Russia : अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने रूस (Russia) को यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने के लिए तत्काल कार्रवाई करने की चेतावनी दी है। रुबियो ने कहा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अब बेवजह की वार्ताओं में नहीं उलझेंगे और रूस को यह तय करना होगा कि वह शांति के पक्ष में है या केवल समय बर्बाद कर रहा है। उनका यह बयान ऐसे समय में आया है जब रूस (Russia) और अमेरिका के बीच शांति वार्ता को लेकर काफी गहमागहमी बनी हुई है और अमेरिका रूस की मंशा पर गंभीर सवाल उठा रहा है।
रूस (Russia) की मंशा पर सवाल और अमेरिका की स्पष्ट नीति
रुबियो ने रूस (Russia)के साथ शांति वार्ता की गति और दिशा को लेकर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप ऐसी बैठकों में हिस्सा नहीं लेंगे, जो बेनतीजा हों और सिर्फ वक्त की बर्बादी हो। उन्होंने रूस की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा कि अब समय आ गया है जब यह तय किया जाए कि रूस शांति चाहता है या सिर्फ एक लंबी बातचीत के जाल में फंसाकर समय खींच रहा है। रुबियो ने यह भी कहा कि यूक्रेन ने शांति की दिशा में सकारात्मक पहल की है और अब रूस को यह स्पष्ट करना होगा कि वह इस प्रक्रिया में ईमानदार है या नहीं।
पुतिन पर बढ़ी जिम्मेदारी
रुबियो ने साफ तौर पर कहा कि अब फैसला रूस (Russia) और राष्ट्रपति पुतिन को लेना है। उन्होंने कहा कि अगर रूस का उद्देश्य केवल समय की बर्बादी है और वह शांति की वास्तविक इच्छा नहीं रखता, तो अमेरिका उस खेल का हिस्सा नहीं बनेगा। रुबियो का यह बयान एक तरह से रूस के सामने चुनौती था कि वह अपनी मंशा स्पष्ट करे। अमेरिकी विदेश मंत्री ने यह भी कहा कि ट्रंप प्रशासन अब केवल दिखावे की बातचीत में शामिल नहीं होगा और रूस को यह दिखाना होगा कि वह युद्ध को समाप्त करने के लिए गंभीर है।
नाटो का सख्त रुख और रूस (Russia) के खिलाफ संयुक्त दबाव
नाटो के सहयोगी देशों ने भी रूस के खिलाफ अमेरिका की सख्त नीति का समर्थन किया है। नाटो चाहता है कि रूस (Russia)के खिलाफ कोई ढील न दी जाए और उसे शांति वार्ता के लिए पूरी तरह से ईमानदार होना चाहिए। युद्धविराम की कोशिशों के बावजूद रूस और यूक्रेन के बीच हमले लगातार जारी हैं, जिससे क्षेत्रीय तनाव और बढ़ गया है। इस बीच, नाटो के सहयोगी देशों ने रूस पर दबाव बनाने की आवश्यकता जताई है और यह कहा है कि शांति वार्ता को नाटो के समर्थन के बिना नहीं छोड़ा जा सकता।
आने वाले हफ्तों में स्थिति स्पष्ट होगी
अमेरिका का मानना है कि अब रूस (Russia) को यह साबित करना होगा कि वह शांति के लिए गंभीर है और उसे बिना किसी बहाने के युद्धविराम की दिशा में ठोस कदम उठाने होंगे। राष्ट्रपति ट्रंप ने स्पष्ट किया है कि यदि रूस यही चाहता है कि वार्ता सिर्फ समय की बर्बादी बने, तो वह अमेरिकी प्रशासन के साथ इस जाल में नहीं फंसेंगे। आने वाले कुछ हफ्तों में यह तय हो जाएगा कि रूस की मंशा क्या है और अमेरिका का रुख इस मामले में कैसे आगे बढ़ेगा।Russia :
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