बिहार के गांधी मैदान में भव्य शपथ ग्रहण, पीएम मोदी और अमित शाह रहे मौजूद

जनता दल (यूनाइटेड) के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार ने आज ऐतिहासिक गांधी मैदान में आयोजित भव्य समारोह में रिकॉर्ड 10वीं बार बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। हाल ही में संपन्न विधानसभा चुनावों में एनडीए की शानदार जीत के बाद नई सरकार के गठन की प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ी।

NDA leaders with PM Modi and CM Nitish
पीएम मोदी और सीएम नीतीश के साथ एनडीए के नेता (फाइल फोटो)
locationभारत
userऋषि तिवारी
calendar02 Dec 2025 01:49 AM
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बता दें कि शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा सहित एनडीए के शीर्ष नेता मौजूद रहे। पूरे शहर में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। समारोह से पहले शाह और नड्डा बुधवार रात पटना पहुंचे, जहां उनका भाजपा नेताओं ने स्वागत किया।

नई सरकार के गठन की प्रक्रिया

बता दें कि शपथ से पहले नीतीश कुमार ने बुधवार को राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान को अपना इस्तीफा सौंप दिया था। इसके तुरंत बाद एनडीए विधायक दल की बैठक हुई, जिसमें नीतीश कुमार को नेता चुना गया। भाजपा की ओर से सम्राट चौधरी विधायक दल के नेता और विजय कुमार सिन्हा उपनेता बनाए गए। विधायक दल की बैठक में भाजपा द्वारा नियुक्त केंद्रीय पर्यवेक्षक केशव प्रसाद मौर्य, सह-पर्यवेक्षक केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल और पूर्व केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति भी उपस्थित थे।

मंत्रिमंडल विस्तार की तैयारियाँ

बता दें कि नई सरकार के गठन में भाजपा और जदयू के बीच सीट बंटवारे को लेकर दिनभर चर्चा जारी रही। सूत्रों के अनुसार नए मंत्रिमंडल में भाजपा से 16 मंत्री, जदयू से 14 मंत्री (नीतीश कुमार सहित),एलजेपी (आरवी) से 3,HAM-S से 1,RLN से 1 मंत्री शामिल होने की संभावना है। सूत्रों के मुताबिक भाजपा के प्रेम कुमार को विधानसभा अध्यक्ष बनाने पर सहमति बन गई है, जबकि उपाध्यक्ष का पद जदयू को मिल सकता है।

संभावित मंत्री

बता दें कि जदयू से जिन नेताओं के शामिल होने की संभावना है उनमें शामिल हुए है। जिसमें बिजेंद्र प्रसाद यादव, विजय कुमार चौधरी, श्रवण कुमार, सुनील कुमार, लेसी सिंह, शीला मंडल, मदन सहनी, रत्नेश सदा, मोहम्मद जमा खान, जयंत राज, उमेश सिंह कुशवाहा और अशोक चौधरी है। भाजपा से निवर्तमान मंत्रियों—सम्राट चौधरी, मंगल पांडे, प्रेम कुमार, रेनू देवी, जिबेश कुमार, नीरज कुमार सिंह, जनक राम आदि—को फिर से मौका मिलने की संभावना है। भाजपा के संभावित नए चेहरों में पूर्व आईपीएस अधिकारी आनंद मिश्रा, राणा रणधीर, गायत्री देवी और विजय कुमार खेमका शामिल हैं।

चुनाव परिणाम और एनडीए की बढ़त

बता दें कि बिहार की 243 सदस्यीय विधानसभा में एनडीए ने इस बार भारी बहुमत हासिल किया।

  • भाजपा – 89
  • जदयू – 85
  • एलजेपी (आरवी) – 19
  • HAM – 5
  • RLN – 4

कुल मिलाकर एनडीए की सीटें 202 रहीं, जिससे गठबंधन को स्पष्ट जनादेश मिला।

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अब अदालत में जाएंगे फर्श पर पड़े हुए प्रशांत किशोर

नए-नए राजनेता बने प्रशांत किशोर एक बार फिर चर्चाओं में हैं। बिहार के विधानसभा चुनाव में प्रशांत किशोर ने कहा था कि चुनाव के बाद वें या तो फर्श पर रहेंगे या फिर अर्श पर रहेंगे। बिहार की जनता ने प्रशांत किशोर तथा उनकी जन सुराज पार्टी को बुरी तरह से हरा दिया है।

बिहार चुनाव के बाद प्रशांत किशोर की नई चाल
कोर्ट जाने की तैयारी में पीके
locationभारत
userआरपी रघुवंशी
calendar01 Dec 2025 05:55 PM
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नए-नए राजनेता बने प्रशांत किशोर एक बार फिर चर्चाओं में हैं। बिहार के विधानसभा चुनाव में प्रशांत किशोर ने कहा था कि चुनाव के बाद वें या तो फर्श पर रहेंगे या फिर अर्श पर रहेंगे। बिहार की जनता ने प्रशांत किशोर तथा उनकी जन सुराज पार्टी को बुरी तरह से हरा दिया है। बिहार के चुनाव में बहुत बुरी तरह हारने वाले प्रशांत किशोर इन दिनों फर्श पर पड़े हुए हैं। फर्श पर पड़े हुए प्रशांत किशोर अब जल्दी ही अदालत का दरवाजा खटखटाने वाले हैं।

सम्राट चौधरी बन रहे हैं उप मुख्यमंत्री तो अदालत में जाएंगे प्रशांत किशोर

प्रशांत किशोर ने मंगलवार को घोषणा की थी कि यदि सम्राट चौधरी जैसे नेताओं को सरकार में शामिल किया जाएगा तो वें उनके खिलाफ अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे। बुधवार को तय हो गया कि सम्राट चौधरी एक बार फिर बिहार के उप मुख्यमंत्री बन रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी के विधायक दल ने सम्राट चौधरी को अपना नेता चुन लिया है। अब बारी प्रशांत किशोर की है। यदि प्रशांत किशोर अपने बयान पर कायम रहते हैं तो वें जल्दी ही सम्राट चौधरी के विरुद्ध अदालत में केस दर्ज करा देंगे। यह बड़ा सवाल है कि प्रशांत किशोर सम्राट चौधरी के विरुद्ध अदालत में कब जाएंगे? सवाल यह भी पूछा जा रहा है कि प्रशांत किशोर अदालत में सम्राट चौधरी के विरुद्ध कौन सा केस लेकर लड़ेंगे?

सम्राट चौधरी को लेकर क्या बोले प्रशांत किशोर?

सम्राट चौधरी तथा भाजपा के कुछ और नेताओं के विरूद्ध प्रशांत किशोर ने चुनाव में बड़े-बड़े आरोप लगाए थे। इन आरोपों में भ्रष्टाचार तथा हत्या जैसे गंभीर आरोप शामिल हैं। मंगलवार को प्रशांत किशोर ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि, हमें उम्मीद थी कि सरकार एक्शन लेगी। लेकिन, लोगों ने उन्हें फिर से चुना है और उन्हें बहुत बड़ा मैंडेट दिया है। अब ये सरकार की जिम्मेदारी है कि वो उन्हें कैबिनेट में शामिल न करें। न तो नीतीश कुमार और न ही बीजेपी, किसी ने भी प्रशांत किशोर के आरोपों को कोई तवज्जो दी थी। जिन नेताओं पर प्रशांत किशोर ने आरोप लगाए थे, सभी ने अपनी तरफ से खारिज कर दिया था। सम्राट चौधरी ने भी, और अशोक चौधरी ने भी। अशोक चौधरी ने तो नोटिस भी भेजा था, लेकिन बाद में ये कह कर कदम पीछे खींच लिए कि चुनाव का वक्त है, और ऐसी चीजों पर वो समय बर्बाद नहीं करना चाहते हैं। प्रशांत किशोर कह रहे हैं, अगर ऐसे नेताओं को फिर से सरकार में शामिल किया जाता है तो हम लोगों के पास जाएंगे और जरूरत पडऩे पर कोर्ट भी जाएंगे। जिन चार लोगों के बारे में हमने पहले बताया था, अगर वे फिर से मिनिस्टर बनते हैं तो हम कोर्ट जाएंगे।

प्रशांत किशोर का आरोप है कि अशोक चौधरी ने अपनी बेटी शांभवी चौधरी के लिए पैसे देकर लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के टिकट खरीदे थे। लेकिन, जब चिराग पासवान को लेकर सवाल पूछा जाने लगा तो प्रशांत किशोर ने समझाया था कि जरूरी नहीं कि ये जानकारी चिराग पासवान को रही हो। हो सकता है, चुनाव में कुछ हासिल हो गया होता तो प्रशांत किशोर के लिए भी वे आरोप जुमला साबित होते, लेकिन अब जबकि प्रशांत किशोर को राजनीति से संन्यास नहीं लेना है और बिहार में भी बने भी रहना है तो कुछ न कुछ तो करना ही होगा। प्रशांत किशोर का आरोपों के साथ मैदान में बने रहना आसान भी नहीं होगा।

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जाने भारत में आड़ू की खेती का महत्व

आड़ू (Peach) भारत के पर्वतीय और उपपर्वतीय क्षेत्र में सफलतापूर्वक उगाया जा रहा है। यह फलदार पेड़ भारत के विशेष रूप से पहाड़ी इलाकों में पाये जाते हैं। यह फसल स्थानीय किसानों के लिए आय का अच्छा स्रोत बन रही है और क्षेत्र की कृषि में विविधता ला रही है।

Peach cultivation
आड़ू की खेती (फाइल फोटो)
locationभारत
userऋषि तिवारी
calendar19 Nov 2025 04:02 PM
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बता दें कि आड़ू शीतोष्ण क्षेत्रों की एक महत्वपूर्ण गुठलीदार फल फसल है। पहले अच्छे आड़ू केवल ऊँचे पहाड़ी क्षेत्रों (जैसे जेएच हेल, अल्बर्टा, मैचलेस) में पैदा होते थे, जबकि मैदानी इलाकों में सिर्फ निम्न गुणवत्ता वाली ‘चकली’ किस्म उगाई जाती थी। लेकिन फ्लोरिडा से कम ठंड की जरूरत वाली किस्मों के आने के बाद आड़ू मैदानी क्षेत्रों का प्रमुख फल बन गया है । इसकी कटाई अप्रैल से जुलाई तक होती है। आड़ू ताज़ा खाने के साथ-साथ स्क्वैश बनाने में भी उपयोगी है। इसकी गुठली का आवश्यक तेल सौंदर्य प्रसाधनों और औषधियों में काम आता है। आड़ू पोटैशियम, फ्लोराइड और आयरन जैसे खनिजों से भरपूर होता है।

आड़ू: एक प्रसिद्ध फल और उसकी खेती का इतिहास

बता दें कि आड़ू (Peach) एक लोकप्रिय फलदार पेड़ है, जो अपनी मखमली त्वचा और मीठे स्वाद के लिए जाना जाता है। यह पेड़ मुख्य रूप से भारत के पर्वतीय और उपपर्वतीय क्षेत्रों में उगाया जाता है, जहां इसकी खेती सफलतापूर्वक की जा सकती है। ताजे आड़ू का सेवन लोग पसंद करते हैं, और इसके फल से जाम, जेली और चटनी जैसी पारंपरिक व्यंजन भी बनाए जाते हैं।

जाने यूके में आड़ू की खेती का लंबा इतिहास 

बता दें कि यूके में आड़ू की खेती का लंबा इतिहास है। यहां आड़ू को धूप वाली सुरक्षित जगह, जैसे दक्षिण या पश्चिम दिशा वाली दीवार के पास, गमलों में या ग्रीनहाउस में उगाया जाता है। पुराने समय में आलीशान घरों के किचन गार्डन में काँच के 'पीच हाउस' होते थे, जहां आड़ू के पेड़ को दीवार से सटा कर रखा जाता था ताकि फल आसानी से पक सकें। आजकल, आड़ू को बाहर, ग्रीनहाउस में और छोटे बगीचों में भी उगाया जा सकता है। आड़ू और नेक्टराइन (Prunus persica var. nectarina) बहुत मिलते-जुलते हैं। नेक्टराइन की त्वचा चिकनी और मखमली होती है, जबकि आड़ू की त्वचा रोएँदार और मुलायम होती है। दोनों को उगाने का तरीका समान है, लेकिन ब्रिटेन में नेक्टराइन को पकने में थोड़ी गर्म जलवायु की आवश्यकता होती है।

आड़ू की कई किस्में उपलब्ध

बता दें कि आड़ू की कई किस्में उपलब्ध हैं, जो आकार, स्वाद और मिठास में भिन्न होती हैं। ये फल गोल या थोड़े चपटे हो सकते हैं और बाहर से लाल, नारंगी या पीले रंग में पकते हैं। अंदर का गूदा सुनहरा, लाल या सफेद हो सकता है। फल 'फ्री-स्टोन' (जहां गूदा आसानी से अलग हो जाता है) या 'क्लिंग-स्टोन' (जहां गूदा गुठली से नहीं हटता) हो सकते हैं। फसल का समय जुलाई से सितंबर तक होता है, और कुछ किस्में ब्रिटेन की जलवायु में और अधिक भरोसेमंद होती हैं। 

आड़ू के पेड़ ही पर्याप्त है अच्छी फसल के लिए

बता दें कि आड़ू के पेड़ स्व-उपजाऊ होते हैं, यानी एक पेड़ ही पर्याप्त है अच्छी फसल के लिए। इन्हें आमतौर पर 'सेंट जूलियन ए' रूटस्टॉक पर ग्राफ्ट किया जाता है, और छोटे आकार के वेरिएंट जैसे 'पैटियो पीच' आसानी से गमलों में उगाए जा सकते हैं। बीज से उगाना संभव है, लेकिन इससे पेड़ फल देने में कई साल लग सकते हैं, और परिणाम अनिश्चित हो सकते हैं। बेहतर है कि आप अच्छी गुणवत्ता वाला पौधा किसी प्रतिष्ठित विक्रेता से खरीदें।

आड़ू पौधे गमलों में भी उगाया जा सकता हैं

बता दें कि आड़ू के पौधे गमलों में भी उगाए जा सकते हैं। गमलों का आकार कम से कम 45 सेमी चौड़ा और गहरा होना चाहिए। इन्हें धूप वाली जगह पर रखें और नियमित रूप से पानी और खाद दें। विशेषज्ञ फल नर्सरियों से आप विभिन्न किस्मों का चयन कर सकते हैं, जो साल भर उपलब्ध रहती हैं। आखिरकार, आड़ू का पौधा उगाना आसान है यदि सही स्थान और देखभाल की जाए। यह फल न केवल स्वादिष्ट होता है, बल्कि अपने क्षेत्र की कृषि विविधता में भी वृद्धि करता है। यदि आप अपने बगीचे में आड़ू उगाने की सोच रहे हैं, तो सही किस्म का चयन और समय पर देखभाल आपके लिए खुशहाली ला सकती है।