Sri Lanka : भारत का डंका पूरी दुनिया में बज रहा है। भारत के पड़ोसी देश श्रीलंका में भी भारत का डंका खूब जोर से बज रहा है। श्रीलंका ने भारत के साथ अपने संबंधों को औैर अधिक मजबूत बनाने का ऐलान कर दिया है। इतना ही नहीं श्रीलंका ने भारत को अपने देश के सबसे बड़े सम्मान ‘‘मित्र विभूषण’’ से भी सम्मानित किया है। श्रीलंका के दौरे पर गए भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को श्रीलंका ने ‘‘मित्र विभूषण’’ सम्मान से सम्मानित किया है।
श्रीलंका का विशेष महत्व है भारत के लिए
श्रीलंका को एक छोटा देश कहा जाता है। भारत के लिए श्रीलंका का महत्व दुनिया के बड़े से बड़े देश से भी अधिक है। सामरिक दृष्टिï से श्रीलंका की भौगोलिक स्थिति भारत के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण है। इन दिनों श्रीलंका में भारत के नाम का डंका बज रहा है। दरअसल भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी श्रीलंका के तीन दिन के दौरे पर हैं। भारत के PM के दौरे के कारण श्रीलंका में हर तरफ भारत की ही चर्चा हो रही है। श्रीलंका की सरकार ने भारत को ‘‘मित्र विभूषण’’ सम्मान से सम्मानित करके पूरी दुनिया में भारत का सम्मान बढ़ाने का काम कर दिया है।
श्रीलंका ने भारत के साथ कर लिए 7 बड़े समझौते
आपको बता दें कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन दिन के श्रीलंका दौरे पर हैं। श्रीलंका में सत्ता परिवर्तन और संकट के बाद पीएम मोदी का यह पहला दौरा है। शनिवार को श्रीलंका के कोलंबो के प्रतिष्ठित इंडिपेंडेंस स्क्वायर पर पीएम मोदी का भव्य सेरेमोनियल स्वागत किया गया। उसके बाद पीएम मोदी और श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके के बीच द्विपक्षीय बातचीत हुई। जिसमें रक्षा, सूचना समेत सात बड़े समझौते हुए। श्रीलंका ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को श्रीलंका ‘मित्र विभूषण’ से सम्मानित भी किया है। ये सम्मान उन देशों के राष्ट्रध्यक्षों को दिया जाता है, जिनके श्रीलंका के साथ दोस्ताना संबंध हैं। पीएम मोदी ने भी सम्मान मिलने पर खुशी जताई और कहा कि यह सभी भारतवासियों का सम्मान है। इससे पहले द्विपक्षीय बैठक में दोनों नेताओं ने गर्मजोशी से हाथ मिलाया। इस बैठक में विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर और एनएसए अजित डोभाल भी मौजूद रहे। पीएम मोदी और श्रीलंका के राष्ट्रपति दिसानायके ने लोगों का अभिवादन स्वीकार किया। दोनों नेताओं के बीच गजब की बॉन्डिंग भी देखने को मिली।
प्रधानमंत्री ने श्रीलंका के सामने रखी मांग
भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने श्रीलंका से मछुआरों की रिहाई की मांग की और तमिलों को पूरा अधिकार देने की वकालत की. पीएम ने कहा, हमने मछुआरों की आजीविका से जुड़े मुद्दों पर भी चर्चा की। हम सहमत हैं कि हमें इस मामले में एक मानवीय अप्रोच के साथ आगे बढ़ना चाहिए। हमने मछुआरों को तुरंत रिहा किए जाने और उनकी बोट्स को वापस भेजने पर भी बल दिया। भारत और श्रीलंका के बीच सदियों पुराने आध्यात्मिक और आत्मीयता भरे संबंध हैं। मुझे यह बताते हुए अत्यंत खुशी है कि 1960 में गुजरात के अरावली में मिले भगवान बुद्ध के पुरावशेष को श्रीलंका में दर्शन के लिए भेजा जा रहा है।
प्रधानमंत्री ने आगे कहा, त्रिंकोमाली के थिरुकोनेश्वरम मंदिर के रिनोवेशन में भारत सहयोग देगा। अनुराधापुरा महाबोधी मंदिर परिसर में पवित्र शहर और ‘नुरेलिया’ में ‘सीता एलिया’ मंदिर के निर्माण में भी भारत सहयोग करेगा। भारत ने सबका साथ सबका विकास के विजन को अपनाया है। हम अपने पार्टनर देशों की प्राथमिकताओं को भी महत्व देते हैं। पिछले 6 महीनों में ही हमने 100 मिलियन डॉलर से अधिक राशि के ऋण को ग्रांट में बदला है। हमारी Neighbourhood First policy और Vision ‘MAHASAGAR’, दोनों में श्रीलंका का विशेष स्थान है. भारत के लिए यह गर्व का विषय है कि हमने एक सच्चे पड़ोसी मित्र के रूप में अपने कर्तव्यों का निर्वाहन किया है।
भारत हमेशा श्रीलंका के साथ रहा है तथा रहेगा
पीएम मोदी ने कहा, चाहे 2019 का आतंकी हमला हो, कोविड महामारी हो या हाल में आया आर्थिक संकट हर कठिन परिस्थिति में हम श्रीलंका के लोगों के साथ खड़े रहे हैं। आज राष्ट्रपति दिसानायक द्वारा ‘श्रीलंका मित्र विभूषण’ से सम्मानित किया जाना मेरे लिए गौरव की बात है। यह सम्मान केवल मेरा सम्मान नहीं है, बल्कि यह 140 करोड़ भारतीयों का सम्मान है। यह भारत और श्रीलंका के लोगों के बीच ऐतिहासिक संबंधों और गहरी मित्रता का सम्मान है। मोदी ने कहा, हमारा मानना है कि भारत और श्रीलंका के सुरक्षा हित आपस में जुड़े हुए हैं। हम इस बात पर सहमत हैं कि हमें मछुआरों के मुद्दे पर मानवीय दृष्टिकोण अपनाकर आगे बढ़ना चाहिए। यह मछुआरों की आजीविका का मुद्दा है। हमने मछुआरों को तुरंत रिहा करने और उनकी नावों को छोड़ने पर बात की है। हमें उम्मीद है कि श्रीलंका सरकार तमिल लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करेगी। हम रक्षा सहयोग पर महत्वपूर्ण समझौते का स्वागत करते हैं। इस मौके पर श्रीलंका के राष्ट्रपति ने कहा, मैंने प्रधानमंत्री मोदी को बताया कि जरूरत के समय में श्रीलंका को भारत की सहायता और निरंतर एकजुटता बेहद अहम है। दिसानायके ने प्रधानमंत्री मोदी को आश्वासन दिया कि श्रीलंका अपने भू-क्षेत्र का उपयोग भारत के सुरक्षा हितों के खिलाफ नहीं होने देगा। श्रीलंका विकास, नवाचार और दक्षता को बढ़ावा देने के लिए एक डिजिटल अर्थव्यवस्था विकसित करने के महत्व को पहचानता है। इस नीतिगत पहल को आगे बढ़ाते हुए, प्रधानमंत्री मोदी और मैंने कई क्षेत्रों में डिजिटलीकरण में संभावित सहयोग पर चर्चा की। मैं श्रीलंका की यूनिक डिजिटल आइडेंटिटी प्रोजेक्ट को लागू करने के लिए 300 करोड़ रुपये के वित्तीय अनुदान के लिए भारत सरकार को धन्यवाद देता हूं।’
खास है भारत तथा श्रीलंका के बीच हुए समझौते
पहली बार भारत और श्रीलंका ने एक महत्वाकांक्षी रक्षा सहयोग समझौते पर हस्ताक्षर किए। दोनों पक्षों ने त्रिंकोमाली को ऊर्जा केंद्र के रूप में विकसित करने के लिए एक समझौते पर भी हस्ताक्षर किए। श्रीलंका के पूर्वी क्षेत्र को नई दिल्ली की बहु-क्षेत्रीय अनुदान सहायता को सुविधाजनक बनाने के लिए एक और समझौता किया गया। पीएम मोदी और राष्ट्रपति दिसानायके ने समपुर सौर ऊर्जा परियोजना का भी वर्चुअल उद्घाटन किया। दोनों नेताओं के बीच वार्ता के बाद दोनों पक्षों के बीच कई समझौते भी हुए। बिजली के आयात/निर्यात के लिए HVDC इंटरकनेक्शन के कार्यान्वयन के लिए भारत सरकार और श्रीलंका सरकार के बीच समझौते पर मुहर लगी। साथ ही डिजिटल परिवर्तन के लिए जनसंख्या पैमाने पर कार्यान्वित सफल डिजिटल समाधानों को साझा करने के क्षेत्र में सहयोग पर सहमति बनी। इसके साथ ही त्रिंकोमाली को ऊर्जा केंद्र के रूप में विकसित करने में सहयोग के लिए भारत सरकार, श्रीलंका सरकार और संयुक्त अरब अमीरात सरकार के बीच समझौते पर मुहर लगी। इतना ही नहीं रक्षा सहयोग पर भारत सरकार और श्रीलंका सरकार के बीच समझौता हुआ है। साथ ही श्रीलंका के साथ भारत का पूर्वी प्रांत के लिए बहु-क्षेत्रीय अनुदान सहायता पर करार हुआ है। स्वास्थ्य और चिकित्सा के क्षेत्र में सहयोग पर भारत सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय और श्रीलंका के स्वास्थ्य और जनसंचार मंत्रालय के बीच समझौता हुआ है। भारतीय फार्माकोपिया आयोग, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार और राष्ट्रीय औषधि विनियामक प्राधिकरण, श्रीलंका के बीच फार्माकोपिया सहयोग पर भी समझौता हुआ है। इस प्रकार श्रीलंका में हर तरफ भारत की ही गूंज सुनाई पड़ रही है। श्रीलंका की सडक़ों पर श्रीलंका के राष्टï्रीय ध्वज के साथ ही भारत का राष्टï्रीय ध्वज तिरंगा भी फहराया गया है।
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