Wednesday, 13 November 2024

धूमावती जयंती 2023: जानें क्यों भगवान शिव को निगल कर देवी ने लिया धूमावती अवतार 

  धूमावती जयंती 2023:  ॐ धूमावत्यै विद्महे संहारिण्यै धीमहि तन्नो धूमा प्रचोदयात। ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष में मां धूमावती…

धूमावती जयंती 2023: जानें क्यों भगवान शिव को निगल कर देवी ने लिया धूमावती अवतार 

 

धूमावती जयंती 2023:  ॐ धूमावत्यै विद्महे संहारिण्यै धीमहि तन्नो धूमा प्रचोदयात। ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष में मां धूमावती जयंती पर्व का आयोजन देश भर में बहुत धूमधाम के साथ किया जाता है. देवी धूमावती माता का पूजन करने से रोग दोष एवं दरिद्रता का नाश होता है. प्रत्येक वर्ष शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन धूमावती जयंती मनाई जाती है. हिंदू धर्म में मां धूमावती को भगवान शिव की पत्नी के रुप में जाना गया है, धर्म कथाओं में इनका विस्तार पुर्वक वर्णन प्राप्त होता है. आगम निगम ग्रंथों में देवी को भगवान शिव की संगिनी का स्थान प्राप्त है. धार्मिक मान्यथाओं के अनुसार दस महाविद्याओं में से एक देवी धूमावती का स्वरुप काफी भयानक माना गया है. देवी के अनेकों रुप हैं जो कठोर होते हुए भी भक्तों पर कृपा दर्शाने वाले होते हैं जिनमें से एक माँ धूमावती भी है.

धुएं से जन्मी देवी धूमावती 

माता के प्रकट होने की अनेक कथाएं प्रचलित हैं जिनमें से एक के अनुसार देवी ने जब अत्यंत क्षुद्धा के समय भगवान शिव को ही निगल लिया तब माता के शरिर से धुआं निकलने लगा ओर उनका शरीर बदलने लगा तब देवी धुमावती का प्रकाट्य होता है. अत: धुम्र वर्ण के कारण देवी को धूमावती कहा गया है.  देवी धूमावती को धुएं के समान रुप का है और माता को अलक्ष्मी के नाम से पूजा जाता है. देवी धूमावती सातवीं महाविद्या हैं और धूमावती जयंती के दिन इनकी विधि-विधान से पूजा की जाती है. कहा जाता है कि मां धूमावती की पूजा करने से व्यक्ति सभी प्रकार के रोगों से मुक्ति पाने में सफल होता है. जीवन में मौजूद दरिद्रता गरीबी का नाश भी होता है.

धूमावती जयंती 2023: तंत्र की अधिष्ठात्रि देवी 

तंत्र साधना में देवी का स्थान अग्रीण रहा है. तांत्रिक क्रियाओं वालों के लिए धूमावती जयंती को अत्यंत महत्वपूर्ण माना गया है, गृहस्थ जीवन में रहने वाले लोग भी माता का पूजन कर सकते हैं किंतु इनका पूजन करने में काफी कठोर नियमों एवं पवित्रता का ध्यान रखा जाना अत्यंत आवश्यक माना गया है. अत: साधक को हर प्रकार की शुद्धि को ध्यान में रखते हुए ही माता की पूजा को आरंभ करना चाहिए.

धूमावती जयंती 2023 तिथि और शुभ मुहूर्त

पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि का आरंभ 27 मई 2023 को 07: 43 मिनट से होगा इसके पश्चात 28 मई को 09:59 मिनट अष्टमी तिथि की समाप्त होगी. इस वर्ष धूमावती जयंती 28 मई 2023 को मनाई जाएगी. इस दिन माता के पूजन में काले तिल, काले वस्त्र एवं आक के फूल और श्वेत वस्त्र अर्पित किए जाते हैं. माता के पूजन में घी, तिल, नारियल, चंदन, लौंग, सुपारी, शहद, कपूर को शामिल किया जाता है. माता के पूजन एवं मंत्र जाप द्वारा साधना को संपन्न किया जाता है. इस दिन शत्रुओं से मुक्ति के लिए किसी भी प्रकार के विध्न से मुक्ति पाने हेतु तथा स्वास्थ्य लाभ के लिए हवन करना उत्तम फलदायी माना गया है.

धूमावती जयंती 2023: नजर दोष से मुक्ति दिलाती देवी धूमावती 

धूमावती पूजन में रात्रि के समय माता की पूजा एवं साधना करने का विधान है. माता की पूजा द्वारा नकारात्मक शक्तियों की समाप्ति होती है. किसी भी प्रकार के नजर दोष से उक्ति के लिए भी देवी धूमावती का पूजन विशेष माना गया है. अत: भक्तों को किसी भी प्रकार की परेशानी का अनुभव होता है तो देवी धूमावती का पूजन अत्यंत ही सिद्धिदायक बनता है. “जय माता धूमावती”
राजरानी

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