अमिताभ का यंग अवतार था, आज US में ₹200 करोड़ का टेक एम्पायर संभालता है

अमिताभ का यंग अवतार था, आज US में ₹200 करोड़ का टेक एम्पायर संभालता है
locationभारत
userचेतना मंच
calendar06 Aug 2025 12:30 PM
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Bollywood News : चाइल्ड‑स्टार अलंकार जोशी जिन्हें मास्टर अलंकार के नाम से जाना जाता है बहुत छोटी उम्र में स्क्रीन पर अमिताभ बच्चन का यंग अवतार बनकर धूम मचा चुके थे।  'मजबूर' (1974) और 'दीवार' (1975) जैसे क्लासिक्स फिल्म में उन्होंने यंग अमिताभ का रोल निभा कर इंडस्ट्री में अपनी एक पहचान बना ली थी। फिर एक दिन सब कुछ छोड़कर वो अमेरिका चले गए, जहां उन्होंने सॉफ्टवेयर फील्ड में करियर शुरू किया और आज उनका बिज़नेस एम्पायर लगभग ₹200 करोड़ की वैल्यूएशन का है। ये कहानी एक बचपन के फेम से ग्लोबल एंटरप्रेन्योर तक के सफर की है।

बचपन में बॉलीवुड की शान, आज IT का किंग

बॉलीवुड के गोल्डन एरा में जब दीवार बन रही थी, यूथ अमिताभ के रोल के लिए यश चोपड़ा को एक छोटा बच्चा चाहिए था। अमिताभ बच्चन ने खुद ही अलंकार पर नज़र डाली और डायरेक्टर से रिक्वेस्ट की, “इस लड़के में मेरा चाइल्डहुड वर्ज़न ढूंढ लो। इस तरह अलंकार की कास्टिंग हुई यंग विजय के रूप में – जिसे उन्होंने नेचुरल एक्टिंग और अमिताभ के जेस्चरल स्टाइल्स से और भी प्रभावशाली बना दिया। 70s के दौर में  मजबूर और दीवार जैसी सुपरहिट फिल्मों में उनका यंग लीड वर्ज़न बेहद इम्पैक्टफुल था। 100 से ज़्यादा फिल्मों में उनका काम उन्हें एक सुपरस्टार चाइल्ड आर्टिस्ट बना चुका था।

एक्टिंग से IT तक का सफर

जब अलंकार बड़े हुए तो एडल्ट रोल्स उनके लिए आसानी से नहीं आए। उन्होंने डायरेक्शन‑प्रोडक्शन भी ट्राय किया लेकिन उसमें ज़्यादा दिलचस्पी नहीं रही। फिर उन्होंने बैक‑अप प्लान के तौर पर अकॅडेमिक्स पर फोकस किया – सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग सीखी और अमेरिका शिफ्ट हो गए। दो साल एक सॉफ्टवेयर कंपनी में काम करने के बाद, उन्होंने एक दोस्त के साथ मिलकर अपनी टेक वेंचर शुरू की। आज 35 साल से USA में सेटल्ड हैं और उनका वेंचर लगभग ₹200 करोड़ की वैल्यू के आसपास है।

परिवार में क्रिएटिविटी

उनके क्रिएटिव जीन्स आज भी उनके परिवार में ज़िंदा हैं। उनकी ट्विन बेटियां हॉलीवुड में बतौर एक्टर काम करती हैं, जिनमें से एक अनुजा जोशी हैं जिन्होंने Hello Mini वेब सीरीज़ (Amazon MX Player) में काम किया है। उनका बेटा म्यूज़िक पर्स्यू कर रहा है। उनकी बड़ी बहन पल्लवी जोशी मराठी सिनेमा में अभिनेत्री हैं और ब्रदर‑इन‑लॉ विवेक अग्निहोत्री एक फिल्ममेकर हैं।

अलंकार का नज़रिया: “रिटायर्ड स्पोर्ट्समैन”

2024 के एक इंटरव्यू में अलंकार ने अपनी जर्नी को कुछ यूं समेटा: “मैं एक रिटायर्ड स्पोर्ट्समैन की तरह हूं—एक ज़माने में मैं गेम में था, अब यादें रह गई हैं।” जब उनसे लाइमलाइट की कमी को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि उन्हें शोबिज़ सेलेब्रिटी स्टेटस की इतनी ज़रूरत नहीं थी – वो हमेशा लाइमलाइट के पास थे लेकिन उसमें पूरी तरह उलझे हुए कभी नहीं रहे। मास्टर अलंकार की जर्नी एक सबक है अडैप्टेबिलिटी और विज़न का। फिल्म इंडस्ट्री में उन्हें बचपन और फेम ज़रूर मिला लेकिन उन्होंने उससे आगे IT और एंटरप्रेन्योरशिप में पिवट किया। आज मास्टर का नाम सिर्फ रील्स तक सीमित नहीं रहा – उन्होंने U.S. में ₹200 करोड़ का टेक एम्पायर खड़ा किया और क्रिएटिविटी उनके परिवार में पीढ़ी दर पीढ़ी चलती आ रही है।
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पूर्व पीएम के पोते प्रज्वल रेवन्ना को उम्रकैद, रेप केस में कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला

Revanna
Bengaluru :
locationभारत
userचेतना मंच
calendar26 Nov 2025 11:14 PM
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Bengaluru : लंबे समय तक चली सुनवाई और सबूतों की गहन जांच के बाद आखिरकार पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा के पोते और जेडीएस के पूर्व सांसद प्रज्वल रेवन्ना को शनिवार को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। बेंगलुरु की एमपी-एमएलए विशेष अदालत ने उन्हें रेप और अश्लील वीडियो बनाने के मामले में दोषी पाते हुए यह सख्त सजा सुनाई है। कोर्ट ने 5 लाख रुपये का जुर्माना भी ठोका है। सजा सुनाए जाने के दौरान कोर्ट में रेवन्ना भावुक हो गया और फूट-फूट कर रो पड़ा। अदालत में मौजूद लोग इस दृश्य को देखकर सन्न रह गए।

14 महीने में मुकदमा पूरा, 123 सबूत, 23 गवाह

सीआईडी की एसआईटी द्वारा की गई जांच में करीब 2000 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की गई थी, जिसमें 123 भौतिक और डिजिटल साक्ष्य तथा 23 गवाहों के बयान शामिल थे। वीडियो क्लिप्स की फॉरेंसिक जांच, घटनास्थलों का निरीक्षण और तकनीकी विश्लेषण अदालत के सामने रखा गया। कोर्ट ने यह मुकदमा महज 14 महीने में पूरा कर दिया, जो देश के न्यायिक इतिहास में तेज गति से निपटाए गए मामलों में एक अहम मिसाल माना जा रहा है। शुक्रवार को ही कोर्ट ने प्रज्वल को दोषी करार दिया था, और शनिवार को सजा का ऐलान कर दिया गया।

2000 अश्लील वीडियो, ब्लैकमेल के गंभीर आरोप

रेवन्ना पर यह पहला फैसला है, लेकिन इससे इतर उन पर कई और गंभीर आपराधिक मामलों की जांच चल रही है। उन पर करीब 2000 अश्लील वीडियो बनाकर महिलाओं को ब्लैकमेल करने और उनका यौन शोषण करने का भी आरोप है। अप्रैल 2024 में उनके खिलाफ पहला मामला दर्ज हुआ था, जिसके बाद देशभर में हड़कंप मच गया था। इसके अलावा, बेंगलुरु साइबर क्राइम थाने में दो अन्य मामले दर्ज हैं, जबकि उनके पिता एचडी रेवन्ना के खिलाफ भी केआर नगर थाने में मामला लंबित है।

घरेलू सहायिका की शिकायत से खुला पूरा मामला

प्रज्वल के खिलाफ कार्रवाई की नींव एक घरेलू सहायिका द्वारा दर्ज कराई गई एफआईआर ने रखी थी। मैसूरु निवासी इस पीड़िता की शिकायत पर सीआईडी की विशेष जांच टीम ने गहन पड़ताल की। टीम का नेतृत्व इंस्पेक्टर शोभा कर रही थीं। सभी पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद विशेष न्यायाधीश संतोष गजानन भट्ट ने फैसला सुरक्षित रखते हुए अंतत: उम्रकैद की सजा सुना दी।

राजनीतिक गलियारों में भूचाल

इस फैसले से न केवल कर्नाटक बल्कि देशभर के राजनीतिक गलियारों में खलबली मच गई है। देवेगौड़ा परिवार की प्रतिष्ठा पर गहरा असर पड़ा है। जेडीएस नेतृत्व ने इस पूरे मामले पर अब तक कोई स्पष्ट प्रतिक्रिया नहीं दी है। रेवन्ना मामले में कोर्ट की सख्ती यह संकेत देती है कि यौन अपराधों में अब वीआईपी पहचान सुरक्षा कवच नहीं बनेगी। सवाल यह भी है कि क्या शेष मामलों में भी इतनी ही तेजी और निष्पक्षता से सुनवाई होगी?
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यूपी का पहला प्राइवेट रेलवे स्टेशन बना गोमतीनगर, अब यात्रियों को मिलेंगी वर्ल्ड क्लास सुविधाएं

Station 1
Uttar Pradesh samachar
locationभारत
userचेतना मंच
calendar30 Nov 2025 10:17 PM
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अब रेलवे स्टेशन भी बदलेंगे अंदाज! लखनऊ का गोमतीनगर रेलवे स्टेशन उत्तर प्रदेश का पहला निजी प्रबंधन वाला स्टेशन बन गया है। यहां यात्रियों को एयरपोर्ट जैसी वर्ल्ड क्लास सुविधाएं मिलने जा रही हैं। हालांकि, ट्रेनों का संचालन, टिकटिंग और सुरक्षा व्यवस्था अब भी रेलवे के ही हाथ में रहेगी। रेलवे की इस नई व्यवस्था के तहत गोमतीनगर स्टेशन की सफाई, खानपान, पार्किंग, वेटिंग एरिया, कस्टमर केयर और रखरखाव जैसी सेवाएं अब निजी कंपनियों द्वारा संचालित की जाएंगी। इस कदम का मकसद यात्रियों को बेहतर अनुभव और सुव्यवस्थित सेवाएं देना है। Uttar Pradesh samachar :

कौन-कौन से बदलाव होंगे?

गोमतीनगर स्टेशन लखनऊ के व्यस्ततम स्टेशनों में से एक है। यहां से रोजाना करीब 76 ट्रेनें गुजरती हैं, जो पूर्वांचल के गोरखपुर, छपरा, बरौनी जैसे शहरों से जुड़ी हैं। स्टेशन पर 6 प्लेटफॉर्म हैं और यात्रियों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। अब से यहां की ये सेवाएं निजी हाथों में होंगी जिनमें हैं, स्टेशन परिसर की सफाई, खानपान स्टॉल्स और गुणवत्ता, पार्किंग व्यवस्था, वेटिंग एरिया की देखरेख, कस्टमर सर्विस डेस्क ये सभी सेवाएं अब निजी हाथ में होगी।

निजीकरण क्यों किया गया?

रेलवे ने इस योजना को पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल के तहत लागू किया है। इसका संचालन रेल लैंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (आरएलडीए) देख रही है, जो निजी कंपनियों को 9 साल की अवधि के लिए लाइसेंस देती है। इस मॉडल से होने वाली आय का 85% हिस्सा भारतीय रेलवे को और 15% आरएलडीए को मिलेगा। इससे न केवल रेलवे की आय बढ़ेगी, बल्कि यात्रियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर की सेवाएं भी मिल सकेंगी।

क्या आम यात्रियों पर असर पड़ेगा?

हालांकि सुविधाएं बेहतर होंगी, लेकिन कुछ यात्रियों को चिंता है कि सेवाओं की लागत बढ़ सकती है। जैसे पार्किंग, खानपान या अन्य सेवाएं पहले की तुलना में महंगी हो सकती हैं, जिससे आम यात्रियों की जेब पर असर पड़ेगा। फिलहाल गोमतीनगर स्टेशन को पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर विकसित किया गया है। अगर यह सफल रहता है, तो जल्द ही देश के अन्य बड़े रेलवे स्टेशनों पर भी इसी मॉडल को लागू किया जा सकता है। गोमतीनगर स्टेशन अब सिर्फ एक रेलवे स्टेशन नहीं, बल्कि एक आधुनिक ट्रांजिट हब बनने की ओर अग्रसर है। अगर ये मॉडल सफल रहता है, तो यात्रियों को हर स्टेशन पर मिलेंगी एयरपोर्ट जैसी सहूलियतें। Uttar Pradesh samachar :