Navratri 2023 Day 3: शारदीय नवरात्रि के तीसरे दिन पर देवी चंद्रघंटा का पूजन किया जाता है. इस दिन का पूजन सौभाग्य की वृद्धि करने के साथ चंद्र शुक्र ग्रहों की शुभता के लिए भी उत्तम माना गया है. शक्ति के इस तीसरे स्वरूप में देवी चंद्रघंटा का पूजन 17 अक्टूबर 2023 के दिन किया जाएगा. देवी पूजन के साथ ही इस दिन ग्रह शांति के साथ साथ सिंदूर तृतीया का पूजन भी होता है. इस पूजा के द्वारा भक्ति का मणिपूर चक्र भी जागृत होता है. देवी की चमक शुद्ध स्वर्ण की भांति मानी जाती है जिसके द्वारा ब्रह्माण भी आलौकित हो रहा है.
नवरात्रि चंद्रघंटा पूजन समय
नवरात्रि की तृतीया तिथि 17 अक्टूबर 2023 मंगलवार के दिन व्याप्त होगी इस दिन माता के तीसरे स्वरुप का पूजन किया जाएगा. इस दिन का पंचांग इस प्रकार रहने वाला है. इस दिन विशाखा नक्षत्र की प्राप्ति होगी तथा प्रीति नामक शुभ योग सुबह 09:21 तक रहेगा उसके पश्चात आयुष्मान नामक शुभ योग का आरंभ होगा. चंद्रमा की स्थिति दोपहर तक तुला राशि में होगी तथा उसके पश्चात चंद्रमा वृश्चिक राशि में प्रवेश करेगा.
नवरात्रि के तीसरे दिन सूर्य और चंद्रमा के राशि परिवर्तन का समय भी होगा. सूर्य का राशि परिवर्तन तुला राशि में रात्रि 25:29 पर होगा. ऎसे में इस दिन सूर्य संक्रांति दान का आरंभ शुरु होगा जो अगले दिन तक रहेगा. चंद्रघटा पूजन समय के लिए देवी का पूजन प्रात:काल 06:30 से आरंभ होगा इसी के साथ शुभ योगों में देवी का पूजन 15:40 तक रहेगा.
देवी चंद्रघंटा की पूजा विधि एवं मंत्र
या देवी सर्वभूतेषु चंद्रघंटा रूपेण संस्थिता |
नमस्तसेय नमस्तसेय नमस्तसेय नमो नमः ||
देवी का पूजन इन मंत्रों के साथ आरंभ होता है. देवी चंद्रघंटा की पूजा करने से भक्त के चक्र जागृत होते हैं तथा संतुलित होते हुए कार्य करते हैं. देवी की पूजा से आध्यात्मिकता सुख की प्राप्ति संभव मानी गई है. प्रात:काल समय देवी का समरण करते हुए देवी को विभिन्न प्रकार की पूजन सामग्री को अर्पित करते हुए पूजा जाता है़ इस दिन देवी को श्वेत पुष्पों एवं घी का भोग लगाना बेहद शुभ माना गया है.
माता का पूजन करने से भक्त के जीवन में सम्मान, प्रसिद्धि का आगमन होता है. किसी भी कार्यक्षेत्र में यश की प्राप्ति हेतु देवी पूजन सार्थक माना गया है. श्रद्धा और समर्पण के साथ देवी की पूजा करने से भक्तों के कष्ट दूर होते हैं. देवी चंद्रघंटा की पूजा करने से जीवन की सभी परेशानियां और परेशानियां दूर हो जाती हैं.
शारदीय नवरात्रि के तीसरे दिन करें शुक्र और चंद्र ग्रह की शांति
देवी चंद्रघंटा पूजन का संबंध शुक्र एवं चंद्रमा से माना गया है. तीसरे नवरात्रि के दिन ज्योतिष अनुसार शुक्र और चंद्र से संबंधित उपायों को करना बेहद शुभ माना गया है. जिन जातकों की कुंडली में शुक्र एवं चंद्र ग्रह की अशुभता का प्रभाव है तो उनके लिए इस दिन देवी को खीर का भोग अवश्य अर्पित करना चाहिए. इसके साथ ही देवी को सफेद पुष्प अर्पित करते हुए पूजा करने से शुक्र के शुभ फलों की प्राप्ति होती है.
एस्ट्रोलॉजर राजरानी