आंध्र प्रदेश से आएगा राम मंदिर उद्घाटन के लिए प्रसादम
श्री वेंकटेश्वर मंदिर का प्रबंधन करने वाले तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) ने अयोध्या में भक्तों को लगभग एक लाख लड्डु (Ram Mandir Special Prasad) वितरित करने का निर्णय लिया है


श्री वेंकटेश्वर मंदिर का प्रबंधन करने वाले तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) ने अयोध्या में भक्तों को लगभग एक लाख लड्डु (Ram Mandir Special Prasad) वितरित करने का निर्णय लिया है



UP News : बलिया। उत्तर प्रदेश के बलिया में दौरे पर आए अखिलेश यादव ने बसपा सुप्रीमो मायावती के इंडिया गठबंधन में शामिल होने के सवाल पर सभी की बोलती बंद कर दी। उन्होंने बसपा सुप्रीमो को लेकर एक बड़ी बात कही है। अखिलेश यादव ने कहा कि मायावती को लेकर भरोसा कौन दिलाएगा। उन्होंने कहा कि मायावती पर भरोसा नहीं किया जा सकता है कि वह लोकसभा चुनाव के बाद भी गठबंधन में रहेंगी या नहीं।
आपको बता दें सपा सुप्रीमो और यूपी के पूर्व मंत्री अखिलेश यादव शनिवार को यूपी के बलिया में थे। बलिया में उन्होंने पत्रकारों से कई मुद्दों पर अहम बातचीत की। बसपा सुप्रीमो मायावती के इंडिया गठबंधन में आने के सवाल पर अखिलेश यादव ने कहा कि 'उसके बाद का (2024 लोकसभा चुनाव) भरोसा आप दिलाओगे। बात भरोसे का है। अगर वह आती हैं तो आप में से कौन भरोसा दिलाएगा ?'
आपको बता दें कि वर्ष 2019 के लोकसभा चुनावों में सपा और बसपा ने उत्तर प्रदेश में गठबंधन किया था। इस महागठंधन में आरएलडी भी शामिल थी। बसपा ने 10 सीटें जीती थीं, जबकि सपा के खाते में 5 सीटें आई थीं। आरएलडी कोई सीट नहीं जीत सकी थी। चुनाव बाद मायावती ने गठबंधन तोड़ लिया था और 2022 का उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव बसपा अकेले लड़ी थी। इतना ही नहीं, मायावती ने सपा का गढ़ कहे जाने वाले आजमगढ़ के उपचुनाव में अपना उम्मीदवार भी उतारा था। इसमें भाजपा के दिनेश लाल यादव उर्फ निरहुआ को जीत मिली थी। सपा प्रत्याशी धर्मेंद्र यादव यहां हार गए थे।
पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि मकर संक्रांति तक गठबंधन में सीटों के बंटवारे का निर्णय हो जाएगा। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि सपा पूरी जिम्मेदारी के साथ इंडिया गठबंधन में है। गठबंधन में किसे क्या जिम्मेदारी दी जाएगी, इस पर फैसला जल्द लिया जाएगा। सपा प्रमुख ने कहा, 'एक बात साफ है कि उत्तर प्रदेश ही नहीं बल्कि देश की जनता भी बीजेपी को हटाना चाहती है। ग्राम प्रधानों का बजट कम करके विकसित भारत का सपना पूरा नहीं किया जा सकता'।
अयोध्या में राम मंदिर के उदघाटन पर अखिलेश यादव ने कहा कि धर्म राजनीति का हिस्सा नहीं हो सकता। किसानों की आय दोगुनी हुई या नहीं, युवाओं को रोजगार मिला या नहीं, इन सवालों का जवाब बीजेपी को देना होगा, चूंकि भाजपा के पास इन सवालों का जवाब नहीं है, इसलिए वह धर्म के पीछे छिप जाती है।' राम मंदिर के प्राण-प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने के बारे में पूछे जाने पर अखिलेश यादव ने कहा कि 'बीजेपी के लोग कह रहे हैं कि जिनके पास निमंत्रण पत्र होगा केवल वे ही जाएंगे। हमारा रुख है कि जब भगवान (किसी को) बुलाते हैं तो बीजेपी भी उसे नहीं रोक सकती'।
उन्होंने कहा कि अगर हमें मंदिर देखने का मन हो तो क्या कोई हमें रोक पाएगा? भाजपा कैसे तय कर सकती है कि किसे आमंत्रित करना है और किसे नहीं? इसका मतलब यह नहीं की यह भगवान श्रीराम की इच्छा है, बल्कि यह फैसला भाजपा का है'। प्रधानमंत्री पद के लिए अपनी दावेदारी के बारे में एक सवाल के जवाब में अखिलेश यादव ने कहा, 'सवाल यह नहीं है कि कौन सा पद कौन संभालेगा आप बलिया से हैं, यहां (चंद्रशेखर) प्रधानमंत्री रहे हैं। आप इन बातों को समझते हैं और सभी परिस्थितियों को भी समझते हैं। कई बार कम सीट वाले भी प्रधानमंत्री बन जाते है, लेकिन हमारे लिए मुख्य बात यह है कि भाजपा हार जाए'।
UP Newsराहुल गांधी की न्याय यात्रा को लेकर अखिलेश यादव ने कहा कि अभी यह कांग्रेस की न्याय यात्रा है। यह अच्छी बात है कि यात्रा हो रही है, लेकिन सभी पार्टियां चाहती हैं कि टिकट और सीटों का बंटवारा यात्रा से पहले हो जाना चाहिए। जब सीटों का बंटवारा हो जाएगा तो कई लोग अपने आप सहयोग के लिए सामने आएंगे, क्योंकि चुनाव लड़ने वाला उम्मीदवार पूरी जिम्मेदारी के साथ सामने आएगा। यात्रा में शामिल होने के संबंध में पूछे जाने पर उन्होंने कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया। UP News
UP News : बलिया। उत्तर प्रदेश के बलिया में दौरे पर आए अखिलेश यादव ने बसपा सुप्रीमो मायावती के इंडिया गठबंधन में शामिल होने के सवाल पर सभी की बोलती बंद कर दी। उन्होंने बसपा सुप्रीमो को लेकर एक बड़ी बात कही है। अखिलेश यादव ने कहा कि मायावती को लेकर भरोसा कौन दिलाएगा। उन्होंने कहा कि मायावती पर भरोसा नहीं किया जा सकता है कि वह लोकसभा चुनाव के बाद भी गठबंधन में रहेंगी या नहीं।
आपको बता दें सपा सुप्रीमो और यूपी के पूर्व मंत्री अखिलेश यादव शनिवार को यूपी के बलिया में थे। बलिया में उन्होंने पत्रकारों से कई मुद्दों पर अहम बातचीत की। बसपा सुप्रीमो मायावती के इंडिया गठबंधन में आने के सवाल पर अखिलेश यादव ने कहा कि 'उसके बाद का (2024 लोकसभा चुनाव) भरोसा आप दिलाओगे। बात भरोसे का है। अगर वह आती हैं तो आप में से कौन भरोसा दिलाएगा ?'
आपको बता दें कि वर्ष 2019 के लोकसभा चुनावों में सपा और बसपा ने उत्तर प्रदेश में गठबंधन किया था। इस महागठंधन में आरएलडी भी शामिल थी। बसपा ने 10 सीटें जीती थीं, जबकि सपा के खाते में 5 सीटें आई थीं। आरएलडी कोई सीट नहीं जीत सकी थी। चुनाव बाद मायावती ने गठबंधन तोड़ लिया था और 2022 का उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव बसपा अकेले लड़ी थी। इतना ही नहीं, मायावती ने सपा का गढ़ कहे जाने वाले आजमगढ़ के उपचुनाव में अपना उम्मीदवार भी उतारा था। इसमें भाजपा के दिनेश लाल यादव उर्फ निरहुआ को जीत मिली थी। सपा प्रत्याशी धर्मेंद्र यादव यहां हार गए थे।
पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि मकर संक्रांति तक गठबंधन में सीटों के बंटवारे का निर्णय हो जाएगा। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि सपा पूरी जिम्मेदारी के साथ इंडिया गठबंधन में है। गठबंधन में किसे क्या जिम्मेदारी दी जाएगी, इस पर फैसला जल्द लिया जाएगा। सपा प्रमुख ने कहा, 'एक बात साफ है कि उत्तर प्रदेश ही नहीं बल्कि देश की जनता भी बीजेपी को हटाना चाहती है। ग्राम प्रधानों का बजट कम करके विकसित भारत का सपना पूरा नहीं किया जा सकता'।
अयोध्या में राम मंदिर के उदघाटन पर अखिलेश यादव ने कहा कि धर्म राजनीति का हिस्सा नहीं हो सकता। किसानों की आय दोगुनी हुई या नहीं, युवाओं को रोजगार मिला या नहीं, इन सवालों का जवाब बीजेपी को देना होगा, चूंकि भाजपा के पास इन सवालों का जवाब नहीं है, इसलिए वह धर्म के पीछे छिप जाती है।' राम मंदिर के प्राण-प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने के बारे में पूछे जाने पर अखिलेश यादव ने कहा कि 'बीजेपी के लोग कह रहे हैं कि जिनके पास निमंत्रण पत्र होगा केवल वे ही जाएंगे। हमारा रुख है कि जब भगवान (किसी को) बुलाते हैं तो बीजेपी भी उसे नहीं रोक सकती'।
उन्होंने कहा कि अगर हमें मंदिर देखने का मन हो तो क्या कोई हमें रोक पाएगा? भाजपा कैसे तय कर सकती है कि किसे आमंत्रित करना है और किसे नहीं? इसका मतलब यह नहीं की यह भगवान श्रीराम की इच्छा है, बल्कि यह फैसला भाजपा का है'। प्रधानमंत्री पद के लिए अपनी दावेदारी के बारे में एक सवाल के जवाब में अखिलेश यादव ने कहा, 'सवाल यह नहीं है कि कौन सा पद कौन संभालेगा आप बलिया से हैं, यहां (चंद्रशेखर) प्रधानमंत्री रहे हैं। आप इन बातों को समझते हैं और सभी परिस्थितियों को भी समझते हैं। कई बार कम सीट वाले भी प्रधानमंत्री बन जाते है, लेकिन हमारे लिए मुख्य बात यह है कि भाजपा हार जाए'।
UP Newsराहुल गांधी की न्याय यात्रा को लेकर अखिलेश यादव ने कहा कि अभी यह कांग्रेस की न्याय यात्रा है। यह अच्छी बात है कि यात्रा हो रही है, लेकिन सभी पार्टियां चाहती हैं कि टिकट और सीटों का बंटवारा यात्रा से पहले हो जाना चाहिए। जब सीटों का बंटवारा हो जाएगा तो कई लोग अपने आप सहयोग के लिए सामने आएंगे, क्योंकि चुनाव लड़ने वाला उम्मीदवार पूरी जिम्मेदारी के साथ सामने आएगा। यात्रा में शामिल होने के संबंध में पूछे जाने पर उन्होंने कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया। UP News