Saturday, 9 November 2024

Chaitra Navratri 2023 : नवरात्र के चौथे दिन होगी माँ कूष्माण्डा की पूजा, शुभ मुहूर्त एवं मंत्र जप से सफल होगी साधना 

Chaitra Navratri 2023 :  नवरात्रि के चौथे दिन पर माता कूष्माण्डा का पूजन होता है. 25 मार्च 2023 शनिवार के…

Chaitra Navratri 2023 : नवरात्र के चौथे दिन होगी माँ कूष्माण्डा की पूजा, शुभ मुहूर्त एवं मंत्र जप से सफल होगी साधना 

Chaitra Navratri 2023 :  नवरात्रि के चौथे दिन पर माता कूष्माण्डा का पूजन होता है. 25 मार्च 2023 शनिवार के दिन माँ भगवती के चतुर्थ स्वरुप कूष्माण्डा की पूजा की जाएगी. धार्मिक मान्यताओं के आधार पर माता रानी का यह स्वरुप मुस्कान द्वारा ब्रह्माण्ड की उत्पत्ति का संकेत भी है. माता के इस रुप की पूजा एवं ध्यान व्यक्ति को रोग शोक से मुक्ति प्रदान करने वाला है तथा आयुष का आशीर्वाद देता है. शनिवार के दिन चतुर्थी का दिन पड़ने से यह समय गणेश चतुर्थी एवं शनि देव की पूजा हेतु भी अत्यंत शुभ होगा. इस समय पर ग्रहों की शांति का आशीर्वाद भी प्राप्त होगा.

“या देवी सर्वभू‍तेषु माँ कूष्माण्डा रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।”

Chaitra Navratri 2023 :

माँ कूष्माण्डा संबंधित पौराणिक कथा 
देवी भगवती के इस रुप का वर्णन देवी पुराण में प्राप्त होता है. इन कथाओं के अनुसार माँ कूष्माण्डा की मुस्कान द्वारा सृष्टि की रचना हुई है और इनके तेज द्वारा समस्त सृष्टि भी प्रकाशित होती है. माता को अष्टभूजा धारी कहा गया है. माता ने अपने हाथों में कमल, कमंडल, धनुष, अमृत, बाण,  गदा एवं चक्र को धारण किया है. माता का पूजन अष्ट सिद्धियों को प्रदान करने वाला होता है. माता अपने वाहन शेर पर सवार होकर समस्त शत्रुओं के मान का मर्दन करने वाली हैं तथा भक्तों को सुख प्रदान करने वाली हैं.

Maa Kushmanda:

कुष्मांडा पूजा एवं मंत्र विधि 
नवरात्रि के  चौथे दिन साधना को आगे बढ़ाते हुए व्यक्ति अनाहत चक्र में प्रवेश करता है. इस दिन प्रात:कल ब्रह्म मुहूर्त में उठकर कर देवी के नाम  का जाप  करना उत्तम फलदायी होता है. भक्त को इस दिन सुबह के समय सूर्य देव की उपासना भी करनी चाहिए, क्योंकि माना जाता है की देवी कूष्मांडा का निवास सूर्य में निहित है. अत: सूर्य देव का आशीर्वाद लेकर पूजा का आरंभ करना चाहिए.
माता के इस स्वरुप पर लाल, पीले, हरे और नारंगी रंग के वस्त्र अर्पित करना शुभ होता है. माता के समक्ष आज के दिन खीर एवं मालपुओं का भोग अर्पित करना चाहिए, इसके साथ ही शहद को पान पर रख कर माता को अर्पित करने से शत्रुओं पर विजय का आशीर्वाद प्राप्त होता है.

माता के इस मंत्र “सुरासंपूर्णकलशं रुधिराप्लुतमेव च। दधाना हस्तपद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु मे ॥”  को 108 बार जपते हुए पूजा करनी चाहिए तथा मंत्र जाप के पश्चात माता को भोग अर्पित करना चाहिए.

कुष्मांडा पूजा मुहूर्त समय 
चतुर्थी तिथि का आरंभ 24 मार्च 2023 को शुक्रवार के दिन 17:01 पर होगा. चतुर्थी तिथि की समाप्ति 25 मार्च 2023 को शनिवार के दिन 16:25 पर होगी.

चतुर्थी तिथि के दिन भरणी नक्षत्र दोपहर 13:;20 तक व्याप्त रहेगा, इसके पश्चात कृतिका नक्षत्र आरंभ होगा.
चतुर्थी के तिथि के दिन रवि योग 13:19 तक व्याप्त रहेगा.
चतुर्थी के तिथि के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग सूर्योदयकाल तक व्याप्त रहेगा.
चतुर्थी तिथि के बृहस्पति का रेवती नक्षत्र के तीसरे चरण में प्रवेश होगा
चतुर्थी के तिथि के दिन दमनक चतुर्थी का पर्व मनाया जाएगा.

Hindi Kavita – नया जगत

लेखिका राजरानी 

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