कौन बनेगा भाजपा का राष्ट्रीय अध्यक्ष? RSS ने तय कर दिया

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locationभारत
userचेतना मंच
calendar14 Jul 2025 04:08 PM
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BJP National President :  भारतीय जनता पार्टी (BJP)  का अगला राष्ट्रीय अध्यक्ष कौन बनेगा? यह सवाल खूब पूछा जा रहा है। खबर आई है कि BJP का अगला राष्ट्रीय अध्यक्ष राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ( RSS ) की पसंद से बनेगा। RSS ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए योग्यता निर्धारित कर दी है।  RSS के नेतृत्व ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष की योग्यता वाली पूरी सूची BJP के नेताओं के पास भेज दी है। RSS ने भाजपा का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने लायक योग्यता की जो गाइड लाइन बनाई है वह गाइड लाइन बेहद दिलचस्प है।

हमेशा RSS ही तय करता है भाजपा का राष्ट्रीय अध्यक्ष

आपको बता दें कि पर्दे के पीछे से हमेशा  RSS ही भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष का नाम तय कर रहा है। भाजपा में नरेन्द्र मोदी का युग आने के बाद RSS की सलाह को महत्व मिलना कम हो गया था। 2024 के लोकसभा चुनाव में आशा के अनुरूप परिणाम ना आने पर  RSS  ने भाजपा में अपना दखल फिर तेज कर दिया है। इसमें कोई दो राय नहीं है कि इस बार भाजपा का राष्ट्रीय अध्यक्ष  RSS की पसंद से ही बनाया जाएगा। भाजपा का राष्ट्रीय अध्यक्ष वही नेता बनेगा जो  RSS द्वारा निर्धारित की गई गाइड लाइन में फिट बैठेगा।

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए यह है  RSS की गाइड लाइन

भाजपा का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने लायक नेता के लिए  RSS की गाइड लाइन हम आपको बता रहे हैं। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए  RSS ने जो गाइड लाइन बनाई है। उसमें कहा गया है कि- नम्बर-1 :  RSS एक ऐसा अध्यक्ष चाहता है जो अपेक्षाकृत युवा हो। जो संगठन के साथ जुड़ा हो। वह केवल रणनीतिकार न हो, बल्कि वैचारिक मार्गदर्शक भी हो। नम्बर-2 :   RSS व्यक्तिगत प्रभुत्व नहीं बल्कि संगठन आधारित नेतृत्व की चाह रखता है। भाजपा का नया राष्ट्रीय अध्यक्ष कैडर से संवाद, फीडबैक को स्वीकार करने वाला और अंदरूनी लोकतंत्र को पुनर्स्थापित करने वाला नेता हो। नम्बर-3 : पार्टी में बढ़ते टेक्नोक्रेट्स और राजनीतिक प्रवासियों की भूमिका पर RSS ने चिंता जताई है। संघ का कहना है कि भाजपा का अगला राष्ट्रीय अध्यक्ष तकनीक नहीं, तपष्या से बना नेता हो। नम्बर-4 : भाजपा का नया अध्यक्ष उन लोगों से जुड़ा हो जो शाखा, प्रांत प्रचारक और बूथ स्तर पर काम कर रहे हैं। उसकी वैचारिक स्पष्टता को भी ध्यान में रखा जाए। समान नागरिक संहिता (UCC, जनसंख्या नीति, सांस्कृतिक राष्ट्रवाद और शिक्षा सुधार जैसे मुद्दों पर उसके विचार स्पष्ट हों। RSS  का स्पष्ट मत है कि इस गाइड लाइन के फ्रेम में फिट बैठने वाले नेता को ही भाजपा का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया जाएगा।    BJP National President
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लाल निशान में डूबा शेयर बाजार, IT सेक्टर बना गिरावट का कारण

लाल निशान में डूबा शेयर बाजार, IT सेक्टर बना गिरावट का कारण
locationभारत
userचेतना मंच
calendar28 Nov 2025 04:59 PM
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Stock Market :  भारतीय शेयर बाजार इस समय भारी उतार-चढ़ाव के दौर से गुजर रहा है। बीते सप्ताह की गिरावट के बाद निवेशकों को सोमवार को भी राहत नहीं मिल सकी। हफ्ते के पहले ही कारोबारी दिन बाजार खुलते ही लाल निशान में चला गया। सेंसेक्स और निफ्टी, दोनों प्रमुख सूचकांक दिन भर के कारोबार में फिसलते रहे और आखिरी घंटे में गिरावट और गहरा गई। सोमवार को बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स मामूली बढ़त के साथ 82,537 के स्तर पर खुला था, लेकिन कुछ ही मिनटों में यह बढ़त गुम हो गई। दोपहर होते-होते सेंसेक्स 450 अंकों से ज्यादा लुढ़ककर 82,010 के आसपास कारोबार करता दिखा। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का निफ्टी भी इसी रुख पर चला और शुरुआती फ्लैट ओपनिंग के बाद 148 अंकों की गिरावट के साथ 25,001.95 के स्तर पर पहुंच गया।

IT सेक्टर में सबसे ज्यादा दबाव

गिरावट की अगुवाई इस बार भी IT सेक्टर ने की। दिग्गज कंपनियों में टेक महिंद्रा के शेयर 2.50%, इन्फोसिस 2.10%, टीसीएस 1.70% और HCL टेक 1.50% तक टूट गए। तकनीकी कंपनियों में बिकवाली की यह लहर बाजार के समग्र मूड को नकारात्मक बनाए रखे हुए है। आईटी के अलावा लार्जकैप कैटेगरी में एशियन पेंट्स (1.90%), बजाज फाइनेंस (1.50%), एलएंडटी (1.45%) और टाटा मोटर्स (1.20%) जैसे शेयरों ने भी कमजोरी दिखाई। मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में भी दबाव जारी रहा। AU बैंक, IDFC फर्स्ट बैंक, ग्लैक्सो, और भारती हेक्सा समेत कई कंपनियों के शेयर नुकसान में कारोबार करते दिखे। स्मॉलकैप कंपनियों में GEPIL और होंडा पावर के शेयरों में क्रमश: 7.28% और 4.99% की भारी गिरावट देखी गई।

बाजार की गिरावट की वजहें

बाजार में मौजूदा कमजोरी के पीछे कई अहम कारण माने जा रहे हैं। सबसे बड़ा कारण अमेरिका की ओर से घोषित नया टैरिफ स्ट्रक्चर है, जो 1 अगस्त 2025 से लागू होने वाला है। इससे वैश्विक व्यापार माहौल में अनिश्चितता गहरा गई है। भारत और अमेरिका के बीच ट्रेड डील पर अब तक कोई ठोस फैसला नहीं आना भी निवेशकों की चिंता बढ़ा रहा है। इसके अलावा, कंपनियों के पहली तिमाही के वित्तीय परिणाम और मिलेजुले ग्लोबल संकेत भी बाजार में अस्थिरता बढ़ा रहे हैं। घरेलू निवेशक फिलहाल सतर्क हैं और आगे की किसी भी नीतिगत घोषणा या विदेशी बाजारों के संकेतों का इंतजार कर रहे हैं।

Stock Market

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7 साल बाद टूटा स्टार कपल साइना-कश्यप का रिश्ता, शांति और आत्मविकास के लिए लिया तलाक

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locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 10:49 PM
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बैडमिंटन की दो चमकती हस्तियों ने ली अलग राह: भारतीय बैडमिंटन जगत की सबसे चर्चित जोड़ी, साइना नेहवाल और पारुपल्ली कश्यप, अब एक साथ नहीं हैं। शादी के सात साल बाद, दोनों ने आपसी सहमति से अलग होने का निर्णय लिया है। यह जानकारी खुद साइना ने अपने इंस्टाग्राम स्टेटमेंट के ज़रिए साझा की। उन्होंने लिखा, “जिंदगी कभी-कभी हमें अलग-अलग दिशाओं में ले जाती है। बहुत सोच-विचार के बाद, कश्यप पारुपल्ली और मैंने अलग होने का फैसला किया है। हम अपने और एक-दूसरे के लिए शांति, तरक्की और राहत चुन रहे हैं।”

2018 में हुई थी शादी, हैदराबाद में पनपा रिश्ता

साइना और कश्यप की मुलाकात साल 1997 में एक बैडमिंटन कैंप के दौरान हुई थी। इसके बाद दोनों हैदराबाद की पुलेला गोपीचंद बैडमिंटन एकेडमी में एक साथ प्रशिक्षण लेने लगे। लंबे समय तक एक-दूसरे को जानने और समझने के बाद, दोनों ने 2018 में शादी की थी। यह शादी बैडमिंटन प्रेमियों और खेल जगत के लिए एक बड़ी खुशी की खबर थी।
 
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साइना ने बैडमिंटन को दिया नया जीवन

साइना नेहवाल ने भारतीय बैडमिंटन को एक नई दिशा दी। 2008 के बीजिंग ओलंपिक में क्वार्टर फाइनल तक पहुंचने वाली पहली महिला खिलाड़ी बनीं और 2012 लंदन ओलंपिक में कांस्य पदक जीतकर देश का सिर गर्व से ऊँचा किया। 2015 में वह वर्ल्ड बैडमिंटन रैंकिंग में नंबर 1 पर पहुंचने वाली भारत की पहली महिला खिलाड़ी बनीं। उन्होंने एक पीढ़ी को प्रेरित किया और देश में बैडमिंटन के प्रति एक नई लहर पैदा की।

कश्यप की उपलब्धियां भी रहीं शानदार

पारुपल्ली कश्यप ने भी अपने करियर में कई मुकाम हासिल किए। 2010 दिल्ली कॉमनवेल्थ गेम्स में कांस्य पदक और 2012 लंदन ओलंपिक में क्वार्टर फाइनल तक पहुंचने वाले पहले भारतीय पुरुष बैडमिंटन खिलाड़ी बने। 2014 के ग्लासगो कॉमनवेल्थ गेम्स में उन्होंने स्वर्ण पदक जीतकर भारतीय बैडमिंटन इतिहास में एक खास जगह बना ली। वह वर्ल्ड रैंकिंग में छठे स्थान तक पहुंचे और देश के लिए कई यादगार मुकाबले खेले।

निजी फैसले का सम्मान करें: साइना

साइना ने अपनी पोस्ट में लिखा कि वह और कश्यप दोनों अपने फैसले से शांति और आत्मविकास की दिशा में आगे बढ़ना चाहते हैं। उन्होंने अपने पुराने पलों के लिए आभार जताया और आगे एक सकारात्मक जीवन की कामना की। साइना नेहवाल और पारुपल्ली कश्यप का तलाक परमाणु ठिकाने तबाह, टॉप जनरल ढेर… फिर भी ईरान को निर्णायक झटका देने से क्यों चूक गया इजरायल?