Mohan Bhagwat : राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) के मुखिया मोहन भागवत ने सनातन धर्म का सही-सही अर्थ बता दिया है। उन्होंने सनातन धर्म की बड़ी ही सटीक व्याख्या की है। हरिद्वार के कनखल में दिव्य आध्यात्मिक महोत्सव में मुख्य अतिथि रहे संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत द्वारा बताई गई सनातन की परिभाषा जानकर आप भी सनातन धर्म का ठीक से अर्थ समझ जाएंगे।
Mohan Bhagwat in haridwar
क्या है सनातन धर्म ?
संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि सनातन का सीधा सा अर्थ है जो हमेशा था। जो हमेशा से मौजूद था वही सनातन है। उन्होंने कहा कि जो हमेशा से था और हमेशा रहेगा वही सनातन धर्म है। संघ प्रमुख ने जोर देकर कहा कि जो हमसे और हमारे समर्थकों से सनातन धर्म का अर्थ पूछते हैं उन्हें बस यही बताना है कि सनातन धर्म का अर्थ है कि जो धर्म हमेशा से था और हमेशा मौजूद रहेगा वही सनातन धर्म है। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म दुनिया का सबसे पुराना धर्म है। जबसे सृष्टि की रचना हुई है तब से सनातन धर्म मौजूद है। सृष्टि के रहने तक सनातन धर्म मौजूद रहेगा। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म ही अकेला वह धर्म है जो “सर्वे भवंतु सुखिन:” की बात करता है। इसका अर्थ यह हुआ कि सनातन धर्म ने हमेशा से सबके सुखी रहने की बात की है। सनातन धर्म के मानने वाले दुनिया में सभी को सुखी देखना चाहते हैं।
ज्ञान आचरण में होना चाहिए
दिव्य आध्यात्मिक महोत्सव में बोलते हुए संघ (RSS) प्रमुख ने लम्बा व्याख्यान दिया। उन्होंने कहा कि ज्ञान भाषण का विषय नहीं है। भाषण से ज्ञान नहीं आता है बल्कि धर्म के अनुसार आचरण करने से ज्ञान की स्थापना होती है। सनातन धर्म में भगवान राम जैसे मर्यादा पुरूषोत्तम ने जन्म लिया है। भगवान राम ने अपने आचरण से धर्म की स्थापना की थी। भगवान राम के द्वारा बताए गए मार्ग पर चलकर समाज के लिए उदाहरण पेश किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक सनातनी की यह जिम्मेदारी बनती है कि वह अपने आचरण से सनातन धर्म के मूल तत्वों को अपनाएं।
उन्होंने कहा कि सनातन धर्म ने हमें सत्य, करूणा, शुचिता और तपस्या जैसे अदभुत मार्ग बताए हैं। सनातन धर्म के द्वारा बताए गए मार्ग पर चलकर दुनिया को सनातन धर्म की हर अच्छाई व सच्चाई से अवगत कराया जा सकता है। यदि सनातन धर्म को मानने वाले सभी लोग सबके कल्याण की कामना का पालन करते हुए अपने आचरण को सनातन धर्म के अनुरूप बनाकर उसका पालन करें तो दुनिया में सबका भला होगा। जब सबका भला होगा तो हमारा भी भला होगा। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म के मार्ग पर चलते हुए आगे बढऩे से भारत एक दिन फिर से विश्व गुरू बनेगा।
डॉक्टर हेडगेवार को याद किया
इस अवसर पर संघ प्रमुख मोहन भागवत ने ने आरएसएस के संस्थापक डॉक्टर हेडगेवार को भी याद किया। उन्होंने कहा कि फल की इच्छा न करें। सनातन धर्म हमें बताता है कि अपना काम धर्म की मर्यादा के अनुरूप करते रहें फल देना ना देना भगवान के ऊपर छोड़ दें। जिस प्रकार आज संघ का दुनिया में मौजूद वैभव देखने के लिए डॉक्टर हेडगेवार मौजूद नहीं हैं। उसी प्रकार आपका, हमारा सबका सपना भारत को विश्व गुरू बनाने का है। उस दिशा में काम करते रहें। सनातन धर्म की शक्ति से एक दिन भारत अवश्य फिर से विश्व गुरू बन जाएगा। चाहे उसे देखने के लिए हम रहें या ना रहें।
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