Higher Pension Case : प्राइवेट सेक्टर में रिटायरमेंट के बाद नाम मात्र को मिलने वाले पेंशन की राशि को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने इसे हायर पेंशन में बदलने का आदेश दिया था। जिसके तहत ईपीएफओ ने सभी कर्मचारियों को आॅनलाइन आवेदन की सुविधा देकर इसे जमा करवाया। अब जब सब जांच पड़ताल के बाद कर्मचारियों द्वारा सब कुछ उपलब्ध करवा दिया गया तो अब एम्पलॉयर की ओर से बहुत से कर्मचारियों की दी जाने वाली डिटेल जानकारी या तो दी नहीं गई, या अधूरी दी गई है। जिससे आगे की कार्यवाही करने में ईपीएफओ को परेशानी हो रही है। अब एम्पलायर के लिए सैलरी से जुड़ी जानकारी आदि अपलोड करने की टाइम लिमिट को 31 जनवरी, 2025 तक बढ़ा दिया गया है। इस समय 3.1 लाख आवेदन ऐसे हैं जो ज्यादा सैलरी पर पेंशन के लिए एम्पलायर द्वारा दी जाने वाली जानकारी न मिलने से लंबित हैं।
हायर पेंशन के लिए 17.49 लाख आवेदन
हायर पेंशन के लिए कुल 17.49 लाख आवेदन प्राप्त हुए हैं। सुप्रीम कोर्ट के 4 नवंबर 2022 के आदेश के अनुपालन के तहत यह सुविधा पात्र पेंशनर्स या मेंबर के लिए 26 फरवरी 2023 को पेश की गई थी। इसे 3 मई 2023 तक उपलब्ध कराया जाना था. हालांकि, कर्मचारियों के अभ्यावेदन पर गौर करते हुए पात्र पेंशनर्स / मेंबर को आवेदन दाखिल करने के लिए चार महीने का समय देने के लिए टाइम लिमिट को 26 जून 2023 तक बढ़ाया गया था। उन्हें किसी कठिनाई को दूर करने के लिए कई बार एक्सट्रा समय भी दिया गया था। इस तरह आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि 11 जुलाई 2023 हो गई और इस तारीख तक पेंशनर्स से 17.49 लाख आवेदन प्राप्त हुए थे। सारी जांच पड़ताल के बाद जब कर्मचारियों की ओर से सारी प्रक्रिया पूरी हो गई तो अब एम्पलायर के एंड से कागजात देने में देरी की जा रही है। जिसकी वजह से एक बार फिर से उन्हें कर्मचारियों से जुड़ी जानकारी वाले कागजात जमा करने की तारीख बढ़ाकर 31 जनवरी कर दी गई है।
कुछ प्रमुख कागजात जो एम्पलायर ने नहीं भेजी है
1. 3 A Ditail
2. Form 26/6
3. Fom 11
4. Indernity Bond
5. Undertaking by theAmployer
एम्पलायर के पास पेंडिंग हैं 3.1 लाख से ज्यादा एप्लीकेशन
नियोक्ताओं को 31 जनवरी 2025 तक अब अंतिम मौका दिया जा रहा है ताकि वे इन पेंडिंग एप्लीकेशन का निपटारा करें और इन्हें जल्द अपलोड करें। हालांकि इसके पहले भी नियोक्ता एवं नियोक्ता संघों की तरफ से सैलरी डिटेल अपलोड करने के लिए समय बढ़ाने की रिक्वेस्ट किए जाने पर समय सीमा को पहले 30 सितंबर 2023 तक, फिर 31 दिसंबर 2023 तक और उसके बाद 31 मई 2024 तक बढ़ाया गया था। इतने ज्यादा समय विस्तार के बावजूद यह देखा गया कि संयुक्त विकल्पों के सत्यापन हेतु 3.1 लाख से ज्यादा आवेदन अब भी नियोक्ताओं के पास लंबित हैं, जिनके कुछ या सभी दस्तावेज नियोक्ता उपलब्ध नहीं करवा रहे हैं।
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