New ICC Rule Stop Clock News : इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (आईसीसी) क्रिकेट में मंगलवार से नया नियम लागू करने जा रहा है। ये ऐसा नियम है जिससे 60 सेकेंड में मैच का रुख बदल सकता है। हालांकि इस नियम का सीधा असर गेंदबाजों पर पड़ने वाला है। आईसीसी ने गेंदबाजों के लिए भी टाइम आउट जैसा नियम बनाया है। इस नियम के मुताबिक अगर गेंदबाज एक पारी में तीसरी बार नया ओवर शुरू करने में 60 सेकंड से ज्यादा समय लेता है तो गेंदबाजी करने वाली टीम पर पांच रन की पेनाल्टी लगाई जाएगी। यह नियम फिलहाल पुरुष क्रिकेट में वनडे और टी 20 फॉर्मेट में लागू होगा। यह बदलाव खेल की गति में तेजी लाने के लिए किया गया है।
बुधवार से होगा नए नियम का ट्रायल
आईसीसी ने 12 दिसंबर से नए नियम को ट्रायल पर लागू करने का फैसला किया है। इसके तहत नए नियम को 12 दिसंबर 2023 से अप्रैल 2024 तक ट्रायल के रूप में इस्तेमाल किया जाएगा। ये नियम टाइम आउट की तरह ही होगा जिसमें एक ओवर के समाप्त होने के बाद ’स्टॉप क्लॉक’ का इस्तेमाल कर समय का पता लगाया जाएगा। अगर टीम 60 सेकेंड के अंदर नया ओवर शुरू नहीं करती है और ऐसा इनिंग में तीन बार होता है तो बल्लेबाजी टीम को 5 रन पेनाल्टी के रूप में दिए जाएंगे। ऐसे में ये 5 रन मैच का रुख बदल सकते हैं। ऐसे में मैच के आखिर में बल्लेबाज टीम को अतिरिक्त रन मिल गए तो मैच पलट भी सकता है यानी इस नियम से बल्लेबाज टीम को बड़ा फायदा मिल सकता है।
इंग्लैंड और वेस्टइंडीज के बीच टी20 सीरीज में ट्रायल के तौर पर इस्तेमाल
बता दें कि ये नियम 12 दिसंबर से इंग्लैंड और वेस्टइंडीज के बीच खेली जाने वाली पांच मैचों की टी20 सीरीज में ट्रायल के तौर पर इस्तेमाल किया जाएगा। इस सीरीज में अगर ये नियम सफल होता है तो फिर इसे पूरी तरह से लागू किया जा सकता है। आईसीसी ने एक बयान में कहा कि अगर गेंदबाजी करने वाली टीम पिछले ओवर के पूरा होने के 60 सेकंड के भीतर अगला ओवर फेंकने के लिए तैयार नहीं होती है, तो एक पारी में तीसरी बार ऐसा होने पर पांच रन का जुर्माना लगाया जाएगा। आईसीसी के क्रिकेट महाप्रबंधक वसीम खान ने कहा, हमारा ध्यान इंटरनेशनल क्रिकेट के सभी प्रारूपों में खेल की गति में सुधार करने को तरीका ढूंढने पर है। ट्रायल खत्म होने के बाद स्टॉप क्लॉक ट्रायल के नतीजों का आकलन किया जायेगा।
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बल्लेबाजी में भी है टाइम आउट का नियम
आईसीसी ने बल्लेबाजी के लिए टाइम आउट का नियम पहले से ही लागू कर रखा है। आईसीसी के नियम 40.1.1 के अनुसार बल्लेबाज के आउट होने या रिटायर होने के अगले दो मिनट के अंदर अगले बल्लेबाज को गेंद खेलने के लिए तैयार होना चाहिए। अगर इसे पूरा नहीं किया जाता है तो यह टाइम्ड आउट के दायरे में आता है। हाल ही में विश्वकप के दौरान बांग्लादेश के क्रिकेटर शाकीब अल हसन ने क्रिकेट इतिहास में पहली बार टाइम आउट नियम का इस्तेमाल किया था। श्रीलंका के खिलाफ मैच में एंजेलो मैथ्यूज पहले बल्लेबाज है, जो टाइम आउट का शिकार हुए थे। मैथ्यूज तय समय से बल्लेबाजी करना शुरू नहीं कर पाए थे, जिसके बाद शाकिब ने अंपायर से टाइम आउट की अपील की थी और अंपायर ने उन्हें आउट करार दिया था।
पिच के लिए भी बना नया नियम
आईसीसी ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पिच पर प्रतिबंध लगाने की अपनी प्रक्रिया में भी बदलाव किया। आईसीसी की तरफ से आगे कहा गया पिच और आउटफील्ड निगरानी नियमों में बदलावों को भी मंजूरी दे दी गई है, जिसमें उन मानदंडों का सरल किया गया है जिनके आधार पर पिच का मूल्यांकन किया जाता है। इसके साथ ही पहले नियम था कि पांच साल के अंदर अगर किसी मैदान की पिच को पांच डिमेरिट अंक दिए जाते हैं तो उस पर बैन लग जाता है। अब इसकी सीमा बढ़ाकर छह डिमेरिट अंक कर दी गई है। अब किसी मैदान की पिच को पांच साल में छह डिमेरिट अंक दिए जाने पर उस मैदान पर बैन लगाया जाएगा। आईसीसी की इसी बैठक में यह भी तय किया गया कि श्रीलंका की क्रिकेट टीम बोर्ड के निलंबन के बावजूद अंतरराष्ट्रीय मैच खेल सकती है। हालांकि, अंडर-19 विश्व कप 2024 की मेजबानी श्रीलंका से छीनकर दक्षिण अफ्रीका को दे दी गई। वहीं, यह भी तय किया गया कि अगर कोई खिलाड़ी पुरुष के रूप में बड़ा हुआ है और किशोरावस्था में उसके शरीर में होने वाले बदलाव लड़कियों के समान थे तो वह लिंग परिवर्तन कराने पर भी महिला क्रिकेट में खेलने के योग्य नहीं होगा।
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