अमिताभ का यंग अवतार था, आज US में ₹200 करोड़ का टेक एम्पायर संभालता है

बचपन में बॉलीवुड की शान, आज IT का किंग
बॉलीवुड के गोल्डन एरा में जब दीवार बन रही थी, यूथ अमिताभ के रोल के लिए यश चोपड़ा को एक छोटा बच्चा चाहिए था। अमिताभ बच्चन ने खुद ही अलंकार पर नज़र डाली और डायरेक्टर से रिक्वेस्ट की, “इस लड़के में मेरा चाइल्डहुड वर्ज़न ढूंढ लो। इस तरह अलंकार की कास्टिंग हुई यंग विजय के रूप में – जिसे उन्होंने नेचुरल एक्टिंग और अमिताभ के जेस्चरल स्टाइल्स से और भी प्रभावशाली बना दिया। 70s के दौर में मजबूर और दीवार जैसी सुपरहिट फिल्मों में उनका यंग लीड वर्ज़न बेहद इम्पैक्टफुल था। 100 से ज़्यादा फिल्मों में उनका काम उन्हें एक सुपरस्टार चाइल्ड आर्टिस्ट बना चुका था।एक्टिंग से IT तक का सफर
जब अलंकार बड़े हुए तो एडल्ट रोल्स उनके लिए आसानी से नहीं आए। उन्होंने डायरेक्शन‑प्रोडक्शन भी ट्राय किया लेकिन उसमें ज़्यादा दिलचस्पी नहीं रही। फिर उन्होंने बैक‑अप प्लान के तौर पर अकॅडेमिक्स पर फोकस किया – सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग सीखी और अमेरिका शिफ्ट हो गए। दो साल एक सॉफ्टवेयर कंपनी में काम करने के बाद, उन्होंने एक दोस्त के साथ मिलकर अपनी टेक वेंचर शुरू की। आज 35 साल से USA में सेटल्ड हैं और उनका वेंचर लगभग ₹200 करोड़ की वैल्यू के आसपास है।परिवार में क्रिएटिविटी
उनके क्रिएटिव जीन्स आज भी उनके परिवार में ज़िंदा हैं। उनकी ट्विन बेटियां हॉलीवुड में बतौर एक्टर काम करती हैं, जिनमें से एक अनुजा जोशी हैं जिन्होंने Hello Mini वेब सीरीज़ (Amazon MX Player) में काम किया है। उनका बेटा म्यूज़िक पर्स्यू कर रहा है। उनकी बड़ी बहन पल्लवी जोशी मराठी सिनेमा में अभिनेत्री हैं और ब्रदर‑इन‑लॉ विवेक अग्निहोत्री एक फिल्ममेकर हैं।अलंकार का नज़रिया: “रिटायर्ड स्पोर्ट्समैन”
2024 के एक इंटरव्यू में अलंकार ने अपनी जर्नी को कुछ यूं समेटा: “मैं एक रिटायर्ड स्पोर्ट्समैन की तरह हूं—एक ज़माने में मैं गेम में था, अब यादें रह गई हैं।” जब उनसे लाइमलाइट की कमी को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि उन्हें शोबिज़ सेलेब्रिटी स्टेटस की इतनी ज़रूरत नहीं थी – वो हमेशा लाइमलाइट के पास थे लेकिन उसमें पूरी तरह उलझे हुए कभी नहीं रहे। मास्टर अलंकार की जर्नी एक सबक है अडैप्टेबिलिटी और विज़न का। फिल्म इंडस्ट्री में उन्हें बचपन और फेम ज़रूर मिला लेकिन उन्होंने उससे आगे IT और एंटरप्रेन्योरशिप में पिवट किया। आज मास्टर का नाम सिर्फ रील्स तक सीमित नहीं रहा – उन्होंने U.S. में ₹200 करोड़ का टेक एम्पायर खड़ा किया और क्रिएटिविटी उनके परिवार में पीढ़ी दर पीढ़ी चलती आ रही है।अगली खबर पढ़ें
बचपन में बॉलीवुड की शान, आज IT का किंग
बॉलीवुड के गोल्डन एरा में जब दीवार बन रही थी, यूथ अमिताभ के रोल के लिए यश चोपड़ा को एक छोटा बच्चा चाहिए था। अमिताभ बच्चन ने खुद ही अलंकार पर नज़र डाली और डायरेक्टर से रिक्वेस्ट की, “इस लड़के में मेरा चाइल्डहुड वर्ज़न ढूंढ लो। इस तरह अलंकार की कास्टिंग हुई यंग विजय के रूप में – जिसे उन्होंने नेचुरल एक्टिंग और अमिताभ के जेस्चरल स्टाइल्स से और भी प्रभावशाली बना दिया। 70s के दौर में मजबूर और दीवार जैसी सुपरहिट फिल्मों में उनका यंग लीड वर्ज़न बेहद इम्पैक्टफुल था। 100 से ज़्यादा फिल्मों में उनका काम उन्हें एक सुपरस्टार चाइल्ड आर्टिस्ट बना चुका था।एक्टिंग से IT तक का सफर
जब अलंकार बड़े हुए तो एडल्ट रोल्स उनके लिए आसानी से नहीं आए। उन्होंने डायरेक्शन‑प्रोडक्शन भी ट्राय किया लेकिन उसमें ज़्यादा दिलचस्पी नहीं रही। फिर उन्होंने बैक‑अप प्लान के तौर पर अकॅडेमिक्स पर फोकस किया – सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग सीखी और अमेरिका शिफ्ट हो गए। दो साल एक सॉफ्टवेयर कंपनी में काम करने के बाद, उन्होंने एक दोस्त के साथ मिलकर अपनी टेक वेंचर शुरू की। आज 35 साल से USA में सेटल्ड हैं और उनका वेंचर लगभग ₹200 करोड़ की वैल्यू के आसपास है।परिवार में क्रिएटिविटी
उनके क्रिएटिव जीन्स आज भी उनके परिवार में ज़िंदा हैं। उनकी ट्विन बेटियां हॉलीवुड में बतौर एक्टर काम करती हैं, जिनमें से एक अनुजा जोशी हैं जिन्होंने Hello Mini वेब सीरीज़ (Amazon MX Player) में काम किया है। उनका बेटा म्यूज़िक पर्स्यू कर रहा है। उनकी बड़ी बहन पल्लवी जोशी मराठी सिनेमा में अभिनेत्री हैं और ब्रदर‑इन‑लॉ विवेक अग्निहोत्री एक फिल्ममेकर हैं।अलंकार का नज़रिया: “रिटायर्ड स्पोर्ट्समैन”
2024 के एक इंटरव्यू में अलंकार ने अपनी जर्नी को कुछ यूं समेटा: “मैं एक रिटायर्ड स्पोर्ट्समैन की तरह हूं—एक ज़माने में मैं गेम में था, अब यादें रह गई हैं।” जब उनसे लाइमलाइट की कमी को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि उन्हें शोबिज़ सेलेब्रिटी स्टेटस की इतनी ज़रूरत नहीं थी – वो हमेशा लाइमलाइट के पास थे लेकिन उसमें पूरी तरह उलझे हुए कभी नहीं रहे। मास्टर अलंकार की जर्नी एक सबक है अडैप्टेबिलिटी और विज़न का। फिल्म इंडस्ट्री में उन्हें बचपन और फेम ज़रूर मिला लेकिन उन्होंने उससे आगे IT और एंटरप्रेन्योरशिप में पिवट किया। आज मास्टर का नाम सिर्फ रील्स तक सीमित नहीं रहा – उन्होंने U.S. में ₹200 करोड़ का टेक एम्पायर खड़ा किया और क्रिएटिविटी उनके परिवार में पीढ़ी दर पीढ़ी चलती आ रही है।संबंधित खबरें
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