कोलकाता में पहली बार खुला अंडरवाटर वर्ल्ड फिश एक्वेरियम, बच्चों के साथ बुजुर्ग भी देख सकते हैं तरह-तरह की मछलियां, जानें एंट्री फीस और टाइमिंग

कोलकाता में यह पहली बार हुआ है कि यहां पर एक अंडर वाटर वर्ल्ड फिश एक्वेरियम खुला है। यह एक्वेरियम रह रोज खुला रहता है और यह सभी के लिए खुला है।

Underwater World Fish Aquarium opened for first time in Kolkata park circus know entry fees timing
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locationभारत
userचेतना मंच
calendar11 Nov 2023 11:46 PM
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Under Water World Fish Aquarium Kolkata: कोलकाता के पार्क सर्कस मैदान में इस बार एक नया नजारा देखने को मिला है। यहां पर एक अंडर वाटर वर्ल्ड फिश एक्वेरियम को लगाया गया है जो हर उम्र के लोगों को अपनी ओर खींच रहा है। जब से यह अंडर वाटर वर्ल्ड फिश एक्वेरियम लगा है, आसपास के लोगों के साथ दूर दराज से भी लोग यहां पर आ रहे है और इस एक्वेरियम का मजा ले रहे है। बता दें कि यह पहली बार है कि कोलकाता के वासियों को इस तरिके का एक्वेरियम देखने को मिला है। ऐसे में इसकी चर्चा हर तरफ हो रही है और बच्चों के लिए यह एक नया अनुभव है और भारी मात्रा में बच्चें इस अंडर वाटर वर्ल्ड फिश एक्वेरियम को देखने भी आ रहे हैं।

अंडर वाटर वर्ल्ड फिश एक्वेरियम की जानकारी

जानकारी के अनुसार, इस अंडर वाटर वर्ल्ड फिश एक्वेरियम को केरल की एक कंपनी ने यहां लगाया है। इस एक्वेरियम में तरह-तरह की मछलियां देखी जा सकती है। शार्क, किरणें, क्लाउनफ़िश, एंजेलफिश और कई अन्य मछलियों को भी यहां पर देखा जा सकता है। इस एक्वेरियम की खास बात यह है कि यह एक्वेरियम एक सुरंग की तरह दिख रही है जिसमें ऊपर मछलियां चल रही है और नीचे लोग चल रहे है। यही नहीं एक्वेरियम में कई अन्य प्रदर्शनी के साथ एक टच पूल भी शामिल है जहां लोग कुछ छोटी मछलियों के साथ बातचीत भी कर सकते हैं। यहां पर एक शार्क टैंक और एक कोरल रीफ प्रदर्शनी भी लगी है जिसे भी देखने के लिए लोगों की भारी भीड़ उमड़ रही है।

कब से कब तक है यह खुला, कितनी है एंट्री फीस

एक्वेरियम को देखने के लिए सप्ताहांत और छुट्टियों के दिन नहीं आना चाहिए क्योंकि इस दिन यहां पर काफी भीड़ होती है। ऐसे में लोगों को हफ्ते के बीच में किसी भी दिन जाने की सलाह दी जाती है। वहीं अगर बात करेंगे कि यह कब तक खुला है तो ऐसी संभावना जताई जा रही है कि यह अभी एक महीना तक खुला रह सकता है। इस एक्वेरियम की अगर फीस की बात करें तो वयस्कों के लिए 200 रुपए फीस है और 3 से 12 साल के बच्चों के लिए 100 रुपए का फीस है। यही नहीं 60 साल से ज्यादा उम्र वाले वरिष्ठ नागरिकों के लिए 150 रुपए फीस रखा गया है। वहीं इसके समय की अगर बात करेंगे तो यह हर रोज खुला रहता है। यह प्रत्येक दिन सुबह 10:00 बजे से शाम 7:00 बजे तक खुला रहता है।
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डल झील में लगी आग से मचा हाहाकार

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Dal Lake fire news
locationभारत
userचेतना मंच
calendar27 Nov 2025 02:21 PM
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Dal Lake fire news श्रीनगर। भारत के स्वर्ग जम्मू कश्मीर के श्रीनगर में डल झील का नजारा सभी को आकर्षित करता है और हर कोई हाउसबोट में घूम कर वहां के नैसर्गिक नजारे का आनंद लेता है। लेकिन जम्मू कश्मीर से एक बुरी खबर आई है। दीपावली से पहले शनिवार को डल झील के सुंदर और आकर्षक करोड़ों की संपत्ति वाले पांच हाउस वोट भीषण आग की चपेट में जलकर खाक हो गए। आसपास की तीन झोंपडि़यों में भी आग लगने की खबर बताई गई है। पुलिस के मुताबिक किसी के हताहत होने की खबर सामने नहीं आई है।

वीडियो हुआ वायरल

इसका वीडियो वायरल हुआ है। वीडियो में डल झील पर सुंदर हाउस वोट में भीषण आग की लपटें दिखाई पड़ रही हैं और चारों तरफ इस घटना से हाहाकार मच गया। डल झील के सुंदर आकर्षक नजारे के बीच हाउस बोट में आग लगने से हड़कंप मच गया।

घटना में किसी के हताहत होने की सूचना नहीं

जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में शनिवार सुबह आग की घटना ने तांडव मचाया है। भारत के पर्यटन का प्रमुख केंद्र डल झील में लगी भीषण आग में करोड़ों रुपये की संपत्ति जलकर खाक हो गई। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि घटना में फिलहाल किसी के हताहत होने की कोई सूचना नहीं है। बता दें कि हाउसबोट श्रीनगर शहर में डल झील पर तैरते हुए महल हैं। Dal Lake fire news in hindi

घाट नंबर 9 पर सुबह 5:15 बजे हाउसबोट में लगी भीषण आग

जब सुबह के समय डल झील पर सूरज उगता है तो उस सुंदर बेला में प्रकृति के इस सुंदरतम नजारे को कौन कैमरे में कैद करने को लालायित नहीं हो उठता है। आकर्षण का केंद्र डल झील वहीं आग की लपटों से घिरा हुआ नजर आया और देखते ही देखते तमाम हाउस वोट जलकर राख हो गए। जानकारी के मुताबिक डल झील पर शनिवार तड़के लगभग 5 हाउस बोट महल की शानो शौकत वाले सुबह 5:30 बजे के करीब जलकर बुरी तरह खाक हो गए जिसमें करोड़ों संपत्ति की संपत्ति नष्ट हुई है। अच्छा समाचार यह है कि किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। पहले एक हाउसबोट में आग लगी थी और देखते ही देखते यह विकराल हो गई और आसपास के कई अन्य हाउसबोट को भी अपनी चपेट में ले लिया। हालांकि, आग की घटना के बारे में पता चलते ही मौके पर कई टीमें आग बुझाने पहुंची। आग कैसे लगी फिलहाल इस बारे में अभी कुछ पता नहीं चला है।

आग लगने के कारणों का पता लगाया जा रहा

अग्निशमन और आपातकालीन सेवा विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि आग में कम से कम पांच हाउसबोट और तीन झोपड़ियां जलकर खाक हो गईं। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और आग लगने के कारण का पता लगाया जा रहा है। पुलिस प्रशासन द्वारा मामले की जांच कर घटना का कारण पता किया जा रहा है। मौके पर दमकल गाड़ियां पहुंची और आग पर काबू पाया गया। पुलिस हाउसबोट में लगी आग के मामले की जांच में जुट गई है। पुलिस की टीम जांच के लिए बैठा दी गई है। प्रस्तुति मीना कौशिक

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National Education Day 2023 की थीम है ये, अबुल कलाम के जन्मदिन पर मनाया जाता है ये दिन

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locationभारत
userचेतना मंच
calendar11 Nov 2023 01:28 PM
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National Education Day 2023- भारत देश में हर साल 11 नवंबर को राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के रूप में मनाया जाता है। 11 नवंबर के दिन ही भारत के पहले शिक्षा मंत्री अबुल कलाम आजाद का जन्म हुआ था। उनके जन्मदिन के मौके पर हर साल 11 नवंबर को शिक्षा दिवस के रूप में मनाया जाता है। अबुल कलाम ने भारत के शिक्षा क्षेत्र में बहुत बड़ा योगदान दिया है और शिक्षा के स्तर को बहुत आगे बढ़ाया है। आज शिक्षा दिवस के मौके पर आइये जानते हैं इसका इतिहास एवं इस साल की थीम।

राष्ट्रीय शिक्षा दिवस का इतिहास:-

राष्ट्रीय शिक्षा दिवस (National Education Day) को 2008 से मनाया जा रहा है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने वर्ष 2008 में 11 सितंबर को यह घोषणा की थी कि हर साल 11 नवंबर को अबुल कलाम के जन्मदिन को राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के रूप में मनाया जाएगा। शिक्षा के क्षेत्र में उनके महान योगदान को याद करते हुए ही उनके जन्मदिन को शिक्षा दिवस का दर्जा दिया गया। अबुल कलाम को एक शिक्षाविद एवं स्वतंत्रता सेनानी के तौर पर उनके अहम योगदान के लिए वर्ष 1992 में उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया गया था।

National Education Day 2023-

राष्ट्रीय शिक्षा दिवस की थीम:-

हर वर्ष शिक्षा दिवस पर शिक्षा मंत्रालय द्वारा एक थीम तय की जाती है। इस बार राष्ट्रीय शिक्षा दिवस की थीम (National Education Day Theme 2023) ‘Embracing Innovation’ है। ये थीम रचनात्मक, दूरदर्शी शिक्षण विधियां को बढ़ावा देने के लिए नवीन दृष्टिकोण के महत्व पर प्रकाश डालती है।

अबुल कलाम आजाद:-

अबुल कलाम बहुत बड़े विद्वान थे। इसके साथ ही वो एक स्वतंत्रता सेनानी भी थे। अबुल कलाम उस अफगान उलमाओं के परिवार से तालुक रखते थे जो बाबर के समय में भारत आए थे। उनकी मां अरबी मूल की थीं और उनके पिता फारसी थे। अबुल कलाम का जन्म 11 नवंबर 1888 में मक्का में हुआ था। शिक्षा के क्षेत्र में मौलाना अबुल कलाम का योगदान राष्ट्र के हित में एक बहुत बड़ा योगदान रहा है। स्वतंत्र भारत के पहले शिक्षा मंत्री के रूप में मौलाना अबुल कलाम ने 15 अगस्त 1947 से 2 फरवरी 1958 तक देश की सेवा की और देश को शिक्षा के क्षेत्र में आगे ले गए। मानवता के चेहरे को उजागर करता है अनुवाद, इस थीम के साथ मनाया जा रहा ‘International Translation Day’