राजरानी
Budh Pradosh Vrat 2023 : प्रदोष व्रत भगवान शिव के निमित्त रखे जाने वाले विशेष व्रतों में से एक है. यह व्रत प्रत्येक माह की त्रयोदशी तिथि पर किया जाता है. प्रत्येक माह के शुक्ल पक्ष एवं कृष्ण पक्ष के दिन आने वाला प्रदोष व्रत बेहद शुभ एवं पुण्य फलदायक माना गया है. प्रदोष व्रत जिस दिन पड़ता है यह उसी नाम से पुकारा भी जाता है. इस वैशाख माह के शुक्ल पक्ष बुधवार के दिन प्रदोष व्रत होने से यह बुध प्रदोष व्रत कहलाएगा. बुधवार के दिन त्रयोदशी तिथि का संगम सभी प्रकार के दुख कलेशों को समाप्त कर देने वाला होता है.
Budh Pradosh Vrat 2023 :
बुध प्रदोष व्रत पूजा मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि का आरंभ 2 मई 2023 को रात्रि समय 22:17 से होगा. त्रयोदशी तिथि अगले दिन 03 मई बुधवार की रात्रि 11:49 मिनट तक व्याप्त रहेगी. उदया तिथि का ध्यान रखते हुए 3 मई 2023 को बुधवार के दिन बुध प्रदोष व्रत रखा जाएगा. बुध प्रदोष पूजा का शुभ मुहूर्त समय संध्या को 06:57 मिनट से 21:06 मिनट तक रहेगा.
बुध प्रदोष व्रत के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग के साथ रवि योग भी व्याप्त रहेगा. इन शुभ योगों का प्रभाव होने से व्रत की शुभता में भी वृद्धि होगी तथा पुण्य फलों की प्राप्ति भी दोगुने रुप में प्राप्त होगी.
प्रदोष व्रत पूजन विधान से प्राप्त होती है बुध ग्रह शांति
प्रदोष व्रत का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है, हर महीने त्रयोदशी तिथि को रखे जाने वाले इस दिन भगवान शिव के साथ देवी पार्वती का पूजन किया जाता है. मान्यता अनुसार त्रयोदशी के दिन व्रत और पूजा करने से जीवन के सभी संकट दूर हो जाते हैं. यह समय जिस दिन के साथ आता है उस दिन के अनुसार ग्रह शांति भी प्रदान करने वाला होता है. बुध प्रदोष होने पर इस दिन बुध ग्रह की शांति भी प्राप्त होती है.
बुध प्रदोष व्रत एवं पूजन का पालन आस्था और भक्ति के साथ करने पर भगवान भोलेनाथ शीघ्र प्रसन्न होते हैं तथा भक्तों की समस्त मनोकामनाएं भी पूर्ण होती हैं. प्रदोष तिथि के दिन व्रत रखकर प्रदोष काल में संध्या के समय भगवान शिव की पूजा करने से विशेष लाभ प्राप्त होता है. प्रदोष व्रत करने वाले भक्तों के सभी दोष शांत हो जाते हैं. प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करने से व्यक्ति को विशेष लाभ मिलता है और उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. इसके साथ ही इस दिन कुछ मंत्रों का जाप करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है.
प्रदोष व्रत के दिन करें मंत्र का जाप
प्रदोष व्रत के दिन पर भगवान शिव की प्रसन्नता हेतु शिव गायत्री मंत्र का जाप करना बेहद उत्तम फलदायी होता है.
” ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्! “
इस गायत्री मंत्र का ऊचारण करते हुए प्रदोष पूजा संपन्न करनी चाहिए. इस प्रकार प्रदोष काल में भगवन पूजन एवं मंत्रों उच्चारण द्वारा भक्तों की समस्त मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं तथा जीवन में सुख समृद्धि का वास होता है.