Sawan 2023 Vrat Tyohar: 22 अगस्त 2023 को गौरी व्रत(mangla gauri vrat), स्कंद षष्ठी(skanda sashti) और कल्कि जयंती(kalki jayanti) मनाई जाएगी.
सावन की शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि पर एक साथ तीन पर्वों का आयोजन होगा जिसके चलते यह दिन विशेष संयोग और शुभ फलों को देने वाला है. सावन षष्ठी पर बनेंगे कई शुभ योग जो देंगे आपको संतान सुख के साथ सौभाग्य का आशीर्वाद.
mangala gauri vrat 22 अगस्त 2023 को सावन कि षष्ठी तिथि के साथ मंगलवार का दिन होगा. इस दिन मंगला गौरी व्रत के साथ साथ, स्कंद षष्ठी का पर्व भी मनाया जाएगा तथा कल्की जयंती भी इसी दिन मनाई जाएगी. ऎसे में एक साथ तीन तीन पर्वों का पंचांग अनुसार काफी शुभ फल माना जाता है.
सावन षष्ठी तिथि पंचांग Significance And Puja Vidhi Sawan Vrat
22 august sawan shashti date panchang पंचांग अनुसार सावन माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि का आरंभ 22 अगस्त को सुबह 02:01 बजे से होगा और इसकी समाप्ति 23 अगस्त को सुबह 03.05 तक होगी. 22 अगस्त के दिन षष्ठी तिथि उदया तिथि के रुप में प्राप्त होगी अत: इस दिन पर स्कंद षष्ठी के साथ ही कल्कि जयंती भी मनाई जाएगी.
मंगला गौरी व्रत 8th Mangla Gauri Vrat 2023
Sawan 2023 Vrat Tyohar
मंगला गौरी व्रत 22 अगस्त को रखा जाएगा. इस दिन विवाह के सुख को पाने हेतु पूजा करना बहुत शुभ माना जाता है. जीवन में किसी प्रकार का दांपत्य सुख कम है या अनबन तलाक अथवा विवाह न होने की स्थिति बनी हुई है तो सावन के मंगलागौरी व्रत करने से इन सभी प्रकार के संकटों से मुक्ति प्राप्त होती है. इस दिन देवी पार्वती के साथ भगवान शिव का गठबंधन किया जाता है. गौरी पूजा के द्वारा महिलाएं अपने जीवन साथी के सुख को पाने हेतु व्रत भी करती हैं. कन्याएं अपने भावि सुखी वैवाहिक जीवन के लिए इस दिन व्रत एवं पूजन करती हैं.
स्कंद षष्ठी sawan skanda sashti date
स्कंद षष्ठी का पर्व दक्षिण भारत में बहुत व्यापक रुप से मनाया जाता है. इस दिन पर विशेष पूजा का आयोजन होता है. स्कंद भगवान को देवताओं के सेनापति के रुप में स्थान प्राप्त है. यह शक्ति और साहस के साथ विजय का आशीर्वाद देते हैं. सावन माह की स्कंद षष्ठी का पर्व भगवान स्कंद जिनका एक नाम कार्तिकेय भी है उन्हें समर्पित है. सावन माह में आने वाली स्कंद षष्ठी काफी महत्वपूर्ण होती है. इस दिन पर स्कंद देव का पूजन करने से जीवन में संतान के सुख एवं उसके सौभाग्य की प्राप्ति होती है. स्कंद षष्ठी का व्रत करने से नि:संतान दंपतियों को संतान सुख की प्राप्ति होती है. इसके अलावा इस व्रत को करने से संतान सभी प्रकार के रोग एवं दोष से मुक्ति पाती है.
कल्कि जयंती kalki jayanti 2023
dateSawan 2023 Vrat Tyohar
भगवान श्री विष्णु के अनेक अवतारों में से यह उनका अंतिम अवतार माना गया है. धर्म शास्त्रों के अनुसार जब पृथ्वी पर धर्म की हानि होगी ओर अन्याय अत्यधिक बढ़ जाएगा तब उस समय भगवान कल्कि रुप में अवतार लेंगे तथा दुष्टों का संहार करके पुन: धर्म को स्थापित करेंगे. भगवान कल्कि के इसी अवतार को कल्कि जयंती के रुप में मनाया जाता है. kalki jayanti rituals and significance कल्कि जयंती के दिन भक्त श्री विष्णु पूजन करते हैं तथा भगवान कल्कि का पूजन एवं अभिषेक करते हुए उपवास का संकल्प भी लेते हैं. इस दिन भगवान को पितांबरी वस्त्रों से सजाया जाता है. इसके साथ भक्त इस दिन भगवान के सभी अवतारों का स्मरण करते हुए इस दिन को मनाते हैं.
एस्ट्रोलॉजर राजरानी
Nageshwar Jyotirlinga : नागेश्वर ज्योतिर्लिंग में दर्शन करने से मिल जाती है नागदोष से मुक्ति 10वें ज्योतिर्लिंग की रोचक बातें
ग्रेटर नोएडा – नोएडा की खबरों से अपडेट रहने के लिए चेतना मंच से जुड़े रहें।
देश-दुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमें फेसबुक पर लाइक करें या ट्विटर पर फॉलो करें।