नई दिल्ली. तीन विवादित कृषि कानूनों (Farm Laws) की वापसी के बाद भी विभिन्न अहम मांगों को लेकर चल रहा किसान आंदोलन (Farmers Protest) अभी आगे भी जारी रहेगा. अब संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी (MSP) पर कमेटी को लेकर केंद्र सरकार से असंतुष्ट दिख रहा है. इस बीच मंगलवार को किसान नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने दो टूक कहा है कि किसान आंदोलन अभी खत्म नहीं होगा. यह पहले जैसा ही चलता रहेगा.
सरकार का प्रस्ताव अस्पष्ट: टिकैत
किसान नेता राकेश टिकैत का कहना है, ‘सरकार ने कहा था कि वो हमारी मांगों को लेकर सहमत है और किसानों को अपना आंदोलन बंद करना चाहिए. लेकिन सरकार का प्रस्ताव अस्पष्ट है. हमारी कुछ शंकाएं हैं, जिनपर चर्चा के लिए बुधवार को दोपहर 2 बजे बैठक होगी. हमारा आंदोलन कहीं नहीं जा रहा, वो जैसा चल रहा था वैसा ही चलेगा.’
राकेश टिकैत ने यह भी कहा, ‘संयुक्त किसान मोर्चा ने मंगलवार को कहा था कि कल की बैठक के बाद किसान आंदोलन समाप्त हो जाएगा. सरकार भी ऐसा करीब एक साल से कही रही है. लेकिन तब तक कोई अपने घर नहीं जाएगा, जब तक सभी मसले हल नहीं हो जाते हैं.’
Govt proposed that they will agree to our demands and that we should end the protest…but the proposal is not clear. We have our apprehensions which will be discussed tomorrow at 2 pm…Our movement is not going anywhere, will be here…: Rakesh Tikait, BKU pic.twitter.com/t7X2ePbRn5
— ANI (@ANI) December 7, 2021
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कल दोपहर फिर बैठक
वहीं संयुक्त किसान मोर्चा का कहना है कि उसने किसानों पर दर्ज फर्जी मामले वापस लेने के लिए आंदोलन समाप्त करने की सरकार की पूर्व शर्त पर भी स्पष्टीकरण मांगा है. किसान नेताओं ने कहा है कि वे इस मुद्दे पर बुधवार दोपहर दो बजे एक और बैठक करेंगे. बलबीर सिंह राजेवाल का इस मामले में कहा है कि केंद्र सरकार ने एक प्रस्ताव भेजा है, उस पर चर्चा हुई थी.
संयुक्त किसान मोर्चा के सभी सदस्यों के सामने यह प्रस्ताव पेश किया गया. उन्होंने कहा कि सरकार के प्रस्ताव में कहा गया है कि वह न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी की मांग पर एक समिति का गठन करेगी और इस समिति में एसकेएम के बाहर के किसान संगठन, सरकारी अधिकारी और राज्यों के प्रतिनिधि शामिल होंगे.’
उन्होंने साफतौर पर कहा है कि हमें एमएसपी पर ऐसी समितियों की जरूरत नहीं है, जो शुरू से ही हमारी मांग के विरोध में हैं. हमने सरकार से इस पर स्पष्टीकरण देने को कहा है.