Karwa chauth 2023: उत्तर भारत मे करवा चौथ सुहगिनो का एक महत्वपूर्ण त्योहार है । इस व्रत को खासकर पंजाब,हरियाणा,राजस्थान,उत्तरप्रदेश और मध्यप्रदेश मे ज्यादा मान्यता दी जाती है । हालांकि समय के साथ-साथ ये व्रत पूरे भारत मे मनाया जाने लगा है । यह व्रत कार्तिक कृष्ण की चंद्रोदय व्यापिनी चतुर्थी को किया जाता है। सुहागिन या पतिव्रता स्त्रियों के लिए करवा चौथ बहुत ही महत्वपूर्ण व्रत है। इस पर्व पर महिलाएं हाथों में मेहंदी रचाकर, सोलह श्रृंगार कर अपने पति की पूजा कर व्रत का पारायण करती हैं।
व्रत की मान्यता और महत्व:
यह व्रत सिर्फ धार्मिक मान्यताओं के लियें ही नहीं बल्कि पति पत्नी के प्यार और समर्पण का भी त्यौहार है । सुहागिन महिलाएं इस व्रत को पति की दीर्घायु के लिए रखती हैं। यह व्रत अलग-अलग क्षेत्रों में वहां की प्रचलित मान्यताओं के अनुरूप रखा जाता है, लेकिन इन मान्यताओं में थोड़ा-बहुत अंतर होता है। इस दिन व्रत की शुरूआत सरगी खाने से होती है जो विवाहित महिला को उनकी सास के द्वारा दिया जाता है। जिसके बाद निर्जला व्रत रहते हुए रात के समय चंद्रदेव को अर्घ्य देने के बाद अपने पति के हाथों पानी पीकर महिलाएं अपना व्रत खोलती हैं। इस दिन चंद्रदेव, भगवान गणेश, माता पार्वती, माता करवा और भगवान शिव की पूजा की जाती हैं। इस दिन महिलाएं 16 श्रंगार करती है और मेहंदी लगाती है । इनका श्रंगार करना शुभ माना जाता है । यह त्यौहार फसल की कटाई के समाप्त होने के उद्देश्य से भी मनाया जाता है । इस त्यौहार की उत्पत्ति चाहे जिस उद्देश्य से हुई हो किंतु ये पारिवारिक संबंधों को मजबूत करने का एक अवसर प्रदान करता है ।
Karwa chauth 2023
इस साल यह व्रत 1 नवंबर को रखा जायेगा। आइये जनते है की इस व्रत को कैसे रखा जाता है और इसकी पूजा विधि क्या है
व्रत के नियम और विधि:
1) करवा चौथ का व्रत सूर्योदय के साथ व्रत के संकल्प के साथ शुरू होता है। इस दिन महिलाएं सुबह जल्दी उठकर व्रत का संकल्प लेती हैं। यह संकल्प लेने के उपरांत महिलाएं अपने नियम निर्धारित कर सकती है । अपनी क्षमता के अनुसार लोग नियम करते है ।
2) यदि आप उत्तरप्रदेश या उसके आसपास की जगह पर रहतें हैं तो उषाकाल से पहले शक्कर और दूध के साथ सूत फेनी लेना पसंद करेंगी। इस मिश्रण के सेवन से अगले दिन बिना पानी पीये रहने में मदद मिलती है। इसे सरगी कहतें है ।
3) सरगी सास द्वारा अपनी बहु को करवाचौथ पर दिया जाने वाला बहुमूल्य उपहार है जिसमें काजू बादाम, मीठी मट्ठी और सुहाग की निशानियाँ होती है।
4) सुबह नहा धोकर नयें वस्त्र धारण करके भगवान के सामने हाथ जोड़ कर इस मंत्र का जाप करें ‘‘मम सुखसौभाग्य पुत्रपौत्रादि सुस्थिर श्री प्राप्तये कर्क चतुर्थी व्रतमहं करिष्ये’।
5) उसके बाद दोपहर के समय पूजा की तैयारी शूरू कर दे । आजकल तो बाजार मे सभी पूजा का समान उप्लब्ध है लेकिन अगर अपके पास प्रिंट वाला कैलेंडर नही है तो आप घर के मंदिर की दीवार पर गेरू से फलक बनायें। फिर चावल को पीसकर इससे फलक पर करवा का चित्र बनाएं।
6) शाम को फलक वाले स्थान पर चौक बनाये उस पर शिव, गणपति और कार्तिकेय का चित्र लगाया जाता है। फिर पीली मिट्टी से माता गौरी बनायी जाती हैं जिनकी गोद में गणपति को बैठाया जाता है। गौरी को चौकी पर बिठाकर सभी सुहाग चिन्हों से उन्हें सजाया जाता है और उनकी पूजा की जाती है। एक पुष्प को नन्दीश्वर स्वरुप मानकर स्थान दिया जाता है।
7) अब पूजा की थाली सजाएं और थाली में दीपक, सिन्दूर, अक्षत, कुमकुम, रोली तथा चावल रखे और सफेद मिठाई रखें।
8) कोरे करवा मे रक्षासूत्र बांधें, तथा हल्दी और आटे के सम्मिश्रण से एक स्वस्तिक बनाएं। एक करवे में जल भरें तथा दुसरे करवे में दूध भरें और इसमें ताम्बे या चांदी का सिक्का डालें। आचमन के लिए छोटे पात्र में जल भर कर रखें तथा साथ में एक चम्मच भी रखें ।
9) मां पार्वती को श्रृंगार सामग्री चढ़ाएं। इसके बाद मां पार्वती भगवान गणेश और शिव के साथ चन्द्रदेव की अराधना करें। फिर करवा चौथ व्रत कथा सुनें या पढ़ें।
10) चांद निकलने के बाद चंद्रमा की पूजा करें और उनको अर्घ्य दें। उसके बाद अपने पति की लंबी आयु की कामना करें। इसके बाद पति के हाथ से पानी पीकर या मीठा खाकर अपना व्रत संपन्न करें.फिर अपने बड़ों के पैर छूकर उनका आशीर्वाद लें।
kab hai karwa chauth :Karwa chauth 2023
2023 में कार्तिक महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि दो दिन पड़ रही है। इस तिथि की शुरूआत 31 अक्टूबर 2023 को रात 9:30 बजे से होगी, जो 1 नवंबर 2023 को रात 9:19 बजे समाप्त होगी। अगर उदया तिथि की मानी जाए तो इस साल करवा चौथ 1 नवंबर 2023 मनाया जाएगा।
पूजा का शुभ समय:
उदया तिथि के अनुसार करवा चौथ के पूजा का शुभ समय 1 नवंबर 2023 को है। पंचाग की माने तो पूजन का शुभ समय 1 नवंबर 2023 को शाम 5:44 बजे से शुरू होकर उसी दिन शाम 7:02 बजे तक रहेगा। व्रत खोलने के लिए चंद्रोदय का समय लगभग रात 8:26 बजे है।