Hindi News : हिंदी बोलने व पढऩे वालों के लिए खुशखबरी, जल्दी ही विश्वभर की भाषा बनेगी हिंदी

Hindi News : जी हां हिंदी प्रेमियों के लिए बहुत अच्छी खबर आई हैं। खबर यह है कि वर्ष 2030 तक पूरी दुनिया में हिंदी भाषा का बोलबाला होगा। 2030 आते-आते विश्व का हर पांचवां व्यक्ति हिंदी बोलने लगेगा। यह बात हम नहीं कह रहे हैं यह बात कही है भारतीय जन संचार संस्थान के महानिदेशक प्रोफेसर डॉ संजय द्विवेदी ने। दरअसल प्रोफेसर संजय द्विवेदी दिल्ली में आयोजित नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति की एक बैठक में बोल रहे थे।
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हिंदी पढऩे वालों की संख्या में हो रहा है बड़ा इजाफा
दक्षिणी दिल्ली की नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति की बैठक में बोलते हुए प्रोफेसर डॉ. संजय द्विवेदी ने बताया कि विश्व के 260 से ज्यादा विदेशी विश्वविद्यालयों में हिंदी पढ़ाई जाती है। 64 करोड़ लोगों की हिंदी मातृभाषा है। 24 करोड़ लोगों की दूसरी और 42 करोड़ लोगों की तीसरी भाषा हिंदी है। इस धरती पर 1 अरब 30 करोड़ लोग हिंदी बोलने और समझने में सक्षम हैं। 2030 तक दुनिया का हर पांचवां व्यक्ति हिंदी बोलेगा।
प्रो. द्विवेदी ने कहा कि तकनीक में हिंदी का प्रसार तेजी से बढ़ा है। हिंदी की लोकप्रियता का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि इंटरनेट पर हिंदी पढऩे वालों की संख्या हर साल 94 फीसदी बढ़ रही है, जबकि अंग्रेजी में 17 फीसदी। एक सर्वे का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि 2025 तक 30 करोड़ लोग इंटरनेट पर हिंदी का उपयोग करने लगेंगे। 2025 तक 9.7 करोड़ लोग डिजिटल पेमेंट के लिए हिंदी का उपयोग करने लगेंगे, जबकि 2016 में यह संख्या सिर्फ 2.2 करोड़ थी। सरकारी कामकाज के लिए 2016 तक 2.4 करोड़ लोग हिंदी का इस्तेमाल करते थे, जो 2025 में 10.9 करोड़ हो जाएंगे। यही हिंदी की बढ़ती ताकत है।
सरकार कर रही है प्रयास
प्रो. संजय द्विवेदी ने कहा कि केंद्र सरकार के कार्यालयों में हिंदी का ज्यादा से ज्यादा उपयोग सुनिश्चित करने के लिए भारत सरकार के राजभाषा विभाग द्वारा उठाए गए कदमों के परिणामस्वरूप कंप्यूटर पर हिंदी में कार्य करना अधिक आसान और सुविधाजनक हो गया है। राजभाषा विभाग द्वारा वेब आधारित सूचना प्रबंधन प्रणाली विकसित की गई है, जिससे भारत सरकार के सभी कार्यालयों में हिंदी के उत्तरोत्तर प्रयोग से संबंधित तिमाही प्रगति रिपोर्ट तथा अन्य रिपोर्टें राजभाषा विभाग को तेजी से भिजवाना आसान हो गया है।
बैठक के दौरान सदस्य कार्यालयों की छमाही रिपोर्ट की समीक्षा भी की गई। भारतीय जन संचार संस्थान, नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति, दक्षिण दिल्ली-03 का अध्यक्ष कार्यालय है। नराकास दक्षिण दिल्ली-03 के अंतर्गत जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू), भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), राष्ट्रीय फैशन प्रौद्योगिकी संस्थान (निफ्ट), भारतीय विदेश व्यापार संस्थान (आई.आई.एफ.टी.), कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा), राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), केंद्रीय विद्यालय संगठन और सेबी जैसे 76 सदस्य कार्यालय आते हैं। यह सभी कार्यालय समय-समय पर राजभाषा सम्मेलन, संगोष्ठियों और प्रतियोगिताओं के माध्यम से सरकारी कामकाज में राजभाषा हिन्दी के प्रति जागरुकता पैदा करने और उसके प्रयोग में गति लाने के लिए कार्य करते हैं। Hindi News
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हिंदी पढऩे वालों की संख्या में हो रहा है बड़ा इजाफा
दक्षिणी दिल्ली की नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति की बैठक में बोलते हुए प्रोफेसर डॉ. संजय द्विवेदी ने बताया कि विश्व के 260 से ज्यादा विदेशी विश्वविद्यालयों में हिंदी पढ़ाई जाती है। 64 करोड़ लोगों की हिंदी मातृभाषा है। 24 करोड़ लोगों की दूसरी और 42 करोड़ लोगों की तीसरी भाषा हिंदी है। इस धरती पर 1 अरब 30 करोड़ लोग हिंदी बोलने और समझने में सक्षम हैं। 2030 तक दुनिया का हर पांचवां व्यक्ति हिंदी बोलेगा।
प्रो. द्विवेदी ने कहा कि तकनीक में हिंदी का प्रसार तेजी से बढ़ा है। हिंदी की लोकप्रियता का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि इंटरनेट पर हिंदी पढऩे वालों की संख्या हर साल 94 फीसदी बढ़ रही है, जबकि अंग्रेजी में 17 फीसदी। एक सर्वे का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि 2025 तक 30 करोड़ लोग इंटरनेट पर हिंदी का उपयोग करने लगेंगे। 2025 तक 9.7 करोड़ लोग डिजिटल पेमेंट के लिए हिंदी का उपयोग करने लगेंगे, जबकि 2016 में यह संख्या सिर्फ 2.2 करोड़ थी। सरकारी कामकाज के लिए 2016 तक 2.4 करोड़ लोग हिंदी का इस्तेमाल करते थे, जो 2025 में 10.9 करोड़ हो जाएंगे। यही हिंदी की बढ़ती ताकत है।
सरकार कर रही है प्रयास
प्रो. संजय द्विवेदी ने कहा कि केंद्र सरकार के कार्यालयों में हिंदी का ज्यादा से ज्यादा उपयोग सुनिश्चित करने के लिए भारत सरकार के राजभाषा विभाग द्वारा उठाए गए कदमों के परिणामस्वरूप कंप्यूटर पर हिंदी में कार्य करना अधिक आसान और सुविधाजनक हो गया है। राजभाषा विभाग द्वारा वेब आधारित सूचना प्रबंधन प्रणाली विकसित की गई है, जिससे भारत सरकार के सभी कार्यालयों में हिंदी के उत्तरोत्तर प्रयोग से संबंधित तिमाही प्रगति रिपोर्ट तथा अन्य रिपोर्टें राजभाषा विभाग को तेजी से भिजवाना आसान हो गया है।
बैठक के दौरान सदस्य कार्यालयों की छमाही रिपोर्ट की समीक्षा भी की गई। भारतीय जन संचार संस्थान, नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति, दक्षिण दिल्ली-03 का अध्यक्ष कार्यालय है। नराकास दक्षिण दिल्ली-03 के अंतर्गत जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू), भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), राष्ट्रीय फैशन प्रौद्योगिकी संस्थान (निफ्ट), भारतीय विदेश व्यापार संस्थान (आई.आई.एफ.टी.), कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा), राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), केंद्रीय विद्यालय संगठन और सेबी जैसे 76 सदस्य कार्यालय आते हैं। यह सभी कार्यालय समय-समय पर राजभाषा सम्मेलन, संगोष्ठियों और प्रतियोगिताओं के माध्यम से सरकारी कामकाज में राजभाषा हिन्दी के प्रति जागरुकता पैदा करने और उसके प्रयोग में गति लाने के लिए कार्य करते हैं। Hindi News







