उपराष्ट्रपति चुनाव : NDA का संख्याबल भारी, विपक्ष ने वैचारिक मोर्चा संभाला

उपराष्ट्रपति चुनाव : NDA का संख्याबल भारी, विपक्ष ने वैचारिक मोर्चा संभाला
locationभारत
userचेतना मंच
calendar30 Nov 2025 10:18 PM
bookmark

देश के संवैधानिक क्रम में दूसरे नंबर की कुर्सी यानी उपराष्ट्रपति का चुनाव आज बस किसी प्रतियोगिता से बढ़कर एक राजनीतिक और वैचारिक युद्ध के रूप में देखा जा रहा है। सिर्फ उम्मीदवारों के नामों का खेल नहीं, बल्कि संख्या और विचारधारा की ताकत का सीधा टकराव है। लोकसभा और राज्यसभा के कुल 782 सांसद अपने मतों के जरिए इस लड़ाई का फैसला करेंगे, और जीत दर्ज करने के लिए किसी भी दावेदार को 391 वोटों का आवश्यक बहुमत हासिल करना होगा।  Vice Presidential Election 2025

NDA का पलड़ा भारी

राजनीतिक गणित साफ़ संकेत दे रहा है कि एनडीए उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन की जीत लगभग तय नजर आ रही है। भाजपा के 240 लोकसभा और लगभग 100 राज्यसभा सांसदों के साथ-साथ टीडीपी, जेडीयू, लोजपा (रामविलास), शिवसेना (शिंदे गुट), जद (सेक्युलर), आरएलडी और कई छोटे सहयोगी दलों के समर्थन से एनडीए का आधार पहले ही करीब 427 सांसदों का मजबूत खाका पेश करता है। इस ताकत को और बढ़ाते हुए वाईएसआर कांग्रेस ने भी राधाकृष्णन के पक्ष में मतदान का ऐलान किया है। दूसरी तरफ, बीजेडी, बीआरएस और अकाली दल ने मतदान से दूरी बनाए रखी है। ऐसे में सत्ता पक्ष का गणित विपक्ष पर स्पष्ट रूप से भारी दिखाई दे रहा है, और राधाकृष्णन के विजयी होने की संभावनाएं और मजबूत हो गई हैं।

यह भी पढ़े: प्रैक्टिस में दिखा टीम इंडिया का जोश, तय मानी जा रही शुरुआती प्लेइंग-11

INDIA ब्लॉक की चुनौती

वहीं दूसरी ओर, कांग्रेस, तृणमूल, डीएमके, समाजवादी पार्टी, शिवसेना (उद्धव गुट), एनसीपी (शरद गुट), राजद, वामपंथी दल और कुछ अन्य सहयोगी मिलकर विपक्षी गठबंधन INDIA ब्लॉक का निर्माण करते हैं, जिनके पास करीब 324 सांसदों का समर्थन है। इस चुनाव में विपक्ष ने बी. सुदर्शन रेड्डी को उम्मीदवार बनाकर केवल संख्यात्मक मुकाबले से परे, इसे एक “वैचारिक जंग” के रूप में पेश करने की रणनीति अपनाई है। वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य साफ़ तौर पर दिखा रहा है कि उपराष्ट्रपति की कुर्सी एनडीए के पाले में जाने की राह पर है। विपक्षी उम्मीदवार बी. सुदर्शन रेड्डी भले ही संख्याबल में कमजोर पड़ रहे हों, लेकिन उन्होंने इस चुनाव को केवल मतों का मुकाबला नहीं बल्कि “सत्ता बनाम विचारधारा” की जंग के रूप में ढालने का भरसक प्रयास किया है।  Vice Presidential Election 2025

अगली खबर पढ़ें

उत्तर प्रदेश में फिर चली तबादला एक्सप्रेस, बदले गए 28 IPS अधिकारी

उत्तर प्रदेश में फिर चली तबादला एक्सप्रेस, बदले गए 28 IPS अधिकारी
locationभारत
userचेतना मंच
calendar02 Dec 2025 04:41 AM
bookmark
Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश में एक बार फिर बड़ा प्रशासनिक फेरबदल हुआ है। यहां 28 आईपीएस अधिकारियों का तबादला कर दिया गया है। चलिए जानते हैं कि किसे कहां पर तैनाती मिली है।

राजीव सभरवाल को मिली अहम जिम्मेदारी

उत्तर प्रदेश सरकार ने आईपीएस अधिकारियों की नई तैनाती में श्री राजीव सभरवाल को पुलिस महानिदेशक, प्रशिक्षण एवं आधुनिकीकरण, लखनऊ नियुक्त किया है। इसके साथ ही उन्हें डॉ. भीमराव अंबेडकर पुलिस अकादमी, मुरादाबाद का भी अतिरिक्त प्रभार दिया गया है।

यातायात और सुरक्षा विभाग में बदलाव

आईपीएस ए. सतीश गणेश को अपर पुलिस महानिदेशक, यातायात एवं सड़क सुरक्षा, लखनऊ की जिम्मेदारी दी गई है। वहीं, श्री के. सत्यनारायण को अपर पुलिस महानिदेशक, नियम एवं प्रशासन लखनऊ बनाया गया है।

महिला और बाल सुरक्षा संगठन को नया मुखिया

सरकार ने विजय सिंह मीना को पुलिस महानिदेशक, महिला एवं बाल सुरक्षा संगठन, लखनऊ नियुक्त किया है। इस बदलाव को महिला सुरक्षा के नजरिए से अहम माना जा रहा है।

विशेष जांच प्रकोष्ठ में नई तैनाती

आलोक कुमार श्रीवास्तव को विशेष जांच प्रकोष्ठ, लखनऊ भेजा गया है। वहीं, शुभम पटेल को पुलिस अधीक्षक, पीएसी मुख्यालय, लखनऊ की जिम्मेदारी मिली है।

PAC और साइबर क्राइम में बदलाव

चक्रपाणि त्रिपाठी को पुलिस अधीक्षक, प्रतापगढ़ बनाया गया है। मनोज कुमार अवस्थी को पुलिस अधीक्षक, 12वीं बटालियन पीएसी, फतेहपुर भेजा गया है। इसके अलावा रोहन पी. को अपर पुलिस अधीक्षक, साइबर क्राइम, लखनऊ नियुक्त किया गया है।

सहारनपुर और अन्य जिलों में नई पोस्टिंग

मेघनाथ सिंह को सेनानायक, 5वीं बटालियन पीएसी, सहारनपुर भेजा गया है। वहीं अन्य अधिकारियों को भी अलग-अलग जिलों और यूनिट्स में तैनाती दी गई है। उत्तर प्रदेश IPS तबादला 2025 उत्तर प्रदेश IPS तबादला 2025

बड़ा फेरबदल, बढ़ी जिम्मेदारियां

कुल 28 आईपीएस अधिकारियों का तबादला कर उत्तर प्रदेश सरकार ने साफ कर दिया है कि कानून-व्यवस्था को मजबूत करने के लिए प्रशासनिक बदलाव जारी रहेंगे। नए पदभार मिलने के बाद अधिकारियों पर सुरक्षा और अनुशासन बनाए रखने की बड़ी जिम्मेदारी होगी। उत्तर प्रदेश में बदले गए अनेक अधिकारी, 6 जिलों में हुई नई तैनाती
अगली खबर पढ़ें

फैशन प्रेमियों को लगने वाला है झटका, H&M और Zara पर होगा बड़ा असर

फैशन प्रेमियों को लगने वाला है झटका, H&M और Zara पर होगा बड़ा असर
locationभारत
userचेतना मंच
calendar08 Sep 2025 05:15 PM
bookmark
आज के समय में ब्रांडेड कपड़े पहनना केवल फैशन नहीं बल्कि एक स्टेटमेंट बन चुका है। खासकर युवाओं में यह ट्रेंड सोशल मीडिया के चलते तेजी से फैल रहा है। जहां बड़े-बड़े इनफ्लुएंसर जो कपड़े पहनते हैं वे युवा भी उसी स्टाइल को अपनाने की कोशिश करते हैं और ये कपड़े ज्यादातर H&M, Zara, Uniqlo, Lacoste, Super Dry जैसे मिड-रेंज ब्रांड के होते हैं, जो न तो बहुत महंगे हैं और न ही बेहद सस्ते। यही वजह है कि ये ब्रांड देश की मिडिल क्लास से लेकर अपर मिडिल क्लास तक के बीच बेहद लोकप्रिय हैं लेकिन अब इन ब्रांडेड कपड़ों की खरीदारी करना थोड़ा महंगा होने वाला है। Tax On Branded Clothes 

ब्रांडेड कपड़ों पर बढ़ेगा GST

22 सितंबर से ब्रांडेड कपड़ों पर GST बढ़ने वाला है जिससे इन कपड़ों के दामों में इजाफा होगा। फिलहाल 2,500 रुपये से ऊपर कीमत वाले कपड़ों पर 12% GST लगता था लेकिन अब इसे बढ़ाकर 18% कर दिया गया है। इसका सीधा असर H&M, Zara, Uniqlo, Lacoste, Super Dry जैसे ब्रांडों पर पड़ेगा जिनके कपड़े आमतौर पर 2,500 रुपये से ऊपर के होते हैं।

GST में यह बदलाव क्यों?

भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हाल ही में GST में बदलाव की घोषणा की थी। इसमें कई जरूरी वस्तुओं पर टैक्स कम किया गया, लेकिन ब्रांडेड कपड़ों पर GST बढ़ा दिया गया। इसका मकसद टैक्स के दायरे को बढ़ाना और राजस्व संग्रह बढ़ाना बताया जा रहा है। लेकिन इससे ब्रांडेड कपड़ों की कीमतों में बढ़ोतरी होना तय है।

किस तरह होगा असर?

मिडिल क्लास और युवाओं के लिए यह बड़ा झटका हो सकता है क्योंकि अब वे अपनी पसंदीदा ब्रांडेड चीजें पहले जितनी आसानी से नहीं खरीद पाएंगे। वहीं कपड़ा उद्योग के लिए भी यह बड़ा संकट है क्योंकि GST बढ़ने से उत्पादन लागत बढ़ेगी और बिक्री पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। कपड़ा निर्माताओं का कहना है कि GST बढ़ने से कपड़ा उद्योग पर दबाव बढ़ेगा जिससे व्यवसाय प्रभावित होगा। खासकर तब जब बाजार पहले से ही आर्थिक चुनौतियों से गुजर रहा है। इससे न सिर्फ ब्रांडेड कपड़ों की बिक्री घट सकती है बल्कि कई छोटे और मझोले कारोबारों को भी नुकसान हो सकता है।

यह भी पढ़ें: क्या आप भी रात में ब्रा पहनकर सोती हैं? जान लें सच्चाई

क्या होगा आगे?

अब देखने वाली बात यह होगी कि क्या बढ़े हुए GST के बाद भी ये विदेशी ब्रांड अपनी लोकप्रियता बनाए रख पाएंगे या फिर ग्राहक सस्ते विकल्पों की ओर रुख करेंगे। फैशन की दुनिया में यह बड़ा बदलाव आने वाला है जो कई लोगों की जेब पर सीधे असर डाल सकता है। अगर आप फैशन से जुड़े हैं या कपड़े खरीदने की योजना बना रहे हैं तो 22 सितंबर के बाद दामों में वृद्धि का ख्याल जरूर रखें। Tax On Branded Clothes