Pahalgam Terror Attack : जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत में गुस्से की लहर है, और देश बदले की मुद्रा में नजर आ रहा है। इसी बीच पाकिस्तान की ओर से घबराहट भरी प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। यह डर महज अटकल नहीं, बल्कि पिछली घटनाओं के इतिहास से उपजा हुआ है। जब भारत ने पुलवामा जैसे हमलों का जवाब सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक से दिया था।
पीएम मोदी की हाईलेवल मीटिंग से पहले घबराया पाकिस्तान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में आज शाम सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति की बैठक होने जा रही है। इस बैठक में पहलगाम हमले के जवाब की रणनीति तैयार होने की उम्मीद जताई जा रही है। बैठक से पहले ही पाकिस्तान में हड़कंप मच गया है। पाकिस्तानी सेना को हाई अलर्ट पर रखा गया है। वायुसेना और सीमावर्ती इलाकों में तैनात टुकड़ियों को विशेष निर्देश दिए गए हैं। गश्ती दलों को वापस बेस पर बुला लिया गया है और आर्टिलरी मूवमेंट्स को भी फॉरवर्ड बेस की ओर बढ़ाया गया है।
राजनीतिक बयानबाजी और एकजुटता का दिखावा
पाकिस्तान की सियासत में बिखराव के बावजूद भारत से संभावित कार्रवाई के डर ने एकजुटता का दिखावा शुरू करवा दिया है। इमरान खान की पार्टी से जुड़े नेता चौधरी फवाद हुसैन ने ट्वीट कर कहा, “अगर भारत हमला करता है या धमकी देता है, तो हम एकजुट होकर मातृभूमि की रक्षा करेंगे।” यह बयान दर्शाता है कि पाकिस्तान को अपने किए का अंदेशा है, और वह भारतीय कार्रवाई से पहले मनोवैज्ञानिक मोर्चे पर तैयारी कर रहा है।
10 कोर की तैनाती और सैन्य मूवमेंट
पाकिस्तानी सेना की 10 कोर्प्स, जिसे नियंत्रण रेखा के बड़े हिस्से की सुरक्षा का जिम्मा सौंपा गया है, अब पूरी तरह सक्रिय हो चुकी है। इस क्षेत्र में सैनिकों और हथियारों की तेज मूवमेंट देखी जा रही है। ऐसा पहली बार नहीं हो रहा। 2016 और 2019 में भी पाकिस्तान को भारत की सर्जिकल स्ट्राइक का खामियाजा भुगतना पड़ा था।
भारत का रुख : सर्जिकल स्ट्राइक की पुनरावृत्ति?
भारत का अब तक का इतिहास यह बताता है कि जब भी निर्दोष लोगों की जान ली गई है, भारत ने सिर्फ शब्दों में नहीं, बल्कि एक्शन में जवाब दिया है। 2016 की सर्जिकल स्ट्राइक और 2019 की एयर स्ट्राइक इसका उदाहरण हैं। उन हमलों में सैकड़ों आतंकियों का सफाया हुआ था और पाकिस्तान की सेना की साख पर सवाल उठ खड़े हुए थे। अब जब फिर से भारत के नागरिकों पर हमला हुआ है, खासकर पर्यटकों पर, तो केंद्र सरकार का रुख बेहद सख्त नजर आ रहा है। यह अंदेशा मजबूत हो गया है कि कोई बड़ा सैन्य या रणनीतिक जवाब जरूर तैयार हो रहा है।
क्या पहलगाम बनेगा नया पुलवामा?
भारत आज उस मुकाम पर खड़ा है जहां “सहानुभूति” और “कूटनीति” की बातें पीछे छूट गई हैं। अब देश चाहता है “कार्रवाई”, और ऐसा संकेत साफ तौर पर प्रधानमंत्री की प्रस्तावित बैठक से मिल रहा है। पाकिस्तान की घबराहट भी इस बात की पुष्टि कर रही है कि उन्हें जवाब की गंभीर आशंका है। अब निगाहें इस बात पर हैं कि भारत किस रूप में आतंकियों और उनके सरपरस्तों को जवाब देता है, लेकिन इतना तय है कि ये जवाब अब बहुत दूर नहीं। Pahalgam Terror Attack
पहलगाम के आतंकी हमले में किसने किसे खोया, यहां पढ़ें पूरी लिस्ट
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