Tariff : अमेरिका और चीन के बीच व्यापारिक तनाव लगातार बढ़ता जा रहा है। हाल ही में, अमेरिका ने चीन से आयातित सामान पर 245% तक टैरिफ लगाने का निर्णय लिया है। इस नए फैसले के बाद, चीन से आने वाली वस्तुओं पर भारी कर लगाया जाएगा, जो दोनों देशों के व्यापारिक रिश्तों में और अधिक तनाव का कारण बन सकता है। आइए जानते हैं इस मुद्दे के बारे में विस्तार से।
1. 245% तक टैरिफ: अमेरिका का कड़ा कदम
व्हाइट हाउस के एक फैक्ट शीट के अनुसार, अमेरिका ने अब चीन से आयातित सामान पर 245% तक टैरिफ लगाने की घोषणा की है। इसका मतलब यह है कि चीन से अमेरिका में आने वाली वस्तुओं पर अब भारी कर लगाया जाएगा, जो व्यापारिक रिश्तों को और जटिल बना सकता है। Tariff
2. चीन का पलटवार: बोइंग जेट्स की डिलीवरी पर रोक
चीन ने इस फैसले का तुरंत जवाब दिया है। बीजिंग ने अपनी एयरलाइनों को बोइंग जेट की डिलीवरी लेने से रोकने का आदेश दिया है। इसके अलावा, चीनी विमानन कंपनियों को अमेरिकी कंपनियों से विमान संबंधित उपकरण और पुर्जे खरीदने से भी रोक दिया गया है। यह कदम अमेरिका द्वारा चीन से आयातित वस्तुओं पर 145% टैरिफ बढ़ाने के बाद लिया गया है। Tariff
3. चीन की प्रतिक्रिया: अमेरिकी दबाव के खिलाफ दृढ़
चीन के विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट रूप से कहा है कि वह अमेरिका से ट्रेड वॉर नहीं चाहता है, लेकिन अमेरिकी दबाव के आगे झुकेगा नहीं। चीन ने चेतावनी दी है कि अगर अमेरिका सच में बातचीत के जरिए मुद्दों का समाधान चाहता है, तो उसे अपना दबाव बनाना बंद करना होगा।
4. अमेरिका का दबाव: चीन को छोड़ बाकी देशों को राहत
अमेरिका ने इस बार दुनिया के अन्य देशों को अमेरिकी टैरिफ से 90 दिनों की राहत दी है, लेकिन चीन को इस राहत से बाहर रखा है। इससे दोनों देशों के रिश्तों में और कड़वाहट बढ़ी है, और यह साफ है कि डोनाल्ड ट्रंप का मुख्य लक्ष्य चीन पर दबाव बनाना है।
5. बोइंग के शेयर में गिरावट
चीन द्वारा बोइंग जेट्स की डिलीवरी पर रोक लगाने का असर अमेरिकी विमान निर्माता कंपनी बोइंग के शेयरों पर भी पड़ा है। 15 अप्रैल 2025 को नैस्डैक पर बोइंग का शेयर 3.56% गिरकर 153.61 अमेरिकी डॉलर पर आ गया। यह गिरावट कंपनी के बाजार पूंजीकरण पर भी असर डाल रही है, जो अब 115 बिलियन अमेरिकी डॉलर के आसपास है। Tariff :
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