G-20 Summit: इंडोनेशिया की राजधानी बाली में जी 20 सम्मेलन का आज दूसरा दिन है। सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इस सम्मेलन में पहुंच गए थे। मंगलवार को इस सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वैश्विक व्यवस्था को लेकर अपनी बात रखी। इस खबर में हम आपको बताएंगे कि इंडोनेशिया का क्या इतिहास रहा है। आपको बता दें कि आज इंडोनेशिया में भले ही इस्लाम धर्म को माना जाता हो, लेकिन इस्लामी संस्कृति पर भी हिंदू धर्म का प्रभाव दिखता है।
G-20 Summit Indonesia
एशियाई महाद्वीप के इस देश में छोटे-मोटे द्वीपों को मिलाकर करीब 17 हजार द्वीप मौजूद हैं, जिसमें सुमात्रा, जावा, बोर्नियो, सुलावेसी और न्यू गिनी शामिल हैं। यह दुनिया का सबसे बड़ा द्वीपीय देश है।इंडोनेशिया और साथ के अन्य द्वीप देशों का नाम भारत के पुराणों में दीपांतर (दीपान्तर) भारत (अर्थात सागर पार भारत) है। ईसा पूर्व चौथीं शताब्दी से ही इंडोनेशिया द्वीपसमूह एक महत्वपूर्ण व्यापारिक क्षेत्र रहा है। बुनी अथवा मुनि सभ्यता इंडोनेशिया की सबसे पुरानी सभ्यता है। चौथी शताब्दी ईसा पूर्व तक ये सभ्यता काफी उन्नति कर चुकी थी।
ये हिंदू एवं बौद्ध धर्म को मानते थे और ऋषि परंपरा का अनुकरण करते थे। दो हजार साल तक इंडोनेशिया एक हिंदू और बौद्ध देशों का समूह रहा। यहाँ हिंदू राजाओं का राज था। किर्तानेगारा और त्रिभुवना जैसे राजा यहाँ सदियों पहले राज करते थे। श्रीविजय के दौरान चीन और भारत के साथ व्यापारिक सम्बंध थे। स्थानीय शासकों ने धीरे-धीरे भारतीय सांस्कृतिक, धार्मिक और राजनीतिक प्रारुप को अपनाया और कालांतर में हिंदू और बौद्ध राज्यों का उत्कर्ष हुआ।
इंडोनेशिया का इतिहास विदेशियों से प्रभावित रहा है, जो क्षेत्र के प्राकृतिक संसाधनों की वजह से खिंचे चले आए। मुस्लिम व्यापारी अपने साथ इस्लाम लाए। विदेशी व्यापारी मुस्लिम यहाँ आकर व्यापार के साथ अपना धर्म भी फैला रहे थे जिसके कारण यहाँ की पारंपरिक हिंदू और बौद्ध संस्कृति को पूर्णत: समाप्त हो गई, परंतु इंडोनेशिया के लोग भले ही आज इस्लाम को मानते हों किंतु यहां आज भी हिंदू धर्म समाप्त नहीं हुआ है।
यहाँ के इस्लामी संस्कृति पर हिंदू धर्म का प्रभाव दिखता है। लोगों और स्थानों के नाम आज भी अरबी एवं संस्कृत में रखे जाते हैं। यहां आज भी पवित्र कुरान संस्कृत भाषा में पढ़ी व पढ़ाई जाती है। यूरोपिय शक्तियां यहां के मसाला व्यापार में एकाधिकार को लेकर एक-दूसरे से लड़ीं। तीन साल के इटालियन उपनिवेशवाद के बाद द्वितीय विश्व युद्ध इंडोनेशिया को स्वतंत्रता प्राप्त हुई।
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