पूर्व आईएएस अधिकारी अमित खरे बने प्रधानमंत्री मोदी के सलाहकार

चेतना मंच ब्यूरो,नईदिल्ली: बिहार में चारा घोटाले का पर्दाफाश कर पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव को जेल का रास्ता दिखाने वाले चर्चित आइएएस अधिकारी अमित खरे को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सलाहकार बनाया गया है। मंगलवार को मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति ने उनके नाम को मंजूरी दे दी है। उन्हें दो साल के अनुबंध पर यह जिम्मेदारी सौपी गई है। उनकी इस पुनर्नियुक्ति पर नियुक्ति पर केंद्र सरकार के सारे नियम-कायदे लागू होंगे। 1985 बैच के आईएएस अधिकारी रहे खरे बीते 30 सितम्बर को शिक्षा मंत्रालय के सचिव पद से रिटायर्ड हुए थे। जिसके बाद उन्हें यह अहम जिम्मेदारी सौपी गई है। बतौर सलाहकार पूर्व कैबिनेट सचिव पीके सिनहा व पूर्व सचिव अमरजीत सिंह के पद छोड़ने के बाद खरे की प्रधानमंत्री के सलाहकार के रूप में रूप में नियुक्ति की गई है।
बतादें कि बिहार कैडर के आईएएस अधिकारी रहे खरे पहली बार तब चर्चा में आए थे,जिस समय उन्होंने सूबे में चारा घोटाले का पर्दाफास किया था। उन्होंने चाईबासा उपायुक्त रहते हुए चारा घोटाले में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। जिसके बाद प्रदेश में हंगामा मच गया था और फिर एक के बाद एक कई नेता व अधिकारी इसकी चपेट में आते गए। इसी कड़ी में सबसे चर्चित गिरफ्तारी लालू प्रसाद यादव की थी। जिन्हें इसी घोटाले के चलते मुख्यमंत्री पद भी छोड़ना पड़ा था। 2019 में शिक्षा मंत्रालय में सचिव नियुक्त होने से पहले वे सूचना प्रसारण मंत्रालय में भी सचिव के रूप में पदस्थ रहे। मोदी सरकार की 2020 की नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू कराने में उनकी भूमिका रही।
अगली खबर पढ़ें
चेतना मंच ब्यूरो,नईदिल्ली: बिहार में चारा घोटाले का पर्दाफाश कर पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव को जेल का रास्ता दिखाने वाले चर्चित आइएएस अधिकारी अमित खरे को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सलाहकार बनाया गया है। मंगलवार को मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति ने उनके नाम को मंजूरी दे दी है। उन्हें दो साल के अनुबंध पर यह जिम्मेदारी सौपी गई है। उनकी इस पुनर्नियुक्ति पर नियुक्ति पर केंद्र सरकार के सारे नियम-कायदे लागू होंगे। 1985 बैच के आईएएस अधिकारी रहे खरे बीते 30 सितम्बर को शिक्षा मंत्रालय के सचिव पद से रिटायर्ड हुए थे। जिसके बाद उन्हें यह अहम जिम्मेदारी सौपी गई है। बतौर सलाहकार पूर्व कैबिनेट सचिव पीके सिनहा व पूर्व सचिव अमरजीत सिंह के पद छोड़ने के बाद खरे की प्रधानमंत्री के सलाहकार के रूप में रूप में नियुक्ति की गई है।
बतादें कि बिहार कैडर के आईएएस अधिकारी रहे खरे पहली बार तब चर्चा में आए थे,जिस समय उन्होंने सूबे में चारा घोटाले का पर्दाफास किया था। उन्होंने चाईबासा उपायुक्त रहते हुए चारा घोटाले में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। जिसके बाद प्रदेश में हंगामा मच गया था और फिर एक के बाद एक कई नेता व अधिकारी इसकी चपेट में आते गए। इसी कड़ी में सबसे चर्चित गिरफ्तारी लालू प्रसाद यादव की थी। जिन्हें इसी घोटाले के चलते मुख्यमंत्री पद भी छोड़ना पड़ा था। 2019 में शिक्षा मंत्रालय में सचिव नियुक्त होने से पहले वे सूचना प्रसारण मंत्रालय में भी सचिव के रूप में पदस्थ रहे। मोदी सरकार की 2020 की नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू कराने में उनकी भूमिका रही।
संबंधित खबरें
अगली खबर पढ़ें







