Noida News: नोएडा उत्तर प्रदेश का प्रसिद्ध शहर है। हर कोई नोएडा के विषय में जानना चाहता है। यहां नोएडा के प्रतिदिन के सभी समाचार अखबारों के हवाले से हम समाचार प्रकाशित करते हैं। नोएडा शहर से प्रकाशित होने वाले समाचार पत्रों में 04 नवंबर को क्या खास समाचार प्रकाशित हुए हैं यहां एक साथ पढऩे को मिलेंगे।
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समाचार अमर उजाला से
अमर उजाला अखबार ने अपने नोएडा संस्करण में मुख्य समाचार “कम छात्र संख्या वाले 152 परिषदीय स्कूलों पर जल्द लटकेगा ताला” शीर्षक से प्रकाशित किया है। इस समाचार में बताया गया है कि जिले के चारों ब्लॉक के करीब 152 परिषदीय स्कूलों में जल्द ताला लटकने वाला है। इन स्कूलों में छात्र संख्या 50 या उससे कम हैं। छात्र संख्या कम होने के कारण इन स्कूलों के छात्रों और शिक्षकों को पास के स्कूलों में मर्ज करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से स्कूलों की सूची राज्य परियोजना कार्यालय में भेज दी गई है।
हाल ही में प्राथमिक स्कूल बादलपुर का महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा ने निरीक्षण किया था। छात्रों की कम संख्या देख कर उन्होंने चिंता जताई थी। उन्होंने कम छात्र संख्या का कारण जाना था। बीएसए राहुल पंवार ने उन्हें बताया था कि पास में ही एक स्कूल और भी हैं। उन्होंने छात्रों को पास के स्कूलों में मर्ज कराने के लिए निर्देश दिए थे। 13 और 14 नवंबर को लखनऊ में इस संबंध में बैठक होने वाली है।
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अमर उजाला अखबार ने अपने नोएडा संस्करण में मुख्य समाचार “केवल 20 बिल्डरों पर बकाया है खरीदारों का 83 फीसदी पैसा” शीर्षक से प्रकाशित किया है। इस समाचार में बताया गया है कि उत्तर प्रदेश भूसंपदा विनियामक प्राधिकरण (यूपी रेरा) की तरफ से जारी रिकवरी सर्टिफिकेट (आरसी) का 83 प्रतिशत पैसा केवल 20 बिल्डरों पर बकाया है। सभी आरसी की कुल बक्राया धनराशि 829 करोड़ है। इनमें 20 बिल्डरों की आरसी 691 करोड़ की है। अब जिला प्रशासन ने बड़े बकायेदारों की सूची तैयार कर वसूली की कार्रवाई शुरू करने का दावा किया है। साथ ही पैसा जमा नहीं कराने पर प्रोजेक्ट को सील कर वसूली की कार्रवाई करने की चेतावनी दी है।
बिल्डरों से खरीदारों का पैसा वापस दिलाने के लिए यूपी रेरा आरसी जारी कर रहा है। जिला प्रशासन के पास इस समय 829 करोड़ की 2752 आरसी लंबित हैं। बकाएदार की सूची में 100 से अधिक बिल्डर शामिल हैं। इनमें से 20 बिल्डरों की 1491 आरसी लंबित हैं। सबसे बड़ा बकाएदार वेव मेगासिटी बिल्डर है। जिस पर 136 आरसी का 132 करोड़ रुपये बकाया है। अन्य बिल्डरों पर 16 से लेकर 48 करोड़ रुपये तक बकाया हैं। टॉप-5 बिल्डरों की बात करें तो उनपर करीब 300 करोड़ रुपये बकाया हैं। वहीं अधिकारियों ने सभी बिल्डरों से आरसी की वसूली का दावा किया है। साथ ही इस बार टॉप-20 बिल्डरों पर वसूली की विशेष कार्रवाई की बात कही है।
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जुआरियों का पुलिस पर हमला, कार्रवाई की तो निकल गई हेकड़ी
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Noida News: अमर उजाला ने 04 नवंबर 2024 के अंक में प्रमुख समाचार “चिल्ला एलिवेटेड की बढ़ी लागत को मिली मंजूरी, जल्द शुरू होगा कार्य” शीर्षक से प्रकाशित किया है। इस समाचार में बताया गया है कि चिल्ला एलिवेटेड रोड परियोजना फिर शुरू होने के बीच में आ रही 105 करोड़ रुपये लागत वृद्धि की बाधा दूर हो गई है। नोएडा प्राधिकरण की तरफ से शासन को परियोजना में लागत बढ़ाए जाने का प्रस्ताव भेजा गया था। शासन ने लागत बढ़ाने की मंजूरी दे दी है। इसके बाद प्राधिकरण ने सेतु निगम को पत्र लिखकर यह जानकारी दी है। इसके साथ ही काम शुरू करवाने के लिए भी कहा है। सेतु निगम को अब काम शुरू करने से पहले परियोजना की ड्राइंग तैयार करवानी है। ड्राइंग तैयार करवाने और उसके परीक्षण के बाद मौके पर काम शुरू हो जाएगा।
मयूर विहार फ्लाईओवर से महामाया फ्लाईओवर तक प्रस्तावित 5.96 किलोमीटर की यह परियोजना प्रस्तावित है। मार्च में जारी हुए टेंडर में निर्माण एजेंसी तय की जा चुकी है। परियोजना में निर्माण लागत को लेकर शासन की 50 प्रतिशत हिस्सेदारी पर 6 जून-2023 को हुई यूपी कैबिनेट ने मंजूरी दी थी। मंजूरी यह थी कि एलिवेटेड रोड का निर्माण 787 करोड़ रुपये का होगा। इसमें आधी धनराशि यूपी सरकार व आधी नोएडा प्राधिकरण देगा। निर्माण के लिए टेंडर सेतु निगम करवाएगा वहीं निगरानी प्रभारी नोएडा प्राधिकरण होगा। इसके बाद सेतु निगम की तरफ से दो बार टेंडर जारी किया गया था।
दूसरे टेंडर में 5 एजेंसी आई थीं, जिनमें से एक का चयन हुआ था। पूर्व में नोएडा प्राधिकरण इस परियोजना में करीब 70 करोड़ रुपये लगा चुका है उसे भी जोड़ रहा है। वहीं, सेतु निगम ने सेंटेज, जीएसटी, 5 प्रतिशत प्रति साल निर्माण लागत वृद्धि शामिल कर बताया कि परियोजना में लागत 900 करोड़ रुपये के ऊपर पहुंच रही है। सेतु निगम ने नोएडा प्राधिकरण को पत्र भेजकर सवाल उठाया था कि बढ़ी हुई यह लागत कौन देगा। इसके बाद 27 अगस्त को मुख्य सचिव ने परियोजना की समीक्षा की थी। इसमें सेतु निगम व नोएडा प्राधिकरण दोनों शामिल थे। मुख्य सचिव ने नोएडा अथॉरिटी व सेतु निगम दोनों के पक्ष सुने। इसके साथ ही लागत बढ़ने के दो मद देखरेख के 8 व निर्माण सामग्री की कीमत में होने वाली बढ़ोत्तरी के 35 करोड़ रुपये मौजूदा बजट से हटाने को कहा था। बाकी लागतवृद्धि की सूचना शासन को भेजकर मंजूरी लेने के निर्देश दिए थे। प्राधिकरण अधिकारियों ने बताया कि शासन स्तर पर व्यय वित्त समिति से मंजूरी हासिल कर सूचना भेज दी गई है।
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Hindi News:
समाचार दैनिक जागरण से
Noida News: दैनिक जागरण के नोएडा संस्करण में 04 नवंबर 2024 का प्रमुख समाचार “ओखला पक्षी विहार की ‘पंक्चर’ व्यवस्था ताले में बंद” शीर्षक से प्रकाशित किया गया है। इस समाचार में बताया गया है कि ओखला पक्षी विहार में सैलानियों को घुमाने वाली गोल्फ कार्ट ताले में बंद हैं। यहां पर सिर्फ एक ही कार्ट का संचालन हो रहा है। छह से अधिक गोल्फ कार्ट पंक्चर हैं और उनमें बैटरी नहीं हैं। वन विभाग की ओर से खराब गोल्फ कार्ट को एक टीन शेड में रखा गया है। खराब हुई गोल्फ कार्ट को बजट के अभाव में ठीक नहीं कराया जा रहा है। गोल्फ कार्ट खराब होने की वजह से सैलानी दो किमी तक का सफर पैदल ही घूमकर पूरा कर रहे हैं। मानसून में बदलाव होने के बाद ‘से ओखला पक्षी विहार में सैलानियों की संख्या काफी होती है। यहां पर पक्षी प्रवास के लिए पहुंचने लगे हैं, लेकिन सैलानियों के लिए व्यवस्थाएं ठीक नहीं की जा सकी हैं। पूर्व में जारी हुए बजट से यहां की सुविधाओं को ठीक नहीं कराया जा सका है। झील में देर से भरा गया पानी पक्षियों की संख्या हो सकती है कमः मानसून खत्म होते ही ओखला पक्षी विहार में झील का सफाई कार्य शुरू होता है। इसको अक्टूबर माह के पहले सप्ताह तक पूरा कर लिया जाता है। इस बार झील में एक महीने की देरी से एक नवंबर को पानी भरा गया। देर से झील में पानी भरने से प्रवासी पक्षियों की संख्या में कमी दर्ज हो सकती है। 400 हेक्टेयर में बने ओखला पक्षी विहार के 80 प्रतिशत हिस्से में झील है। यहां पर हजारों की संख्या में प्रवासी पक्षी पहुंचते हैं, जो मार्च माह तक प्रवास करते हैं।
ये पक्षी होते हैं खासः हर साल यहां पर पर 40 अलग-अलग प्रजातियों के 10 हजार से अधिक पक्षी प्रवास के लिए पहुंचते हैं। इनमें ब्लैक नेक्ड स्टोर्क, फ्रेजिनस डक, ग्रेट कार माउंट, मार्स हरियर कॉमन, ब्लैक टेल – गाडविट, नार्दन सोब्लर, रूडी – शेल्डक, बार हेडेड गूज, ग्रेलैग गूज, – पर्पल मूरहेन, ब्लैक विंग्ड स्टिल्ट, ग्रे – हैरोन, द लिटिल ग्रीब, कूट, पोचार्ड, वीगन, स्पाटबिल, ग्रे लेग्ड गूज, पिन टेल, ग्रेट कोर्पोरेंट, ग्लोसी इविस, रोज रिंग्ड पैराकीट, वाइट टेल्ड लैपविंग, गड़वाल, गोडविट्स, कामन निगल, कामन किंगफिशर समेत अन्य प्रजाति के पक्षी देखे जाते हैं।
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Noida News: दैनिक जागरण के 04 नवंबर 2024 के अंक में अगला प्रमुख समाचार “कमरे में आग लगने के बाद पड़ोसी की छत पर खून से लथपथ मिला छात्र” शीर्षक से प्रकाशित किया गया है। इस समाचार में बताया गया है कि सेक्टर-12 के एस ब्लाक में शनिवार रात 11:15 बजे चार मंजिला मकान के कमरे में आग लगने के बाद 11वीं का छात्र विवेश पीछे पड़ोसी के दो मंजिला मकान की छत पर खून से लथपथ पड़ा मिला। दीवार पर खून के साथ उसके संघर्ष के भी निशान मिले हैं। स्वजन ने पानी डाल कर आग पर काबू पाया। बाद में पड़ोसी की मदद से छात्र को तुरंत पास के अस्पताल में भर्ती कराया, उसकी हालत गंभीर है।
स्वजन ने पुलिस को शिकायत नहीं दी है। छात्र के ताऊ राजेश अग्रवाल ने बताया कि छोटे भाई मनोज प्रिटिंग का काम करते हैं। उनका बेटा विवेश 11वीं का छात्र है। चार मंजिला मकान में परिवार के साथ रहते हैं। विवेश सबसे ऊपर कमरे में पढ़ाई कर रहा था। रात करीब 11 बजे अचानक उसके कमरे से आग की लपटें निकलने लगीं। सभी बुझाने के लिए दौड़ पड़े। कमरे में रखा सामान जल गया, जबकि वहां मौजूद विवेश वहां पर मौजूद नहीं था। छत और दीवाल पर खून और उसके संघर्ष करने के निशान मिले। घायल छात्र पीछे पड़ोसी के दो मंजिला मकान की छत पर खून से लथपथ पड़ा मिला। स्वजन ने पड़ोसी की मदद से घायल छात्र को अस्पताल में भर्ती कराया। छात्र को कई जगह चोट लगी है। उसकी हालत गंभीर है। वेंटिलेटर पर इलाज चल रहा है।
छात्र के कमरे की जाली कटी मिली, स्वजन को शकः छात्र के कमरे में गेट में लगी जाली कटी हुई थी। स्वजन इस आधार पर घटना को लेकर शक जता रहे हैं। इतना ही नहीं, माता-पिता या घटना के समय घर में परिवार के करीब दस लोग मौजूद थे। किसी को भी आग लगने का कारण पता नहीं चल सका। ऊपर छत पर पटाखों के खाली पैकेट भी पड़े थे। पुलिस को बालकनी से लेकर कमरे और सीढ़ियों पर भी खून के दाग मिले। वहीं, परिजनों का यह भी कहना है कि छात्र विवेश आग से झुलसा नहीं है। उसके शरीर पर कोई झुलसने के निशान नहीं मिले हैं।
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