नमो भारत ट्रेन परियोजना : ग्रेटर नोएडा से गुरुग्राम तक 286 घर-दुकानों पर चलेगा बुलडोजर

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम की सामाजिक-आर्थिक सर्वे रिपोर्ट के अनुसार, इस परियोजना के कारण 286 परिवार सीधे तौर पर विस्थापन का सामना करेंगे। इन परिवारों से जुड़े लगभग 1255 लोगों के आशियाने और आजीविका पर असर पड़ेगा।

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दुकानों और घरों में तोड़फोड़(फाइल फोटो)
locationभारत
userयोगेन्द्र नाथ झा
calendar15 Dec 2025 01:22 PM
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Greater Noida News : एनसीआर में आधुनिक और तेज परिवहन व्यवस्था को मजबूत करने के लिए प्रस्तावित नमो भारत ट्रेन परियोजना एक ओर विकास का नया अध्याय लिखने की तैयारी में है, तो दूसरी ओर यह सैकड़ों परिवारों के लिए चिंता का कारण बनती जा रही है। गुरुग्राम से फरीदाबाद और नोएडा होते हुए ग्रेटर नोएडा तक बनने वाले इस कॉरिडोर की जद में बड़ी संख्या में घर, दुकानें और धार्मिक स्थल आ रहे हैं। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम की सामाजिक-आर्थिक सर्वे रिपोर्ट के अनुसार, इस परियोजना के कारण 286 परिवार सीधे तौर पर विस्थापन का सामना करेंगे। इन परिवारों से जुड़े लगभग 1255 लोगों के आशियाने और आजीविका पर असर पड़ेगा।

घनी आबादी वाले इलाकों से गुजरेगा रूट

प्रस्तावित ट्रेन रूट गुरुग्राम के इफको चौक से शुरू होकर फरीदाबाद और नोएडा के कई घनी आबादी वाले क्षेत्रों से होते हुए ग्रेटर नोएडा तक जाएगा। सर्वे में सामने आया है कि ट्रैक निर्माण के लिए 286 मकान और दुकानें हटानी पड़ेंगी। इसके अलावा, 13 धर्मशालाएं और धार्मिक ढांचे भी इस परियोजना की सीमा में आ रहे हैं।

धार्मिक स्थलों पर भी संकट

रिपोर्ट के मुताबिक, कई प्रमुख धार्मिक स्थल प्रस्तावित रूट में बाधा बन रहे हैं। इनमें पियाली चौक स्थित जाट धर्मशाला, शहीद चौक के पास बाबा डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा, फरीदाबाद के एनआईटी क्षेत्र के पास एक धार्मिक स्थल, और नोएडा-ग्रेटर नोएडा इलाके के कई छोटे धार्मिक ढांचे शामिल हैं। प्रशासन इन सभी को हटाने की तैयारी में है।

प्रभावित लोगों की बढ़ी बेचैनी

तोड़फोड़ की आशंका सामने आने के बाद स्थानीय निवासियों और व्यापारियों में असमंजस और नाराजगी देखी जा रही है। लोगों का कहना है कि वे विकास के विरोधी नहीं हैं, लेकिन मुआवजे और पुनर्वास को लेकर अब तक कोई ठोस और पारदर्शी योजना सामने नहीं आई है। जिन परिवारों की आजीविका दुकानों पर निर्भर है, उनके सामने सबसे बड़ा सवाल यही है कि विस्थापन के बाद जीवन कैसे चलेगा।

प्रशासन का पक्ष

एनसीआरटीसी का दावा है कि नमो भारत ट्रेन परियोजना एनसीआर के समग्र विकास के लिए बेहद अहम है। निगम का कहना है कि प्रभावित परिवारों को सरकारी नियमों के अनुसार मुआवजा और पुनर्वास दिया जाएगा। हालांकि, जमीनी स्तर पर लोग अब भी लिखित आश्वासन और स्पष्ट कार्ययोजना का इंतजार कर रहे हैं। नमो भारत ट्रेन जहां एनसीआर को विश्वस्तरीय परिवहन सुविधा देने का सपना दिखा रही है, वहीं यह बहस भी तेज हो गई है कि क्या विकास की कीमत आम लोगों के घर और रोजगार से चुकाई जानी चाहिए। अब देखना यह होगा कि प्रशासन इस संतुलन को कैसे साधता है।

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ग्रेटर नोएडा में रेहड़ी विक्रेताओं के लिए राहत योजना, रिहायशी इलाकों से हटेंगी रेहड़ियां

योजना के पहले चरण में 96 विक्रेताओं का चयन किया गया है, जिनमें से 69 लोगों ने निर्धारित शुल्क जमा कर दिया है। शुल्क जमा करने वाले विक्रेताओं का भौतिक सत्यापन घर-घर जाकर किया जा रहा है। अब तक 20 से अधिक आवेदकों का सत्यापन पूरा हो चुका है और शेष प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ रही है।

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ग्रेटर नोएडा में रेहड़ी पटरीवाले
locationभारत
userयोगेन्द्र नाथ झा
calendar14 Dec 2025 01:34 PM
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Greater Noida News : ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण ने शहर के रिहायशी सेक्टरों में लंबे समय से चली आ रही रेहड़ी-पटरी की अव्यवस्था को समाप्त करने के लिए नई व्यवस्था लागू करने का निर्णय लिया है। इसके तहत ग्रेटर नोएडा के रेहड़ी विक्रेताओं को तय वेंडिंग जोन में स्थायी स्थान उपलब्ध कराया जाएगा, जिससे आम नागरिकों को अतिक्रमण से राहत मिलेगी और विक्रेताओं को सुरक्षित आजीविका का अवसर मिलेगा। प्राधिकरण द्वारा इस माह लॉटरी प्रणाली के माध्यम से रेहड़ी विक्रेताओं को दुकानों और निर्धारित स्थलों का आवंटन किया जाएगा। योजना के पहले चरण में 96 विक्रेताओं का चयन किया गया है, जिनमें से 69 लोगों ने निर्धारित शुल्क जमा कर दिया है। शुल्क जमा करने वाले विक्रेताओं का भौतिक सत्यापन घर-घर जाकर किया जा रहा है। अब तक 20 से अधिक आवेदकों का सत्यापन पूरा हो चुका है और शेष प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ रही है।

चार प्रमुख सेक्टरों में मिलेगा स्थान

प्रारंभिक चरण में बीटा-1, बीटा-2, अल्फा-2 और सेक्टर-36 में विकसित किए गए वेंडिंग जोन में रेहड़ी विक्रेताओं को स्थान आवंटित किया जाएगा। इससे इन रिहायशी क्षेत्रों में अव्यवस्थित रूप से लगने वाली रेहड़ियों की समस्या खत्म होगी। इस योजना के अंतर्गत विक्रेताओं को तीन वर्षों की अवधि के लिए जगह दी जाएगी। फल-सब्जी और फास्ट फूड विक्रेताओं को डेढ़ से दो मीटर तक का स्थान मिलेगा, जिसके लिए 1500 रुपये मासिक किराया निर्धारित किया गया है। वहीं स्टेशनरी व्यवसाय के लिए चार मीटर का स्थान तय किया गया है, जिसका मासिक किराया 5000 रुपये होगा।

नौ सेक्टरों में बन चुकी हैं दुकानें

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने बताया कि अब तक अल्फा-2, बीटा-1, बीटा-2, गामा-2, पाई-1, पाई-2, डेल्टा-1, डेल्टा-2 और सेक्टर-36 सहित नौ सेक्टरों में कुल 529 रेहड़ी विक्रेताओं के लिए छोटी दुकानों का निर्माण किया जा चुका है। इसके अलावा अन्य सेक्टरों में भी नए वेंडिंग जोन विकसित करने की प्रक्रिया जारी है।

सर्वे और निरीक्षण जारी

प्राधिकरण के अनुसार, चार वेंडिंग जोन में आवेदन करने वाले 67 रेहड़ी विक्रेताओं का सत्यापन पूरा होते ही उन्हें स्थान सौंप दिया जाएगा। इसके लिए प्राधिकरण की टीमें लगातार निरीक्षण और सर्वे कर रही हैं। अधिकारियों का मानना है कि इस योजना के लागू होने से शहर की सड़कों पर ट्रैफिक व्यवस्था बेहतर होगी, स्वच्छता में सुधार आएगा और पथ विक्रेताओं को कानूनी पहचान के साथ स्थायी रोजगार भी मिलेगा। यह कदम ग्रेटर नोएडा को अधिक व्यवस्थित और रहने योग्य शहर बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

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ग्रेटर नोएडा में ‘चैट वायरल’ की धमकी, मामा-भांजे पर ब्लैकमेलिंग का आरोप

पीड़ित के मुताबिक, पैसे लेने के बाद भी चैट जारी रही और फिर धीरे-धीरे ब्लैकमेलिंग शुरू हो गई। कथित “लड़की” ने चैट/बातचीत वायरल करने का डर दिखाते हुए 1 लाख रुपये की मांग रखी। रकम न देने पर जेल भिजवाने जैसी धमकियां भी दी गईं।

ग्रेटर नोएडा में साइबर ब्लैकमेलिंग
ग्रेटर नोएडा में साइबर ब्लैकमेलिंग
locationभारत
userअभिजीत यादव
calendar13 Dec 2025 04:57 PM
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Greater Noida News : ग्रेटर नोएडा के थाना दनकौर क्षेत्र में सोशल मीडिया/व्हाट्सएप चैट के जरिए ब्लैकमेल कर पैसे ऐंठने का मामला सामने आया है। पीड़ित की शिकायत पर पुलिस ने मामा-भांजे के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। आरोप है कि दोनों ने लड़की बनकर चैटिंग की, फिर बातचीत को वायरल करने और फंसाने की धमकी देकर युवक से अलग-अलग किस्तों में रकम वसूल ली।

दोस्ती के बाद शुरू हुआ “फर्जी प्रोफाइल” का खेल

पुलिस को दी शिकायत में ग्राम सलारपुर निवासी राजकुमार ने बताया कि करीब एक माह पहले उसकी जान-पहचान ग्राम औरंगपुर निवासी करण शर्मा और उसके मामा कैलाश शर्मा से हुई थी। कुछ समय बाद करण शर्मा एक अनजान नंबर से लड़की बनकर व्हाट्सएप पर चैट करने लगा। पीड़ित का दावा है कि बातचीत के दौरान आरोपी ने “मजबूरी” बताकर अलग-अलग मौकों पर उससे ऑनलाइन 44 हजार रुपये ले लिए। पीड़ित के मुताबिक, पैसे लेने के बाद भी चैट जारी रही और फिर धीरे-धीरे ब्लैकमेलिंग शुरू हो गई। कथित “लड़की” ने चैट/बातचीत वायरल करने का डर दिखाते हुए 1 लाख रुपये की मांग रखी। रकम न देने पर जेल भिजवाने जैसी धमकियां भी दी गईं।

“पुलिस का डर” दिखाकर 56 हजार और वसूलने का आरोप

राजकुमार का आरोप है कि जब उसने करण शर्मा और कैलाश शर्मा से बात की तो दोनों ने उल्टा पुलिस का डर दिखाया और “मामला खत्म कराने/छुटकारा दिलाने” के नाम पर उससे 56 हजार रुपये और ले लिए। इस पूरे घटनाक्रम से परेशान होकर जब घरवालों ने पूछताछ की, तब पीड़ित ने पूरी बात परिजनों को बताई।

घरवालों की छानबीन में खुला राज?

परिजनों की जांच-पड़ताल में कथित तौर पर सामने आया कि लड़की बनकर चैट करण शर्मा ही कर रहा था और उसने अपने मामा के साथ मिलकर ब्लैकमेलिंग की योजना बनाई। पीड़ित का दावा है कि दोनों ने मिलकर उससे कुल 1.20 लाख रुपये ऐंठ लिए। थाना दनकौर पुलिस का कहना है कि पीड़ित की शिकायत पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। मामले की जांच-पड़ताल की जा रही है और तथ्यों के आधार पर आगे की कार्रवाई होगी। Greater Noida News

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