Eid 2023 :
सैय्यद अबू साद
Eid 2023 :आज ईद का चांद नजर आने के साथ ही मुस्लिमों के सबसे बड़े त्योहार ईद की खुशामद हो जाएगी। ईद, अल्लाह की ओर से रमजान में रोजे रखने के ईनाम के रूप में मिलती है। एक महीने तक रोजा रखने के बाद रोजा खत्म होने पर चांद देखकर ईद-उल-फित्र का त्योहार मनाया जाता है। इसे मीठी ईद के नाम से भी जाना जाता है। यह त्योहार रमजान के पाक महीने के बाद अमन और भाईचारे का पैगाम लेकर आता है। ईद के दिन लोग सुबह जल्दी उठकर ईदगाह में ईद की नमाज अदा करते हैं। इसके बाद एक दूसरे को गले लगकर बधाइयां देते हैं और फिर शुरू होता है तरह तरह की सिंवाईंयों के स्वाद और ढेर सारे पकवानों के लजीज जायकों का सफर। आज चेतना मंच आपको बताएगा ईद के पीछे छुपी ढेर सारी ऐसी बातें जो शायद आपने पहले न सुनी हों।
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ईद मुसलमानों का सबसे बड़ा त्योहार होता है, जिसका हर कोई बड़ी बेसब्री से इंतजार करता है। खुशियों के इस त्योहार की तैयारियां काफी पहले से शुरू हो जाती हैं। ईद पर तरह-तरह के लजीज व्यंजन बनाए जाते हैं और साफ-सुथरे कपड़े पहने जाते हैं। दिल्ली सहित देशभर में इस समय ईद की तैयारियां जोरों पर हैं। हर कोई कल सुबह होने वाली ईद के लिए बेहद उत्सुक हैं।
ईद के दिन की शुरुआत
ईद के दिन सुबह उठकर सबसे पहले खजूर खाना सुन्नत माना जाता है। इस्लामिक ग्रंथ के अनुसार कहा जाता है कि घर से बाहर निकलने से पहले कुछ मीठा खाना वाजिब है। आप चाहें तो शीर या खीर भी खा सकते हैं, लेकिन इस सुन्नत को हमें ईद की नमाज से पहले अदा करना होगा। इसके बाद नए कपड़े पहनकर सबसे पहले ईद की दो रकात नमाज ईदगाह में अदा करने जाते हैं और अमन-चैन की दुआ मांगते हैं। इसके बाद लोग एक दूसरे के गले मिलते और ईद की बधाई देते हैं। सभी रिश्तेदार और दोस्त एक दूसरे के घर जाते हैं और घरों में तरह-तरह के मीठे पकवान (खासतौर पर सेंवई) बनाने का रिवाज है। मीठी सेवइयां घर आए मेहमानों को खिलाई जाती है। दोस्तों और रिश्तेदारों में ईदी बांटी जाती है। ईद-उल-फित्र के मौके पर लोग खुदा का शुक्रिया इसलिए करते हैं, क्योंकि अल्लाह उन्हें महीने भर रोजा रखने की ताकत देते हैं।
आखिर क्यों मनाई जात है ईद?
मुस्लिम ग्रंथ कुरान के अनुसार ईद का त्योहार खुशी और जीत का प्रतीक है। कहा जाता है कि इस दिन पैगंबर हजरत मोहम्मद साहब ने बद्र की लड़ाई में जीत हासिल की थी। इस जीत की खुशी में सबका मुंह मीठा करवाया गया था, इसी दिन को मीठी ईद या ईद-उल-फित्र के रुप में मनाया जाता है। इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार हिजरी संवत 2 यानी 624 ईस्वी में पहली बार (करीब 1400 साल पहले) ईद-उल-फित्र मनाया गया था। पैगम्बर हजरत मुहम्मद साहब ने बताया है कि उत्सव मनाने के लिए अल्लाह ने कुरान में पहले से ही 2 सबसे पवित्र दिन बताए हैं, जिन्हें ईद-उल-फित्र और ईद-उल-जुहा कहा गया है।
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इस प्रकार ईद मनाने की परंपरा अस्तित्व में आई। इस दिन का प्राचीन समय में लोगों ने जश्न मनाया था, जिसे ईद-उल-फित्र के नाम से जाना गया। तब से लेकर हर मुस्लिम इस त्योहार को मनाते हैं और एक-दूसरे से गले मिलते हैं, मीठे स्वादिष्ट व्यंजन बनाते हैं और दूसरों को खिलाते हैं। वहीं, रमजान के महीने में रोजे रखने के बाद अल्लाह अपने बंदों को ईनाम यानी तोहफे के तौर पर ईद का त्यौहार अता किया है।
ईद मनाने का महत्व
कई लोगों के मन में यह सवाल भी आता होगा कि आखिर इस्लाम में ईद का क्या महत्व है? …और यह त्योहार रमजान के बाद ही क्यों मनाया जाता है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि ईद मुस्लिम लोगों को पूरे महीने रोजे रखने के बाद अल्लाह की तरफ से एक ईनाम यानी तोहफा है, जिसे ईद-उल-फित्र के नाम से पुकारा जाता है। ईद दुनिया का एक विशिष्ट धार्मिक, सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक त्योहार है। ईद हमें बताती है कि हमारे पास जो कुछ है उसे बांटकर खाना चाहिए।
ईद के दिन फितरा देना है सुन्नत
रमजान के रोजे रखने के बाद अल्लाह की ओर से ईद की खुशियां इनाम के तौर पर दी गई हैं। यही कारण है ईद के दिन रोजा रखना हराम है। ईद के दिन खुशी मनाने और खुशियां बांटने का हुक्म दिया गया है। यही कारण है कि ईद की नमाज से पहले हर मुसलमान को आदेश दिया गया है कि वह गरीबों में सदका व फितरा दे। ईद के दिन जरूरतमंद लोगों की मदद करने के लिए अल्लाह ने फितरा देने की परंपरा रखी है। हर मुसलमान को ईद की नमाज से पहले फितरा देना वाजिब है, जिसे रमजान के महीने या फिर ईद की नमाज से पहले दिया जाता है। बता दें कि 1 किलो 633 ग्राम गेहूं या उसकी कीमत के बराबर पैसा किसी गरीब को देना फितरा कहलाता है। यह हर उस इंसान को देना होता है, जो इंसान आर्थिक रूप से मजबूत है यानि खाते-पीते घर से है। 1 किलो 633 ग्राम गेहूं की कीमत बाजार के भाव के आधार पर तय की जाती है।
किन देशों में किस दिन ईद?
सऊदी अरब में चांद का दीदार गुरूवार को कर लिया गया था, इसलिए वहां ईद 21 अप्रैल, शुक्रवार को मनाई जा रही है। सऊदी अरब की तरह संयुक्त अरब अमीरात और कतर में भी शुक्रवार को ईद मनाई जा रही है। वहीं सबसे बड़ी मुस्लिम आबादी वाले देश इंडोनेशिया में ईद अल-फितर का त्योहार शुक्रवार को मनाया गया। न्यूजीलैंड में गुरुवार को चांद का दीदार किया गया इसलिए देश शुक्रवार को ईद मना रहा है। भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान में गुरुवार को चांद नजर नहीं आया। देश की मून साइटिंग कमेटी के मौलवियों ने इस्लामाबाद में घोषणा की कि ईद अल-फित्र शनिवार को मनाई जाएगी। वहीं ओमान ने शनिवार को ईद की घोषणा की है। दूसरे देशों की बात करें तो फिलिपींस, अफगानिस्तान और शिया मुस्लिम देश ईरान और इराक में शनिवार को ईद मनाई जाएगी। जापान और थाईलैंड में भी भारत की तरह ईद शनिवार को मनाई जाएगी।
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