Monday, 18 November 2024

पूरी दुनिया में बजा भारत का जोरदार डंका, डीआरडीओ ने गाड़ दिया झंडा

Hypersonic Missile of India : एक बार फिर पूरी दुनिया में भारत का डंका बज गया है। भारत का डंका…

पूरी दुनिया में बजा भारत का जोरदार डंका, डीआरडीओ ने गाड़ दिया झंडा

Hypersonic Missile of India : एक बार फिर पूरी दुनिया में भारत का डंका बज गया है। भारत का डंका इतनी जोर से बजा है कि उसकी आवाज पूरी दुनिया में गूंज रही है। भारत का जोरदार डंका बजाने का बड़ा काम भारत के रक्षा अनुसंधान तथा विकास संगठन (DRDO) ने किया है। दरअसल DRDO ने भारत में वह कारनामा करके दिखा दिया है जो इससे पहले केवल रूस तथा चीन जैसे देशों ने ही किया था। DRDO का बड़ा काम यह है कि DRDO ने भारत की धरती पर हाईपरसोनिक मिसाइल का सफल परीक्षण किया है। भारत की हाईपरसोनिक मिसाइल (Hypersonic Missile of India)  हर मामले में दुनिया की सबसे अच्छी मिसाइल है।

अमेरिका से आगे निकला भारत

आपको बता दें कि शनिवार को भारत ने हाईपरसोनिक मिसाइल (Hypersonic Missile) का बहुत ही सफल परीक्षण किया है। इस परीक्षण के साथ ही भारत के पास अत्यंत आधुनिक हाईपरसोनिक मिसाइल की क्षमता उपलब्ध हो गई है। बड़ी बात यह है कि दुनिया की सबसे बड़ी शकित माने जाने वाले अमेरिका जैसे देश के पास भी हाईपरसोनिक मिसाइल नहीं है। इस प्रकार भारत मिसाइल के मामले में अमेरिका से भी आगे निकल गया है। अमेरिका एक बड़े अभियान के तहत हाईपरसोनिक मिसाइल बनाने के काम में लगा हुआ है। भारत ने हाईपरसोनिक मिसाइल बनाने का काम अमेरिका से पहले करके पूरी दुनिया में भारत का डंका बजा दिया है। भारत से पहले केवल चीन तथा रूस के पास ही हाईपरसोनिक मिसाइल की क्षमता मौजूद है। आपको यह भी बता दें कि फ्रांस, जर्मनी, आस्ट्रेलिया, जापान, ईरान तथा इस्राइल जैसे देश भी हाईपरसोनिक मिसाइल बनाने के काम में लगे हुए हैं।

भारत ने हाईपरसोनिक मिसाइल का किया सफल परीक्षण

आपको यह जानकर प्रसन्नता होगी कि भारत का डंका पूरी दुनिया में बजा है। भारत का डंका बजाने का काम DRDO ने हाईपरसोनिक मिसाइल का सफल परीक्षण करके किया है। भारत के रक्षा विभाग के प्रवक्ता ने बताया कि भारत में लंबी दूरी की पहली हाइपरसोनिक मिसाइल का परीक्षण करके बड़ी सैन्य उपलब्धि हासिल कर ली है। यह हाइपरसोनिक मिसाइल ध्वनि की रफ्तार से पांच गुना ज्यादा तेजी से उड़ान भर सकती है। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) की ओर से विकसित इस मिसाइल के सफल परीक्षण के साथ ही भारत, रूस और चीन जैसे देशों के समूह में शामिल हो गया है। परीक्षण ऐसे वक्त में किया गया है, जब चीन की बढ़ती सैन्य शक्ति – की पृष्ठभूमि में भारत अपनी लड़ाकू क्षमताएं बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। यही नहीं, भारत ड्रोन, और कृत्रिम बुद्धिमत्ता से लैस अगली पीढ़ी की हथियार प्रणालियां भी विकसित कर रहा है। हाईपरसोनिक मिसाइल का परीक्षण शनिवार देर रात डीआरडीओ के वैज्ञानिकों और सशस्त्र बलों के अधिकारियों की उपस्थिति में ओडिशा तट के पास एपीजे अब्दुल कलाम आजाद द्वीप से किया गया।

दुश्मन की नजर से छिपकर वार करने की अद्भुत क्षमता है हाईपरसोनिक मिसाइल में

भारत की हाईपरसोनिक मिसाइल (Hypersonic Missile of India) कई मामलों में बड़ी खास मिसाइल है। रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता के अनुसार हैदराबाद स्थित डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम मिसाइल कॉम्प्लेक्स की प्रयोगशालाओं व DRDO की विभिन्न प्रयोगशालाओं में उद्योग भागीदारों के मिसाइल दुश्मन की नजर से छिपकर वार करने में सक्षम है। विभिन्न विस्फोटक सामग्रियां ले जाने में सक्षम इस मिसाइल से हवा, पानी और जमीन तीनों जगहों से दुश्मन पर सटीक निशाना साधा जा सकता है। लॉन्च करने के बाद भी चिह्नित लक्ष्य को बदला जा सकता है। कम ऊंचाई पर उड़ान के कारण रडार और वायुरक्षा प्रणालियां इसे ट्रैक नहीं कर सकतीं।

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