Rashifal 20 August 2023- आय में होगी वृद्धि, खुलेंगे तरक्की के मार्ग, जानें क्या कहते हैं आज आपके सितारें

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दैनिक राशिफल 20 अगस्त 2023
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userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 02:46 PM
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20 August 2023-(रविवार) (Rashifal 20 August 2023) जानते हैं आपके दैनिक राशिफल (Dainik Rashifal) के मुताबिक कैसा बीतने वाला है आज आपका दिन।

मेष राशि (Aries)-

आज का दिन खुशनुमा रहेगा। मन प्रसन्न रहेगा। आत्मविश्वास के साथ हर काम में आगे बढ़ेंगे। परिवार के साथ कहीं घूमने जाने का प्रोग्राम बना सकते हैं। बेवजह के खर्चों से बचने का प्रयास करें।

वृषक राशि (Taurus)-

दिन सामान्य रहेगा। आत्मविश्वास में कमी रहेगी। नौकरी से जुड़े लोगों को अधिकारियों की मदद मिलेगी। आय में वृद्धि होगी। तरक्की के नए मार्ग खुलेंगे। नकारात्मक विचारों को मन पर हावी न होने दे। कार्यक्षेत्र में थोड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। क्रोध एवं वाणी पर नियंत्रण रखने की आश्यकता है।

मिथुन राशि (Gemini)-

दिन सामान्य रहेगा। लेखन इत्यादि कार्य से जुड़े लोगों के लिए आज का दिन लाभकारी है। स्वास्थ्य पर ध्यान देने की आवश्यकता है। माता के स्वास्थ्य में थोड़ी दिक्कतें हो सकती हैं। परिश्रम अधिक करना पड़ेगा। मन में प्रसन्नता एवं शांति के भाव रहेंगे।

कर्क राशि (Cancer)-

आज का दिन मिलाजुला परिणाम लेकर आने वाला है। आशा और निराशा के मिश्रित भाव देखने को मिलेंगे। नौकरी में परिवर्तन हो सकता है। कारोबार के क्षेत्र में भाई बंधुओं का पूरा साथ मिलेगा। धन प्राप्ति के योग बनते दिखाई दे रहे हैं।

सिंह राशि (Leo)-

दिन सामान्य रहेगा। मन में असंतुलित भाव का वाश रहेगा। जिसकी वजह से स्वभाव में थोड़ा चिड़चिड़ापन रहेगा। अचानक धन लाभ के योग बनते दिखाई दे रहे हैं। मित्रों का साथ मिलेगा। नौकरी से जुड़े लोगों का स्थानांतरण हो सकता है।

कन्या राशि (Virgo)-

दिन सुखमय रहेगा। मन प्रसन्न रहेगा। लंबे समय से चली आ रही बीमारियों का अंत होगा। बेवजह के विवाद में पड़ने से बचें।आत्मविश्वास की कमी रहेगी। छात्रों के लिए आज का दिन कुछ खास नहीं है। पिता के स्वास्थ्य को लेकर थोड़ा चिंतित रहेंगे। अचानक धन लाभ के योग बनते दिखाई दे रहे हैं। Rashifal 20 August 2023-

तुला राशि (Libra)-

दिन सामान्य रहेगा। धार्मिक कार्यों में मन लगेगा। किसी धार्मिक स्थल पर भ्रमण का प्रोग्राम बना सकते हैं। जीवन साथी के साथ वैचारिक मतभेद हो सकते हैं। माता के स्वास्थ्य पर ध्यान देने की आवश्यकता है। आज के दिन अधिक परिश्रम करना पड़ सकता है।

वृश्चिक राशि (Scorpio)-

दिन मिलाजुला परिणाम लेकर आने वाला है। किसी अनजान भय से परेशान हो सकते हैं। परिवार जनों का साथ मिलेगा। मन को शांत रखने का प्रयास करें। स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान दें। व्यवसाय से जुड़े लोगों को व्यवसाय में मित्र की मदद मिलेगी।

धनु राशि (Sagittarius)-

मन शांत रहेगा, लेकिन नकारात्मकता का भी प्रभाव रहेगा। आय के मुताबिक खर्च अधिक होगा।मित्रों का पूरा साथ रहेगा। स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहने की आवश्यकता है। भावनाओं को नियंत्रित करें।

मकर राशि (Capricorn) –

दिन सामान्य रहेगा। क्रोध एवं वाणी पर नियंत्रण रखने की आवश्यकता है। पिता से धन प्राप्ति के योग बनते दिखाई दे रहे हैं। धार्मिक कार्यों का आयोजन कर सकते हैं। जिम्मेदारी बढ़ेगी। समाज में प्रतिष्ठा मिलेगी। उधार दिए हुए पैसे मिलने का योग बनते दिखाई दे रहा है।

कुंभ राशि (Aquarius) –

मन अशांत रहेगा। नौकरी से जुड़े लोगों के स्थानांतरण के योग बनते दिखाई दे रहे हैं। स्वास्थ्य के प्रति थोड़ा चिंतित रहेंगे। घर में किसी धार्मिक अथवा मांगलिक कार्य का आयोजन हो सकता। संचित किए हुए धन खर्च हो सकते हैं।

मीन राशि (Pisces)-

आज का दिन मिलाजुला परिणाम लेकर आने वाला है। मन परेशान रहेगा। नौकरी से जुड़े लोगों का स्थानांतरण हो सकता है। पारिवारिक जीवन सुखमय रहेगा। भाइयों का पूरा सहयोग मिलेगा। भाइयों की मदद से कारोबार में वृद्धि होगी। परिश्रम अधिक रहेगा लेकिन फल भी उसी के अनुरूप मिलेगा। पिता के स्वास्थ्य पर ध्यान देने की आवश्यकता है। ग्रेटर नोएडा/ नोएडाका नंबर 1 न्यूज़ पोर्टल देशदुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमें नीचे दिये गए सोशल मीडिया लिंक्स पर फॉलो करें और एक से एक बेहतरीन वीडियो देखने के लिए यूट्यूब चैनल सबस्क्राइब करें और चेतना मंच से जुड़े रहें। Connect with us on: Facebook | Twitter | LinkedIn | Instagram | Koo|YouTube
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Nag Panchami 2023 : नाग पंचमी पर इन कामों को करने से बचें, पूरे 7 पीढ़ियों तक लगता है दोष

Nag Panchami 1
Nag Panchami 2023
locationभारत
userचेतना मंच
calendar02 Dec 2025 04:33 AM
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Nag Panchami 2023 : इस साल नाग पंचमी का त्योहार 21 अगस्त 2023 को मनाया जाएगा। हिदूं रीति रिवाज के अनुसार इस दिन नाग की पूजा की जाती है। हमारे समाज में इस त्योहार का बहुत महत्व है। इस दिन छोटी- छोटी बातों का ध्यान रखना पड़ता है। इस दिन कुछ ऐसे काम है जो गलती से भी नहीं करना चाहिए। अगर आप इन बातों के ध्यान नहीं रखते तो आपकी आने वाली 7 पीढ़ियों तक को माफी नहीं मिलती, कई सारी मुसीबतों साथ वंश वृद्धि रुक रुक जाने की संभावना है।

Nag Panchami 2023 : नाग पंचमी का त्योहार 21 अगस्त 2023 को मनाया जाएगा। इस दिन सावन का सोमवार भी है। सावन माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि पर नाग पंचमी मनाई जाती है। ये दिन नाग देवता को समर्पित है। नाग पूजा हमारी संस्कृति और परंपरा का हिस्सा है। कालसर्प दोष से मुक्ति पाने के लिए ये दिन सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। शास्त्रों के अनुसार कुछ ऐसे काम है जो नाग पंचमी पर नहीं करना चाहिए, वरना आने वाली 7 पीढ़ियों तक इसका दोष लगता है। आइए जानते हैं नाग पंचमी का मुहूर्त, सर्पों की पूजा का महत्व और नियम। 21 अगस्त 2023 को सुबह 12.21 को सावन शुक्ल पंचमी तिथि शुरू हो जाएगी और शुक्ल पंचमी तिथि समाप्त - 22 अगस्त 2023, सुबह 02 बजे तक रहेगी।

Nag Panchami 2023 : नाग पंचमी पर सापों की पूजा के फायदे

भविष्य पुराण के अनुसार सर्प काटने से किसी की मौत हुई हो तो उनकी सद्गति नहीं होती। ऐसी आत्माओं को मोक्ष नहीं मिलता। ऐसे में नाग पंचमी पर  नाग देवता की पूजा करने से सांप के डसने का भय नहीं रहता, साथ ही जिन लोगों की अकाल मृत्यु हुई है उन्हें मुक्ति मिलती है। [caption id="attachment_108760" align="aligncenter" width="463"]Nag Panchami 2023 Nag Panchami 2023[/caption] ब्रह्मपुराण के अनुसार ब्रह्मा जी ने सर्पों को नाग पंचमी के दिन पूजे जाने का वरदान दिया है. इस दिन अनंत, वासुकी, तक्षक, कारकोटक और पिंगल नाग की पूजा का विधान है। इनकी पूजा से राहु-केतु जनित दोष और कालसर्प दोष से मुक्ति मिलती है।

Nag Panchami 2023 : नाग पंचमी पर इन कामों से बचें

नाग देवता के समान - हिंदू धर्म में सर्पों को देवता माना जाता है. वैसे तो सर्प को कभी नुकसान नहीं पहुंचाना चाहिए लेकिन खासकर नाग पंचमी के दिन सांपों को कष्ट न पहुंचाएं। ऐसा करने पर आने वाली सात जन्मों तक पीढ़ियों को दोष लगता है। वंशज को होता है नुकसान - इस दिन किसी भी कार्य के लिए जमीन की खुदाई न करें। ऐसा करने सें मिट्टी या जमीन में सांपों के बिल या बांबी के टूटने का डर रहता है। कहते हैं सांपों को नुकसान पहुंचने पर वंश का नाश हो जाता है। संतान सुख नहीं मिलता।

Nag Panchami 2023

पूजा में न करें ये गलती - इस दिन जीवित सांप को दूध न पिलाएं। सांप के लिए दूध जहर के समान हो सकता है, इसलिए सिर्फ उनकी प्रतिमा पर ही दूध अर्पित करें। नुकीली वस्तु से न करें काम - नाग पंचमी पर नुकीली और धारदार वस्तुओं जैसे चाकू, सूई का इस्तेमाल करना अशुभ माना जाता है। इस दिन सिलाई, कढ़ाई नहीं की जाती। देश-दुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमें फेसबुक पर लाइक करें या  ट्विटर पर फॉलो करें। ग्रेटर नोएडा– नोएडा की खबरों से अपडेट रहने के लिए चेतना मंच से जुड़े रहें।
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क्या है सनातन धर्म और कब से है ? , एक सटीक विश्लेषण

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Sanatana Dharma
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userचेतना मंच
calendar19 Aug 2023 03:43 PM
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अशोक बालियान सनातन धर्म क्या है ? सनातन धर्म अथवा हिन्दू धर्म कब से स्थापित है। इस विषय पर पढ़ें पूरा सटीक विश्लेषण। यह विश्लेषण प्रमुख सामाजिक कार्यकर्ता व विश्लेषक ने किया है।

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भारत में हिन्दू धर्म (सनातन या वैदिक धर्म) अनादि काल से है। भारत को विदेशियों ने हिंदुओं का देश होने के कारण हिंदुस्तान नाम दिया था, लेकिन आरंभिक युगों में इसे भारत कहा जाता था। हिन्दू धर्म में शुरुआत में जातियों के स्थान पर काम के आधार पर चार वर्ग थे। कालान्तर में वर्ग से जातियां बन गई थी और इन सभी जातियों में औपचारिक और नैतिक आचरण के लिए कुछ विशिष्ट रीति-रिवाज और नियम अलग-अलग बन गये थे, फिर भी वे सभी हिन्दू धर्म के मूल सिद्धांतों को मानते थे। हिंदू धर्म के वास्तविक सिद्धांतों में जीवन के प्रमुख कर्तव्य, पवित्रता और उदारता का समावेश है। वेद हिन्दू धर्म के सर्वोच्च धर्मग्रंथ हैं।

आत्मा के सिद्धांत पर आधारित है सनातन धर्म

हिंदू धर्मशास्त्र की संपूर्ण प्रणाली का सिद्धांत है कि दिव्य आत्मा, ब्रह्मांड की आत्मा के रूप में सभी चेतन प्राणियों में पदार्थ से एकजुट हो जाती है, वह आत्मा पदार्थ के विशेष भागों से अछूती या व्यक्तिगत होती है व ब्रह्मांड सभी को जीवन और गति देता है। हिन्दू धर्म में ब्रम्हा, विष्णु और शिवजी को ईश्वर का प्रतिनिधित्व माना जाता है। हिन्दू धर्म की पौराणिक कथायें भी देवताओं को ईश्वर के रूप में प्रस्तुत करती है। हिन्दू धर्म में वेदों को सबसे प्राचीन कहा जाता है और पूजा के लिए प्राथमिक तत्व अग्नि, वायु, जल, पृथ्वी और अंतरिक्ष स्वर्गीय पिंड पहली वस्तुएँ थीं। हिन्दू धर्म में तुलसी व पीपल जैसे कुछ पेड़ों व गंगा जैसी नदियों को पवित्र माना जाता है।हिन्दू धर्म में देवताओं व देवियों की मूर्तियाँ ईश्वर के विभिन्न रूपों व गुणों का प्रतिनिधित्व करती हैं और देवताओं व देवियों की मूर्तियाँ हजारों दंतकथाओं का स्रोत भी है। हिन्दू के अनुसार जैसे ही आत्माएं पदार्थ से जुड़ जाती हैं, वे अपनी नियति के अनुसार कम या ज्यादा तीन गुणों के साथ प्रभावित हो जाती हैं। पहले के रूप में उसके साथ जो चरित्र की उत्कृष्टता को जन्म देता है। दूसरे उसके साथ जो क्रोध, बेचैनी, सांसारिक इच्छा आदि को उत्तेजित करता है और तीसरा वह जो निष्क्रियता, अज्ञानता और इसी तरह की त्रुटियों को जन्म देता है। इस प्रकार व्यक्ति चरित्र का निर्माण होता है और भविष्य की नियति का नियमन होता है। जो लोग बुरे भाग्य के प्रभाव में जीवन में आते हैं, वे पाखंड, घमंड, अभिमान, कठोरता से प्रतिष्ठित हैं। वाणी और अज्ञान वह दिव्य नियति, दिव्य प्रकृति में शाश्वत अवशोषण के लिए है और बुरी नियति उसको सीमित कर देती है।

मूर्ति पूजा व हिन्दू धर्म

हिन्दू धर्म में भी दुनिया के अनेकों राष्ट्रों की तरह मूर्ति पूजा की किसी भी प्राचीन प्रणाली की उत्पत्ति है, जबकि उन राष्ट्रों में मनुष्यों के आचरण और रीति-रिवाजों में अंतर होता है। हिन्दू धर्म में इन आविष्कृत किसी भी मूर्ति या छवि का उद्देश्य एक ईश्वर का प्रतिनिधित्व करना था और ये महापुरुषों की कल्पनाओं द्वारा निर्मित मूर्तियाँ या छवियाँ हैं। दुर्गा देवी के 10 हाथ की छवि यह सिखाने के लिए है कि ईश्वर सर्वशक्तिमान है। मूर्तियों को सदगुणों के व्यक्तित्व के रूप में और चित्रलिपि को सिद्धांत के माध्यम से शिक्षण के रूप में प्रस्तुत करना भी यही सिखाना है कि मनुष्य में सदगुण होने चाहिए।

Oriental memoirs a narrative of seventeen years residence in India vol 1 By James Forbes 1834 के अनुसार मनुस्मृति हिन्दू धर्म का एक प्राचीन धर्मशास्त्र व संविधान है। यह सन 1776 में अंग्रेजी में अनुवाद करने वाले पहले संस्कृत ग्रंथों में से एक था। मनु का धर्मशास्त्र वेदों से तीन सौ साल पहले लिखे गए थे और इस अवधि से पहले, मौखिक परंपरा द्वारा सौंपी गई हर चीज़ का विवरण शानदार था। इसमें कोई संदेह नहीं कि यह धार्मिक और नैतिक व्यवस्था अत्यंत प्राचीन है। हिंदू धर्म किसी भी धर्मांतरण को स्वीकार नहीं करता है।

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उपासना का विशेष महत्व

हिन्दू धर्म में धार्मिक अनुष्ठान करने, प्रार्थना, स्नान व उपवास का विशेष महत्व है। प्रार्थना में खुद से कहा जाता है कि हे मनुष्य! इस नाशवान संसार में किसी भी प्राणी के धन का लालच मत करो। हम सत्य को देख सकें और अपना सम्पूर्ण कर्तव्य जाने। हिंदू एक ईश्वर में विश्वास करते हैं, लेकिन उसकी शक्ति का वर्णन करते हुए उसको तरह-तरह के विशेषण देते हैं। Sketches of the mythology and customs of the Hindoos by Forster 1785 के अनुसार हिंदुओं धर्म में मनुष्य के गुणों में धर्मपरायणता, वरिष्ठों की आज्ञाकारिता, दान, आतिथ्य सत्कार, माता-पिता का आदर और जन्म-जन्मांतर के वैवाहिक संबंध उनकी विशिष्ट विशेषताओं में से हैं।

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हमें अपना इतिहास जानना चाहिए क्योंकि इतिहास का ज्ञान न केवल हमें वर्तमान की बेहतर समझ देता है, बल्कि भविष्य की ओर भी संकेत करता है। अतीत के आधार पर ही हम वर्तमान में भविष्य की नींव रख रख सकते है। Sanatana Dharma

(इस विश्लेषण के लेखक एक प्रतिष्ठित सामाजिक कार्यकर्ता और विश्लेषक हैं)

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