Dholpur News: मुठभेड़ में पुलिस की गोली से 1.20 लाख का इनामी डकैत घायल, दबोचा

Capture7 13
Dholpur News
locationभारत
userचेतना मंच
calendar30 Jan 2023 11:49 PM
bookmark
Dholpur News: धौलपुर। पुलिस के साथ हुई मुठभेड़ में ईनामी डकैत केशव गुर्जर पैर में गोली लगने से घायल हो गया। इलाज के लिए उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। यह जानकारी धौलपुर के पुलिस महानिरीक्षक गौरव श्रीवास्तव ने दी।

Dholpur News

भरतपुर रेंज के पुलिस महानिरीाक्षक गौरव श्रीवास्तव ने बताया कि डकैत केशव गुर्जर के धौलपुर जिले के सेवर पाली इलाके में छिपे होने की सूचना मिली थी। उन्होंने बताया कि धौलपुर के जिला पुलिस अधीक्षक धर्मेन्द्र सिंह की अगुवाई में कई थानों की पुलिस और पुलिस के विशेष दलों ने इलाके की घेराबंदी की। उन्होंने बताया कि सोमवार तड़के पुलिस की डकैत केशव के साथ मुठभेड़ हुई। अधिकारी ने बताया कि करीब चार घंटे तक चली मुठभेड़ में दस्यु केशव के पैर में गोली लगी तथा पुलिस ने उसे धर दबोचा। पुलिस ने घायल दस्यु को धौलपुर के जिला अस्पताल में भर्ती कराया है, जहां उसका उपचार चल रहा है। श्रीवास्तव ने बताया कि मुठभेड़ में पुलिस तथा किसी नागरिक को कोई चोट या नुकसान नहीं पहुंचा है। उन्होंने बताया कि इसमें पुलिस के कुछ जवानों की बुलेट प्रूफ जैकेट पर गोली लगी है। धौलपुर के जिला पुलिस अधीक्षक धर्मेन्द्र सिंह ने बताया कि डकैत केशव गुर्जर के कब्जे से एक पचफेरा बंदूक तथा कारतूस बरामद किए गए हैं। सिंह ने बताया कि जिले में चंबल के बीहड़ में सक्रिय डकैतों की शीर्ष दस की सूची में शामिल कुख्यात डकैत केशव गुर्जर पहले पायदान पर है और कई राज्यों में वांछित है। धौलपुर जिले के बाड़ी उपखंड क्षेत्र के बसई डांग थाना इलाके के गांव शाहपुर निवासी केशव गुर्जर की गिरफ्तारी पर एक लाख 20 हजार रुपए का इनाम घोषित है।

Nagaland elections: जद(यू) का पहला उम्मीदवार घोषित

News uploaded from Noida
अगली खबर पढ़ें

Super Exclusive: एक कलियुगी पिता की करतूत सुनकर आप का भी कलेजा दहल जाएगा, बाप के होते हुए भी अनाथ है बेटा

Untitled 2 copy 1
Super Exclusive
locationभारत
userचेतना मंच
calendar02 Dec 2025 05:11 AM
bookmark

Super Exclusive नई दिल्ली/गाजियाबाद। कलयुग में कुछ भी हो सकता है। यह एक ऐसा युग है जिसमें इंसान और इंसानियत की गिरावट की कोई सीमा नहीं है। इंसानियत की बहुत बड़ी गिरावट का एक मामला चेतना मंच के सामने आया है। इस चौंका देने वाले मामले में 40 सालों से बिना पिता के रह रहा एक बेटा व पति के जिंदा रहते हुए भी विधवा का जीवन बिता रही एक पत्नी ने कलियुगी पिता व पति से अपना हक मांगा है। (Super Exclusive)

Super Exclusive Chetna Manch

गाजियाबाद शहर की वसुंधरा कालोनी के मकान नं. 3/1180 में रहने वाले संजय सिंह ने गाजियाबाद के न्यायालय (कोर्ट) में एक मुकदमा दायर किया है। यह मामला अतिरिक्त सिविल जज की अदालत में दायर किया गया है। इस मामले में 48 वर्षीय संजय सिंह ने अपने पिता से पिता का नाम व माता श्रीमती बालेश्वरी देवी के लिए पति का नाम मांगा है। अदालत में दायर इस अनोखे मामले में संजय सिंह का कहना है कि वह सदर तहसील गाजियाबाद में पिछले 25 वर्षों से वकालत कर रहा है। उनके तीन बच्चे हैं जिनके नाम जतिन चौधरी, कनिष्का चौधरी व गरिमा सिंह हैं। मेरी मां का नाम श्रीमती बालेश्वरी देवी (70 वर्ष) है। मेरी मां मूलरूप से ग्राम सादोपुर जनपद गौतमबुद्ध नगर (उत्तर प्रदेश) की रहने वाली है। उनका विवाह 53 वर्ष पूर्व महेन्द्र सिंह चौधरी पुत्र स्व. सरजीत सिंह निवासी म.नं. 1346 गुलजारी गली, ग्राम कोटला मुबारकपुर, नई दिल्ली के साथ हुआ था।

  [caption id="attachment_63311" align="alignnone" width="300"]Super Exclusive कलियुगी पिता- महेंद्र सिंह चौधरी व दूसरी मां आशा[/caption]

संजय सिंह आगे कहते हैं कि मेरे नाना फौजी थे और उन्होंने अपनी हैसियत के मुताबिक शादी के समय खूब दान-दहेज दिया था। मेरी मां की शादी 8 मई 1970 को हुई थी। उसके दो साल बाद गौना हुआ। संजय बताते हैं कि 1975 में मेरा जन्म हुआ। जब मैं महज सवा महीने का था तो मेरे पिता ने दूसरी शादी कर ली। क्योंकि मेरी मां कम पढ़ी-लिखी थी। मेरे पिता ने कॉलेज में अपने साथ पढऩे वाली आशा नामक महिला से दूसरी शादी की थी। आशा के पिता एक रसूखदार अफसर थे और वह कस्टम विभाग में बड़े अधिकारी थे। दूसरी शादी के बाद मेरे पिता ने मात्र सवा महीने की उम्र में उन्हें घर से निकाल दिया। समाज के सम्मानित व्यक्तियों के समझाने के बावजूद भी मेरे पिता ने मां को अपने साथ नहीं रखा। जिसके चलते मेरी परवरिश ननिहाल में हुई। मेरी मां ने बेहद विपरीत परिस्थितियों में कष्ट भरा जीवन व्यतीत करते हुए मुझे बड़ा किया है।

[caption id="attachment_63309" align="alignnone" width="245"]Super Exclusive संजय सिंह की मां- श्रीमती बालेश्वरी देवी[/caption]

अपनी मां को न्याय दिलाने के लिए तमाम चुनौतियों का सामना करते हुए मैंने वकालत की पढ़ाई की। अब अपना हक पाने के लिए मैंने न्यायालय की शरण ली है। मेरे इस कदम को उठाते ही मेरे पिता ने न्यायालय में प्रार्थना-पत्र दिया कि उन्हें झूठी योजना के तहत फंसाकर परेशान किया जा रहा है। इसलिए याचिका को खारिज कर दिया जाए। उन्होंने याचिका की सुनवाई दिल्ली में कराने की अदालत से प्रार्थना की। जिसे अदालत ने खारिज कर दिया। उच्च न्यायालय के बाद सुप्रीम कोर्ट में भी उनकी याचिका को स्वीकार नहीं किया गया।

संजय सिंह ने अदालत को बताया कि मेरे पिता की दूसरी पत्नी से तीन बच्चे हैं जो काफी रसूखदार हैं। दूसरी पत्नी से दो बेटे भूपेन्द्र सिंह व धर्मेन्द्र सिंह हैं। जबकि बेटी वर्षा सिंह दादरी से पूर्व विधायक स्व. महेन्द्र सिंह भाटी के छोटे बेटे निशीत सिंह के साथ ब्याही गई है।

वर्षा सिंह की ननद शुभ्रा उत्तराखंड के लंढोरा रियासत के राजकुमार व रूडक़ी से पूर्व विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन के साथ ब्याही गई है। संजय सिंह ने आरोप लगाया कि उनके पिता दबंग व बाहुबली किस्म के व्यक्ति हैं और वह किसी भी तरह मुझे व मेरी मां को हमारा अधिकार देना नहीं चाहते। [caption id="attachment_63310" align="alignnone" width="242"]Super Exclusive बेटा- संजय सिंह (एडवोकेट)[/caption]

संजय सिंह ने न्यायालय से गुहार लगाई है कि उनका तथा उनके पिता का डीएनए कराया जाए ताकि सच्चाई सामने आ सके।

इस मार्मिक कहानी को पढक़र आप अवश्य ही अंदर तक हिल गए होंगे। हम शीघ्र ही इस केस के और भी तथ्यों से आपको अवगत कराएंगे और केस के सभी पात्रों से भी एक-एक करके आपको मिलाएंगे।

यह भी पढ़े - 

ND Tiwari : संबंध के 46 साल बाद बेटे ने मां को दिलाया था पत्नी का अधिकार

नोएडा ग्रेटर- नोएडा की खबरों से अपडेट रहने के लिए चेतना मंच से जुड़े रहें। देश-दुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमें फेसबुकपर लाइक करें या ट्विटरपर फॉलो करें।
अगली खबर पढ़ें

ND Tiwari : संबंध के 46 साल बाद बेटे ने मां को दिलाया था पत्नी का अधिकार

Rohit e1675081915168
After 46 years of relationship, the son had given the mother the right of wife
locationभारत
userचेतना मंच
calendar02 Dec 2025 05:10 AM
bookmark
नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री, तत्कालीन राज्यपाल और कांग्रेस के दिग्गज नेताओं में शुमार नारायण दत्त तिवारी यानि एनडी तिवारी को आखिर 88 साल की उम्र में विवाह कर अपने जैविक पुत्र की मां के साथ विवाह कर उसे उसका अधिकार देना पड़ा था।

ND Tiwari

एनडी तिवारी के प्यार की कहानी की शुरुआत साल 1968 में हुई थी। उनके पुत्र रोहित शर्मा ने एनडी तिवारी को अपना जैविक पिता बताया था और अपनी मां को उसका अधिकार दिलाने के लिए छह साल की लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी। हालांकि रोहित की मां उज्ज्वला शर्मा को पहली मुलाकात के 46 साल बाद उन्हें आधिकारिक और सामाजिक रूप से एनडी तिवारी की पत्नी होने का अधिकार मिला। दिलचस्प है कि जिस समय एनडी तिवारी ने रोहित की मां उज्ज्वला शर्मा से शादी की, उस समय उनकी उम्र 88 वर्ष थी।

Nagaland elections: जद(यू) का पहला उम्मीदवार घोषित

एनडी तिवारी और उज्ज्वला शर्मा की पहली मुलाकात साल 1968 में हुई थी। तब उज्ज्वला शर्मा अपने पिता के घर दिल्ली के 3, कृष्ण मेनन मार्ग पर रहती थीं। उस समय वह उम्र के तीसरे दशक में थीं। उस वक्त एनडी तिवारी युवा कांग्रेस के अध्यक्ष थे और उज्ज्वला के पिता प्रो. शेर सिंह अविभाजित पंजाब में प्रताप सिंह कैरों के मुख्यमंत्रित्व काल में उप-मंत्री रहे थे। उस मुलाकात के बाद दोनों के बीच प्यार हो गया। दोनों से एक बेटे का जन्म हुआ, जिसका नाम रोहित शर्मा था।

ND Tiwari

एनडी तिवारी उज्ज्वला और रोहित को प्यार तो करते थे, लेकिन समाजिक तौर पर उन्हें अपना नहीं रहे थे। समय बीतने के साथ रोहित बड़ा हो गया। अब उसने अपनी मां को उसका हक दिलाने की ठानी। आखिर, साल 2008 में पहली बार रोहित शेखर एनडी तिवारी से पिता का हक पाने के लिए कोर्ट चले गए। उन्होंने दावा किया था कि वे एनडी तिवारी और उज्ज्वला शर्मा के पुत्र हैं।

National News: पीएम मोदी ने नहीं बनाया राम मंदिर:तोगड़िया

एनडी तिवारी ने दिल्ली हाईकोर्ट में केस को खारिज करने की गुहार लगाई, लेकिन इसे अस्वीकार कर दिया गया। कोर्ट ने 23 दिसंबर 2010 को एनडी तिवारी को खून का सैंपल देने का आदेश दिया। इस फैसले के विरोध में वे सुप्रीम कोर्ट चले गए, लेकिन वहां भी फैसला रोहित शेखर के पक्ष में आया। आखिर, 29 मई 2011 को तिवारी को डीएनए जांच के लिए अपना खून देना पड़ा। इसी रिपोर्ट में साबित हुआ कि एनडी तिवारी ही रोहित शेखर के जैविक पिता हैं। 6 साल चले मुकदमें में पराजय के बाद 3 मार्च 2014 को एनडी तिवारी ने रोहित शेखर को अपना बेटा मान लिया। उस समय एनडी तिवारी ने कहा कि मैंने स्वीकार कर लिया है कि रोहित शेखर मेरा बेटा है। इसके बाद 14 मई, 2014 को एनडी तिवारी ने लखनऊ में रोहित की मां उज्ज्वला के साथ बाकायदा शादी कर ली। विवाह के समय उनकी उम्र 88 साल थी। देश विदेश की खबरों से अपडेट रहने लिए चेतना मंच के साथ जुड़े रहें। देशदुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें।