना जाता है । ऐसे में लोगों का यह भी कहना है कि इस फिल्म से लोगों के मन में केरल की खराब छवि पहुंचेगी जबकि पांच दस बुरे लोगों की वजह से एक पूरे राज्य को गलत नहीं ठहराया जा सकता।
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