दिल्ली एसिड अटैक केस में बड़ा खुलासा

दिल्ली एसिड अटैक केस में बड़ा खुलासा
locationभारत
userचेतना मंच
calendar28 Oct 2025 12:16 PM
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दिल्ली में 26 अक्टूबर को हुए 'एसिड अटैक' (Delhi acid attack) का मामला अब नई जटिलताओं में फंसता नजर आ रहा है। पुलिस की प्रारंभिक जांच में पीड़िता के बयानों और तकनीकी साक्ष्यों के बीच कई विरोधाभास पाए गए हैं हम इस फैसले की जानकारी हम आपको विस्तार के साथ बता रहे हैं। Delhi News बता दे कि दिल्ली के भारत नगर इलाके में 26 अक्टूबर को हुए चर्चित 'एसिड अटैक केस' (Delhi acid attack) में पुलिस जांच ने पूरी कहानी को पलट कर रख दिया है। इस मामले में अब चौंकाने वाला खुलासा हुआ है पीड़िता के पिता अकील खान ने खुद जितेंद्र को फंसाने के लिए एसिड अटैक की साजिश रची थी। पुलिस ने अकील खान को गिरफ्तार कर लिया है और उससे लगातार पूछताछ की जा रही है।

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पिता ने रची थी साजिश, बेटी से कराया झूठा हमला

पुलिस सूत्रों के अनुसार, लड़की खुद 'टॉयलेट क्लीनिंग एसिड' लेकर आई थी। अकील ने उसे कहा था कि “जितेंद्र की पत्नी मुझ पर केस कर रही है, उसे फंसाना है।” अकील ने अपनी बेटी को इस झूठी कहानी में शामिल कर लिया। पुलिस जांच में यह भी सामने आया कि घटना के वक्त आरोपी जितेंद्र करोल बाग में था। सीसीटीवी फुटेज और मोबाइल लोकेशन दोनों ने यह पुष्टि की है।

Delhi acid attack : लड़की के बयान और सबूतों में भारी विरोधाभास

पीड़िता ने पुलिस को बताया था कि 26 अक्टूबर की सुबह वह कॉलेज जा रही थी, तभी जितेंद्र अपने दो दोस्तों ईशान और अरमान के साथ बाइक से आया और उस पर एसिड जैसा तरल पदार्थ फेंक दिया। लेकिन पुलिस की जांच में पाया गया कि जितेंद्र की लोकेशन करोल बाग में थी और जिस बाइक का जिक्र किया गया, वह भी वहीं खड़ी मिली। इन सबूतों के बाद लड़की के बयान पर गंभीर सवाल उठे।

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Delhi acid attack : 24 अक्टूबर को हुआ था बड़ा विवाद

जांच के दौरान पुलिस को एक और अहम जानकारी मिली। घटना से दो दिन पहले, 24 अक्टूबर को जितेंद्र की पत्नी ने पीसीआर कॉल की थी। उसने शिकायत की थी कि अकील खान उसे ब्लैकमेल और परेशान कर रहा है। शिकायत के अनुसार, 2021 से 2024 के बीच वह अकील की फैक्ट्री में काम करती थी, जहां उसने उसके साथ जबरदस्ती की और आपत्तिजनक वीडियो बनाकर ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया। इस मामले में भलस्वा डेयरी थाने में केस दर्ज है और पुलिस रिपोर्ट के मुताबिक अकील फरार था।

Delhi acid attack : अन्य आरोपी और पुराने विवाद भी आए सामने

जांच में सामने आया कि बाकी दो आरोपी अरमान और ईशान अपनी मां शबनम के साथ आगरा में हैं। शबनम ने पुलिस को बताया कि साल 2018 में उस पर भी एसिड अटैक हुआ था, जो कथित तौर पर अकील खान के रिश्तेदारों ने किया था। इसके अलावा शबनम और अकील के बीच मंगोलपुरी की एक संपत्ति को लेकर पुराना विवाद भी चल रहा है।

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Delhi acid attack : सीसीटीवी और फॉरेंसिक रिपोर्ट से खुला राज

सीसीटीवी फुटेज में दिखा कि लड़की को उसके भाई ने स्कूटी पर छोड़ा था, लेकिन वह कॉलेज गेट तक नहीं गया। बाद में लड़की ई-रिक्शा में जाती दिखी। अब पुलिस यह जांच कर रही है कि क्या भाई को पहले से इस योजना की जानकारी थी? भाई फिलहाल जांच में सहयोग नहीं कर रहा है।

Delhi acid attack : दिल्ली पुलिस ने कहा — “सच्चाई जल्द सामने आएगी”

दिल्ली पुलिस अधिकारियों ने बताया कि जांच के कई पहलू अभी और स्पष्ट होने बाकी हैं। फॉरेंसिक और डिजिटल साक्ष्य की बारीकी से जांच की जा रही है। पुलिस का कहना है कि जो भी व्यक्ति इस साजिश में शामिल पाया जाएगा, उसके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
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दिल्ली में 26 अक्टूबर को हुए 'एसिड अटैक' (Delhi acid attack) का मामला अब नई जटिलताओं में फंसता नजर आ रहा है। पुलिस की प्रारंभिक जांच में पीड़िता के बयानों और तकनीकी साक्ष्यों के बीच कई विरोधाभास पाए गए हैं हम इस फैसले की जानकारी हम आपको विस्तार के साथ बता रहे हैं। Delhi News बता दे कि दिल्ली के भारत नगर इलाके में 26 अक्टूबर को हुए चर्चित 'एसिड अटैक केस' (Delhi acid attack) में पुलिस जांच ने पूरी कहानी को पलट कर रख दिया है। इस मामले में अब चौंकाने वाला खुलासा हुआ है पीड़िता के पिता अकील खान ने खुद जितेंद्र को फंसाने के लिए एसिड अटैक की साजिश रची थी। पुलिस ने अकील खान को गिरफ्तार कर लिया है और उससे लगातार पूछताछ की जा रही है।

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पिता ने रची थी साजिश, बेटी से कराया झूठा हमला

पुलिस सूत्रों के अनुसार, लड़की खुद 'टॉयलेट क्लीनिंग एसिड' लेकर आई थी। अकील ने उसे कहा था कि “जितेंद्र की पत्नी मुझ पर केस कर रही है, उसे फंसाना है।” अकील ने अपनी बेटी को इस झूठी कहानी में शामिल कर लिया। पुलिस जांच में यह भी सामने आया कि घटना के वक्त आरोपी जितेंद्र करोल बाग में था। सीसीटीवी फुटेज और मोबाइल लोकेशन दोनों ने यह पुष्टि की है।

Delhi acid attack : लड़की के बयान और सबूतों में भारी विरोधाभास

पीड़िता ने पुलिस को बताया था कि 26 अक्टूबर की सुबह वह कॉलेज जा रही थी, तभी जितेंद्र अपने दो दोस्तों ईशान और अरमान के साथ बाइक से आया और उस पर एसिड जैसा तरल पदार्थ फेंक दिया। लेकिन पुलिस की जांच में पाया गया कि जितेंद्र की लोकेशन करोल बाग में थी और जिस बाइक का जिक्र किया गया, वह भी वहीं खड़ी मिली। इन सबूतों के बाद लड़की के बयान पर गंभीर सवाल उठे।

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Delhi acid attack : 24 अक्टूबर को हुआ था बड़ा विवाद

जांच के दौरान पुलिस को एक और अहम जानकारी मिली। घटना से दो दिन पहले, 24 अक्टूबर को जितेंद्र की पत्नी ने पीसीआर कॉल की थी। उसने शिकायत की थी कि अकील खान उसे ब्लैकमेल और परेशान कर रहा है। शिकायत के अनुसार, 2021 से 2024 के बीच वह अकील की फैक्ट्री में काम करती थी, जहां उसने उसके साथ जबरदस्ती की और आपत्तिजनक वीडियो बनाकर ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया। इस मामले में भलस्वा डेयरी थाने में केस दर्ज है और पुलिस रिपोर्ट के मुताबिक अकील फरार था।

Delhi acid attack : अन्य आरोपी और पुराने विवाद भी आए सामने

जांच में सामने आया कि बाकी दो आरोपी अरमान और ईशान अपनी मां शबनम के साथ आगरा में हैं। शबनम ने पुलिस को बताया कि साल 2018 में उस पर भी एसिड अटैक हुआ था, जो कथित तौर पर अकील खान के रिश्तेदारों ने किया था। इसके अलावा शबनम और अकील के बीच मंगोलपुरी की एक संपत्ति को लेकर पुराना विवाद भी चल रहा है।

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Delhi acid attack : सीसीटीवी और फॉरेंसिक रिपोर्ट से खुला राज

सीसीटीवी फुटेज में दिखा कि लड़की को उसके भाई ने स्कूटी पर छोड़ा था, लेकिन वह कॉलेज गेट तक नहीं गया। बाद में लड़की ई-रिक्शा में जाती दिखी। अब पुलिस यह जांच कर रही है कि क्या भाई को पहले से इस योजना की जानकारी थी? भाई फिलहाल जांच में सहयोग नहीं कर रहा है।

Delhi acid attack : दिल्ली पुलिस ने कहा — “सच्चाई जल्द सामने आएगी”

दिल्ली पुलिस अधिकारियों ने बताया कि जांच के कई पहलू अभी और स्पष्ट होने बाकी हैं। फॉरेंसिक और डिजिटल साक्ष्य की बारीकी से जांच की जा रही है। पुलिस का कहना है कि जो भी व्यक्ति इस साजिश में शामिल पाया जाएगा, उसके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
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Bharat Taxi : ड्राइवरों और यात्रियों के हित में नई नीति

Bharat Taxi : ड्राइवरों और यात्रियों के हित में नई नीति
locationभारत
userचेतना मंच
calendar27 Oct 2025 05:30 PM
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पिछले कुछ वर्षों में भारत में टैक्सी सेवाओं का बाजार निजी कंपनियों के नियंत्रण में रहा है, जिससे यात्रियों को सीमित विकल्प और ड्राइवरों को कम मुनाफा मिलता रहा है। लेकिन अब इस स्थिति में बदलाव आने वाला है। है। इस बड़े फैसले की जानकारी हम आपको विस्तार के साथ बता रहे हैं। Delhi News बता दे कि भारत में पिछले कुछ वर्षों से टैक्सी सेवाएं ओला और उबर जैसी निजी कंपनियों के नियंत्रण में थीं। यात्रियों के पास विकल्प कम थे और ड्राइवरों के लिए मुनाफे की गुंजाइश भी कम थी। लेकिन अब यह स्थिति बदलने वाली है। केंद्र सरकार ने भारत टैक्सी (Bharat Taxi) नाम से देश की पहली सहकारी टैक्सी सेवा लॉन्च की है, जो सीधे तौर पर ओला और उबर जैसी कंपनियों को चुनौती देने के लिए तैयार है।

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क्या है भारत टैक्सी का उद्देश्य?

भारत टैक्सी (Bharat Taxi) सेवा का उद्देश्य ड्राइवरों को उनके काम का पूरा स्वामित्व देना है और यात्रियों को एक भरोसेमंद, पारदर्शी और सरकारी निगरानी वाली सेवा प्रदान करना है। यह पहल केंद्रीय सहकारिता मंत्रालय और नेशनल 'ई-गवर्नेंस डिवीजन' (NeGD) के संयुक्त प्रयास से तैयार की गई है। भारत टैक्सी (Bharat Taxi) का मॉडल यात्रियों और ड्राइवर दोनों के लिए फायदेमंद है। इसमें ड्राइवरों से कोई कमीशन नहीं लिया जाएगा। इसके बजाय, ड्राइवरों को एक सदस्यता शुल्क देना होगा, जो दैनिक, साप्ताहिक या मासिक हो सकता है। इस तरह, ड्राइवर की पूरी कमाई उनकी होगी, जिससे उन्हें आर्थिक मजबूती मिलेगी।

भारत टैक्सी (Bharat Taxi) का मॉडल

1. नो कमीशन मॉडल: भारत टैक्सी (Bharat Taxi) का सबसे बड़ा आकर्षण इसका नो कमीशन मॉडल है। जहां ओला और उबर जैसी कंपनियां ड्राइवरों से हर यात्रा का 20-25% कमीशन लेती हैं, वहीं भारत टैक्सी में यह पूरी कमाई ड्राइवर की होगी। सरकार का दावा है कि इससे लाखों ड्राइवरों को आत्मनिर्भर बनाने में मदद मिलेगी। 2. 'सारथी' का नया नाम: इस सेवा से जुड़ने वाले ड्राइवरों को 'सारथी' के रूप में संबोधित किया जाएगा। यह नाम उनके काम के महत्व को मान्यता देने के लिए रखा गया है। 3. विश्वसनीय और पारदर्शी सेवा : यह सेवा यात्रियों को एक भरोसेमंद और पारदर्शी टैक्सी सेवा प्रदान करने का वादा करती है। सरकार का उद्देश्य एक ऐसा परिवहन इकोसिस्टम तैयार करना है जिसमें तकनीक, सहकारिता और पारदर्शिता तीनों का मिश्रण हो।

भारत टैक्सी (Bharat Taxi) का विस्तार और भविष्य

भारत टैक्सी (Bharat Taxi) का पायलट प्रोजेक्ट नवंबर में दिल्ली से शुरू होगा। पहले चरण में 650 वाहन और उनके मालिक-ड्राइवर इस सेवा का हिस्सा होंगे। यदि यह पायलट सफल रहता है, तो दिसंबर से इसका विस्तार देश के अन्य प्रमुख शहरों में किया जाएगा। 2030 तक सरकार का लक्ष्य एक लाख से अधिक ड्राइवरों को जोड़ने का है, और यह सेवा ज़िला मुख्यालयों और ग्रामीण क्षेत्रों तक पहुंचेगी।

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क्या है 'सहकार टैक्सी कोऑपरेटिव लिमिटेड'?

भारत टैक्सी (Bharat Taxi) को संचालित करने वाली संस्था सहकार टैक्सी कोऑपरेटिव लिमिटेड (Sahkar Taxi Cooperative Limited) है, जिसे जून 2025 में 300 करोड़ रुपये की प्रारंभिक पूंजी से स्थापित किया गया था। इसके संचालन की निगरानी एक गवर्निंग काउंसिल द्वारा की जाएगी, जिसकी अध्यक्षता अमूल के एमडी जयेन मेहता कर रहे हैं।

कैसे है यह टैक्सी सेवा अलग?

भारत टैक्सी (Bharat Taxi) एक सरकारी सहकारी उद्यम है, जो ड्राइवरों को स्वामित्व, पारदर्शिता और सम्मान दिलाने का दावा कर रहा है। ओला और उबर जैसी निजी कंपनियों के मुकाबले यह एक ऐसा प्लेटफॉर्म होगा जहां ड्राइवरों को उनके मेहनत का पूरा पैसा मिलेगा और यात्रियों को किफायती, सुरक्षित और पारदर्शी सेवा मिलेगी।

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गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह का बयान

गृह और सहकारिता मंत्री 'अमित शाह' ने मार्च में लोकसभा में इस सहकारी टैक्सी सेवा का ऐलान करते हुए कहा था, "यह सेवा ओला और उबर जैसी कंपनियों के मुकाबले एक नया मॉडल पेश करेगी, जहां मुनाफा किसी बड़े व्यवसायी के पास नहीं जाएगा, बल्कि यह सीधे ड्राइवर के पास जाएगा।"

आखिरकार, क्या बदलाव आ सकता है?

अगर यह परियोजना सफल होती है, तो 'भारत टैक्सी (Bharat Taxi)' न केवल भारत में, बल्कि पूरी दुनिया में "कोऑपरेटिव मोबिलिटी" का आदर्श मॉडल बन सकती है। इससे ड्राइवरों को बेहतर जीवन स्तर मिलेगा और यात्रियों को एक किफायती और पारदर्शी सेवा का लाभ मिलेगा।