धनखड़ के इस्तीफे पर कांग्रेस का दावा– “कुछ तो हुआ था दोपहर 1 से शाम 4:30 के बीच”

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calendar02 Dec 2025 02:01 AM
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नई दिल्ली: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के अचानक इस्तीफे के बाद सियासी गलियारों में हलचल तेज हो गई है। हालांकि धनखड़ ने अपने इस्तीफे की वजह स्वास्थ्य संबंधी कारणों को बताया है, लेकिन कांग्रेस ने इसे महज एक बहाना मानते हुए गंभीर सवाल उठाए हैं। कांग्रेस का कहना है कि धनखड़ के इस्तीफे के पीछे कुछ और, कहीं ज्यादा गहरे कारण हैं, जो सीधे तौर पर केंद्र सरकार के रवैये और आंतरिक मतभेदों से जुड़े हो सकते हैं।

कांग्रेस का इशारा दोपहर की घटना की ओर

कांग्रेस महासचिव और संचार प्रभारी जयराम रमेश ने मंगलवार को सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर इस मुद्दे को उठाया। उन्होंने बताया कि सोमवार दोपहर 12:30 बजे उपराष्ट्रपति धनखड़ ने राज्यसभा की कार्य मंत्रणा समिति की अध्यक्षता की थी। इस बैठक में जे पी नड्डा और किरेन रीजीजू समेत कई वरिष्ठ सदस्य उपस्थित थे। बैठक के दौरान तय हुआ कि समिति की अगली बैठक उसी दिन शाम 4:30 बजे होगी। रमेश ने कहा कि जब दूसरी बैठक शुरू हुई, तो सभी को केंद्रीय मंत्री नड्डा और रीजीजू का इंतज़ार था, लेकिन वे नहीं पहुंचे। खास बात यह रही कि धनखड़ को निजी रूप से इसकी कोई सूचना नहीं दी गई कि दोनों मंत्री बैठक में शामिल नहीं होंगे। रमेश का दावा है कि इस बात से धनखड़ बेहद आहत हुए और उन्होंने अगली बैठक अगले दिन के लिए टाल दी।

स्वास्थ्य कारण या कुछ और?

धनखड़ ने उसी रात अपने पद से इस्तीफा दे दिया और कारण बताया– स्वास्थ्य समस्याएं। लेकिन कांग्रेस इस पर भरोसा करने को तैयार नहीं है। पार्टी का कहना है कि दोपहर 1 बजे से शाम 4:30 बजे के बीच कुछ ऐसा हुआ, जिससे धनखड़ जैसे नियमों और मर्यादाओं के प्रति सजग व्यक्ति का मन बेहद खिन्न हो गया।

‘नियमों के पक्के’ धनखड़, लेकिन उपेक्षा का अनुभव?

जयराम रमेश ने दावा किया कि धनखड़ हमेशा नियमों, प्रक्रियाओं और संस्थागत मर्यादाओं को सर्वोपरि मानते रहे हैं। उन्होंने अपने कार्यकाल में विपक्ष को भी यथासंभव स्थान देने की कोशिश की और न्यायपालिका की जवाबदेही व संयम की ज़रूरत पर ज़ोर दिया। लेकिन उन्हें महसूस हो रहा था कि उनके कार्यकाल में इन मूल्यों की लगातार अवहेलना की जा रही है।

सरकार की चुप्पी पर भी सवाल

अब तक सरकार की ओर से इस पूरे घटनाक्रम पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। कांग्रेस का कहना है कि यह चुप्पी खुद में बहुत कुछ कहती है और यह सवाल उठाना लाज़मी है कि क्या धनखड़ का इस्तीफा सिर्फ स्वास्थ्य कारणों से हुआ या फिर इसके पीछे सत्ता के भीतर गहरे मतभेद और राजनीतिक उपेक्षा की पीड़ा भी है। ब्रेकिंग न्यूज़: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने दिया इस्तीफा, स्वास्थ्य को बताया वजह
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जगदीप धनखड़ का साइलेंट एग्जिट, आखिर क्या चल रहा है सियासत में?

Jagdeep dhankar
Jagdeep Dhankhar
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calendar30 Nov 2025 12:56 PM
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Jagdeep Dhankhar: संसद भवन में जो कुछ हुआ वह बाहर से भले ही सामान्य राजनीतिक गतिविधियों जैसा दिख रहा था, लेकिन अंदरखाने एक बड़ा सियासी तूफान आकार ले रहा था। उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने अचानक स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया। उनके इस अप्रत्याशित फैसले ने सियासी गलियारों में हलचल मचा दी और विपक्षी दलों में अटकलों का बाजार गर्म हो गया। धनखड़ के इस्तीफे से ठीक पहले, सोमवार दोपहर 2 बजे, उन्होंने जस्टिस वर्मा के खिलाफ विपक्षी सांसदों द्वारा दिए गए महाभियोग प्रस्ताव के नोटिस को स्वीकार कर लिया था। लगभग उसी समय खबर आई कि लोकसभा में सत्ताधारी और विपक्षी खेमों के 100 से ज्यादा सांसदों ने भी प्रस्ताव पर हस्ताक्षर कर दिए हैं।

कांग्रेस है असमंजस में

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने बताया कि उन्होंने सोमवार शाम करीब 7:30 बजे धनखड़ से फोन पर बात की थी। उस समय उपराष्ट्रपति अपने परिवार के साथ थे और उन्होंने कहा कि वे अगले दिन बात करेंगे। इससे कुछ घंटे पहले ही प्रमोद तिवारी, अखिलेश प्रसाद सिंह और खुद जयराम रमेश, धनखड़ से मुलाकात कर चुके थे। अखिलेश प्रसाद सिंह ने दावा किया कि वे धनखड़ से मिलने वाले आखिरी व्यक्ति थे और शाम 6 बजे के करीब वहां से निकले थे। उनके अनुसार, उपराष्ट्रपति पूरी तरह स्वस्थ दिख रहे थे और उन्होंने इस्तीफे का कोई संकेत नहीं दिया। बल्कि, उन्होंने यह भी बताया था कि उन्हें एक समिति में शामिल किया जा रहा है, जिसकी जानकारी बाद में दी जाएगी।

राजनाथ सिंह के कार्यालय में हलचल

सबसे चौंकाने वाली जानकारी रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के कार्यालय से आई। सूत्रों के अनुसार, सोमवार शाम वहां काफी हलचल रही। बीजेपी के सांसद एक-एक कर राजनाथ के दफ्तर में जाते दिखे बिना कोई बयान दिए चुपचाप अंदर जाते और वापस लौट जाते। एक बीजेपी सांसद ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, "हमसे कोरे कागज पर हस्ताक्षर करवा लिए गए।" यह बयान खुद में बहुत कुछ कहता है और इन घटनाओं के बीच किसी बड़े राजनीतिक घटनाक्रम की ओर इशारा करता है।

महाभियोग प्रस्ताव के बाद इस्तीफा

सोमवार शाम करीब 4:07 बजे, धनखड़ ने राज्यसभा में बताया कि उन्हें 63 विपक्षी सांसदों से महाभियोग प्रस्ताव का नोटिस मिला है। उन्होंने इसके बाद कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल से यह पुष्टि भी कराई कि लोकसभा में भी नोटिस दिया गया है। इसके बाद उन्होंने एक संयुक्त समिति के गठन और आगे की संवैधानिक प्रक्रिया का जिक्र किया। ध्यान देने वाली बात यह है कि अपने अंतिम संबोधन में भी उन्होंने न तो अपने स्वास्थ्य का जिक्र किया और न ही इस्तीफे का कोई संकेत दिया। इससे उनके अचानक इस्तीफे पर सवाल उठना स्वाभाविक है।

कांग्रेस और इंडिया ब्लॉक अब किस राह पर?

धनखड़ का इस्तीफा ऐसे वक्त में आया है जब विपक्षी दल न्यायपालिका और कार्यपालिका के बीच की रेखा को लेकर काफी मुखर हैं। राज्यसभा में धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव भी लाया गया था, जिसे उपसभापति ने खारिज कर दिया था। अब इंडिया ब्लॉक के नेता मंगलवार सुबह 10 बजे होने वाली बैठक में इन घटनाओं की समीक्षा करेंगे। कांग्रेस असमंजस में है, क्योंकि धनखड़ के इस्तीफे से महाभियोग प्रस्ताव की दिशा और प्रभाव दोनों पर असर पड़ सकता है।
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ब्रेकिंग न्यूज़: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने दिया इस्तीफा, स्वास्थ्य को बताया वजह

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calendar21 Jul 2025 09:59 PM
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नई दिल्ली, 21 जुलाई 2025: भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अपने पद से तत्काल प्रभाव से इस्तीफा दे दिया है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को संबोधित एक औपचारिक पत्र में उन्होंने अपने इस्तीफे की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि वह चिकित्सा सलाह का पालन करते हुए और स्वास्थ्य को प्राथमिकता देते हुए यह निर्णय ले रहे हैं। यह इस्तीफा संविधान के अनुच्छेद 67(a) के तहत दिया गया है।

राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को किया धन्यवाद

अपने त्यागपत्र में उपराष्ट्रपति धनखड़ ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के प्रति गहरी कृतज्ञता व्यक्त की है। उन्होंने लिखा कि राष्ट्रपति के साथ उनका सहयोग और कार्य संबंध बहुत सौहार्दपूर्ण और सहायक रहा है। साथ ही, उन्होंने प्रधानमंत्री और मंत्रिपरिषद के साथ अपने अनुभवों को भी अमूल्य बताया। प्रधानमंत्री के सहयोग और समर्थन को उन्होंने "अनमोल" करार दिया और कहा कि उन्होंने अपने कार्यकाल में बहुत कुछ सीखा।

सांसदों के स्नेह और विश्वास को बताया जीवनभर की पूंजी

धनखड़ ने संसद के माननीय सदस्यों से मिले स्नेह, विश्वास और सम्मान को अपने जीवन की अमूल्य धरोहर बताया। उन्होंने कहा कि यह विश्वास और अपनापन उनके दिल में हमेशा बना रहेगा। उपराष्ट्रपति के रूप में मिले अनुभवों और दृष्टिकोणों के लिए उन्होंने देश और लोकतंत्र के प्रति कृतज्ञता जताई।

भारत की प्रगति और वैश्विक भूमिका पर जताया गर्व

अपने पत्र में उन्होंने भारत की आर्थिक प्रगति और वैश्विक मंच पर बढ़ती भूमिका पर गर्व जताया। उन्होंने कहा कि इस परिवर्तनकारी युग का साक्षी बनना उनके लिए सम्मान और संतोष की बात रही है। इस्तीफे के अंत में उन्होंने भारत के उज्ज्वल भविष्य पर अटूट विश्वास जताया और देश की उपलब्धियों को लेकर गर्व प्रकट किया। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ इस्तीफा

2022 में बने थे भारत के 14वें उपराष्ट्रपति

जगदीप धनखड़ ने अगस्त 2022 में भारत के 14वें उपराष्ट्रपति के रूप में शपथ ली थी। उन्होंने विपक्ष की उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा को हराकर यह चुनाव जीता था। उस चुनाव में धनखड़ को 528 मत प्राप्त हुए थे, जबकि अल्वा को 182 मत मिले थे। उपराष्ट्रपति बनने से पहले वे पश्चिम बंगाल के राज्यपाल रह चुके थे और लंबे समय से सार्वजनिक जीवन में सक्रिय थे। भाजपा विधायक ने काम कराने के लिए अधिकारियों के सामने रखे 50 हजार