गलियों मे पढ़ाने वाला टीचर कैसे बना ग्लोबल टीचर प्राईज का हकदार
पश्चिम बंगाल के रहने वाले दीप नारायण नायक की पहचान भारत के उन विशेष शिक्षकों में से है जिन्होंने विश्व में शिक्षा जगत में अपना अलग नाम बनाया है


पश्चिम बंगाल के रहने वाले दीप नारायण नायक की पहचान भारत के उन विशेष शिक्षकों में से है जिन्होंने विश्व में शिक्षा जगत में अपना अलग नाम बनाया है

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कर्नाटक के बेंगलुरु में तेजस विमान से भ्रमण किया। दरअसल, वह शनिवार को बेंगलुरु में हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमटेड (HAL) की फैसिलिटी के दौरे पर गए थे


Raymond : यदि आप एक कारोबारी हैं। वह चाहे छोटे हैं या बड़े और आप अपना कारोबार अपने बच्चों यानि बेटे बेटियों को सौंपना चाहते हैं तो उससे पहले आपको यह खबर जरुर पढ़ लेनी चाहिए। यह खबर भारत के एक बड़े कपड़ा व्यापारी के परिवार से जुड़ी है। जिस कपड़ा व्यापारी के बारे में हम यहां आपको बताएंगे, वह एक ब्रांडेड कपड़ा तैयार करते हैं ओर उनके ब्रांडेड कपड़ों की भारत ही नहीं विदेश में भी बेहद ही मांग है।
आपने रेमंड के कपड़ों के बारे में अवश्य सुना होगा। रेमंड एक विश्व प्रसिद्ध ब्रांड है। गुरुवार को रेमंड के CMD यानि मालिक गौतम सिंघानिया के पिता विजयपत सिंघानिया का दर्द सामने आया है। दरअसल, विजयपत वर्ष 2015 में रेमंड की बागडौर गौतम के हाथों में सौंप दी थी। जिसके बाद वह अलग रह रहे हैं। रेमंड के मालिक गौतम सिंघानिया के परिवार में इस समय कुछ सही नहीं चल रहा है। गौतम के पिता विजयपत ने इस पारिवारिक संकट पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। विजयपत ने कहा कि उन्होंने अपने बेटे को सब कुछ सौंपकर बेवकूफी की है। उन्होंने कहा कि माता-पिता को अपने बच्चों को सब कुछ देने से पहले बहुत सावधानी से सोचना चाहिए।
आपको बता दें कि रेमंड के पूर्व मालिक रहे विजयपत सिंघानिया ने वर्ष 2015 में अपने कारोबार की बागडौर अपने बेटे गौतम को सौंप दी थी। जिसके बाद वर्ष 2017 में कुछ पारिवारिक विवाद उत्पन्न हो गए। 2017 में विजयपत ने अपने बेटे गौतम पर दक्षिणी मुंबई में अपनी पारिवारिक संपत्ति जेके हाउस बिल्डिंग से बाहर निकालने का आरोप लगाया था। नवंबर 2023 की शुरुआत में, उनकी बहू नवाज मोदी ने कहा था कि गौतम सिंघानिया ने दिवाली समारोह के दौरान उन्हें घर में नहीं आने दिया, जिसका एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था।
महाराष्ट्र मीडिया को दिए गए एक इंटरव्यू में विजयपत ने कहा कि पहले गौतम कंपनी के कुछ हिस्सों को वापस देने के लिए सहमत हुए थे, लेकिन फिर वह पीछे हट गए। उन्होंने कहा कि मेरा कोई बिजनेस नहीं है। वह मुझे कंपनी के कुछ हिस्से देने के लिए सहमत हो गए थे, लेकिन फिर वे निश्चित रूप से पीछे हट गए। इसलिए मेरे पास और कुछ नहीं है। मैंने उसे सब कुछ दे दिया। गलती से, मेरे पास कुछ पैसे बच गए थे, जिस पर मैं आज जीवित हूं। अन्यथा, मैं सड़क पर होता।
पूर्व कपड़ा कारोबारी ने कहा कि गौतम उन्हें सड़क पर देखकर खुश होंगे। मुझे इस बात का यकीन है। अगर वह अपनी पत्नी को इस तरह बाहर फेंक सकता है, उसने पिता को इस तरह बाहर कर दिया। तो मुझे नहीं पता कि वह कैसा इंसान है।
रेमंड के मौजूदा चेयरमैन और सीएमडी गौतम सिंघानिया ने 13 नवंबर को अपनी पत्नी नवाज मोदी से अलग होने की घोषणा की थी। अलग होने के बाद नवाज मोदी ने कथित तौर पर गौतम सिंघानिया की 11000 करोड़ रुपये की संपत्ति का 75 प्रतिशत हिस्सा मांगा है।
इस मांग पर विजयपत ने कहा कि हिंदू विवाह अधिनियम के तहत अलग होने की स्थिति में पति की 50 प्रतिशत हिस्सेदारी स्वत: ही पत्नी के पास चली जाती है। उसे इसके लिए लड़ने की आवश्यकता नहीं हो सकती है। एक बहुत ही साधारण वकील उसे हिंदू विवाह अधिनियम के तहत यह दिला सकता है।
विजयपत ने कहा कि गौतम सिंघानिया अपनी संपत्ति का 75 प्रतिशत उन्हें देने के लिए कभी राजी नहीं होंगे। वह 75 प्रतिशत के लिए क्यों लड़ रही है ? गौतम कभी हार नहीं मानने वाले हैं, क्योंकि उनका आदर्श वाक्य है- हर किसी को खरीदें और सब कुछ खरीदें। यही उसने मेरे साथ किया। मेरे पास उससे लड़ने के लिए इतना पैसा नहीं बचा था। उसने सब कुछ खरीद लिया। वह सब कुछ खरीद लेगा। इस तरह से लड़ने से, मुझे नहीं लगता कि उसे बहुत कुछ मिलेगा। जब तक कि उनके पास हरीश साल्वे, मुकुल रोहतगी, कपिल सिब्बल जैसा व्यक्ति न हो।
Raymond : यदि आप एक कारोबारी हैं। वह चाहे छोटे हैं या बड़े और आप अपना कारोबार अपने बच्चों यानि बेटे बेटियों को सौंपना चाहते हैं तो उससे पहले आपको यह खबर जरुर पढ़ लेनी चाहिए। यह खबर भारत के एक बड़े कपड़ा व्यापारी के परिवार से जुड़ी है। जिस कपड़ा व्यापारी के बारे में हम यहां आपको बताएंगे, वह एक ब्रांडेड कपड़ा तैयार करते हैं ओर उनके ब्रांडेड कपड़ों की भारत ही नहीं विदेश में भी बेहद ही मांग है।
आपने रेमंड के कपड़ों के बारे में अवश्य सुना होगा। रेमंड एक विश्व प्रसिद्ध ब्रांड है। गुरुवार को रेमंड के CMD यानि मालिक गौतम सिंघानिया के पिता विजयपत सिंघानिया का दर्द सामने आया है। दरअसल, विजयपत वर्ष 2015 में रेमंड की बागडौर गौतम के हाथों में सौंप दी थी। जिसके बाद वह अलग रह रहे हैं। रेमंड के मालिक गौतम सिंघानिया के परिवार में इस समय कुछ सही नहीं चल रहा है। गौतम के पिता विजयपत ने इस पारिवारिक संकट पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। विजयपत ने कहा कि उन्होंने अपने बेटे को सब कुछ सौंपकर बेवकूफी की है। उन्होंने कहा कि माता-पिता को अपने बच्चों को सब कुछ देने से पहले बहुत सावधानी से सोचना चाहिए।
आपको बता दें कि रेमंड के पूर्व मालिक रहे विजयपत सिंघानिया ने वर्ष 2015 में अपने कारोबार की बागडौर अपने बेटे गौतम को सौंप दी थी। जिसके बाद वर्ष 2017 में कुछ पारिवारिक विवाद उत्पन्न हो गए। 2017 में विजयपत ने अपने बेटे गौतम पर दक्षिणी मुंबई में अपनी पारिवारिक संपत्ति जेके हाउस बिल्डिंग से बाहर निकालने का आरोप लगाया था। नवंबर 2023 की शुरुआत में, उनकी बहू नवाज मोदी ने कहा था कि गौतम सिंघानिया ने दिवाली समारोह के दौरान उन्हें घर में नहीं आने दिया, जिसका एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था।
महाराष्ट्र मीडिया को दिए गए एक इंटरव्यू में विजयपत ने कहा कि पहले गौतम कंपनी के कुछ हिस्सों को वापस देने के लिए सहमत हुए थे, लेकिन फिर वह पीछे हट गए। उन्होंने कहा कि मेरा कोई बिजनेस नहीं है। वह मुझे कंपनी के कुछ हिस्से देने के लिए सहमत हो गए थे, लेकिन फिर वे निश्चित रूप से पीछे हट गए। इसलिए मेरे पास और कुछ नहीं है। मैंने उसे सब कुछ दे दिया। गलती से, मेरे पास कुछ पैसे बच गए थे, जिस पर मैं आज जीवित हूं। अन्यथा, मैं सड़क पर होता।
पूर्व कपड़ा कारोबारी ने कहा कि गौतम उन्हें सड़क पर देखकर खुश होंगे। मुझे इस बात का यकीन है। अगर वह अपनी पत्नी को इस तरह बाहर फेंक सकता है, उसने पिता को इस तरह बाहर कर दिया। तो मुझे नहीं पता कि वह कैसा इंसान है।
रेमंड के मौजूदा चेयरमैन और सीएमडी गौतम सिंघानिया ने 13 नवंबर को अपनी पत्नी नवाज मोदी से अलग होने की घोषणा की थी। अलग होने के बाद नवाज मोदी ने कथित तौर पर गौतम सिंघानिया की 11000 करोड़ रुपये की संपत्ति का 75 प्रतिशत हिस्सा मांगा है।
इस मांग पर विजयपत ने कहा कि हिंदू विवाह अधिनियम के तहत अलग होने की स्थिति में पति की 50 प्रतिशत हिस्सेदारी स्वत: ही पत्नी के पास चली जाती है। उसे इसके लिए लड़ने की आवश्यकता नहीं हो सकती है। एक बहुत ही साधारण वकील उसे हिंदू विवाह अधिनियम के तहत यह दिला सकता है।
विजयपत ने कहा कि गौतम सिंघानिया अपनी संपत्ति का 75 प्रतिशत उन्हें देने के लिए कभी राजी नहीं होंगे। वह 75 प्रतिशत के लिए क्यों लड़ रही है ? गौतम कभी हार नहीं मानने वाले हैं, क्योंकि उनका आदर्श वाक्य है- हर किसी को खरीदें और सब कुछ खरीदें। यही उसने मेरे साथ किया। मेरे पास उससे लड़ने के लिए इतना पैसा नहीं बचा था। उसने सब कुछ खरीद लिया। वह सब कुछ खरीद लेगा। इस तरह से लड़ने से, मुझे नहीं लगता कि उसे बहुत कुछ मिलेगा। जब तक कि उनके पास हरीश साल्वे, मुकुल रोहतगी, कपिल सिब्बल जैसा व्यक्ति न हो।