Saturday, 28 December 2024

साइबर अपराधियों के जाल में फंसे रिटायर्ड मेजर जनरल, ठगे करोड़ो रुपये

Greater Noida News : नोएडा-ग्रेटर नोएडा में साइबर जालसाजी की घटनाएं लगातार हो रही है। ज्यादातर लोगों से डिजिटल अरेस्ट…

साइबर अपराधियों के जाल में फंसे रिटायर्ड मेजर जनरल, ठगे करोड़ो रुपये

Greater Noida News : नोएडा-ग्रेटर नोएडा में साइबर जालसाजी की घटनाएं लगातार हो रही है। ज्यादातर लोगों से डिजिटल अरेस्ट कर जालसाज बड़ी ठगी को अंजाम दे रहे है। इस तरह की घटना में साइबर ठगों ने पार्सल में ड्रग्स समेत अन्य आपत्तिजनक सामान होने का डर दिखाकर ठगी करते है। अब ऐसा ही कुछ रिटायर्ड मेजर जनरल के साथ हुआ है। उन्हें डिजिटल अरेस्ट करके जालसाजों ने 2 करोड़ रुपये तक की ठगी की है। दरअसल रिटायर्ड मेजर जनरल को फोन कॉल के जारिए यह डर बताया की उनके नाम का पर्सल है, जिसमें आपत्तिजनक सामान है। इस बात का डर दिखाकर साइबर ठगों ने उन्हें अपने जाल में फंसा लिया था।

साइबर ठगों के जाल में फंसे सेना के रिटायर्ड मेजर जनरल

आपको बता दें कि साइबर ठगों ने रिटायर्ड मेजर जनरल को पांच दिन तक डिजिटल अरेस्ट रखा था। साइबर ठगों ने रिटायर्ड मेजर जनरल को नारकोटिक्स, कस्टम, सीबीआई और मुंबई पुलिस का अधिकारी बनकर धमकी दी थी। जब पीड़ित को ठगी का अहसास हुआ, तब पुलिस से शिकायत की। इस मामले में साइबर क्राइम थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है।

फोन कॉल के जारिए फंसाया Greater Noida News

वहीं इस मामले में एसीपी साइबर क्राइम विवेक रंजन राय का कहना है कि सेक्टर-31 निवासी रिटायर्ड मेजर जनरल एनके धीर ने साइबर क्राइम थाने में शिकायत की है। जिसमें उन्होंने बताया कि 10 अगस्त को उनके पास डीएचएल कोरियर सर्विस का कर्मचारी बताते हुए एक शख्स का फोन आया था। उसने बताया कि ताइवान भेजे जा रहे संदिग्ध पार्सल में आपके आधार कार्ड का इस्तेमाल किया गया है। इसमें पांच पासपोर्ट, चार बैंकों के क्रेडिट कार्ड, ड्रग्स समेत अन्य आपत्तिजनक सामान है। इस पर रिटायर्ड मेजर जनरल ने कहा कि उन्होंने इस तरह का कोई पार्सल नहीं भेजा है।

रिटायर्ड मेजर जनरल ने पुलिस में दर्ज की शिकायत

इसके बाद अजय बंसल नाम के शख्स ने मुंबई पुलिस के अधिकारी बनकर पीड़ित से पूछताछ की और उनके पास सीबीआई का एक लेटर भेजा गया। इसमें लिखा था कि अगर उसे जेल जाने से बचना है तो पूछताछ संबंधी कोई भी जानकारी परिवार के लोगों को नहीं बतानी है। इसके बाद एक कथित डीसीपी ने पीड़ित से वित्तीय जानकारी मांगी। म्यूच्यूअल फंड्स और एफडी को तोड़कर पूरी रकम ठगों ने विभिन्न खातों में ट्रांसफर करने के लिए कहा। जेल जाने से बचने के लिए रिटायर्ड मेजर जनरल ने बैंक जाकर जालसाजों द्वारा बताए गए खातों में दो करोड़ रुपये की रकम ट्रांसफर कर दी। लेकिन तभी उन्हे ठगी की आशंका हुई और उसने पुलिस से संपर्क किया।

बता दें कि एसीपी साइबर क्राइम विवेक रंजन राय का कहना है कि इस मामले की जांच की जा रही है। साइबर सेल की टीम लगी हुई है। जालसाजों ने जिन खातों में रकम ट्रांसफर कराई है। उनकी जांच की जा रही है। कुछ संदिग्ध खातों के बारे में पता चला है। उन खाताधारकों के बारे में पता लगाने की कोशिश की जा रही है। एसीपी ने दावा किया कि जल्द ही इस मामले में शामिल साइबर जालसाजों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।  Greater Noida News

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