धनखड़ के इस्तीफे पर कांग्रेस का दावा– “कुछ तो हुआ था दोपहर 1 से शाम 4:30 के बीच”

कांग्रेस का इशारा दोपहर की घटना की ओर
कांग्रेस महासचिव और संचार प्रभारी जयराम रमेश ने मंगलवार को सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर इस मुद्दे को उठाया। उन्होंने बताया कि सोमवार दोपहर 12:30 बजे उपराष्ट्रपति धनखड़ ने राज्यसभा की कार्य मंत्रणा समिति की अध्यक्षता की थी। इस बैठक में जे पी नड्डा और किरेन रीजीजू समेत कई वरिष्ठ सदस्य उपस्थित थे। बैठक के दौरान तय हुआ कि समिति की अगली बैठक उसी दिन शाम 4:30 बजे होगी। रमेश ने कहा कि जब दूसरी बैठक शुरू हुई, तो सभी को केंद्रीय मंत्री नड्डा और रीजीजू का इंतज़ार था, लेकिन वे नहीं पहुंचे। खास बात यह रही कि धनखड़ को निजी रूप से इसकी कोई सूचना नहीं दी गई कि दोनों मंत्री बैठक में शामिल नहीं होंगे। रमेश का दावा है कि इस बात से धनखड़ बेहद आहत हुए और उन्होंने अगली बैठक अगले दिन के लिए टाल दी।स्वास्थ्य कारण या कुछ और?
धनखड़ ने उसी रात अपने पद से इस्तीफा दे दिया और कारण बताया– स्वास्थ्य समस्याएं। लेकिन कांग्रेस इस पर भरोसा करने को तैयार नहीं है। पार्टी का कहना है कि दोपहर 1 बजे से शाम 4:30 बजे के बीच कुछ ऐसा हुआ, जिससे धनखड़ जैसे नियमों और मर्यादाओं के प्रति सजग व्यक्ति का मन बेहद खिन्न हो गया।‘नियमों के पक्के’ धनखड़, लेकिन उपेक्षा का अनुभव?
जयराम रमेश ने दावा किया कि धनखड़ हमेशा नियमों, प्रक्रियाओं और संस्थागत मर्यादाओं को सर्वोपरि मानते रहे हैं। उन्होंने अपने कार्यकाल में विपक्ष को भी यथासंभव स्थान देने की कोशिश की और न्यायपालिका की जवाबदेही व संयम की ज़रूरत पर ज़ोर दिया। लेकिन उन्हें महसूस हो रहा था कि उनके कार्यकाल में इन मूल्यों की लगातार अवहेलना की जा रही है।सरकार की चुप्पी पर भी सवाल
अब तक सरकार की ओर से इस पूरे घटनाक्रम पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। कांग्रेस का कहना है कि यह चुप्पी खुद में बहुत कुछ कहती है और यह सवाल उठाना लाज़मी है कि क्या धनखड़ का इस्तीफा सिर्फ स्वास्थ्य कारणों से हुआ या फिर इसके पीछे सत्ता के भीतर गहरे मतभेद और राजनीतिक उपेक्षा की पीड़ा भी है। ब्रेकिंग न्यूज़: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने दिया इस्तीफा, स्वास्थ्य को बताया वजहअगली खबर पढ़ें
कांग्रेस का इशारा दोपहर की घटना की ओर
कांग्रेस महासचिव और संचार प्रभारी जयराम रमेश ने मंगलवार को सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर इस मुद्दे को उठाया। उन्होंने बताया कि सोमवार दोपहर 12:30 बजे उपराष्ट्रपति धनखड़ ने राज्यसभा की कार्य मंत्रणा समिति की अध्यक्षता की थी। इस बैठक में जे पी नड्डा और किरेन रीजीजू समेत कई वरिष्ठ सदस्य उपस्थित थे। बैठक के दौरान तय हुआ कि समिति की अगली बैठक उसी दिन शाम 4:30 बजे होगी। रमेश ने कहा कि जब दूसरी बैठक शुरू हुई, तो सभी को केंद्रीय मंत्री नड्डा और रीजीजू का इंतज़ार था, लेकिन वे नहीं पहुंचे। खास बात यह रही कि धनखड़ को निजी रूप से इसकी कोई सूचना नहीं दी गई कि दोनों मंत्री बैठक में शामिल नहीं होंगे। रमेश का दावा है कि इस बात से धनखड़ बेहद आहत हुए और उन्होंने अगली बैठक अगले दिन के लिए टाल दी।स्वास्थ्य कारण या कुछ और?
धनखड़ ने उसी रात अपने पद से इस्तीफा दे दिया और कारण बताया– स्वास्थ्य समस्याएं। लेकिन कांग्रेस इस पर भरोसा करने को तैयार नहीं है। पार्टी का कहना है कि दोपहर 1 बजे से शाम 4:30 बजे के बीच कुछ ऐसा हुआ, जिससे धनखड़ जैसे नियमों और मर्यादाओं के प्रति सजग व्यक्ति का मन बेहद खिन्न हो गया।‘नियमों के पक्के’ धनखड़, लेकिन उपेक्षा का अनुभव?
जयराम रमेश ने दावा किया कि धनखड़ हमेशा नियमों, प्रक्रियाओं और संस्थागत मर्यादाओं को सर्वोपरि मानते रहे हैं। उन्होंने अपने कार्यकाल में विपक्ष को भी यथासंभव स्थान देने की कोशिश की और न्यायपालिका की जवाबदेही व संयम की ज़रूरत पर ज़ोर दिया। लेकिन उन्हें महसूस हो रहा था कि उनके कार्यकाल में इन मूल्यों की लगातार अवहेलना की जा रही है।सरकार की चुप्पी पर भी सवाल
अब तक सरकार की ओर से इस पूरे घटनाक्रम पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। कांग्रेस का कहना है कि यह चुप्पी खुद में बहुत कुछ कहती है और यह सवाल उठाना लाज़मी है कि क्या धनखड़ का इस्तीफा सिर्फ स्वास्थ्य कारणों से हुआ या फिर इसके पीछे सत्ता के भीतर गहरे मतभेद और राजनीतिक उपेक्षा की पीड़ा भी है। ब्रेकिंग न्यूज़: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने दिया इस्तीफा, स्वास्थ्य को बताया वजहसंबंधित खबरें
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