Morbi Bridge Collapse: मोरबी हादसे में मृतकों की संख्या हुई 140,गैर इरातदन हत्या का केस दर्ज

Morbi
Morbi Bridge Collapse:
locationभारत
userचेतना मंच
calendar31 Oct 2022 05:23 PM
bookmark

Morbi Bridge Collapse: रविवार की रात गुजरात में हुए मोरबी पुल हादसे में मृतकों की संख्या अब तक 140 से ज्यादा हो गई है। लापता हुए लोगों की तलाश जारी है। संभावना जताई जा रही है कि मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है। अभी तक 170 लोगों को रेस्क्यू किया जा चुका है। गुजरात के मोरबी जिले में मच्छू नदी पर बना यह पु​ल ब्रिटिश काल का है और 233 मीटर लंबा है। इस मामले में जिला प्रशासन की ओर से ब्रिज मैनेजमेंट कमेटी के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज किया गया है।

Morbi Bridge Collapse

यह पुल पिछले 6 महीने से बंद था। पिछले दिनों ही इस पुल की मरम्मत की गई थी। 25 अक्टूबर को इस पुल को आम लोगों के लिए खोला गया था। रविवार होने की वजह से भीड़ ज्यादा हो गई। हादसे की यही वजह बताई जा रही है।

मोरबी जनपद के जिला प्रशासन ने हेल्पलाइन नंबर 02822243300 जारी किया है। घायलों के उपचार के लिए मोरबी और राजकोट में सरकारी अस्पताल में इमरजेंसी वार्ड बनाया गया है। NDRF अफसर ने कहा कि इतनी मौतें पहली बार देखी हैं। नदी के गंदे पानी में हमें लोगों को ढूंढने में दिक्कत आ रही है। उन्होंने आशंका जताई कि पुल के नीचे भी शव फंसे हो सकते हैं।

सोमवार की सुबह भी आर्मी, NDRF और SDRF की टीमों का रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। मच्छू नदी में पानी कम करने के लिए चेक डैम तोड़ा जा रहा है। मामले में ब्रिज की मैनेजमेंट कंपनी पर गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज किया गया है। जांच के लिए कमेटी बनी है।

पीएम मोदी हुए भावुक उधर, केवडिया में पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस हादसे को लेकर बेहद आहत नजर आए। उन्होंने केवडिया में कहा कि मैं यहां हूं, लेकिन मेरा हृदय मोरबी के घटना स्थल पर है। बोले, जिन लोगों ने इस हादसे में अपनी जान गंवाई है, मैं उनके प्रति संवेदना प्रकट करता हूं।

कांग्रेस अध्यक्ष भी बेहद दुखी कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे भी इस हादसे को लेकर बेहद दुखी है। उन्होंने मोरबी में हुई दुर्घटना को लेकर कहा​ कि मृतकों के परिवार को जल्द सरकार की ओर से राहत मिलना चाहिए,घायलों को राहत दी जानी चाहिए। कांग्रेस पार्टी के कई नेता घटनास्थल पर पहुंचे हैं और अशोक गहलोत भी घटनास्थल पर पहुंचे रहे हैं। हम अभी इस पर किसी तरह की राजनीति नहीं करना चाहते हैं।

मुख्यमंत्री मोरबी पहुंचे गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल आज सुबह मोरबी में कलेक्टर कार्यालय पहुंचे। उन्होंने तलाशी अभियान, राहत-बचाव अभियान, घायलों के इलाज सहित सभी मामलों की जानकारी ली और मोरबी में केबल ब्रिज गिरने की घटना में व्यवस्था को लेकर आवश्यक निर्देश दिए।

अगली खबर पढ़ें

National Political News : भारत जोड़ो यात्रा में उमड़ रहे जनसैलाब से डरने लगी है भाजपा

Rahul gandhi 1
BJP has started fearing the influx of people in India Jodo Yatra
locationभारत
userचेतना मंच
calendar30 Nov 2025 04:21 AM
bookmark
- एक महिला को गिरने से बचाने के लिए राहुल ने उसका हाथ क्या पकड़ा बवाल ही मच गया नई दिल्ली। ‘चोरों को सारे नजर आते हैं चोर।’ आपने यह कहावत तो सुनी ही होगी। मौजूदा दौर में यह कहावत भाजपा के नेताओं और उसकी ट्रोल आर्मी पर बिल्कुल सटीक बैठती है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी के भारत जोड़ो यात्रा को मिल रही अपार सफलता और लोकप्रियता से भाजपा बुरी तरह बौखला गई है। उसे अपना जनाधार खिसकता नजर आने लगा है। यही कारण है कि वह अनाप-शनाप बातें कहकर जनता को गुमराह करने करने और मुख्य मुद्दे से भटकाने का कुत्सित प्रयास करने में जुटी हुई है।

National Political News :

सात सितंबर को कन्याकुमारी से शुरू हुई भारत जोड़ो यात्रा को तमिलनाडु, केरल, कर्नाटका और आंध्र प्रदेश में जबरदस्त समर्थन मिला। तेलंगाना में भी इस यात्रा को समर्थन और सहयोग देने के लिए जनसैलाब उमड़ रहा है। गैर भाजपा कई राजनीतिक दल के लोग भी इस यात्रा में शामिल हो रहे हैं। हर दिन आ रही तस्वीरें भाजपा को डराने लगी हैं। दरअसल, इस देश में हर यात्रा के सफल होने और उसके सकारात्मक परिणाम निकलने का अनूठा और सुखद इतिहास रहा है। इसी इतिहास ने भाजपा नेताओं की आंखों की नींद छीन ली है। अगर इस बात पर भरोसा करें कि इतिहास अपने आप को दोहराता है, तो फिर इसमें कोई शक की गुंजाइश नहीं रह जाती है कि इस यात्रा से कांग्रेस सियासत के उच्च शिखर को छूने में कामयाब होगी। यही बात भाजपा के नेताओं को सालने लगी है। भारत जोड़ो यात्रा के शुरू होने के साथ ही भाजपा की प्रख्यात महिला नेता स्मृति जुबिन इरानी ने सबसे पहले मोर्चा खोला। लेकिन, उनका सफेद झूठ जनता के सामने बेपर्दा हो गया। यह सिलसिला यात्रा के 53 दिनों बाद भी थमने का नाम नहीं ले रहा है। हर दिन राहुल गांधी को बदनाम करने के लिए झूठा प्रचार और घटिया बातें कही जा रही हैं। अभी बीते दिनों भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल गांधी ने दक्षिण भारत की अभिनेत्री पूनम कौर को गिरने से बचाने के लिए उनका हाथ क्या पकड़ा, बवाल मच गया। यह ओछेपन की इंतेहां ही है कि एक तरफ सोशल मीडिया में तस्वीरें वायरल होने लगी, दूसरी ओर भाजपा नेता चाचा नेहरू का नाम लेकर तंज कसने लगे। हालांकि इस दोतरफा हमले का न केवल पूनम कौर ने, बल्कि कांग्रेस की महिला नेताओं ने भी कराया जवाब देकर भाजपा नेताओं की बोलती बंद कर दी।

National Political News :

दरअसल, राहुल गांधी के साथ शनिवार को अभिनेत्री पूनम कौर पदयात्रा में शामिल हुईं। इस पर कर्नाटक बीजेपी की नेता प्रीति गांधी ने राहुल गांधी की ऐक्ट्रेस पूनम कौर का हाथ पकड़े तस्वीर शेयर करते हुए लिखा, ‘अपने परदादा के पदचिन्हों पर चलते हुए!’ प्रीति गांधी के इस पोस्ट के साथ ही वार-पलटवार का सिलसिला तेज हो गया। पूनम कौर ने प्रीति गांधी का जवाब देते हुए लिखा कि आप अपमान कर रही हैं, याद रखें प्रधानमंत्री नारी शक्ति के बारे में बात करते हैं। मैं फिसल गई और लगभग गिरने ही वाली थी, इस पर सर (राहुल गांधी) ने मेरा हाथ पकड़ लिया। इसके साथ ही उन्होंने राहुल गांधी के लिए ‘थैंक यू सर’ लिखा। पूनम कौर के बाद जवाब देने की बारी कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत की थी। उन्होंने लिखा, ‘हां, वह अपने परदादा के नक्शेकदम पर चल रहे हैं और हमारे इस महान देश को एकजुट कर रहे हैं। इसके अलावा, आपके बचपन के दुख गहरे हैं और आपके बीमार दिमाग का सबूत हैं. आपको इलाज की जरूरत है।’

National Political News :

यूथ कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीनिवास बीवी ने प्रीति गांधी के ट्वीट पर लिखा, ‘शर्म की बात ये है एक ‘महिला’ है..’ वहीं महिला कांग्रेस सोशल मीडिया इंचार्ज नताशा शर्मा ने लिखा, ‘तुम औरत होकर इतना कैसे गिर जाती हो। तुमसे ज्यादा नीच और गिरा हुआ मैंने तो आज तक नहीं देखा। कुछ तो शर्म करो तुम या फिर बेच खाई है?’ पूनम कौर तमिल और तेलुगु फिल्मों की जानी-मानी एक्ट्रेस हैं। हैदराबाद में जन्मीं पूनम ने पढ़ाई खत्म करने के बाद 2006 में डायरेक्टर तेजा की फिल्म ओका विचित्रम साइन की। इसी साल उन्हें एक और फिल्म मायाजालम में काम मिल गया और पूनम का कॅरियर चल निकला। पूनम फिल्मों के साथ राजनीति में भी सक्रिय हैं। वो कांग्रेस पार्टी की मेंबर होने के साथ ही तेलंगाना की राजनीति में काफी एक्टिव हैं।
अगली खबर पढ़ें

Chetna Manch Exclusive : अयोध्या के राम मंदिर को लेकर एक बड़ा सच आया सामने

Ayodhya 1
A big truth came out about Ayodhya's Ram temple
locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 08:05 PM
bookmark
New Delhi/Ayodhya : नई दिल्ली/अयोध्या। आज 30 अक्टूबर 2022 का दिन है। आज से ठीक 32 साल पहले आज ही के दिन भाजपा के वयोवृद्ध नेता लालकृष्ण आडवाणी की रथयात्रा ने एक बड़ा इतिहास रचा था। या यूं कहें कि भारत की राजनीति को एक बड़ा टर्निंग प्वाइंट दिया था। भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी की सोमनाथ से अयोध्या तक की रथयात्रा को दुनियाभर के मीडिया ने कवर किया था। मीडिया की इसी फौज में शामिल थे देश के जाने-माने पत्रकार मनोज रघुवंशी। श्री रघुवंशी ने उस यात्रा का एक अनछुआ सच ‘चेतना मंच’ के साथ साझा किया है। उस पूरे सच को हम वरिष्ठ पत्रकार मनोज रघुवंशी के शब्दों में ज्यों का त्यों यहां पेश कर रहे हैं। आप भी अवश्य पढ़ें और जाने अयोध्या के राम मंदिर के निर्माण से जुड़ा एक अनुत्तरित सच। - मनोज रघुवंशी एक पत्रकार के रूप में ये मेरी एक अनोखी आपबीती है। ठीक 32 साल पुरानी बात है। 30 अक्टूबर, 1990 का दिन लाल कृष्ण आडवाणी की सोमनाथ से अयोध्या रथ यात्रा का अंतिम दिन था। रथ यात्रा तो अयोध्या तक नहीं पहुंची थी, लेकिन ये उसके समापन का दिवस था। इस दिन के घटनाक्रम में एक ऐसी घटना घटी, जो आज तक कहीं रिपोर्ट नहीं हुई। मेरी स्टोरी में भी नहीं।

Chetna Manch Exclusive :

जो बात सब जानते हैं वो ये है कि रथ यात्रा सोमनाथ से 25 सितम्बर को चली थी, और 22 अक्टूबर को बिहार के तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू यादव ने समस्तीपुर में आडवाणी जी को गिरफ्तार कर लिया था। वैसे 30 अक्टूबर को रथ यात्रा का अयोध्या पहुंचना निश्चित हुआ था। लेकिन आडवाणी जी की गिरफ्तारी ने रथ को रोक दिया था। एक नेता को रोकना संभव था। लेकिन जनप्रवाह को थामना मुमकिन नहीं था। बहुत बड़ी संख्या में लोग एक रात पहले उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले में पहुंच गए और स्थानीय निवासियों के घरों में ठहर गए। सुबह उन्हें अयोध्या पहुंचने के लिए सिर्फ सरयू नदी का पुल पार करना था। पहला प्रयास उस वक्त के यूपी के स्व. मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के प्रशासन ने लाठी चार्ज करके विफल कर दिया। लेकिन, दूसरे झोंके में हजारों लोग अयोध्या में प्रवेश कर गए। अब शुरू हुआ कार सेवकों और पुलिस में टकराव। कार सेवक पथराव करते और पुलिस आंसू गैस से उन्हें रोकने की कोशिश करती। अयोध्या की गलियों में उस दिन जगह-जगह लाठी चार्ज भी हुआ, लेकिन कार सेवक श्रीराम जन्मभूमि परिसर तक पहुंचने के लिए दृढ़ निश्चय करके आये थे। यहां तक की बात तो उस समय वहां पर मौजूद पत्रकारों ने रिपोर्ट की थी, जिसका रिकॉर्ड भी मौजूद है।

Chetna Manch Exclusive :

इसके बाद एक ऐसी घटना घटी, जिसकी जानकारी या समझ आज तक किसी को नहीं है। धीरे-धीरे कार सेवक अपना दबाव बढ़ा रहे थे, और पुलिस को पीछे धकेलने में कामयाब होते जा रहे थे। मैं अपनी कैमरा टीम के साथ श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के सामने मानस भवन की छत पर चढ़ गया और हम लोग ऊपर से शूट करने लगे। मेरे एक मित्र भी वहां मौजूद थे, जिनकी प्रशासन में अच्छी पैठ थी। उन्होंने मुझे एक राज की बात बताई जो मुझे अविश्वसनीय लगी। उन्होंने कहा कि 15 मिनट में पुलिस कार सेवकों को मंदिर परिसर में घुसने देगी। मुलायम सिंह यादव के मुख्यमंत्री रहते इस बात पर यकीन करना असंभव था। जब मैंने शंका प्रकट की तो मेरे मित्र बोले कि अगर आप बहस में समय गंवा देंगे तो नीचे उतरकर मंदिर के गेट के सामने पहुंचकर शूट करने का अवसर निकल जाएगा। मैं तुरंत टीम को लेकर सड़क पर आ गया और मंदिर के गेट के सामने कैमरा लगा दिया। वास्तव में मंदिर परिसर के अंदर से एक वर्दीधारी पुलिसवाला आया, और उसने जंगले वाले गेट का ताला अंदर से खोल दिया। कार सेवक अंदर घुस गए, और उन्होंने जगह-जगह अंदर की दीवारों में तोड़-फोड़ शुरू कर दी, जो कि हम शूट केवल इसलिए कर पाए क्योंकि हमको योजना का पता पहले से चल गया था। लेकिन, आज तक ये पता नहीं चल पाया है कि वहां पर मौजूद पुलिसवालों ने ये कारवाई मुलायम सिंह यादव की जानकारी और रजामंदी से की थी या अपनी मर्जी से?